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IT नोटिस पर शरद पवार के पोते की प्रतिक्रिया, शिंदे गुट के लिए जताई सहानुभूति

मुंबई
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे को दिये गये आयकर नोटिस पर सवाल उठाया है। पवार ने कहा है कि कहीं ये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा तो नहीं है। वह शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। गौरतलब है कि शिरसाट ने पुष्टि की है कि उन्हें और श्रीकांत शिंदे को आयकर नोटिस मिले हैं।

रोहित पवार ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई राजनीतिक दबाव का संदेह पैदा करती है। उन्होंने कहा ‘‘इस तरह के नोटिस केंद्रीय स्तर से दिलवाये जाते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव में सीट बंटवारे की बातचीत में एकनाथ शिंदे पर कमजोर रुख अपनाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास हो सकता है।

शिंदे की हालिया दिल्ली यात्रा के मायने?
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की हालिया दिल्ली यात्रा को शिंदे गुट और ठाकरे समूह के बीच संभावित गठबंधन से जोड़ा जा रहा है। पवार के मुताबिक यह यात्रा शिंदे को भेजे गए आई-टी नोटिस से भी संबंधित हो सकती है। उन्होंने अनुमान लगाया कि उप-मुख्यमंत्री ने इस मामले में स्पष्टता के लिए गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जैसे शीर्ष भाजपा नेताओं से मुलाकात की होगी।

अजित पवार गुट के नेताओं को नोटिस क्यों नहीं?
पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के साथ-साथ भाजपा की सहयोगी राकांपा (अजित पवार गुट) के नेता भी इस तरह के संदिग्ध लेन-देन में शामिल रहे हैं लेकिन उन्हें ऐसे नोटिस नहीं मिले हैं। पवार ने सवाल किया, “ऐसा क्यों है कि केवल श्रीकांत शिंदे और संजय शिरसाट को ही आयकर नोटिस मिला है? ऐसा लगता है कि भाजपा एकनाथ शिंदे को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।”

शिंदे पर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का दबाव?
दूसरी तरफ महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि एकनाथ शिंदे पर अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का दबाव है, और वह इसके लिए तैयार हैं। शायद इसीलिए पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली का चक्कर लगाया है। राउत ने दावा किया कि शिंदे ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की शिकायत की थी। 

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