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जयपुर से धरा गया फर्जी सिम गिरोह का सदस्य, साइबर ठगी में था बड़ा नेटवर्क

जयपुर साइबर ठगों को फर्जी मोबाइल सिम उपलब्ध कराने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। मालपुरा गेट थाना क्षेत्र में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल सिम सक्रिय करवाने की सूचना पर पुलिस थाना साइबर क्राइम राजस्थान की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 19 वर्षीय आरोपी घनश्याम मीणा को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उन पर अपनी तस्वीर लगाकर अवैध रूप से मोबाइल सिम प्राप्त करता था और फिर उन्हें अन्य साइबर अपराधियों को बेचता था। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार 22 जुलाई को साइबर थाना पुलिस को सूचना मिली कि मालपुरा गेट स्थित भारती हेक्साकॉम लिमिटेड (एयरटेल) के सांगानेर स्टोर पर एक संदिग्ध व्यक्ति ने डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया के तहत एक मोबाइल सिम एक्टिव कराने के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत किया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को पता चला कि संदिग्ध ने स्टोर संचालक से कहा कि इस नंबर को कंपनी के पोस्टपेड फैमिली प्लान के तहत मोबाइल नंबर 7300043398 और 7300043318 के साथ जोड़ा जाए।

राजस्थान का लक्ष्य दूध उत्पादन में शीर्ष पर पहुंचना, यूपी को पीछे छोड़ने की तैयारी

जयपुर  देश में दुग्ध उत्पादन के मामले में राजस्थान सिरमौर बनने में एक कदम पीछे हैं। वर्तमान में पहले नम्बर पर उत्तरप्रदेश है। मध्यप्रदेश व गुजरात तीसरे व चौथे नम्बर पर है। उत्पादन की दौड़ में शीर्ष पर पहुंचने के लिए राजस्थान में ग्राम स्तर पर प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में राजस्थान बना था सिरमौर राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन के अनुसार देश में दूध उत्पादन में राजस्थान वर्ष 2022-23 में पहले स्थान पर आ गया था। तब राज्य ने 900 लाख लीटर उत्पादन में ही उत्तरप्रदेश को पीछे छोड़ दिया। उसके बाद उत्तरप्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ गया। वर्तमान में राजस्थान में दूध का प्रतिदिन औसत उत्पादन उत्तरप्रदेश से 151 लाख लीटर कम है। राजस्थान में दूध उत्पादन व कारोबार राज्य में कुल उत्पादन- 912 लाख लीटर पशुपालकों के घरों में खपत (दूध-दही, छाछ-घी)- 500 लाख लीटर दूध बिक्री का कुल बाजार- 412 लाख लीटर दूध की खुले में बिक्री (हलवाई इत्यादि)- 312 लाख लीटर डेयरियों में बिक्री के लिए जा रहा- 100 लाख लीटर सरस डेयरी का दूध संकलन- 35 लाख लीटर अन्य डेयरियां खरीद रही दूध (अमूल, मदर, कोटा फ्रेश, पतजंलि इत्यादि)- 65 लाख लीटर। (प्रतिदिन औसत लाख लीटर) राज्य में 55 प्रतिशत घरों में हो रही खपत राज्य में कुल उत्पादन 912 लाख लीटर है, उसका 55 प्रतिशत यानी 500 लाख लीटर दूध पशुपालकों के घरों में ही खप रहा है। घरों में दूध पीने के अलावा दही, छाछ व घी बनाकर भी खपत हो रही है।

गहलोत की टिप्पणी पर राठौड़ का तंज – “क्या आप धनखड़ के निजी चिकित्सक हैं?

जयपुर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने तीखा जवाब दिया है। राठौड़ ने कहा, “गहलोत साहब न तो डॉक्टर हैं और न ही धनखड़ जी के निजी डॉक्टर। जब कोई व्यक्ति स्वयं अपने स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा देता है, तो उस पर अविश्वास जताना या राजनीति करना निंदनीय है। गहलोत जी को ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “पहला सुख निरोगी काया। जब व्यक्ति बीमार होता है तो राजनीति जरूरी नहीं होती। स्वस्थ होंगे तो फिर से राजनीति कर सकते हैं। खुद गहलोत कुछ समय पहले बीमार पड़े थे, अस्पताल में भर्ती रहे, भाषण के दौरान मंच पर बैठना पड़ा था। ऐसे में उन्हें दूसरों के स्वास्थ्य पर टिप्पणी से बचना चाहिए।” जातीय समीकरणों को लेकर पूछे गए सवाल पर राठौड़ ने दो टूक कहा, “हम भाजपा में जातिवादी राजनीति नहीं करते। हम सर्वसमाज का विकास चाहते हैं। जो भी मेहनती और सेवाभावी व्यक्ति हैं, उसे सेवा का अवसर दिया जाना चाहिए।” उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों को भी नसीहत दी और कहा कि, “कोई भील प्रदेश या मरू प्रदेश की बात करता है, कोई जातीय भेद की राजनीति करता है। यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं। भाजपा सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों का सम्मान करती है।”

गहलोत की टिप्पणी पर राठौड़ का तंज – “क्या आप धनखड़ के निजी चिकित्सक हैं?

जयपुर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने तीखा जवाब दिया है। राठौड़ ने कहा, “गहलोत साहब न तो डॉक्टर हैं और न ही धनखड़ जी के निजी डॉक्टर। जब कोई व्यक्ति स्वयं अपने स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा देता है, तो उस पर अविश्वास जताना या राजनीति करना निंदनीय है। गहलोत जी को ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “पहला सुख निरोगी काया। जब व्यक्ति बीमार होता है तो राजनीति जरूरी नहीं होती। स्वस्थ होंगे तो फिर से राजनीति कर सकते हैं। खुद गहलोत कुछ समय पहले बीमार पड़े थे, अस्पताल में भर्ती रहे, भाषण के दौरान मंच पर बैठना पड़ा था। ऐसे में उन्हें दूसरों के स्वास्थ्य पर टिप्पणी से बचना चाहिए।” जातीय समीकरणों को लेकर पूछे गए सवाल पर राठौड़ ने दो टूक कहा, “हम भाजपा में जातिवादी राजनीति नहीं करते। हम सर्वसमाज का विकास चाहते हैं। जो भी मेहनती और सेवाभावी व्यक्ति हैं, उसे सेवा का अवसर दिया जाना चाहिए।” उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों को भी नसीहत दी और कहा कि, “कोई भील प्रदेश या मरू प्रदेश की बात करता है, कोई जातीय भेद की राजनीति करता है। यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं। भाजपा सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों का सम्मान करती है।”

मानसून होगा फिर सक्रिय, मौसम विभाग ने दी भारी बारिश की चेतावनी

जयपुर राजस्थान में मानसून की बारिश का दौर फिलहाल धीमा हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने गुरुवार को प्रदेश के 6 जिलों में सामान्य बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से 24 जुलाई के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से पूर्वी राजस्थान में 27 से 30 जुाई के दौरान भारी बारिश की गतिविधियों में फिर से बढ़ोतरी होने के आसार हैं। मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम बना है। यह सिस्टम अगले 24 से 36 घंटे में और तीव्र होकर लो-प्रेशर सिस्टम में तब्दील हो सकता है। यह सिस्टम धीरे-धीरे पूर्वी भारत की तरफ आगे बढ़ेगा। इस सिस्टम के असर से राजस्थान में 27 से 30 जुलाई के दौरान भारी बारिश की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं। इस दौरान कोटा संभाग में कहीं-कहीं अतिभारी बारिश और भरतपुर, जयपुर, उदयपुर संभाग में भारी बारिश होने की संभावना है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मंगलवार को भरतपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली समेत कई जिलों में 2 इंच तक बरसात हुई। जयपुर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में भी बारिश हुई। अलवर के बहादुरगढ़ में 70MM से ज्यादा पानी बरसा पिछले 24 घंटे के दौरान करौली में 25, उदयपुर में 35, अलवर के बहादुरगढ़ में 70, खैरथल में 63, मुंडावर में 51 और अलवर शहर में 64.2MM पानी बरसा। हनुमानगढ़ के भादरा में 25, भरतपुर के डीग में 60, रूपवास में 22, सवाई माधोपुर के खंडार में 64 और चूरू के सादुलशहर में 14MM बरसात दर्ज हुई। जयपुर के आंधी में 16 और तूंगा में 18MM बारिश दर्ज हुई। सवाई माधोपुर में रेल यातायात प्रभावित बारिश में जल भराव के चलते सवाईमाधोपुर-सपोटरा-करौली और हाड़ौती-सपोटरा मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। भूरी पहाड़ी के पास बह रही बनास नदी की पुलिया तेज बहाव के चलते टूट गई। वहीं वर्षा जनित हादसों में प्रदेश में अब तक 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। मंगलवार को अजमेर के अरांई क्षेत्र में दो बच्चों की पौंड में डूबने से मौत हो गई। बालोतरा के डडांली गांव के पास लूणी नदी में मंगलवार सुबह तेज बहाव के बीच मिनी बस फंस गई। बायतु से करना भूखा भगत सिंह रूट पर जा रही बस में 6 से ज्यादा यात्री सवार थे। क्रेन से बस को सुरक्षित निकाला गया।

राजस्थान में ग्राम विकास अधिकारी भर्ती 2025 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 25 जुलाई

जयपुर राजस्थान में ग्राम विकास अधिकारी (VDO) भर्ती 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। उम्मीदवार इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट rssb.rajasthan.gov.in पर जाकर 25 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।  बोर्ड द्वारा ग्राम विकास अधिकारी पद पर चयनित उम्मीदवारों को प्रारंभिक नियुक्ति के दौरान निश्चित मासिक वेतन दिया जाता है। हालांकि, स्थायी नियुक्ति मिलने के बाद न केवल सैलरी में बढ़ोतरी होती है, बल्कि उन्हें कई सरकारी सुविधाएं और भत्ते भी मिलते हैं। ऐसे में आइए जानें ग्राम विकास अधिकारी की सैलरी से जुड़ी पूरी जानकारी और स्थायी नियुक्ति के बाद मिलने वाले लाभों का विस्तृत विवरण। प्रारंभिक वेतनमान और पे स्केल राज्य सरकार द्वारा ग्राम विकास अधिकारी (VDO) पद के लिए सातवें वेतन आयोग के अनुरूप पे मैट्रिक्स लेवल-6 में वेतन निर्धारित किया गया है। इस स्तर पर वेतन 35,400 रुपये से शुरू होकर 1,12,400 रुपये तक जाता है। हालांकि, चयनित अभ्यर्थियों को शुरुआत में सीधे इस वेतनमान का लाभ नहीं मिलता, बल्कि उन्हें परिवीक्षा अवधि पूरी करने के बाद ही इसका लाभ मिल पाता है। फिक्स सैलरी का प्रावधान नियमानुसार, सभी चयनित उम्मीदवारों को दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि (Probation Period) के अंतर्गत नियुक्त किया जाता है। इस अवधि में वेतन श्रृंखला के स्थान पर केवल राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियत पारिश्रमिक (Fixed Remuneration) प्रदान किया जाता है। यह राशि आमतौर पर 18,000 रुपये से 23,700 रुपये के बीच होती है। इस दौरान उन्हें किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भत्ता (DA, HRA, आदि) नहीं दिया जाता। चयन प्रक्रिया के बाद नियुक्ति प्रक्रिया चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, चयनित अभ्यर्थियों की सूची राजस्थान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को भेजी जाती है। वहां से जिलेवार मेरिट लिस्ट तैयार कर प्रोबेशनर ट्रेनी के रूप में अभ्यर्थियों को नियुक्त किया जाता है। यह प्रक्रिया विभागीय स्तर पर तय दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित होती है। स्थायी नियुक्ति की शर्तें और मिलने वाले लाभ परिवीक्षा अवधि के दौरान प्रशिक्षण, मूल्यांकन और परीक्षा पास करना जरूरी होता है। सफलतापूर्वक स्थायी नियुक्ति मिलने पर अभ्यर्थी को वेतनमान, DA, HRA, चिकित्सा सुविधा, और अन्य सरकारी भत्तों का लाभ मिलता है। इसके अलावा, प्रमोशन और वार्षिक वेतन वृद्धि भी निर्धारित नियमों के अनुसार दी जाती है।  

घर खरीदना हुआ महंगा: कॉलोनियों की दरों में 44% तक इजाफा

जयपुर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने राज्य की तमाम कॉलोनियों की आरक्षित दरों में 8 प्रतिशत से 44 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। इसमें सबसे ज्यादा इजाफा जयपुर में किया गया है। बोर्ड प्रशासन ने जोधपुर, अजमेर, अलवर, उदयपुर, कोटा समेत अन्य शहरों में भी आरक्षित दरों में 9 फीसदी तक बढ़ोतरी की है। जोधपुर की बड़ली आवासीय योजना में आरक्षित दरें 4900 रुपए प्रति वर्गमीटर से बढ़ाकर 5320 रुपए कर दी गई है। इसी तरह कुड़ी भगतासनी फेज-2, विवेक विहार में योजना की दरों को 26,255 रुपए से बढ़ाकर 28,490 रुपए कर दिया है। चौपासनी योजना में भी आरक्षित दरें 22,385 रुपए से बढ़ाकर 24,290 रुपए कर दी है। नई आरक्षित दर की सूची में सबसे ज्यादा कीमतें इस बार जयपुर की वाटिका स्कीम की बढ़ाई गई है। यहां पहले आवासीय आरक्षित दर 4,890 रुपए प्रति वर्गमीटर थी, जिसे 2,155 रुपए (करीब 44 फीसदी) बढ़ाकर अब 7,045 रुपए प्रतिवर्ग मीटर कर दिया। जयपुर में ही प्रताप नगर योजना में आरक्षित दर 19,465 रुपए से बढ़कर 23,870 रुपए (22.63 फीसदी बढ़ोतरी) कर दिया है। जयपुर में ही अजमेर रोड स्थित महला आवासीय योजना में आरक्षित दरों को 2,620 रुपए से बढ़ाकर 3,555 रुपए (35.68 फीसदी बढ़ोतरी) कर दिया है।  मानसरोवर योजना में 33, 315 से बढ़ाकर 41,095 रुपए और इंदिरा गांधी नगर जगतपुरा में 19,395 से 23,850 रुपए प्रति वर्गमीटर तक की बढ़ोतरी की गई है। 8-9% तक की दरें बढ़ाईं जोधपुर, अजमेर, अलवर, कोटा और उदयपुर की योजनाओं में भी 8% से 9% तक की दरें बढ़ाई गई हैं। जोधपुर की बड़ली योजना में दरें 4900 से बढ़कर 5320 रुपए और विवेक विहार में 26,255 से 28,490 रुपए हो गई हैं। उदयपुर की गोवर्धन विलास योजना की दरें 21,370 से 23,190 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दी गई हैं. अलवर में 7380 रुपए हुआ अलवर की बी-10 योजना में दरें 6800 से बढ़कर 7380 रुपए और भिवाड़ी की अरावली विहार योजना में 9250 से 10,040 रुपए कर दी गई हैं। अजमेर की किशनगढ़ योजना में दरें 11,025 से बढ़ाकर 11,965 रुपए प्रति वर्गमीटर की गई हैं।

जल संकट से राहत की ओर कदम: सालगांव बांध परियोजना को मिली स्वीकृति

सिरोही लंबे इंतजार के बाद हिल स्टेशन माउंटआबू में बहुप्रतीक्षित सालगांव बांध के निर्माण की राह प्रशस्त हो गई है। इस मामले में सांसद लुंबाराम चौधरी द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद वन विभाग लखनऊ से निर्माण को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि 19 नवंबर 2024 को सांसद लुंबाराम चौधरी की अध्यक्षता में सिरोही सर्किट हाउस में माउंटआबू के बहुप्रतीक्षित सालगांव बांध परियोजना की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई थी। इसमें वन विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिरोही के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया गया था। इस बैठक में संबंधित अधिकारियों का कहना था कि यह फाइल जयपुर में पेंडिंग। संबंधित जगह जहां यह बांध बनवाया जाना है वह वर्तमान में वन विभाग के नाम से है। जब तक यहां वाइल्ड लाइफ क्लीरेंस एवं फॉरेस्ट क्लीयरेंस के साथ भूमि अधिग्रहण की कारवाई जयपुर और लखनऊ से क्लियर नहीं हो जाती है। तब तक बांध का निर्माण कार्य चालू नहीं हो पाएगा। इस पर सांसद चौधरी ने तत्परता दिखाते हुए सालगांव बांध निर्माण के लिए 13 मार्च 2025 को लोकसभा में प्रश्न पूछा था। इसमें वन विभाग की कारवाई की जानकारी चाही थी। इसके बाद हरकत में आए वन विभाग द्वारा जयपुर से फाइल को लखनऊ कार्यालय में ट्रांसफर किया गया था। सांसद चौधरी ने लखनऊ अधिकारियों से संपर्क कर वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस कारवाई को जल्द पूरा कर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया था। इसके बाद यह अनपति प्रमाण पत्र जारी हुआ है। 1977 में बनाई गई थी सालगांव बांध परियोजना माउंट आबू में पीने के पानी की समस्या के समाधान को लेकर साल 1977 में सालगांव बांध परियोजना का निर्माण किया गया था। उस समय इस परियोजना की लगत 27 लाख रुपये थी। बार-बार आ रही रुकावटों के चलते परियोजना का प्रस्ताव मूर्तरूप नहीं ले सका। इससे अब इसकी लगत कई गुना बढ़ गई है। सालगांव बांध बनने से माउंट आबू की पीने के पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। इसमें 155.56 मिलियन घन फीट भराव क्षमता का बांध बनेगा। इसके साथ-साथ बांध से रिसने वाले पानी से काशतकार भूमि की सिंचाई कर पाएंगे। वहीं, वन्यजीव अभ्यारण में रहने वाले वन्यजीवों लिए भी यह बांध कारगर साबित होगा।

कड़िया मुंडा के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित सीएम हेमंत, की मुलाकात और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना

  रायपुर सीएम हेमंत ने इलाजरत लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना तथा चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कड़िया मुंडा के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। वहीं, बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी भी मेडिका अस्पताल पहुंचकर मुंडा का कुशलक्षेम जान चुके हैं। मरांडी के साथ अस्पताल जाने वालों में भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह भी शामिल थे। सिंह ने भी मुंडा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। बता दें कि सोमवार की शाम को खूंटी लोकसभा क्षेत्र से 8 बार सांसद रहे और पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा की तबीयत अचानक खराब हो गई। इसके बाद उन्हें नियमित जांच के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। कड़िया मुंडा का इलाज वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विजय मिश्रा की देखरेख में चल रहा है। डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है, लेकिन दो दिनों तक अस्पताल में रखकर सभी आवश्यक जांच की जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि कड़िया मुंडा को फिलहाल विशेष देखरेख की जरूरत है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर टीकाराम जूली की भागीदारी, अमेरिका में होगा विधायक सम्मेलन

जयपुर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट से अमेरिका के लिए रवाना होंगे। वे अमेरिका के बॉस्टन शहर में आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन विश्व के अनेक देशों के विधायकों को एक मंच पर लाने का कार्य करता है, जहां लोकतंत्र, नीति-निर्माण और जनप्रतिनिधित्व से जुड़े अनुभवों का आदान-प्रदान होता है। जूली इस मंच पर भारत, विशेष रूप से राजस्थान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया, विधानसभा की कार्यशैली और जनसेवा से जुड़े अनुभव साझा करेंगे। इस वैश्विक आयोजन में भारत से चुनिंदा विधायकों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष जूली की भागीदारी राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। अपनी यात्रा के दौरान जूली वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क और लॉस एंजिलिस भी जाएंगे, जहां वे प्रवासी भारतीयों और राजस्थान मूल के नागरिकों से संवाद करेंगे। यह दौरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की लोकतांत्रिक छवि को सुदृढ़ करेगा।