samacharsecretary.com

पूर्व मंत्री एनोस एक्का को 15 साल पुराने केस में 7 साल कैद, CNT एक्ट मामला

रांची

झारखंड में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन खरीदने के 15 साल पुराने मामले में राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का और रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात सहित 9 दोषियों को अदालत ने बीते शनिवार को सजा सुनायी है।

सीबीआई के विशेष जज एसएन तिवारी की कोर्ट में बीते शनिवार को वीडियों कांफ्रेंसिग के जरिये सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। सभी आरोपित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे। सीबीआई के लोक अभियोजक दविन्द्र पाल सूद ने सीबीआई की ओर से पक्ष रखा। अदालत ने पूर्व मंत्री एनोस एक्का को सात साल की सजा और दो लाख रुपये का जुर्माना, उनकी पत्नी मेनन एक्का को सात की सजा और दो लाख रुपये का जुर्माना, रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, तत्कालीन तीन सीआई राज किशोर सिंह चार साल की सजा और एक लाख जुर्माना, फिरोज अख्तर को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, अनिल कुमार को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, राजस्व कर्मचारी ब्रजेश मिश्रा को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, मनीलाल महतो को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना एवं ब्रजेश्वर महतो को पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले शुक्रवार को अदालत ने 9 आरोपितों को दोषी पाए जाने के बाद सभी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार जेल) भेज दिया था। कोर्ट ने 22 अगस्त को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 29 अगस्त को फैसले की तारीख निर्धारित की थी। एनोस एक्का पर सीएनटी की धारा 46 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 16 साल पहले 1.18 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति खरीदने का आरोप है। बचाव पक्ष के वकील अनिल कुमार कंठ ने बताया कि कुल 11 आरोपित ट्रायल फेस कर रहे थे। इनमें से एक आरोपी तत्कालीन राजस्व कर्मचारी गोवर्धन बैठा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था जबकि एक आरोपित परशुराम केरकेट्टा आईसीयू में भर्ती है। उसके रिकॉर्ड को अलग कर दिया गया है। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने 4 अगस्त 2010 को एनोस एक्का सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने जांच पूरी करते हुए दिसंबर 2012 में चार्जशीट दाखिल की थी जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था। मामले में एनोस एक्का सहित अन्य पर 5 नवंबर 2019 को आरोप तय किया गया था। इसके बाद सीबीआई ने सबूत पेश किया था।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here