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बिहार विधानसभा: राहुल गांधी से तेजस्वी यादव की सीटों पर फैसला कब?

पटना 20-22 नवंबर तक बिहार में नई सरकार का गठन होना है। भारत निर्वाचन आयोग तमाम गतिरोधों के बीच इसकी तैयारी में जुटा है। मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण में दावा-आपत्ति का आज अंतिम दिन है। चुनाव के लिए मतदानकर्मियों की ट्रेनिंग को लेकर भी तैयारी चल रही है। सत्ता पक्ष में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे का ब्लू प्रिंट तैयार है। दूसरी तरफ विपक्ष के नेता आज, यानी 1 सितंबर तक वोटर अधिकार यात्रा के बहाने चुनाव आयोग को ही निशाने पर रखने में व्यस्त है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय स्तर पर बने गठबंधन- इंडिया को लेकर यह यात्रा इसलिए की कि वह राष्ट्रीय जनता दल पर सीटों के लिए दबाव बना सके। लेकिन, वह वक्त अब निकला जा रहा है। सीटों पर तैयारी के लिए संभावित प्रत्याशी अधीर हो रहे हैं। कह तो यह भी रहे हैं कि अब तुरंत सीटें नहीं बांटी गई तो लोकसभा चुनाव की तरह कहीं राजद सीधे सिंबल लेकर प्रत्याशी को भेज न दे। मतलब, कुल मिलाकर यही है कि विपक्ष को अगर चुनाव का पूर्ण बहिष्कार नहीं करना है तो सीटें बांटकर प्रत्याशी को हरी झंडी देना ही होगा। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लालू दे चुके हैं सबक चुनावी तैयारी के लिए अब सितंबर का ही समय है। ऐसे में आज राहुल गांधी पटना में हैं। वोटर अधिकार यात्रा का अंतिम दिन है। पूरे देश से विपक्षी नेताओं को बुलावा गया है। कई चेहरे रहेंगे। लेकिन, असल बात तो बिहार चुनाव है। चुनाव बहिष्कार की बात कई बार की गई, लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा। सभी दलों के संभावित प्रत्याशी दिन-रात सीटों के असमंजस से चिंता में हैं और मेहनत भी कमोबेश कर रहे हैं। सीटें फाइनल होतीं तो मेहनत बढ़ जाती। ऐसे में सबसे ज्यादा कांग्रेस के अंदर भी राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को लेकर है। लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस सीधे-सीधे राजद से सीटों के बंटवारे पर बात नहीं कर सकी। जब तक करती, तब तक कई लोगों को राजद ने सिम्बल देकर नामांकन के लिए भेज दिया। बाकी के साथ उस समय कांग्रेस में आए राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी इस लेटलतीफी का शिकार हुए थे, जब बीमा भारती को राजद ने टिकट दे दिया और उन्हें निर्दलीय उतरना पड़ा। कागज पर 19 विधायकों वाली पार्टी, 70 सीटों पर दावा कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेता बिहार में 70 सीटों पर पार्टी की दावेदारी पक्की बात रहे हैं। कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 19 सीटें जीतकर आई थी। कागज पर उसके पास इतने विधायकों की संख्या है, हालांकि इनमें से दो विधायक पिछले साल नीतीश कुमार सरकार के बहुमत परीक्षण के समय से पाला बदल कर सत्ता के साथ बैठ रहे हैं। खैर, उनकी सदस्यता नहीं गई है। इसलिए, कांग्रेस 19 मौजूदा विधायकों की सीट के अलावा 51 अन्य सीटों पर दावा कर रही है। वामपंथी दलों ने कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा में समर्थकों को जुटाकर अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। वह तो राजद से डील वैसे भी कर ही लेगी। असल संकट कांग्रेस का रहता है। बिहार में जब महागठबंधन सरकार थी, तब एक अदद मंत्री पद के बढ़ाने के लिए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को तेजस्वी यादव के कई चक्कर लगाने पड़े थे। मंत्री पद बढ़वाने से पहले महागठबंधन सरकार ही गिर गई। ऐसे में कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार वोटर अधिकार यात्रा के अंतिम दिन पटना में कार्यकर्ता-समर्थन की शक्ति दिखाने के लिहाज से भी आ रहे हैं। कांग्रेस ने ऑनलाइन आवेदन मंगा रखे हैं, कई नए फॉर्मूले भी कांग्रेस ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए खुला आमंत्रण दे रखा है। कांग्रेस ने टिकट के इच्छुक सभी कांग्रेसियों से ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए एक क्यूआर कोड जारी किया था। 12 मई से यह प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले कांग्रेस ने राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों का सर्वे भी किया था। इसके बाद क्यूआर कोड से आवेदन की प्रक्रिया शुरू करते हुए पार्टी ने कहा था कि वह सशक्त, सक्रिय और निष्ठावान कार्यकर्ता को खुद भी दावेदारी दिखाने के लिए मौका देना चाहती है। कांग्रेस ने क्यूआर कोड स्कैनर के माध्यम से आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए 6 प्रमुख मापदंड तय किए थे, जिनमें उनकी भौतिक के साथ वर्चुअल उपस्थिति को लेकर भी दावेदारी देखी जानी थी। कांग्रेस के पास इसके जरिए भी आवेदन आया है और पहले से विधायक, पूर्व विधायक और पार्टी के कई पदाधिकारी सीटों की लाइन में हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर प्रदेश कांग्रेस में सीट बंटवारे के मुद्दे को जल्द सुलझाने की मांग भी उठ रही है।

नीतीश कुमार पर तेजस्वी की विवादित टिप्पणी, राजनीति में मचा घमासान

पटना बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' में भाषा की सारी सीमाएं टूट गईं। प्रधानमंत्री मोदी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की गई। अब, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' को लेकर नीतीश सरकार पर विवादित टिप्पणी कर दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विवादित बयान देते हुए उन्हें 'चिट मिनिस्टर' बता डाला। राजद नेता ने कहा कि नीतीश सरकार के पास अपना कोई विजन नहीं है। बिहार की जनता इनके चाल और चरित्र को समझ चुकी है और अब परिवर्तन लाएगी। पटना में रविवार को मीडिया से बातचीत में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो चीटिंग कर ही रहे हैं। उनका अपना विजन तो है नहीं। वह मुख्यमंत्री की तरह नहीं, बल्कि 'चिट मिनिस्टर' की तरह काम कर रहे हैं। इनके पास अपना कोई विजन नहीं है। बिहार की जनता इनके चाल और चरित्र को पहचान गई है। अब परिवर्तन लाएगी।" ‎दरअसल, बिहार मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को महिलाओं के रोजगार के लिए नई योजना 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की स्वीकृति दी। इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य के सभी परिवारों की एक महिला को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देना है। ‎ ‎इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म एक्स पर लिखा था, "हम लोगों ने नवंबर, 2005 में सरकार बनने के बाद से ही महिला सशक्तीकरण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अब महिलाएं अपनी मेहनत से न केवल बिहार की प्रगति में अपना योगदान दे रही हैं, बल्कि वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं। इसी मिशन को आगे बढ़ाते हुए हम लोगों ने महिलाओं के हित में अब एक महत्वपूर्ण एवं अभूतपूर्व निर्णय लिया है, जिसके सकारात्मक दूरगामी परिणाम होंगे।" ‎‎नई योजना के तहत आर्थिक सहायता के रूप में सभी परिवारों की एक महिला को अपनी पसंद के रोजगार के लिए 10 हजार रुपए की राशि प्रथम किस्त के रूप में दी जाएगी। इच्छुक महिलाओं से आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। ‎ ‎

चिराग पासवान की शर्तों से NDA में खींचतान, बिहार चुनावी रणनीति पर संकट

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही NDA के भीतर सीट बंटवारे पर खींचतान तेज हो गई है। जदयू और भाजपा के बीच सीटों का बंटवारा लगभग तय है, लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपनी मांग से पूरे समीकरण को उलझा दिया है। जानकारी के मुताबिक एनडीए कोऑर्डिनेशन कमेटी ने JDU को 102, BJP को 101, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 10 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 10 सीटें देने पर सहमति बना ली है। वहीं, लोजपा (रामविलास) को 20 सीटें दी जा रही हैं, लेकिन चिराग पासवान  इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हैं। उनकी पार्टी 40 से ज्यादा सीटों की दावेदारी पेश कर रही है। बहनोई के जरिए NDA पर बना रहे दबाव चिराग पासवान ने अपने बहनोई और जमुई से सांसद अरुण भारती को आगे कर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। अरुण भारती ने तो 43 से 103 सीटों तक की मांग रखकर NDA की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान का यह रुख उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए है। वहीं, जदयू किसी भी हालत में उन्हें बड़ी हिस्सेदारी देने को तैयार नहीं है। भाजपा की ओर से कोशिशें जारी हैं कि चिराग को समझाकर समझौते पर लाया जाए। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने 145 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। हालांकि उस चुनाव में जदयू की स्थिति कमजोर हुई और उसकी संख्या 71 से घटकर 41 रह गई। तब जदयू ने भी माना था कि लोजपा ने उसके प्रदर्शन को नुकसान पहुंचाया। लोजपा की स्थापना 2003 में हुई थी और उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन फरवरी 2005 में रहा, जब 178 सीटों पर चुनाव लड़कर 29 विधायक जीते थे और 12.62 प्रतिशत वोट हासिल किया था। रामविलास पासवान की विरासत संभाल रहे चिराग अब एनडीए में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले सीट बंटवारे का फार्मूला तय करना एनडीए के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे झारखंड CM हेमंत सोरेन, कल करेंगे बिहार की जनता से संवाद

रांची 17 अगस्त से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में वोट अधिकार यात्रा की शुरूआत की थी। कल राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा का आखिरी दिन है, जिसका समापन पटना के गांधी मैदान में किया जायेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कल राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल होंगे। इसके लिए कल सीएम हेमंत बिहार जाएंगे। इस दौरान वह जनता को संबोधित करेंगे। जनसभा में झारखंड सरकार के कई मंत्री, महागठबंधन के नेता और हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हेमंत सोरेन की भागीदारी से बिहार में विपक्षी एकता को और मजबूती मिलेगी। सूत्रों के अनुसार, पटना की इस रैली में झारखंड ही नहीं बल्कि देशभर से कई बड़े नेता भी शामिल होंगे। इनमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, डीएमके नेता एम.के. स्टालिन, कनिमोझी सहित विपक्षी दलों के कई दिग्गज चेहरे मौजूद रहेंगे। यह रैली महागठबंधन के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखी जा रही है। बता दें कि ये वोट अधिकार यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्व में 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाये जाने के विरोध में इंडिया महागठबंधन के द्वारा चलायी जा रही है, जिसमें राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार साथ नजर आ रहे हैं। इस यात्रा की शुरुआत 17 अगस्त को सासाराम से हुई थी जिसे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस दौरान इंडिया महागठबंधन के कई नेता मौजूद रहे थे।  

2200 बेड का किडनी सुपर हॉस्पिटल झारखंड में, अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ मरीजों के लिए वरदान

रांची झारखंड के रांची में 2200 बेड का विश्व-स्तरीय किडनी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनेगा। स्वास्थ्य, आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने यह घोषणा की। मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि रांची में 2200 बेड का विश्व-स्तरीय किडनी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किया जाएगा। इस अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण सहित सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। यह हॉस्पिटल ऑस्टिन हॉस्पिटल एंड सर्विसेज ऑस्ट्रेलिया और झारखंड सरकार की साझेदारी से बनेगा। कंपनी के सीईओ और डॉ. अंसारी के पुराने मित्र आंद्रेई कोल्मोगोरोव ने झारखंड में बड़े पैमाने पर निवेश का निर्णय लिया है। इस अवसर पर कोल्मोगोरोव ने कहा कि हमारा लक्ष्य झारखंड को हेल्थकेयर का हब बनाना है। हम बड़ा निवेश करेंगे, लेकिन इस परियोजना को राजनीति से दूर रखना होगा। स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालना जनता के साथ अन्याय है। डॉक्टर अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत किडनी, लीवर और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में 15 लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है। राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी राज्य में शुरू होने जा रही है। यह विश्व-स्तरीय अस्पताल न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत के मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित होगा। डॉ.अंसारी ने कहा कि यह मेरे निरंतर प्रयासों और झारखंडवासियों के आशीर्वाद का परिणाम है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य एक नई क्रांति की ओर बढ़ रहा है।  

IAS अफसरों का तबादला: जानें किसे मिला नया जिम्मा और किसे मिली नई पोस्ट

पटना बिहार सरकार ने शनिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के दो वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया है जबकि तीन अन्य अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। हरजीत कौर बनीं राजस्व पर्षद की अध्यक्ष सामान्य प्रशासन विभाग की जारी अधिसूचना के अनुसार, 1991 बैच के आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ को विकास आयुक्त बनाया गया है। वहीं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजीत कौर को राजस्व पर्षद का अध्यक्ष बनाया गया है। अधिसूचना के अनुसार गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी को मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग का अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी राजेंद्र को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को पर्यावरण ,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।  

फुरकान अंसारी ने DVC पर साधा निशाना, आंदोलन को तेज करने की दी धमकी

रांची झारखंड में डीवीसी द्वारा आयोजित जन-जनित रोग डायरिया जागरूकता अभियान में भाग लेते हुए पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने केलाही पहुंचकर डीवीसी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जामताड़ा जिला डीवीसी से सबसे अधिक प्रभावित है, खासकर बारिश में यहां के गांव पानी में डूब जाते हैं। बावजूद इसके, डीवीसी अपना लगभग पूरा सीएसआर फंड पश्चिम बंगाल में खर्च करती है, जबकि बंगाल से भी ज्यादा प्रभावित जामताड़ा को नजरअंदाज कर रही है। पूर्व सांसद ने कहा कि जामताड़ा से डीवीसी ने 39 मौजा की 10,500 हेक्टेयर जमीन ली, जबकि पश्चिम बंगाल से केवल 12 मौजा की जमीन ली गयी। इसके बावजूद विकास का पैसा बंगाल चला गया और जामताड़ा को खाली हाथ छोड़ दिया गया। उन्होंने मांग की कि डीवीसी विस्थापित गांवों में मुफ्त बिजली उपलब्ध कराए। 10 किलोमीटर दायरे में माइक्रो लिफ्ट सिंचाई की व्यवस्था की जाए – चलना, वीरग्राम, लधना, चंद्रढीपा, केलाही जैसे गांवों के लिए। विस्थापितों को उचित मुआवजा, नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं तत्काल दी जाएं। झारखंड और पश्चिम बंगाल के विकास की तुलना जनता के सामने रखी जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जामताड़ा के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। अंसारी ने कहा कि विस्थापित सालों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन डीवीसी केवल आश्वासन देकर टालती रही है। अब समय आ गया है कि विस्थापित गांवों को उनका हक मिले, वरना आंदोलन तेज किया जाएगा। इस अवसर पर एस आई पी मैनेजर कौशलेंद्र सिंह, डीसीएम ओ डॉ. संघमित्रा नंदी, डीवीसी राजभाषा अधिकारी सह पी आर ओ अरविंद सिंह, पियारसोला पंचायत की मुखिया माखूनी हेंब्रम और सिद्धू कान्हु अल्पसंख्यक समिति के अध्यक्ष कुद्दुश अंसारी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से डायरिया जैसी बीमारियों से बचाव और जागरूकता संबंधी संदेश दिए गए। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।  

पूर्व मंत्री एनोस एक्का को 15 साल पुराने केस में 7 साल कैद, CNT एक्ट मामला

रांची झारखंड में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन खरीदने के 15 साल पुराने मामले में राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का और रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात सहित 9 दोषियों को अदालत ने बीते शनिवार को सजा सुनायी है। सीबीआई के विशेष जज एसएन तिवारी की कोर्ट में बीते शनिवार को वीडियों कांफ्रेंसिग के जरिये सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। सभी आरोपित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे। सीबीआई के लोक अभियोजक दविन्द्र पाल सूद ने सीबीआई की ओर से पक्ष रखा। अदालत ने पूर्व मंत्री एनोस एक्का को सात साल की सजा और दो लाख रुपये का जुर्माना, उनकी पत्नी मेनन एक्का को सात की सजा और दो लाख रुपये का जुर्माना, रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, तत्कालीन तीन सीआई राज किशोर सिंह चार साल की सजा और एक लाख जुर्माना, फिरोज अख्तर को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, अनिल कुमार को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, राजस्व कर्मचारी ब्रजेश मिश्रा को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, मनीलाल महतो को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना एवं ब्रजेश्वर महतो को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया है। उल्लेखनीय है कि पिछले शुक्रवार को अदालत ने 9 आरोपितों को दोषी पाए जाने के बाद सभी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार जेल) भेज दिया था। कोर्ट ने 22 अगस्त को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 29 अगस्त को फैसले की तारीख निर्धारित की थी। एनोस एक्का पर सीएनटी की धारा 46 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 16 साल पहले 1.18 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति खरीदने का आरोप है। बचाव पक्ष के वकील अनिल कुमार कंठ ने बताया कि कुल 11 आरोपित ट्रायल फेस कर रहे थे। इनमें से एक आरोपी तत्कालीन राजस्व कर्मचारी गोवर्धन बैठा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था जबकि एक आरोपित परशुराम केरकेट्टा आईसीयू में भर्ती है। उसके रिकॉर्ड को अलग कर दिया गया है। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने 4 अगस्त 2010 को एनोस एक्का सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने जांच पूरी करते हुए दिसंबर 2012 में चार्जशीट दाखिल की थी जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था। मामले में एनोस एक्का सहित अन्य पर 5 नवंबर 2019 को आरोप तय किया गया था। इसके बाद सीबीआई ने सबूत पेश किया था।  

अनंत की नीतीश से बैठक, ललन सिंह संग रोड शो के बाद अशोक चौधरी के घर हुई बातचीत

पटना   बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर सियासी गतिविधियों का दौर काफी तेज हो गया है। कुछ दिनों पहले जेल से निकले पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रविवार की सुबह मुलाकात हुई। इस दौरान भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद थे। इससे पहले शनिवार को मोकामा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के साथ अनंत सिंह का रोड शो हुआ। अगले दिन रविवार को नीतीश कुमार से अनंत सिंह की मुलाकात को सियासी नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है। इससे पहले 10 अगस्त को भी अनंत सिंह नीतीश कुमार से मिले थे। जेल से निकलते ही अनंत सिंह ने मोकामा से खुद चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने तेजस्वी यादव की जमानत जब्त करा देने का भी दावा किया था। मोकामा से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी वर्तमान विधायक हैं। अनंत सिंह के जेल जाने के बाद खाली हुई सीट पर नीलम देवी को राजद ने टिकट दिया था। लेकिन, बीजेपी संग सरकार के फ्लोर टेस्ट में नीलम देवी जदयू के खेमे में आ गईं। अनंत सिंह भी नीतीश कुमार की खुलकर प्रशंसा करते हैं। कहा जाता है कि सरकार की मदद से ही अनंत सिंह को एके 47 केस में बेल मिली। जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह अनंत सिंह अशोक चौधरी के आवास पर मिलने गए थे। सीएम भी वहीं पहुंच गए। अशोक चौधरी की मौजूदगी में अनंत सिंह और नीतीश कुमार आमने सामने आए। अनंत सिंह ने आगे बढ़कर नीतीश कुमार का अभिवादन किया। नीतीश कुमार ने भी हाथ जोड़कर जवाब दिया। दोनों एक दूसरे के आमने सामने मुस्काते हुए नजर आए। इस मुलाकात को मोकामा सीट पर अनंत सिंह की दावेदारी को पुख्ता करता माना जा रहा है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर कोई जानकारी बाहर नहीं आई है। जेडीयू के नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह अनंत सिंह के आवास पर पहुंचे थे। वहीं से दोनों मोकामा गए और कई घंटों का रोड शो किया। दोनों नेता काफी देरतक साथ रहे। कहा जा रहा है कि अनंत सिंह और सोनू-मोनू के बीच अदावत को खत्म कराने का भी प्रयास किया जा रहा है।  

राजद नेता के बेटे की रहस्यमयी मौत, परिजनों ने कहा—हत्या हुई है

समस्तीपुर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नगर अध्यक्ष के बेटे की लाश मिलने से सनसनी फैल गई है। समस्तीपुर जिले में सरायरंजन थाना क्षेत्र के सरैया पुल के निकट एनएच 322 सड़क किनारे रविवार को एक युवक की लाश मिली। मृतक की पहचान सरायरंजन नगर पंचायत के राजद के नगर अध्यक्ष एवं नगर पंचायत के चिंतामनपुर निवासी राजू सिंह के पुत्र संजीव कुमार सिंह (35) के रूप में कि गई। लाश मिलने को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। कुछ स्थानीय लोग एवं परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। मृतक युवक के परिजनों का कहना है की युवक सरायरंजन बाजार में मौसी के यहां से बाइक लेकर कहीं गया था। देर रात तक वापस नहीं आने पर मोबाइल से उससे संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पाया। रविवार की सुबह उक्त जगह पर एक युवक की लाश मिलने की सूचना मिली तो वहां जाकर देखा गया तो यह लाश संजीव की ही निकली। लाश मिलने की जगह पर बाइक लगा हुआ था। बाइक में चाभी भी लगी हुई थी। परिजनों ने आशंका जताई है की कही पर संजीव की हत्या कर लाश को इस जगह पर रख गया है ताकि कोई साक्ष्य ना मिले। युवक की लाश मिलने के बाद एनएच-322 सड़क पर दो घंटे तक अफरातफरी सी मची रही। भारी संख्या में लोगों के जुट जाने से सड़क पर कुछ देर के लिए आवाजाही बंद हो गई। युवक के लाश हटने के बाद सड़क पर आवागमन चालू हुआ। युवक की लाश मिलने के बाद लोगों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद वहां पहुंचे समाजसेवी रंजीत निर्गुणी, पूर्व मुखिया सुनील कुमार ईश्वर, पूर्व राजद प्रखंड अध्यक्ष विशुनुदेव पासवान एवं सरायरंजन थानाध्यक्ष ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया। युवक की लाश मिलने की सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल भेज दिया है। सरायरंजन थानाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह ने बताया की लाश मिलने की सूचना मिली है। लोग हत्या की आशंका जता रहे हैं। फिलहाल मृतक युवक के परिजनों द्वारा आवेदन नहीं दिया गया है। परिजनों के आवेदन के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।