samacharsecretary.com

एसीबी को मिला नया महानिदेशक: गोविंद गुप्ता ने संभाली जिम्मेदारी, कहा– ईमानदारी ही बनेगी पहचान

जयपुर

राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में नए नेतृत्व के रूप में गोविन्द गुप्ता ने सोमवार को महानिदेशक का कार्यभार ग्रहण किया। झालाना डूंगरी स्थित मुख्यालय में आयोजित इस औपचारिक समारोह में अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। इसके पश्चात गुप्ता को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। कार्यक्रम में एसीबी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

पदभार ग्रहण करने के बाद महानिदेशक गुप्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूती से लागू करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन की लड़ाई पारदर्शिता, त्वरित जांच कार्रवाई और टीम वर्क के सिद्धांतों पर आधारित रहकर आगे बढ़ाई जाएगी। गुप्ता के अनुसार आमजन का विश्वास एसीबी की सबसे बड़ी शक्ति है और इसे और अधिक मजबूत बनाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

उन्होंने ब्यूरो की कार्यप्रणाली को और अधिक जन-केंद्रित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने सूचना तंत्र को सुदृढ़ करने और भ्रष्टाचार के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने पर विशेष बल दिया। गुप्ता ने कहा कि एसीबी की टोल-फ्री हेल्पलाइन 1064 और व्हाट्सएप नंबर 94135-02834 का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि हर नागरिक बिना किसी भय के शिकायत दर्ज करा सके।

महानिदेशक ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई के दौरान किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे, इसकी पूरी सतर्कता बरती जाएगी। साथ ही भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर तथा त्वरित दंडात्मक कदम सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने इसे प्रदेश की सुशासन व्यवस्था को सुदृढ़ करने का अनिवार्य तत्व बताया।

गुप्ता ने प्रदेशवासियों से आह्वान करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त समाज के निर्माण में जन-सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जनआंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएं तथा एसीबी के हेल्पलाइन और व्हाट्सएप नंबर पर शिकायतें भेजकर भ्रष्टाचार दूर करने में सहयोग प्रदान करें।

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here