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दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती: करनी चाहिए या नहीं? जानें सही तरीका

दिवाली, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद अपने भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ अयोध्या लोटे थे. इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. दिवाली को कुछ जगहों पर लक्ष्मी पूजन के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन देवी लक्ष्मी और गणेश जी के साथ आराधना करने का विधान है. हालांकि, ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती नहीं करनी चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती क्यों नहीं करनी चाहिए.

दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए?
दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती करने के बारे में अलग-अलग मान्यताएं मिलती हैं. लेकिन ज्यादातर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती नहीं करनी चाहिए. इसके पीछे यह माना जाता है कि आरती के बाद लोग उठकर चले जाते हैं, जिससे मां लक्ष्मी को लगता है कि उन्हें विदा किया जा रहा है और वे घर से चली जाती हैं, जिससे धन की कमी हो सकती है. ऐसे में आप दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती के अलावा गणेश जी और भगवान विष्णु की आरती कर सकते हैं.

आरती क्यों नहीं करनी चाहिए?
मां लक्ष्मी का चले जाना:- यह मुख्य कारण है. मान्यता है कि आरती के बाद सभी लोग खड़े होकर चले जाते हैं और इसी तरह मां लक्ष्मी भी आपके घर से चली जाती हैं, जिसके कारण आर्थिक तंगी हो सकती है.

शांति की कमी:- मां लक्ष्मी को शांति प्रिय है और आरती के दौरान घंटी और शंख की तेज आवाज होती है, जिससे वे अशांत महसूस कर सकती हैं.

विदाई का संकेत:- आरती को विदाई का संकेत माना जाता है. चूंकि दिवाली पर मां लक्ष्मी को स्थायी निवास के लिए घर बुलाया जाता है, इसलिए उन्हें विदा करने वाली आरती करना शुभ नहीं माना जाता है.

लक्ष्मी जी की आरती के बजाय क्या करें?
दिवाली पूजा के दौरान आप गणेश जी और विष्णु जी की आरती कर सकते हैं. इसके अलावा, दिवाली पर आप मां लक्ष्मी की आरती के बजाय उनके जाप, मंत्रों का उच्चारण या चालीसा का पाठ कर सकते हैं. धनतेरस पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा कर उन्हें फल, फूल और अन्य प्रिय चीजें अर्पित करें.

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