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लाड़ली बहनों के खाते में रक्षाबंधन से पहले दो बार आएंगे पैसे, जानिए बड़ा अपडेट

भोपाल  मध्य प्रदेश सरकार की सबसे लोकप्रिय लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojana 26 Installment) की 26वीं किस्त का एमपी की करोड़ों महिलाएं बेसब्री से इंतजार कर रही हैं. बता दें कि इस बार महिलाओं को डबल खुशखबरी मिलने वाली है. जुलाई में न सिर्फ महिलाओं को शगुन के तौर पर अतिरिक्त पैसे मिलेंगे, बल्कि इस बार लाडली बहना योजना की सहायता राशि बढ़ाकर बहनों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी. दो बार जारी की जाएगी लाड़ली बहना की राशि एमपी की बहनों को जुलाई में दो किस्तें  (Ladli Behna Yojana july 26th Installment)जारी की जाएंगी. वो कैसे? दरअसल, अगस्त में रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए मोहन सरकार जुलाई महीने में ही शगुन के तौर पर 250 रुपये की राशि जारी करने जा रही है. यानी महिलाओं को न सिर्फ 1250 रुपये मिलेंगे बल्कि 250 रुपये की अतिरिक्त राशि भी जारी की जाएगी. ऐसे में इस बार महिलाओं के खातों में कुल 1500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. बता दें कि करीब 1.27 करोड़ महिलाओं को 250 रुपये की राशि अलग से दी जाएगी. कब जारी की जाएगी लाड़ली बहना की 26वीं किस्त मिली जानकारी के मुताबिक, जुलाई के लिए लाडली बहना की 26वीं किस्त 10-15 जुलाई के बीच कभी भी जारी हो सकती है. हालांकि, एमपी सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है. अब आप भी सोच रहे होंगे कि रक्षाबंधन की किस्त जुलाई में ही क्यों जारी की जा रही है? दरअसल, रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को पड़ रहा है, इसलिए योजना की किस्त आमतौर पर 10-15 तारीख के बीच ट्रांसफर की जाती है. इस दौरान महिलाओं को रक्षाबंधन से पहले या त्योहार के दिन अतिरिक्त राशि का लाभ नहीं मिल पाता है, जिसके कारण लाडली बहना की अतिरिक्त राशि जुलाई में ही जारी की जाएगी. कब से मिलेंगे 1500 रुपए इस साल लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को बहुत फायदा होने वाला है. सबसे पहले तो जुलाई में उनके खाते में 1500 रुपए की बढ़ी हुई राशि ट्रांसफर की जाएगी. दूसरा, दिवाली से हर महीने ये तय राशि महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की जाएगी. यानि दिवाली से हर महीने महिलाओं के खाते में 1500 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे, जिसे साल 2028 तक बढ़ाकर 3000 रुपए किए जाने का अनुमान है. अब इस साल ही अगस्त और सितंबर के महीने में 1250 रुपए की राशि बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. लाडली बहना योजना का नया रजिस्ट्रेशन कब से शुरू होगा? योजना से जुड़ा एक सवाल जो प्रदेश की हर बहन जानना चाहती है वो ये कि लाडली बहना योजना का नया रजिस्ट्रेशन कब शुरू होगा? आपको बता दें कि एमपी सरकार की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है. लाडली बहना योजना रजिस्ट्रेशन पोर्टल 2023 यानी करीब डेढ़ से दो साल से बंद है. ऐसे में वो महिलाएं जो इन सालों में योजना की पात्र हो गई हैं या फिर रजिस्ट्रेशन से चूक गई हैं, उन्हें लाडली बहना योजना का नया रजिस्ट्रेशन पोर्टल खुलने का बेसब्री से इंतजार है.  खाते में पैसा आने में हो सकती है देरी मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त के पैसों के लिए 1.27 करोड़ महिलाओं को थोड़ा ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। आमतौर पर सरकार की ओर से 10 से 15 तारीख के बीच 1250 रुपये की राशि महिलाओं के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। मगर संभावना जताई जा रही है कि इस महीने जुलाई की किस्त में थोड़ी देरी हो सकती है। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं के खाते में हर महीने 1250 रुपये की राशि दी जाती है। अभी करीब 1.27 करोड़ महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव यह भी ऐलान कर चुके हैं कि दिवाली से महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे और 2028 तक इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रुपये महीना कर दिया जाएगा। ऐसी जानकारी मिल रही है कि जुलाई महीने की किस्त की तारीख में इस बार थोड़ा फेरबदल हो सकता है। क्या है वजह दरअसल अगले महीने रक्षा बंधन है और मुख्यमंत्री मोहन यादव ऐलान कर चुके हैं कि इस मौके पर लाडली बहनों को 250 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। रक्षा बंधन 9 अगस्त को है, ऐसे में इस अतिरिक्त राशि को जुलाई में ही खाते में भेजने की तैयारी चल रही है। जानकारी मिल रही है कि रक्षा बंधन का 'शगुन' देने की वजह से इस बार थोड़ी देरी हो सकती है। यह भी माना जा रहा है कि जुलाई में एक साथ खाते में 1500 रुपये नहीं आएंगे बल्कि 1250 रुपये और 250 रुपये की दो किस्तों में पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। रक्षा बंधन की वजह से जुलाइ महीने की किस्त की तारीख थोड़ा आगे बढ़ सकती है। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अप्रैल से बदल गई थी तारीख लाडली बहना योजना का पैसा पहले 7 से 10 तारीख के बीच आता था, लेकिन फंड की कमी से निपटने और केंद्र से मिलने वाली मदद के इस्तेमाल के लिए अप्रैल से इस तारीख को आगे बढ़ाकर 10 से 15 तारीख कर दिया गया। केंद्र सरकार हर महीने की 10 तारीख को टैक्स डेवोल्यूशन का पैसा आता है। ऐसे में सरकार इस फंड का इस्तेमाल कर लाडली बहना योजना की लाभार्थियों के खाते में पैसा भेज रही है। अप्रैल में सीएम मोहन यादव ने 16 तारीख को महिलाओं के खाते में पैसा ट्रांसफर किया था। जबकि अगले महीने 15 मई को लाभार्थी महिलाओं को पैसा मिल गया था। जून में 13 तारीख को पैसा मिलना था, लेकिन विमान हादसे की वजह से इसे टालकर 16 जून कर दिया गया था। जुलाई में मिलेंगे 1500 रुपये जुलाई महीने में महिलाओं को 1250 नहीं बल्कि 1500 रुपये मिलेंगे। 250 रुपये रक्षा बंधन का शगुन इसमें शामिल है। हालांकि अगले दो महीने खाते में 1250 रुपये ही आएंगे। अक्टूबर से हर महीने 1500 रुपये देने का ऐलान सरकार की ओर से किया जा चुका है।

हीरा उगलने वाली छतरपुर की धरती में अब एक और खनिज का विशाल भंडार मिला, मध्य प्रदेश की किस्मत चमक जाएगी

छतरपुर   प्राकृतिक संसाधनों से मध्य प्रदेश की झोली जल्द ही भरने जा रही है. केन्द्र सरकार की मदद से मध्यप्रदेश को कोलबेड मीथेन की खोज में बड़ी सफलता हाथ लगी है. छतरपुर व दमोह जिले के इलाके में प्राकृतिक गैस के लिए कोलबेड मीथेन का बड़ा भंडार मिला है. छतरपुर और दमोह जिले के इस 462 वर्ग किलोमीटर एरिया में जल्द ही खनन की तैयारी की जा रही है. ONGC को खनन की जिम्मेदारी मिली खनन का काम देश की नवरत्न कंपनियों में शामिल ओएनजीसी यानी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक खनन के लिए ओएनजीसी को प्रोविनजल लीज आवंटित कर दी गई है. कोल बेड मीथेन का मध्य प्रदेश बड़ा उत्पादक मध्यप्रदेश में प्राकृतिक गैस के भंडार के कई बड़े संभावित क्षेत्रों को लेकर लंबे समय से खोज चल रही है. कोलबेड मीथेन का मध्य प्रदेश बड़ा उत्पादक रहा है. देश का 40 फीसदी कोलबेड मीथेन का उत्पादक मध्यप्रदेश है. मध्य प्रदेश में अभी यह 40 फीसदी की पूति सिर्फ सोहागपुर के दो ब्लॉक ईस्ट और वेस्ट से ही हो रही है. इन स्थानों पर रिलायंस कंपनी के 300 कुएं हैं, जिससे गैस निकाली जा रही है. छतरपुर और दमोह करेगा मध्य प्रदेश की जरूरत पूरी रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस गैस पाइपलाइन लिमिटेड यहां से उत्तर प्रदेश के फूलपुर तक 302 किलोमीटर की एक पाइपलाइन भी ऑपरेट करती है. अभी इन कुओं से 234.37 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर सीबीएम का उत्पादन हो रहा है. मध्यप्रदेश के छतरपुर और दमोह में कोल बेडमीथेन के उत्पादन के बाद मध्यप्रदेश बड़े स्तर पर इसकी जरूरत को पूरा करेगा. विन्ध्य, सतपुडा के अलावा नर्मदा वैली में संभावनाएं मध्यप्रदेश के विन्ध्य, सतपुडा के अलावा नर्मदा वैली में पेट्रोलियन और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार की संभावनाएं जताई जा रही हैं. 2017 में हाइड्रोकार्बन रिसोर्स असिस्मेंट की एक स्टडी भी हुई थी, जिसमें संभावना जताई गई थी कि इन क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस के भंडार मौजूद है. अनुमान है कि इन क्षेत्रों में 5 लाख 55 हजार 254 मिलियन टन हाइड्रोकार्बन का भंडार मौजूद है. हालांकि अब खोज के बाद छतरपुर-दमोह में खनन की तैयारियां शुरू की जा रही हैं. खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव के मुताबिक "इसको लेकर केन्द्र से अनुमतियां मिल गई हैं और इसके तहत प्रोविजनल लीज दी गई है. कुछ और प्रोसेस बची है, इसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा." शहडोल व उमरिया जिले में भी ओनजीसी को लाइसेंस मध्यप्रदेश के छतरपुर-दमोह के अलावा शहडोल, उमरिया जिले में में पेट्रोलियम एक्सप्लोर करने के लिए ओएनजीसी को पहले ही लाइसेंस दिया गया है. इसके अलावा बैतूल, छिंदवाड़ा, नर्मदापुर में भी एनवेनियर पेट्रोडाउन लिमिटेड को पेट्रोलियन एक्सप्लोरेशन लाइसेंस दिया गया है. इन दोनों ही स्थानों पर काम भी शुरू हो गया है. इन दोनों स्थानों पर अगले 20 सालों में एक्सप्लोरेशन पर करीबन साढे 8 हजार करोड़ रुपए खर्च होगा. क्या है कोलबेड मीथेन गैस, किस काम आती है गौरतलब है कि कोलबेड मीथेन अपरंपरागत गैस का बड़ा स्रोत है. कोलबेड मीथेन कोयले की चट्टानों में पाई जाती है. इसे चट्टानों में ड्रिल करके निकाला जाता है. इसके लिए चट्टानों के नीचे ग्रिल करके भूमिगत जल को हटाकर इकट्ठा किया जाता है. कोयला भंडार के मामले में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है.  हीरा उगलने वाली छतरपुर की धरती में अब एक और खनिज का विशाल भंडार मिला छतरपुर जिले के बक्सवाहा के जंगलों में एशिया का सबसे अच्छा हीरा पाया गया. इसके बाद यहां हीरा निकालने के लिए सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. इसी जंगल में अब फॉस्फेट की चट्टानें मिली हैं. इन चट्टानों में बहुतायात में फॉस्फोराइट खनिज है. फिलहाल 57 लाख मीट्रिक टन रॉक फॉस्फेट के भंडार का पता चला है. हीरा के बाद इस खनिज के मिलने के बाद छतरपुर जिला मध्य प्रदेश में नंबर 1 पर पहुंच जाएगा. खाद बनाने के लिए फॉस्फोराइट का इस्तेमाल बता दें कि उर्वरक बनाने के लिए फॉस्फोराइट महत्वपूर्ण कच्चा माल माना जाता. खासकर, डीएपी खाद बनाने के लिए इसका उपयोग होता है. इस खोज से न केवल छतरपुर जिले का विकास होगा, बल्कि आने वाले दिनों में किसानों को खाद की उपलब्धता और उसकी कीमत में भी राहत मिलने की संभावना है. रॉक फॉस्फेट के भंडार की खोज के बाद सरकार ने खनन की अनुमति दे दी है. जल्द ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है. इससे पहले बक्सवाहा में हीरा भी प्रचुर मात्रा में मिला गौरतलब है कि छतरपुर जिले में खनिज सम्पदा का भंडार है. बक्सवाहा इलाके में हीरा खदानें शुरू होने जा रही हैं. अब रॉक फॉस्फेट का अकूत भंडार मिलने से छतरपुर ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में रोजगार के नए अवसर बनेंगे. मध्य प्रदेश सरकार का खजाना छतरपुर की खनिज संपदा भर देगी. छतरपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर बड़ामलहरा अनुविभाग के बकस्वाहा तहसील इलाके के सूरजपुरा में फॉस्फोराइट पत्थर की खोज हुई है.  बक्सवाहा के सूरजपुरा में सरकार ने दी खनन की मंजूरी भू-वैज्ञानिकों ने सर्वेक्षण में जिले के सूरजपुरा व इससे लगे पल्दा, सगौरिया, गरदौनियां में 1070 हेक्टेयर में फॉस्फोराइट का विशाल भंडार पाया है. अब इस भंडार पर हाल ही में केंद्र सरकार ने खनन की मंजूरी दे दी है. इससे यहां उद्योग स्थापित होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. केंद्र सरकार के खनन मंत्रालय ने इस क्षेत्र में खनन कार्य के लिए लीज स्वीकृत कर दी है. यह लीज सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी को दी गई है. इस कंपनी को आगामी 3 साल तक खनन करने की अनुमति दी गई है.  क्या होता है फॉस्फोराइट महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग में पदस्थ एचओडी डॉ. पीके जैन ने बताया "फॉस्फोराइट एक मिनरल होता है, जिसका स्रोत रॉक फॉस्फेट चट्टान होती है. इसी रॉक फॉस्फेट चट्टान में फॉस्फोराइट मिनरल डिपॉजिट होते हैं. छतरपुर जिले के बक्सवाहा के आसपास के गांव में इस खनिज तत्व के खोज की पुष्टि हुई है. बकस्वाहा तहसील के सूरजपुरा और आसपास के गांवों में फॉस्फोराइट खनिज तत्व डिपोजिट हैं. यह एक सेडिमेंट्री रॉक (अवसादी चट्टान) हैं और फॉस्फोराइट इसका प्रमुख स्रोत माना जाता है.  फास्फोराइट का कैसे होता है उपयोग छतरपुर … Read more

मध्यप्रदेश का मसालों के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान,भारत कृषि अनुसंधान परिषद का प्रदेश में अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया जाये

मंत्री कुशवाहा नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की बैठक में हुए शामिल मंत्री कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश को उद्यानिकी राज्य में विकसित करने के लिये सरकार दृढ़ संकल्पित मध्यप्रदेश का मसालों के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान,भारत कृषि अनुसंधान परिषद का प्रदेश में अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया जाये भोपाल उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा सोमवार को नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 96वीं आमसभा बैठक में सम्मिलित हुए। भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम एम.ए.एस.सी. कॉम्पलेक्स के सभागार में आमसभा की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। मंत्री कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश को उद्यानिकी राज्य में विकसित करने के लिये सरकार दृढ़ संकल्पित है। मध्यप्रदेश का मसालों के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान है। उन्होंने कहा कि इसको दृष्टिगत रखते हुये भारत कृषि अनुसंधान परिषद का प्रदेश में अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया जाये। इससे प्रदेश के कृषकों को मसाला फसलों की उन्नत प्रजातियां सुलभ एवं उचित दाम पर उपलब्ध हो सकेंगी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मसाला उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। कृषकों की आय में वृद्धि, उद्यानिकी उत्पाद के मूल्य संवर्धन से प्र-संस्करण उद्योग को बढ़ावा, प्रदेश एवं देश के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय के अध्ययन में सुविधायें प्राप्त होगी तथा प्रदेश के उद्यानिकी उत्पाद को निर्यात प्रोत्साहन मिलेगा। मंत्री कुशवाहा ने कहा कि सब्जियों की संकर किस्मों के बीज बाजार में अधिक कीमतों में उपलब्ध हो पाते है। भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा उत्पादित संकर सब्जी बीजों को प्रदेश के कृषकों को सुलभ एवं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर बीज उत्पादन का कार्यक्रम अभियान के रूप में चलाया जाए। इससे कम लागत और कम समय में किसान बेहतर उत्पादन कर सकेंगे। आम सभा की बैठक में अनुसंधान परिषद के कार्यों का लेखा-जोखा तथा भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की गई।  

बीजापुर में सनसनीखेज मामला, पूर्व सरपंच की गला घोंटकर हत्या

बीजापुर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बीती रात अज्ञात हमलावरों ने चिन्नाकोडेपाल गांव के पूर्व सरपंच और वर्तमान वार्ड पंच विजय जव्वा की गला घोंटकर हत्या कर दी। मृतक का शव गांव के रास्ते पर मिला, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है। यह पूरा मामला मोदकपाल थाना क्षेत्र का है। बीजापुर एसपी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आपसी रंजिश का प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेज दिया है, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। फिलहाल, पुलिस मामले के हर एंगल पर जांच कर रही है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने भाजपा सरकार पर देश में हर किसी को डराने की कोशिश करने का लगाया आरोप

रायपुर,  कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार पर देश में हर किसी को डराने की कोशिश करने का सोमवार को आरोप लगाया और लोगों से अपने 'जल-जंगल-जमीन' की रक्षा के लिए लड़ाई में एकजुट रहने को कहा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 'जय जवान-जय किसान-जय संविधान' नामक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में गरीब लोगों को लूटा जा रहा है। खरगे ने कहा, ”भाजपा ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आईटी (आयकर) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर हमारे नेताओं को डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम इससे कभी नहीं डरते। अब भी छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री (भूपेश बघेल) सहित हमारी पार्टी के नेताओं को (केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके) परेशान किया जा रहा है…।" राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया, "उन्होंने (भाजपा ने) नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल जी को फंसाने की भी कोशिश की। वे हमेशा कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। सबको डराना उनकी आदत है। आप तभी जिंदा रहेंगे, जब आप डरेंगे नहीं। अगर हमें अपने जल जंगल जमीन की रक्षा करनी है तो आप सभी को उनके खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना होगा।” उन्होंने दावा किया, ”आज अदाणी और अंबानी जैसे लोग यहां आकर जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। वे खदानों के लिए जंगल में लाखों पेड़ काट रहे हैं। मोदी जी हमारे आदिवासी भाइयों और छत्तीसगढ़ के सभी लोगों का जीवन बर्बाद कर रहे हैं।" कांग्रेस प्रमुख ने पूछा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बार-बार छत्तीसगढ़ क्यों आ रहे हैं? क्या यहां आपका ससुराल है? उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उनके (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के) निर्देशों का पालन करते हैं। अगर वे कहते हैं उठो, तो वह उठ जाते हैं। अगर वे कहते हैं बैठो, तो वह बैठ जाते हैं। यह छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। यह बहुत बड़ा अपमान है।” खरगे ने आरोप लगाया कि उद्योगपति कोयला और अन्य खनिजों को लूटने के लिए यहां आ रहे हैं। यहां लोगों का हालचाल जानने कोई नहीं आता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह पर उद्योगपतियों का समर्थन करने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि शाह खनिजों की जांच करने के लिए यहां आते हैं। कांग्रेस की इस सभा में भारी बारिश के बावजूद पार्टी कार्यकर्ता और नेता बड़ी संख्या में मौजूद थे।  

शराब घोटाला मामले में 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ 2300 पन्नों का चालान EOW ने विशेष कोर्ट में किया पेश

रायपुर  छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को इस मामले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ करीब 2300 पन्नों का चालान विशेष कोर्ट में पे किया है। बता दें कि इससे पहले बीते 30 जून को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने विशेष कोर्ट में लगभग 1200 पन्नों का चौथा पूरक चालान पेश किया था, जिसमें लखमा की अहम भूमिका का उल्लेख किया गया है। ईओडब्ल्यू ने बताया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आबकारी घोटाले में उनके हिस्से का 64 करोड़ रुपये मिला है, जिसमें 18 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि के निवेश और खर्च से जुड़े दस्तावेजी साक्ष्य भी मिले हैं। पूर्व मंत्री को घोटाले में मिले 64 करोड़ रुपये शराब घोटाला मामले की जांच में अब तक यह पता चला है कि पूर्व मंत्री लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित घोटाले को क्रियान्वित किया गया। इस घोटाले से हासिल की गई रकम को व्यक्तिगत और परिवार के हितों में खर्च किया गया, जिससे उन्हें अत्यधिक और अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसके अलावा मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घोटाले की जांच जारी है। 21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 बार ED दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार करने से पहले ED ने उन्हें 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी। क्या है शराब घोटाला? तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है। इसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ रुपये के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था। ED ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। ED ने चार्जशीट में कहा कि 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया। उसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिए भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इस मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि 30 जून से पहले 13 मार्च को मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्पेशल कोर्ट में 3,841 पन्नों का चालान पेश किया था, जिसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 21 अन्य को आरोपी बनाया गया था। इसमें कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टिलर, वेलकम डिस्टिलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साई ब्रेवरीज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।

नगरीय निकायों में पार्षद के उप निर्वाचन के लिये हुआ 69.68 प्रतिशत मतदान

  मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा 10 जुलाई को भोपाल आठ नगरीय निकायों में आज एक-एक पार्षद के उप निर्वाचन के लिये मतदान संपन्न हुआ। शाम 5 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 69.68 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। इसमें 73.01 प्रतिशत पुरूष और 66.36 प्रतिशत महिला मतदाता हैं। मतगणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा 10 जुलाई को सुबह 9 बजे से होगी। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री अभिषेक सिंह ने जानकारी दी है कि भोपाल जिले के नगर पालिका परिषद बैरसिया के वार्ड 7 में 65.8, नगरपालिका परिषद सिवनी के वार्ड 11 में 57.1, इंदौर जिले के नगर परिषद सांवेर के वार्ड 7 में 77.2 और गौतमपुरा के वार्ड 15 में 85.9, मंडला जिले के बिछिया के वार्ड 13 में 80.4, शहडोल जिले के खांड के वार्ड 8 में 63.5, छिंदवाड़ा जिले के न्यूटन चिखली के वार्ड 4 में 82.6 और खरगोन जिले के नगरपरिषद भीकनगाँव के वार्ड 5 में 68.1 प्रतिशत मतदान हुआ। पन्ना जिले के ककरहटी के वार्ड 13 में निर्विरोध निर्वाचन हुआ है।  

भोपाल सहित पूरे कंपनी कार्यक्षेत्र में अब तक 3 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर स्‍थापित

दिन के टैरिफ में मिल रही 20 प्रतिशत की छूट भोपाल केन्द्र सरकार की रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के अंतर्गत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का काम त्वरित गति से चल रहा है। जहां स्‍मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, वहां पर समय पर बिलिंग तथा रीडिंग हो रही है तथा दिन के टैरिफ में 20 प्रतिशत की छूट भी मिलनी शुरू हो गई है। कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में अब तक 3 लाख, 3 हजार 305 स्मार्ट मीटर स्‍थापित किए जा चुके हैं। इनमें सर्वाधिक भोपाल शहर वृत्‍त में एक लाख, 62 हजार 320 स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित किए जा चुके हैं कंपनी ने कहा है कि स्‍मार्ट मीटर लगने से उपभोक्‍ताओं को बेहतर सेवाएं, सटीक बिलिंग और ऊर्जा दक्षता में सुधार हो रहा है। स्‍मार्ट मीटर लगाने का काम समय सीमा में पूर्ण करने के लिए कंपनी की टीमें लगातार कार्य में जुटी हुई हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने स्‍मार्ट मीटर के फायदे बताते हुए कहा है कि स्‍मार्ट मीटर से रियल टाइम डेटा प्राप्‍त किया जा सकता है, जिससे उपभोक्‍ताओं को सटीक और समय पर बिलिंग सुनिश्चित की जा रही है। कंपनी ने बताया कि जहां-जहां भी स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित किए जा चुके हैं वहां पर बिलिंग तथा रीडिंग निर्धारित समय पर हो रही है, इससे सभी उपभोक्‍ता संतुष्‍ट हैं। नए टैरिफ आर्डर के अनुसार स्‍मार्ट मीटर उपभोक्‍ताओं को अब खपत के आधार पर दिन के टैरिफ में 20 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है। जून माह का बिल जो कि जुलाई माह में जारी हुआ है, उसमें दिन के टैरिफ में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपयोग की गई विद्युत के दौरान बनी यूनिट पर छूट अलग कॉलम में अंकित की गई है।

स्वास्थ्य अधोसंरचना विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

पीएम-अभीम, 15 वें वित्त आयोग, एनएचएम और विभागीय अधोसंरचना विकास कार्यों की वृहद समीक्षा की भोपाल उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय, भोपाल में विभागीय अधोसंरचना विकास कार्यों की गहन समीक्षा की। बैठक में राज्य योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, 15वां वित्त आयोग एवं प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की बिंदुवार समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की प्रगति नियमित रूप से मॉनिटर की जाए और सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि अप्रारंभ कार्यों की समयबद्ध शुरुआत सुनिश्चित की जाए तथा लंबित निविदाओं की प्रक्रिया को तेजी से पूर्ण किया जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि हर परियोजना की प्रोजेक्टवार समीक्षा की जाए और यह देखा जाए कि बजट के उपयोग में पारदर्शिता, समयबद्धता और उचित तकनीकी गुणवत्ता सुनिश्चित हो। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने निर्देश दिए कि प्रत्येक योजना की मासिक समीक्षा की जाए और कार्यों की प्रगति की फील्ड मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी लंबित कार्यों की समयसीमा निर्धारित कर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। तकनीकी मानव संसाधन की नियुक्ति शीघ्र हो उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने विभाग में रिक्त पड़े तकनीकी पदों की शीघ्र भर्ती के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए तकनीकी मैन पावर की नियुक्ति अत्यावश्यक है। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, परियोजना संचालक नीरज कुमार सिंह, एनएचएम की प्रबंध संचालक डॉ. सलोनी सिडाना, तथा विभागीय अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बताया गया कि अधोसंरचना विकास के 2949 कार्य स्वीकृत हैं, जिनमें से 1972 कार्य पूर्ण तथा 754 कार्य प्रगति पर हैं। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 335 कार्यों का सफलतापूर्वक निष्पादन हुआ है। इन परियोजनाओं के लिए राशि रुपये 2483.37 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है, जिसके विरुद्ध अब तक राशि रुपये 729.52 करोड़ का व्यय हो चुका है। भोपाल में सर्वाधिक 480 कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिसमें 306 कार्य पूर्ण हुए हैं एवं रुपये 121.10 करोड़ व्यय किया गया है। जबलपुर संभाग ने रुपये 147.69 करोड़ के व्यय के साथ सर्वाधिक वित्तीय प्रगति दर्ज की है। राज्य स्तरीय योजना मद के अंतर्गत 285 कार्य स्वीकृत, जिनमें 156 पूर्ण/हस्तांतरित एवं 118 कार्य प्रगति पर हैं। 9 कार्य अप्रारंभ हैं एवं 2 कार्य निविदा स्तर पर हैं। जबलपुर (रु 37.28 करोड़), भोपाल (रु 39.41 करोड़) और रीवा (रु 33.01 करोड़) सहित सभी संभागों में योजनाओं की सतत प्रगति जारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत 669 कार्य स्वीकृत, जिनमें से 367 पूर्ण, 245 कार्य निर्माणाधीन, 10 निविदा स्वीकृत, 12 निविदा स्तर पर, एवं 35 कार्य अप्रारंभ हैं। अब तक राशि रुपये 164.69 करोड़ का व्यय किया गया है। उज्जैन में सर्वाधिक 183 कार्य स्वीकृत हैं, जिनमें से 104 पूर्ण हो चुके हैं। जबलपुर में रु 36.07 करोड़, भोपाल में रु 28.41 करोड़ और रीवा में रु 20.05 करोड़ का व्यय दर्ज हुआ है। 15वें वित्त आयोग मद में 1934 कार्य स्वीकृत हुए हैं। इनमें से 146 कार्य पूर्ण, 206 कार्य निर्माणाधीन, 170 कार्य निविदा स्तर पर, एवं 141 कार्य अप्रारंभ हैं। इंदौर (331 कार्य) और जबलपुर (321 कार्य) में सर्वाधिक कार्य स्वीकृत हुए हैं, जहां क्रमशः रु 63.84 करोड़ एवं रु 66.01 करोड़ का व्यय हुआ है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-अभीम) अंतर्गत 61 कार्य स्वीकृत हैं, जिनमें 23 कार्य पूर्ण, 25 प्रगति पर, और 36 कार्य निविदा स्तर पर हैं। इनके लिए राशि रुपये 87.39 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है और अब तक राशि रुपये 46.80 करोड़ का व्यय किया गया है। भोपाल (9 कार्य), ग्वालियर (7), इंदौर (11), जबलपुर (14) में योजनाओं का क्रियान्वयन जारी है।  

मध्यप्रदेश की गतिशीलता-शांति और संसाधनों का लाभ उठाएँ निवेशक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

जहां संभावना दिखती है, वहां नियम बदलने से नहीं हिचकिचाएंगे लुधियाना में उद्योगपतियों से भेंट कर निवेश के लिये दिया आमंत्रण भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को लुधियाना स्थित वर्धमान औद्योगिक परिसर में पंजाब के प्रमुख उद्योगपतियों से भेंट की और उन्हें मध्यप्रदेश की समावेशी, उदार और निवेश-अनुकूल नीतियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार  न केवल उद्योग लगाने और निवेश बढ़ाने के लिए तैयार है, बल्कि यदि किसी सेक्टर में संभावना दिखती है, तो वहां आवश्यकतानुसार नियमों में परिवर्तन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में गारमेंट और टेक्सटाइल सेक्टर के लिए विशेष अवसर उपलब्ध हैं और राज्य सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि इंदौर की हुकुमचंद मिल को पुनर्जीवित करने की दिशा में कार्य हो रहा है और मजदूरों के हितों को प्राथमिकता देते हुए सौ करोड़ रु. से अधिक के सेटलमेंट क्लियर किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों और श्रमिकों के साथ सरकार की प्रतिबद्धता हर स्तर पर बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि ग्वालियर की जेसी मिल और उज्जैन की हीरा मिल के मामले में भी राज्य सरकार ने सह्रदयता से निर्णय किये है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों के हित में निर्णय लेने के लिए कैबिनेट स्तर पर नीतियों में बदलाव को भी तैयार है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में आकर संभावनाओं को देखें और राज्य की गतिशीलता, शांति और संसाधनों का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि राज्य में टेक्सटॉइल, एग्री बेस्ड इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग गुड्स, स्टील प्रोसेसिंग, रिन्यूएबल एनर्जी और आईटी जैसे सेक्टरों में व्यापक अवसर उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों से यह भी कहा कि मध्यप्रदेश केवल निवेश के लिए नहीं, बल्कि एक जनकल्याणकारी राज्य के रूप में भी तेजी से पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि गरीब तबके के लिए एयर एंबुलेंस सेवा और राहगीर सेवा योजना जैसी अभिनव योजना क्रियान्वित की जा रही हैं। इन योजनाओं की उद्योगपतियों ने सराहना करते हुए कहा कि इस स्तर की सोच और संवेदनशीलता शायद ही किसी अन्य राज्य में दिखती हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से वर्धमान ग्रुप के एमडी श्री नीरज जैन, राल्सन इंडिया लिमिटेड के चेयरमेन श्री संजीव पहवा, कंगारू इंडस्ट्रीज के एमडी श्री अंबरीश जैन, टीके स्टील रोलिंग मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी श्री लोकेश जैन, रजनीश इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री राहुल आहूजा, फार्मपार्ट्स कंपनी के उपाध्यक्ष श्री जे.एस. भोगल, सीआईसीयू के अध्यक्ष श्री उपकार सिंह आहूजा, कमल (सरजवन होजरी) के प्रतिनिधि श्री सुदर्शन जैन और श्री अरुण जैन सहित विभिन्न सेक्टर के उद्योगपतियों ने मुलाकात की। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में बिजली दरें प्रतिस्पर्धी हैं और नियम संबंधी प्रक्रियाओं को सरल और निवेशक-अनुकूल बनाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में सोलर और पॉवर सेक्टर में भी बड़े प्रोजेक्ट आ रहे हैं। केंद्र सरकार के स्तर पर कोई पर्यावरणीय क्लियरेंस लंबित है, तो मध्यप्रदेश सरकार अपने स्तर पर उसे शीघ्र दिलाने का भी प्रयास करेगी। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की नीति स्पष्टता, निर्णय क्षमता और कार्य के प्रति तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि देश के सबसे भरोसेमंद और निवेश के योग्य राज्यों में मध्यप्रदेश शामिल हो गया है।