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नीति पर सवाल: गाड़ियाँ बंद, पर पुराने जहाज़ उड़ रहे! दोहरे मापदंडों पर मचा हंगामा

नई दिल्ली
दिल्ली में 10 साल डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को बैन किए जाने को लेकर घमासान मचा हुआ है। राजधानी में प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए रेखा गुप्ता सरकार ने ऐसे वाहनों के लिए पेट्रोल-डीजल बंद कर दिया है। इस फैसले का आम आदमी पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है तो सोशल मीडिया पर कई लोग अपनी अलग-अलग राय जाहिर कर रहे हैं। पूर्व पायलट का सवाल भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि 40 साल पुराने हवाई जहाज अब भी उड़ाए जा रहे हैं और तीन दशक पुराने बस-ट्रेनों को भी चलाया जा रहा है तो निजी गाड़ियों को क्यों प्रतिबंधित किया जा रहा है।

रिटायर्ड पायलट संजीव कपूर ने एक्स पर लिखा, 'हम अब भी ऐसे एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं जो 40 साल पुराने हैं और हमारी कई ट्रेनें, बसें, नावें और व्यावसायिक विमान तीन दशक पुराने हैं, जिनका हर दिन इस्तेमाल हो रहा है। केवल निजी वाहनों पर क्यों प्रतिबंध लगाया जा रहा है? चूंकि अब गैस स्टेशनों पर ईंधन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इससे एक समानांतर इको सिस्टम बनेगा, जो ना तो टिकाऊ है और न ही वांछित। ऐसा मेरा मानना ​​है।'

गौरतलब है कि एक जुलाई से दिल्ली में 15 वर्ष से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 वर्ष से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों में ईंधन भरने पर रोक लगा दी गई है। आदेश के मुताबिक तय अवधि पार कर चुके चार पहिया वाहनों पर 10,000 रुपये और दो पहिया वाहनों पर 5,000 रुपये का जुर्माना शामिल है, साथ ही संभावित जब्ती और गाड़ी उठाकर ले जाने का शुल्क भी देना होगा।

आप भी कर रही विरोध
रेखा गुप्ता सरकार के इस फैसले का विपक्षी पार्टी 'आप'भी विरोध कर रही है। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को सरकार के हालिया आदेश को ‘मध्यम वर्ग पर एक और हमला’ करार दिया। सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा सरकार ने दिल्ली की सड़कों से 61 लाख वाहनों को हटाने का अत्याचारी आदेश जारी किया है। यह शासन नहीं, यह ‘फुलेरा की पंचायत’ है। जिन परिवारों ने अपने वाहनों का ध्यान रखा है, उन्हें अब दंडित किया जा रहा है। यहां तक ​​कि जो वाहन 10,000 किलोमीटर से भी कम चले हैं, उन्हें भी अयोग्य माना जा रहा है।'

 

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