samacharsecretary.com

जेल से रिहाई के बाद आजम खान का पहला कदम – चुपचाप बेटों संग लौटे रामपुर

लखनऊ 
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान 23 महीने बाद जेल से रिहा हो गए हैं। सफेद कुर्ता-पायजामा, काली जैकेट और आंखों पर काला चश्मा पहने आजम खान सीतापुर जेल से बाहर आए तो कार में बैठकर बेटों के साथ रामपुर रवाना हो गए। इस दौरान मीडिया ने उसने बात करने की काफी कोशिशें कीं लेकिन आजम खान ने किसी से बात नहीं की। यहां तक कि उन्होंने कार का शीशा तक नीचे नहीं किया।

जेल से आजम खान की रिहाई पर खुशी जाहिर करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आज उनके साथ न्याय हुआ है। उन्होंने आजम खान को समाजवादी पार्टी परिवार का वरिष्ठ सदस्य बताया और कहा कि सपा की सरकार बनते ही उन पर लगे सभी झूठे मुकदमे खत्म किए जाएंगे। उधर, आजम खान की रिहाई से कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव का भी बयान आया। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें गलत सजाएं दी थीं। अदालत ने मुकदमों में राहत दी है। उन्होंने कहा कि अदालत के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। समाजवादी पार्टी पूरी तरह से उनकी मदद कर रही है।

उधर, आजम खान की रिहाई के मौके पर उन्हें रिसीव करने के लिए मंगलवार की सुबह सीतापुर जेल पर सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा की सांसद रुचि वीरा भी पहुंची थीं। सीतापुर जेल पर सुबह से मीडिया का भी जमावड़ा था। आजम खान की रिहाई मंगलवार की सुबह सात बजे होने की संभावना थी लेकिन चालान जमा नहीं होने के कारण इसमें थोड़ी देर हुई। आजम खान 12 बजे के आसपास जेल से रिहा हुए। जेल से बाहर आते वक्त आजम खान सफेद-कुर्ता पायजामा में थे।

कुर्ते के ऊपर हमेशा की तरह आजम खान ने जैकेट पहन रखी थी। आंखों पर काला चश्मा भी था। मीडिया कर्मियों ने आजम खान से बात करने की काफी कोशिश की लेकिन आजम खान ने किसी से बात नहीं की। वह अपने बेटों (अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम) के साथ रामपुर के लिए रवाना हो गए। रास्ते में आजम खान से बात होने की उम्मीद में कई मीडियाकर्मियों की गाड़ियां भी उनके काफिले के पीछे-पीछे चल रही हैं। रामपुर के रास्ते और रामपुर में भी जगह-जगह समर्थकों ने आजम खान के स्वागत की तैयारी की है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here