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क्या मोदी राजनीति से हटेंगे? मोहन भागवत के बयान से गरमाई सियासत

कर्नाटक 
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75 वर्ष पूरे होने पर उनके राजनीतिक संन्यास का संकेत दे दिया है। इसके साथ ही सिद्धरमैया ने कहा कि यह किसी दलित को अगला प्रधानमंत्री बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास ‘सुनहरा मौका' है। वह कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के बयान का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने कांग्रेस को चुनौती दी थी कि वह पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित करने के लिए अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘मल्लिकार्जुन खरगे न सिर्फ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष हैं बल्कि एक सम्मानित राजनेता भी हैं। उनका उत्थान 'दलित कार्ड' खेलने का नहीं, बल्कि दशकों के समर्पण, ईमानदारी और जनसेवा का नतीजा है। उन्हें कभी राजनीतिक संरक्षण की ज़रूरत नहीं पड़ी। और मैं साफ कर दूं: कांग्रेस में, यह हमारी पार्टी तय करती है कि प्रधानमंत्री पद के लिए हमारा उम्मीदवार कौन होगा, भाजपा नहीं।'' उन्होंने विजयेंद्र से कांग्रेस पर समय गंवाने के बदले अपनी पार्टी पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करते हुए एक बयान में कहा, ‘‘मोहन भागवत ने पहले ही मोदी के संन्यास का संकेत दे दिया है, अब वह 75 साल के हो चुके हैं। यह भाजपा के लिए किसी दलित को अगला प्रधानमंत्री बनाने का सुनहरा अवसर है।

इसकी शुरुआत आप से होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘दूसरों को उपदेश देने के बदले, आप प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भाजपा को किसी दलित नेता का नाम क्यों नहीं सुझाते? चाहे वह गोविंद करजोल हों या चलवाडी नारायणस्वामी (राज्य भाजपा नेता), अगर आप उनके नाम सुझाएंगे, तो मैं आपको सबसे पहले बधाई दूंगा।'' सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे कोई भ्रम नहीं है। दलितों और पिछड़े वर्गों के साथ भाजपा का व्यवहार हमेशा दिखावटी रहा है। आपका इतिहास और पाखंड खुद ही सब कुछ बता देता है।'' 

 

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