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दुर्गा पूजा मेले में भारी बारिश से दुकानदारों का नुकसान, व्यापारियों में बढ़ी चिंता

रांची

झारखंड में भारी बारिश ने न सिर्फ दुर्गा पूजा उत्सव मनाने वालों के उत्साह को कम कर दिया, बल्कि त्योहारी खरीदारी से बेहतर लाभ की उम्मीद लगाए बैठे छोटे और मध्यम व्यापारियों को भी बड़ा झटका दिया। व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों ने यह जानकारी दी।

राज्य की राजधानी रांची, औद्योगिक केंद्र जमशेदपुर और कोयला क्षेत्र धनबाद के व्यापारियों को डर है कि उनके नुकसान 25 प्रतिशत से 60 प्रतिशत के बीच हो सकते हैं। ‘फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज' (एफजेसीसीआई) के अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ​​ने को बताया कि हालिया जीएसटी कटौती के कारण व्यापारियों को पिछले साल की तुलना में अधिक बिक्री की उम्मीद थी, लेकिन बारिश ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया। मल्होत्रा ​​ने कहा, ‘‘हमें त्योहारों के दौरान अच्छे कारोबार की उम्मीद थी और प्रमुख औद्योगिक इकाइयों ने पूजा से पहले बोनस की घोषणा की थी। केंद्र द्वारा हाल ही में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की घोषणा किए जाने से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें भी कम हुई हैं। हालांकि, मूसलाधार बारिश के कारण हमारी सारी उम्मीदें धराशायी हो गईं।'' व्यापारी संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि भारी बारिश के कारण दुर्गा पूजा के दौरान रांची में व्यापार में पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है। यह स्पष्ट रूप से जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में खुदरा विक्रेताओं के लिए हाल के वर्षों में त्योहार के दौरान सबसे खराब बिक्री का आंकड़ा था। यहां 300 से अधिक दुर्गा पूजा आयोजित की गई थी।

‘सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज' के एक वरिष्ठ पदाधिकारी विजय आनंद मूनका ने कहा, ‘‘बारिश के कारण लोग दुकानों पर नहीं आए और अपनी जरूरत की चीज़ें ऑनलाइन ऑर्डर कर दीं। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार 25 प्रतिशत का नुकसान हुआ है।'' बड़ी संख्या में कोयला खदानों वाले धनबाद में व्यापारियों ने अन्य वर्षों की तुलना में 60 प्रतिशत तक नुकसान का अनुमान लगाया है। ‘फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज' के सचिव अजय नारायण लाल ने छोटे दुकानदारों की परेशानियों के बारे में कहा, ‘‘बारिश के कारण उनका कारोबार चौपट हो गया, जिससे वे बेहद परेशान हैं। उन्होंने सामान खरीदने, पूजा पंडालों के पास जगह बुक करने और स्टॉल पर कर्मचारियों की व्यवस्था करने में भारी निवेश किया था। हालात ऐसे हैं कि वे अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार नुकसान 60 प्रतिशत तक पहुंच गया है।'' रांची मौसम कार्यालय ने कहा कि राज्य में सितंबर तक 17 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हुई है।

 

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