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देश का बड़ा निवेश घोटाला! बाइक बोट स्कीम में 2800 करोड़ की ठगी, तीन गिरफ्तार

रायपुर  ओला-उबर की तर्ज पर बाइक बोट स्कीम के नाम पर 2800 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना संजय भाटी, करणपाल सिंह और राजेश भारद्वाज को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 2019 में सिविल लाइन थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में की गई। आरोपियों ने 2017 में मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से बाइक बोट स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम में निवेशकों को प्रति बाइक 62,100 रुपये जमा करने पर हर महीने 9,765 रुपये मुनाफा देने का लालच दिया गया। छत्तीसगढ़ समेत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, हरियाणा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा लोगों से ठगी की गई। रायपुर में 32 से अधिक लोगों से 76 लाख रुपये ठगे गए। इस मामले में संजय भाटी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 150, राजस्थान में 50, मध्य प्रदेश में 6 सहित 7 राज्यों में 200 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। साथ ही, धारा 138 (चेक बाउंस) के तहत 1500 से अधिक मामले दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं। संजय भाटी 2018 में बसपा में शामिल हुए थे और 2019 में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र से बसपा के चुनाव प्रभारी थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आरोपियों की संपत्तियां जब्त की हैं। रायपुर के अखिल कुमार बिसोई की शिकायत पर 2019 में सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपियों का पता लगाया। जांच में पता चला कि तीनों आरोपी राजस्थान के भरतपुर/जयपुर जेल में बंद थे। रायपुर पुलिस ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट हासिल कर इन्हें गिरफ्तार किया और रिमांड पर लिया। पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और एसएसपी लाल उमेद सिंह के निर्देश पर रायपुर पुलिस ने विशेष अभियान चलाया। सिविल लाइन थाना प्रभारी के नेतृत्व में गठित टीम ने गौतमबुद्ध नगर जाकर आरोपियों को पकड़ा। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।

11 राज्यों में करोड़ों की ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार

कोंडागांव सायबर अपराध पर शिकंजा कसते हुए फरसगांव पुलिस ने 11 राज्यों में करोड़ों की ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. इन आरोपियों पर करीब 1 करोड़ 70 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी का आरोप है. पुलिस की इस सफलता ने पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया है. यह कार्रवाई एसडीओपी फरसगांव अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने की. टीम में थाना फरसगांव के निरीक्षक संजय सिन्दे और साइबर सेल के विशेषज्ञ शामिल थे. लंबे समय से चल रही निगरानी के बाद आरोपियों को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया. कैसे सामने आया गिरोह का जाल? पुलिस मुख्यालय रायपुर ने साइबर अपराध रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए थे. उसी के तहत पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव वाय. अक्षय कुमार (भा.पु.से.) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कौशलेन्द्र देव पटेल के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई अंजाम दी गई. तफ्तीश की शुरुआत थाना फरसगांव में दर्ज अपराध क्रमांक 46/2025 से हुई, जब एक आरोपी भावेश तारम पकड़ा गया. वह म्यूल एकाउंट धारक था. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि पूरा गिरोह लेयर सिस्टम में काम करता है:     लेयर-1: म्यूल एकाउंट खुलवाने वाले लोग     लेयर-2: एकाउंट खरीदकर बेचने वाले बिचौलिए     लेयर-3 और 4: असली स्कैमर जो धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं आरोपी लोगों को मामूली रकम का लालच देकर उनके नाम पर बैंक एकाउंट, एटीएम कार्ड, पासबुक और मोबाइल सिम हासिल करते थे. इसके बाद इन खातों का इस्तेमाल बड़ी साइबर ठगी में किया जाता था. चार केस, एक ही गैंग से जुड़े तार थाना फरसगांव में दर्ज चार मामलों (अपराध क्रमांक 46/2025, 82/2025, 83/2025, 84/2025) की जांच में सामने आया कि सभी में एक जैसी कार्यप्रणाली थी. फर्जी म्यूल एकाउंट खोलकर अलग-अलग राज्यों में ऑनलाइन फ्रॉड किए गए. क्या होता है म्यूल एकाउंट? म्यूल एकाउंट वे बैंक खाते होते हैं, जो किसी आम व्यक्ति के नाम पर खोले जाते हैं. स्कैमर इन्हें धोखाधड़ी में इस्तेमाल करते हैं. खाताधारक को कुछ पैसा देकर उनका डेटा और डॉक्युमेंट ले लिया जाता है, लेकिन बाद में वह व्यक्ति भी कानूनी कार्रवाई की जद में आ जाता है. पुलिस की अपील फरसगांव पुलिस ने इस कार्रवाई को बड़ी सफलता बताते हुए नागरिकों से अपील की है कि किसी भी लालच या धोखे में आकर अपना बैंक एकाउंट, पासबुक, एटीएम या सिम किसी को न दें. ऐसा करना साइबर अपराध में भागीदारी माना जाता है और कड़ी सज़ा हो सकती है. वहीं आने वाले समय में इस गिरोह से जुड़े और नामों का खुलासा होने की संभावना जताई गई है.

सीएम साय ने आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में जीएसटी विभाग की समीक्षा बैठक ली

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभाग के कार्यों एवं राजस्व संग्रहण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की और कर संग्रहण बढ़ाने के उपायों पर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कर की राशि का उपयोग देश और प्रदेश के विकास कार्यों में होता है, इसलिए सभी को ईमानदारी पूर्वक कर अदा करना चाहिए। श्री साय ने कहा कि जो लोग कर (जीएसटी) की चोरी करते हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए तथा उनसे कर की वसूली सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य को जीएसटी एवं वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38% है। छत्तीसगढ़ ने 18% की जीएसटी वृद्धि दर हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है। बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने विभागीय जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने जीएसटी संग्रहण हेतु विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि आगे भी नियमों के अनुरूप संग्रहण बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ कर अपवंचन के मामलों एवं उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने फर्जी बिल, दोहरी बहीखाता प्रणाली और गलत टैक्स दरों का उपयोग कर अनुचित लाभ लेने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की नवाचारी पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण की औसत समय सीमा को 13 दिन से घटाकर 2 दिन कर दिया गया है। बैठक में अधिकारियों ने जीएसटी विभाग द्वारा हाल ही में की गई बड़ी कार्रवाइयों एवं कर चोरी की राशि की वसूली की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों से शासन के कर राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में जीएसटी कार्यालय स्थापित किए गए हैं, जिससे कर संग्रहण एवं जीएसटी से जुड़ी सेवाओं का कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ संपादित किया जा रहा है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मुकेश कुमार बंसल, मुख्यमंत्री के सचिव  राहुल भगत तथा आयुक्त वाणिज्यिक कर पुष्पेंद्र मीणा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल को नई जिम्मेदारी की प्रदान, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति के बने सदस्य

रायपुर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल को भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति में सदस्य के रूप में नई जिम्मेदारी प्रदान की गई है. नई जिम्मेदारी मिलने के पश्चात सांसद अग्रवाल ने कहा कि, हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है. हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार, संवर्धन और राजकीय कार्यों में अधिकाधिक उपयोग को लेकर मैं प्रतिबद्ध हूं. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग की हिन्दी सलाहकार समिति में सदस्य के रूप में जुड़ना मेरे लिए गौरव का विषय है. उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाह एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझे यह दायित्व सौंपा. उल्लेखनीय है कि हिन्दी सलाहकार समिति का कार्य मंत्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और दस्तावेजों में राजभाषा हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग को सुनिश्चित करना तथा भाषा से संबंधित सुझाव देना होता है.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर की चाकू मारकर हत्या, वारदात के बाद फरार हैं पांचों आरोपी

राजनांदगांव जिले के सोमनी थाना क्षेत्र अंतर्गत टेड़ेसरा स्थित अपना ढाबे में मंगलवार तड़के भिलाई के रिसाली निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत तिवारी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। वारदात करने वाले पांच आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। प्रशांत तिवारी दोस्तों के साथ एक मित्र का जन्मदिन मनाने अपना ढाबा आया था। सभी खाना खाकर ढाबे से निकलने की तैयारी में थे, तभी भिलाई की ओर से आए पांच युवक वहां पहुंचे। आरोपियों ने ढाबा संचालक से खाना मांगा, लेकिन खाना समाप्त हो जाने की जानकारी मिलने पर वे गाली-गलौज करते हुए बाहर ही बैठ गए। मामूली विवाद पर बिगड़ गई बात इसी बीच प्रशांत और उसके दोस्त ढाबे से निकल रहे थे। तभी प्रशांत के हाथ में रखी पानी की बोतल से कुछ पानी उन युवकों पर गिर गया। मामूली बात को लेकर युवकों ने विवाद शुरू कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि उनमें से एक आरोपी ने प्रशांत पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इलाज के दौरान हो गई प्रशांत की मौत लहूलुहान प्रशांत को भिलाई के सेक्टर-नौ अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही सोमनी थाना पुलिस पहुंची और जांच शुरू की। ढाबे में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी भिलाई क्षेत्र के रहने वाले हो सकते हैं। पुलिस बोली- आरोपित जल्द होंगे गिरफ्तार सोमनी थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपितों की पहचान के लिए तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

इलेक्ट्रॉनिक दुकान में लगी भीषण आग, लाखों का नुकसान, 1 घंटे की मशक्कत के बाद दमकल पाया आग पर काबू

दुर्ग शहर के इंदिरा मार्केट स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान और गोडाउन में बुधवार दोपहर अचानक भीषण आग लग गई. कुछ ही देर में आग दूसरे मंजिल तक जा पहुंची. घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना पर पुलिस और दमकल वाहन मौके पर पहुंची. करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद आग को बुझा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया. हालांकि दुकान में सारा सामान जलकर खाक हो गया, करीब 7-8 लाख रुपए के नुकसान होने की आशंका है. मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है. जानकारी के मुताबिक,  बुधवार दोपहर को भीड़भाड़ वाले इंदिरा मार्केट स्थित खत्री इलेक्ट्रॉनिक में अचानक आग लग गई. देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया. सूचना के बाद मौके पर दमकल की तीन वाहन पहुंची. सूचना के बाद लगभग 1 घंटे में आग बुझा ली गई, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया. हालांकि आग लगने के कारण दुकान का सारा सामान जलकर खाक हो गया है. करीब 7-8 लाख रुपए के नुकसान का आशंका है, फिलहाल आंकलन जारी है. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

अभनपुर-राजिम रेलखंड पर यात्री ट्रेन सेवा जल्द होगी शुरू, रेल महाप्रबंधक ने किया निरीक्षण

 रायपुर  अभनपुर-राजिम रेलखंड पर यात्री ट्रेन सेवा जुलाई महीने में शुरू होने की संभावना है. अभनपुर से धमतरी के बीच ब्रॉडगेज लाइन पर दिसंबर तक ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है. महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने आरएसडी यार्ड, अभनपुर स्टेशन और निर्माणाधीन राजिम स्टेशन पर सुरक्षा इंतजामों और अन्य तैयारियों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. गौरतलब है कि रायपुर-अभनपुर के बीच पहले से ही मेमू ट्रेन सेवा संचालित है, जो फिलहाल घाटे में चल रही है. रेलवे को उम्मीद है कि राजिम तक ट्रेन सेवा शुरू होने से यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, जिससे सेवा अधिक लाभकारी बन सकेगी. नई ब्रॉडगेज का ट्रायल पूरा अभनपुर-राजिम के बीच ब्रॉडगेज लाइन का ट्रायल पूरा कर लिया गया है, जबकि अभनपुर-धमतरी के बीच गेज कन्वर्जन का कार्य तेजी से चल रहा है. इसे दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है. इन रेल परियोजनाओं के पूरा होने से राज्य के प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों को ब्रॉडगेज नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा. राजिम तक सीधी रेल कनेक्टिविटी होने से यात्रियों के लिए सुविधाजनक यात्रा विकल्प के साथ क्षेत्रीय व्यापार, कृषि, तीर्थाटन और पर्यटन को भी नई गति मिलेगी.

मुख्यमंत्री साय बोले – प्रदेश में किसानों को सतत रूप से हो खाद की आपूर्ति

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए खाद और बीज की उपलब्धता को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।  मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों को सतत रूप से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।          मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात कही और किसानों को इसके लाभ से अवगत कराने को कहा। श्री साय ने कलेक्टरों के माध्यम से जिलेवार सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता और वितरण की निगरानी और सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए।           मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खेती-किसानी का यह समय किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि इस समय खाद-बीज की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा आती है, तो इसका सीधा असर फसलों की बुआई और उत्पादन पर पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को समय पर और उचित दर पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि समितियों में एनपीके खाद की व्यवस्था भी की जा रही है, किसानों को इसे उपलब्ध कराने की दिशा में तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने अमानक और नकली खाद की बिक्री पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।       बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, संचालक कृषिराहुल देव सहित मार्कफेड के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

2161 करोड़ का शराब घोटाला : लखमा के साथ एक बड़े कांग्रेसी नेता को भी हर महीने में मिलता 20 करोड़

रायपुर  छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में बड़े अहम और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. ईओडब्ल्यू के पूरक चालान के मुताबिक, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के अलावा एक अन्य बड़े कांग्रेसी नेता को महीने में दो बार 10-10 करोड़ रुपए मिलते थे. यही नहीं शराब घोटाले से मिली रकम में से 1500 करोड़ रुपए पार्टी फंड के नाम पर दिया गया है, हालांकि, डायरी में इस बात का उल्लेख नहीं है कि किस पार्टी को यह फंड दिया गया है, जिसकी पड़ताल में ईओडब्ल्यू जुटी हुई है. जांच एजेंसी ने चार्जशीट में बताया कि फरवरी 2019 से आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार शुरू हुआ. शुरुआती महीने में 800 पेटी शराब से भरी ट्रक डिस्टलरी से हर माह निकलती थी. एक पेटी को 2840 रुपए में बेचा जाता था. उसके बाद हर माह 400 ट्रक शराब की सप्लाई शुरू हो गई. अबकी बार प्रति पेटी शराब 3880 रुपए में बेचा जाने लगा. ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि साल में 60 लाख से ज्यादा पेटियां अवैध रूप से बेची गई. 15 जिलों में खपाई जाती थी अवैध शराब दो नंबर की शराब बेचने के लिए राज्य को 8 जोन में बांटकर 15 जिलों को चुना गया था. यहाँ की दुकानों में फैक्ट्री से ही डुप्लीकेट होलोग्राम लगकर शराब आती थी. सिंडीकेट में शामिल अरविंद सिंह का भतीजा अमित सिंह, अनुराग ट्रेडर्स से जुड़े अनुराग द्विवेदी, सत्येंद्र प्रकाश गर्ग, नवनीत गुप्ता ने ओवर बिलिंग और बिना बिल के शराब की बोतल की सप्लाई की. अमित अपने साथी दीपक दुआरी और प्रकाश शर्मा के साथ मिलकर डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई करता था. कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया की सुमित फैसिलिटीज कंपनी के कर्मचारी ही डुप्लीकेट होलोग्राम लगाते थे. इसके एवज में 8 पैसा प्रति होलोग्राम कमीशन लिया जाता था. वसूली के लिए बनी थी अलग टीम शराब घोटाले का पैसा कलेक्ट करने के लिए एक अलग टीम काम करती थी, जिसमें विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू, सिद्धार्थ सिंघानिया अमित सिंह समेत कई लोग शामिल थे. एक साल बाद सिस्टम बदल दिया गया और प्लेसमेंट कंपनी के जरिए पैसों का कलेक्शन होने लगा. घोटाले का पैसा हवाला के जरिए दिल्ली, मुंबई और कोलकाता भेजा गया. इसमें कारोवारी सुमित मालू और रवि बजाज शामिल थे. दोनों ने पूछताछ में यह कबूल किया है. रकम बस, टैक्सी और मालवाहक से भेजा गया. पत्नियों के नाम पर कंपनी बनाकर किया खेल शराब घोटाले में दो अहम किरदारों ने इस काले कारोबार में अपनी पत्नियों के नाम का इस्तेमाल किया. घोटाले में शामिल आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी ने अपनी पत्नी मंजूलता त्रिपाठी के नाम पर रतनप्रिया मीडिया प्राइवेट कंपनी रजिस्टर कराई. इस कंपनी ने डुप्लीकेट होलोग्राम बनाने वाली कंपनी को 50 लाख में सॉफ्टवेयर बेचा था. वहीं अरुणपति त्रिपाठी के करीबी निलंबित बीएसपी कर्मी अरविंद सिंह ने अपनी पत्नी पिंकी सिंह के नाम पर अदीप एम्पायर और माउंटेन व्यू इंटरप्राइजेज कंपनी रजिस्टर कराई. फिर इस कंपनी के नाम से शराब का कारोबार करने लगे. पूरा काम अरविंद का भतीजा अमित सिंह देखता था. इसी तरह टुटेजा परिवार और ढेबर परिवार का नाम भी इसमें सामने आया है. उनके नाम से कारोबार निवेश की भी जांच एजेंसी को मिली है.

सरकारी कर्मचारियों को शेयर व म्युचुअल फंड में निवेश की रहेगी अनुमति, इंट्राडे ट्रेडिंग पर रोक

रायपुर सामान्य प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में संशोधन अधिसूचित किया है, जिसके तहत भारत सरकार के प्रावधानों की तर्ज पर अब राज्य के शासकीय सेवकों को शेयर (Shares), प्रतिभूतियों (Securities), डिबेंचर्स (Debentures) और म्युचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश की अनुमति दी गई है। यह संशोधन नियम 19 में नया उप-खण्ड जोड़ते हुए लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। हालांकि, अधिसूचना में यह स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग, बीटीएसटी (BTST), फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) तथा क्रिप्टोकरेंसी जैसे  प्रकृति के निवेश गतिविधियों पर रोक लागू रहेगी।