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जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण, किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का किया गया वितरण

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव जिले में 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण, किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण, किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का किया गया वितरण रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में किसानों के लिए खाद-बीज की सतत् आपूर्ति की जा रही है। जिले में खेती-किसानी का कार्य से जारी है। किसान सहकारी समितियों में खाद-बीज लेने के लिए प्रतिदिन आ रहे है। जिले में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज का भंडारण है। कलेक्टर ने किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। सभी समितियों में खाद-बीज की निरंतर आपूर्ति होते रहे इसके लिए सभी अधिकारियों को समन्वय बनाने के निर्देश दिए है।      मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव श्री प्रभात मिश्रा ने बताया कि जिले में खरीफ 2025 अंतर्गत 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है, जो कुल भंडारण का 61.86 प्रतिशत है। अब तक किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। जिसमें यूरिया 9050.3 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 4466 मीट्रिक टन, डीएपी 2516.5 मीट्रिक टन, एनपीके 8445.3 पोटाश 2358.9 मीट्रिक टन है। किसानों को 4233.8 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जाना शेष है। जिसमें यूरिया 359.1 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 1650.7 मीट्रिक टन, डीएपी 404.9 मीट्रिक टन, एनपीके 806.6 मीट्रिक टन, पोटाश 1012.5 मीट्रिक टन है। इसी तरह जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण किया गया है और किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है एवं 967.10 क्विंटल बीज का वितरण शेष है। इसके तहत जिले में 10625.10 क्विंटल धान का भंडारण किया गया है और किसानों को 9668.88 क्विंटल धान का वितरण किया गया है एवं 956.22 क्विंटल धान का वितरण शेष है।

खाद-बीज के वितरण के लिए पर्याप्त भंडारण रखें, अब तीन माह का राशन 31 जुलाई तक मिलेगा-सीईओ

महासमुंद : जिला पंचायत सीईओ ने ली समय सीमा की बैठक सीईओ ने बारिश को देखते हुए राहत एवं बचाव दल को सतर्क रहने के निर्देश खाद-बीज के वितरण के लिए पर्याप्त भंडारण रखें, अब तीन माह का राशन 31 जुलाई तक मिलेगा-सीईओ महासमुंद कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार आज जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय-सीमा बैठक लेकर जिले के विभिन्न विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू एवं रविराज ठाकुर एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। सीईओ एस. आलोक ने वर्षा ऋतु के चलते जिले में संभावित बाढ़ एवं जलभराव की स्थिति को लेकर निर्देश दिए कि जिले के निचले क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए, जहाँ जलभराव या बाढ़ की संभावना अधिक है। इन क्षेत्रों की सूची तैयार कर राहत एवं बचाव दल तैनात किए जाएं। जिला प्रशासन द्वारा पंचायतों और नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि जल निकासी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाए तथा नालियों की समय पर सफाई सुनिश्चित हो। वर्षा के कारण कई स्थानों पर गंदे पानी का जमाव होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। गंदे पानी के सेवन से डायरिया, टाइफाइड, हैजा, पीलिया जैसी बीमारियाँ फैल सकती हैं। मौसम को देखते हुए डायरिया एवं अन्य मौसमी बीमारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि उबालकर या फिल्टर किए हुए पानी का ही सेवन करें। जिला आपदा प्रबंधन समिति को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपात की स्थिति में जिला कंट्रोल रूम से दूरभाष क्रमांक 07723-223505 पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बारिश सर्पदंश की संभावित खतरों को देखते हुए सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी वेनम वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ आलोक ने जिले में मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कार्य एजेंसियों को समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए गए। उन्होंने सभी निर्माण एजेंसियों को त्वरित कार्य करने के निर्देश दिए हैं तथा प्रगति की नियमित रूप से जानकारी देने कहा गया। उन्होंने पीएम स्कूलों में मरम्मत एवं निर्माण कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। धरती आबा जनजाति उत्कर्ष अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए हितग्राहियों द्वारा किए गए पंजीयन का विभिन्न विभागों द्वारा आगामी एक सप्ताह के भीतर निराकरण करने कहा गया है। मोर गांव मोर पानी अभियान अंतर्गत डबरी निर्माण और जनभागीदारी से सोख्ता गड्ढा निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। अभी तक लगभग 04 हजार सोख्ता गड्ढा और 103 इंजेक्शन वेल के माध्यम से जल संचयन का कार्य किया गया है।   सीईओ आलोक ने खाद-बीज वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में खाद का पर्याप्त स्टॉक है। वर्तमान में 18520 मीट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है। इसका समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाए। निजी दुकानों में नियमित निरीक्षण करने के निर्देश एसडीएम को दिए गए। उन्होंने कहा कि हितग्राहियों को तीन माह का एकमुश्त राशन सुरक्षित तरीके से वितरित किया जाए। खाद्य अधिकारी ने बताया कि राशन वितरण का कार्य अब 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। सड़कों में बैठे मवेशियों के उचित व्यवस्थापन के निर्देश दिए हैं और सीएमओ को एवं ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत सचिवों को मुख्य मार्ग से मवेशियों को हटाने के निर्देश दिए। बैठक में सभी कार्यालय प्रमुखों को ई-ऑफिस के माध्यम से पत्राचार एवं शासकीय कार्यां को संचालन करने के निर्देश दिए इस संबंध में बैठक के दौरान ही हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दिए। पीएम जनमन, स्वामित्व योजना, भू-अर्जन, नक्शा अपडेशन, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की गई। राजस्व एवं खनिज विभाग को अवैध रेत उत्खनन, भण्डारण एवं परिवहन पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र और प्रभावी निराकरण सुनिश्चित किया जाए। 

धमतरी : जिले में अब तक 275 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

धमतरी जिले में एक जून से अब तक 275.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। भू-अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक सर्वाधिक औसत वर्षा 343 मि.मी. कुकरेल तहसील और सबसे कम 150.1 मि.मी. औसत वर्षा मगरलोड तहसील में दर्ज की गई है। इसी तरह धमतरी तहसील में 342.9 मि.मी., नगरी तहसील में 323.4 मि.मी., बेलरगांव तहसील में 267.5 मि.मी., कुरूद तहसील में 250.4 मि.मी. और भखारा तहसील में 248.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई। जिले में आज की औसत वर्षा 41.5 मि.मी. दर्ज की गई है। इसमें धमतरी तहसील में 59 मि.मी., कुरूद तहसील में 58.9 मि.मी., मगरलोड में 26.3 मि.मी., नगरी में 10.6 मि.मी., भखारा में 42 मि.मी., कुकरेल तहसील में 60 मि.मी. और बेलरगांव तहसील में 33.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है।

प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं को जारी किया पत्र

रायपुर : कृषि विभाग द्वारा नवीन ‘कृषि उन्नति योजना‘ के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा राज्य सरकार ने कृषि में पर्याप्त निवेश और कास्त लागत में राहत देने प्रारंभ किये हैं ‘कृषि उन्नति योजना‘  प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं को जारी किया पत्र   रायपुर राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों की चिंता करते हुए कृषि उन्नति योजना के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मंत्रालय महानदी स्थित कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं रायपुर को पत्र लिखकर  कृषि उन्नति योजना के  क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश किए गए हैं। नवीन दिशा-निर्देशों के आधार पर योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।      मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, फलस्वरुप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते।     राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने के लिये कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। साथ ही फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्म निर्भरता के लक्ष्य के साथ इस योजना के तहत चिन्हित अन्य फसलों पर भी आदान सहायता राशि दिये जाने का निर्णय लिया गया है।         कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाये हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो।      पत्र में कहा गया कि  विधिक व्यक्तियों जैसे ट्रस्ट/मण्डल/प्राईवेट लिमि. समिति/केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान / महाविद्यालय आदि संस्थाओं को योजना से लाभ लेने की पात्रता नहीं होगी। जो कृषक प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते हैं और सामान्य धान भी सहकारी समितियों में विक्रय करते हैं, उनके द्वारा कुल विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये, इसे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड) एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा आपसी समन्वय से सुनिश्चित किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधानांे के अध्याधीन किया जाएगा।        पत्र में कहा गया कि कृषकों को भुगतान योजनांतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से की जाएगी। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति/छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि, (बीज निगम) को धान/धान बीज का विक्रय करने वाले कृषकों को आदान सहायता राशि का निर्धारण गिरदावरी में सत्यापित रकबे, उपरोक्त संस्थाओं को विक्रय धान/धान बीज की मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष घोषित किए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर प्रतिवर्ष पृथक से किया जाएगा।     खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर, धान (कॉमन) पर राशि रू. 731 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम राशि रूपये. 15351 प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि रूपये. 711 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम राशि रूपये. 14931 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।       विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाया हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें, धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर 11000 रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि रूपये 10000 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।       पंजीकृत कृषकों द्वारा खरीफ मौसम में सहकारी समितियों में विक्रय किये गये धान पर निर्धारित आदान सहायता राशि का कृषकों को वितरण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या.  द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व भी प्रबंध संचालक छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. का होगा।       बीज उत्पादक कृषकों द्वारा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमिटेड को विक्रय किये गये धान बीज पर निर्धारित आदान सहायता राशि की कृषकवार मांग का विवरण बीज निगम द्वारा संचालक कृषि को प्रेषित किया जाएगा। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि छत्तीसगढ़ निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। बीज उत्पादक कृषकों से उपार्जित धान बीज पर प्रदायित आदान सहायता राशि के विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि. होगा      फसलों हेतु गिरदावरी/सत्यापन के आधार पर पात्रतानुसार आदान सहायता राशि का वितरण संचालक कृषि के द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व संचालक कृषि का होगा। प्रबंध संचालक छत्तीसगढ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. तथा प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि. यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यय राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि प्राप्त होने के एक माह के भीतर संचालक कृषि को प्रेषित किया जाए। कृषकों को पात्रता अनुसार आदान सहायता राशि का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित करने की जवाबदारी खाद्य विभाग एवं संचालक कृषि की होगी, उनके द्वारा नियमित रुप से योजना … Read more

जिले में संचालित छात्रावास भवनों का नियमित निरीक्षण करने के कलेक्टर के निर्देश

धमतरी : टीएल मीटिंग : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राशन और दवाईयां की उपलब्धता करें सुनिश्चित जर्जर भवनों में स्कूल संचालित नहीं करें-कलेक्टर मिश्रा जिले में संचालित छात्रावास भवनों का नियमित निरीक्षण करने के कलेक्टर के निर्देश धमतरी  कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने आज टीएल मीटिंग में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और इनका जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बरसात के मौसम को ध्यान में रख जलभराव वाले क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण करने और पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। कलेक्टर मिश्रा ने ऐसे क्षेत्र जो बारिश के दिनों मे जिला मुख्यालय से कट जाते हैं वहां आवश्यक व्यवस्था राशन, दवाईयां आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा। इसके साथ ही बाढ़ और उफनते हुए नालों इत्यादि के पास रेस्क्यू टीम को मुस्तैद से काम करने और पर्यटन क्षेत्रों में नगरसैनिकों की ड्यूटी लगाने के निर्देश कलेक्टर ने बैठक में दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती रोमा श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर श्रीमती रीता यादव सहित जिला स्तरीय अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर मिश्रा ने जिले के डायरिया वाले क्षेत्रों की जानकारी ली और मौसमी बीमारियों की जांच करने कहा। उन्होंने इन क्षेत्रों में जलस्त्रोतों और पीने के पानी की जांच करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने अस्पताल के जर्जर भवनों की जानकारी ली और नये भवनों के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सिकलसेल स्क्रीनिंग करने और टीबी के मरीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा निक्षय मित्र बनाने भी कहा। इसके अलावा जिले में असुरक्षित ढंग से बिक रहे खाद्य पदार्थों की जांच भी करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर मिश्रा ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रख जर्जर भवनों में स्कूल संचालित नहीं करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं, उनकी मरम्मत होने तक स्कूल अन्यत्र भवन में संचालित किया जाए। बैठक में कलेक्टर ने जिले में संचालित आंगनबाड़ियों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश सुपरवाईजरों को दिए। उन्होंने तालाबों के नजदीक संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र का विशेष ध्यान रखने कहा, ताकि किसी तरह की घटना घटित न हो। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों की जानकारी ली। कलेक्टर मिश्रा ने कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों की एंट्री सही-सही करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए। उन्होंने ंजिले मे कुपोषण दर कमी लाने के निर्देश अधिकारियां को दिएं।            बैठक में कलेक्टर मिश्रा ने खाद-बीज के भण्डारण और उठाव की जानकारी भी ली। कलेक्टर ने पशुपालन विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने दुग्ध संग्रहण का कार्य कण्डेल में शुरू करने कहा। इसके साथ ही अन्य क्षेत्र जहां दूध ज्यादा एकत्रित होते हों, उन स्थानों पर दुग्ध संग्रहण केन्द्र खोलने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे आवासों की जानकारी ली। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत  नगरीय क्षेत्र में किसी एक कालोनी में शत-प्रतिशत सौर प्लांट लगाने कहा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित कर इस योजना का लाभ दिलाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। कलेक्टर मिश्रा ने जल संरक्षण के लिए चेकडेम बनाने के निर्देश जल संसाधन विभाग को दिए। उन्होंने महानदी के किनारे वृक्षारोपण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश उद्यानिकी विभाग को दिए।             कलेक्टर ने जिले में संचालित छात्रावासों की जानकारी ली और जिला स्तरीय अधिकारियों को नियमित रूप से छात्रावासों का निरीक्षण कर पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कन्या छात्रावासों में पुरूष का प्रवेश न हो इसका ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में रहने वाले बच्चों का स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। उन्होंने निरीक्षण के दौरान छात्रावास भवनों में शौचालय, पानी, दरवाजे, खिड़की आदि का निरीक्षण करने कहा। इसके साथ ही किचन, बेड आदि की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

अम्बिकापुर : प्राकृतिक आपदा में मृतकों के वारिसों को 60 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत

अम्बिकापुर    जिला प्रशासन द्वारा प्राकृतिक आपदा में मृतकों के वारिसों को 60 लाख  रुपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है। जिसमें तहसील अम्बिकापुर के माझापारा निवासी विनोद बड़ा की मृत्यु आकाशीय बिजली गिरने से होने पर उनके वारिस किसुन राम बड़ा, तहसील अम्बिकापुर के बकिरमा निवासी राम प्रसाद की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस सस्ति, तहसील अम्बिकापुर के करम्हा निवासी विजेश्वर की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस सुखराम, तहसील दरिमा के टपरकेला निवासी नन्दू राम की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस संजू राम, शत्रुधन, रकेश्वरी, तहसील दरिमा के कर्रा निवासी सुरेश राम की मृत्यु आकाशीय बिजली गिरने से होने पर उनके वारिस घासी राम, तहसील दरिमा के बरटिकरा निवासी सुमित सिंह की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस शांति बाई, तहसील दरिमा के पम्पापुर निवासी शोभनाथ की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस दुर्गा बाई, तहसील उदयपुर के पेण्डरखी निवासी बालकेश्वर की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस सुखनंदन, तहसील लुण्ड्रा के खूरनडीह निवासी मनुराम यादव की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस फुलेश्वरी यादव, तहसील बतौली के तेलईधार निवासी मसत राम की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस कमला पैकरा, तहसील बतौली के सरमना निवासी दीपक राम की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस नईहर साय, तहसील बतौली के टिरंग निवासी कल्पनाथ की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस रैतलो यादव, तहसील बतौली के टेडगा निवासी रूपन राम की मृत्यु सांप के काटने से होने पर उनके वारिस कृष्ण नाथ राम, तहसील बतौली के सल्याडीह निवासी शत्रुधन विश्वकर्मा की मृत्यु पानी में डूबने से होने पर उनके वारिस प्यारी बाई एवं तहसील मैनपाट के पिड़िया निवासी बिफना कोरवा की मृत्यु सांप के काटने से होने पर उनके वारिस एतवारी बाई को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है। इस राशि की मंजूरी राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 6-4 संशोधित प्रावधानों के तहत प्राकृतिक आपदा राहत के अंतर्गत दी गई है।

रायपुर : पीडीएस के तहत माह जुलाई के लिए 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन

रायपुर : पीडीएस के तहत माह जुलाई के लिए 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन रायपुर छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा राज्य के गैर अनुसूचित क्षेत्रों के गैस कनेक्शनधारी राशनकार्डों में भी पीडीएस के तहत केरोसिन प्रदाय करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए भारत सरकार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025-26 के द्वितीय तिमाही के लिए छत्तीसगढ़ को 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन किया गया है। जिसे उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को वितरित किया जाएगा। इस आशय का पत्र इन्द्रावती भवन स्थित खाद्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों एवं राज्य स्तरीय समन्वयक ऑयल उद्योग रायपुर को जारी कर दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रचलित समस्त अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डों को पात्रता होगी। नगरीय क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों के लिए एक लीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित क्षेत्र तथा गैर अनुसूचित क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों को अधिकतम दो लीटर केरोसिन प्रदान किया जाएगा। माह जुलाई 2025 के लिए आबंटित केरोसिन का उठाव 31 जुलाई तक करने को कहा गया है।

रायपुर : श्रम कल्याण केन्द्रों का होगा उन्नयन, अध्यक्ष योगश दत्त मिश्रा ने ली बैठक

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों एवं उनके परिजनों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार आर्थिक मदद दी जा रही है। इसी सिलसिले मेंछत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के अंतर्गत प्रदेश भर में 20 श्रम कल्याण केन्द्रों का विभिन्न औद्योगिक जिलों में संचालन किया जा रहा है। इन केन्द्रों के माध्यम से श्रम मंडल में पंजीकृत मजदूरों के परिवार के महिला सदस्यों को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जाता है। अब तक हजारों श्रमिक परिवार की महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से जोड़ा गया है। श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष योगेश दत्त मिश्रा ने इन कल्याण केन्द्रों का संचालन कर रही कर्मचारियों की एक बैठक लेकर केन्द्रों की समीक्षा की। प्रत्येक केन्द्र के संचालन करने वाले कर्मचारियों से रूबरू होकर उनके दुःख-तकलीफ को जाना, समस्याओं से अवगत हुए और इन केन्द्रों का भविष्य में किस तरह बेहतर ढंग से संचालित किया जाए, इसके उपाय बताए।  बैठक को संबोधित करते हुए कल्याण मंडल के अध्यक्ष मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल का जिलों में संचालित ये श्रम कल्याण केन्द्र मॉडल है, इन्हें और उन्नत और विकसित किया जाएगा। सिलाई-कढ़ाई-बुनाई के अलावा और दूसरी अन्य रोजगार मूलक शिक्षा देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का प्रयत्न किया जाएगा। उन्होंने अपनी घोषणा में श्रम कल्याण केन्द्रों का संचालन कर रही महिलाओं के वेतन वृद्धि की घोषणा करते हुए कहा कि इन केन्द्रों का बेहतर ढंग से संचालन करें। लोगों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दें, ताकि वे अपना रोजगार स्वयं प्रारंभ करे सकें और अपने परिवार की आय वृद्धि करने में समर्थ हों। बैठक के प्रारंभ में श्रम कल्याण केन्द्रों की प्रभारी श्रीमती मोनिका मिश्रा ने मंडल के अध्यक्ष का उपस्थित कर्मचारियों से परिचय कराया। कर्मचारीगणों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। फिर सभी की बैठक ली गई। इस दौरान मंडल के कमिश्नर अजितेश पाण्डेय जी, एवं अन्य मंडल कर्मचारी उपस्थित थे।

भू-जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत व्यापक जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे

रायपुर : ’मोर गांव, मोर पानी‘ महाभियान से जल संरक्षण को मिली नई दिशा ’मोर गांव, मोर पानी‘ जन सहयोग बना स्थायी जल सुरक्षा की आधारशिला भू-जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत व्यापक जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे रायपुर जल संकट से स्थायी निजात दिलाने एवं भू-जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत व्यापक जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। वर्षा ऋतु से पूर्व नालों की सफाई कर जल प्रवाह को सुचारू किया गया जिससे जलभराव एवं जलजनित रोगों की समस्या में कमी आई है। पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए पंचायत भवनों, विद्यालय परिसरों, सड़कों एवं खाली स्थानों पर स्थानीय प्रजातियों जैसे नीम, पीपल, करंज एवं बांस के पौधों का वृक्षारोपण किया गया है। भू-जल स्तर में वृद्धि एवं मिट्टी कटाव की समस्या पर नियंत्रण जैसे सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से सामने आने लगे हैं, जिससे यह महाभियान जिले की जल सुरक्षा के लिए मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महाअभियान का शुभारंभ कर इसे प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है। जिला एवं जनपद स्तर पर सीईओ को नोडल अधिकारी नियुक्त कर, ब्लॉक रिसोर्स पर्सन का चयन किया गया तथा मैदानी अमलों को ग्राम, जनपद एवं जिला स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान दिया गया। सूरजपुर जिले में इस महाअभियान में 64 नालों का सर्वे किया गया, जिसमें 18 मॉडल नालों का चयन कर क्षेत्रवार कार्य योजना बनाई गई है। पार्टिसिपेट्री रूरल अप्रैज़ल पद्धति से ग्रामों में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजना तैयार कर उसे ग्राम पंचायत विकास योजना में समाहित किया गया एवं शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया। मनरेगा के श्रम बजट में समाहित कर रोजगार सृजन करते हुए कार्यों की स्वीकृति ’सिक्योर’ पोर्टल के माध्यम से दी गई। इस महाभियान के तहत कंटूर ट्रेंच 55, वृक्षारोपण 34 स्थल, गली प्लग 2520, लूज बोल्डर चेक डेम 855, कूप 12, गैबियन स्ट्रक्चर 43, अंडरग्राउंड डाइक 20, फार्म पोंड 1289, मिट्टी बांध 67, चेक डेम 09 एवं अमृत सरोवर 28 कुल 4932  संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिनका उद्देश्य बरसात में बहकर व्यर्थ जाने वाले जल को संरक्षित कर भू-जल स्तर को बढ़ाना है।  कार्ययोजना निर्माण में आधुनिक (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) तकनीक का उपयोग करते हुए पहाड़ी से घाटी तक (रिज टू वैली) सिद्धांत पर आधारित संरचनाओं की योजना बनाई गई है जिससे वर्षा जल को संरचित ढंग से रोककर अधिकतम जल संचयन सुनिश्चित किया जा सके, साथ ही जनसहयोग एवं श्रमदान के माध्यम से जल संरक्षण एवं स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों को भी गति दी गई है, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, शासकीय कर्मचारियों एवं स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही है। घरेलू अपशिष्ट जल के समुचित निपटान हेतु परिवारों एवं सार्वजनिक स्थलों पर सोख्ता गड्ढों का निर्माण कर जल पुनर्भरण की दिशा में सकारात्मक पहल की गई है। इन समस्त प्रयासों में जनभागीदारी से जनकल्याण की भावना स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है, जिससे जिले में न केवल जल संरक्षण को मजबूती मिली है बल्कि स्थानीय समुदाय की आजीविका को भी स्थायित्व मिला है। 

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही : जनदर्शन में 23 लोगों ने दिया आवेदन : कलेक्टर ने एक-एक कर सुनी सभी की फरियाद

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही साप्ताहिक कलेक्टर जनदर्शन में अपनी मांगों एवं समस्याओं को लेकर 23 लोगों ने आवेदन प्रस्तुत किया। जनदर्शन में आए लोगों ने कतारबद्ध होकर बारी-बारी से कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्याओं-मांगों से अवगत कराया। कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने एक-एक कर सभी की फरियाद सुनी और उनके आवेदनों का अवलोकन किया। उन्होंने शिकायत से संबंधित आवेदनों की जांच कराने और मांगों से संबंधित आवेदनों को संबंधित विभाग को भेजकर नियम प्रक्रिया का पालन कराते हुए कार्रवाई हेतु अग्रेषित किया। जनदर्शन में कलेक्टर ने आवेदकों को राजस्व से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने, विवादित मामलों में प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने तथा न्यायालयीन प्रकरण जिनकी सुनवाई कलेक्टर न्यायालय में पूर्व में हो चुका है, को अपील करने कहा। उन्होंने घरेलू विवाद के मामले में आपसी समझौता कराने सलाह दी। जनदर्शन में आर्थिक सहायता, पारिश्रमिक भुगतान, मुआवजा, अतिक्रमण हटाने, आवास का किश्त दिलाने, पदस्थापना, नियुक्ति आदि से संबंधित आवेदन शामिल हैं।