samacharsecretary.com

रॉबर्ट रेडफोर्ड नहीं रहे, 89 की उम्र में हॉलीवुड ने खोया अपना ‘गोल्डन बॉय’

लंदन 

हॉलीवुड जगत से एक दुखद खबर आ रही है. मशहूर अभिनेता और निर्देशक रॉबर्ट रेडफोर्ड का निधन हो गया है. उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली. रॉबर्ट को हॉलीवुड का 'गोल्डन बॉय' कहा जाता था. उन्होंने अपने लंबे फिल्मी करियर में कई यादगार और बेहतरीन फिल्में दीं.

गोल्डन बॉय के नाम से मशहूर थे 

रॉबर्ट रेडफोर्ड ने 1960 के दशक में फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. उनकी सबसे पॉपुलर फिल्मों में 'बुच कैसिडी एंड द सनडांस किड', 'ऑल द प्रेसीडेंट्स मेन' और 'द स्टिंग' शामिल हैं. उनके खास बाल और मासूम मुस्कान ने उन्हें दर्शकों का पसंदीदा बना दिया. वे 1970 के दशक तक हॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में शुमार थे.

निर्देशन की दुनिया में भी रेडफोर्ड ने कमाल किया. उनकी फिल्म 'ऑर्डिनरी पीपल' ने 1980 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का ऑस्कर पुरस्कार जीता. इसके अलावा उन्होंने 'ए रिवर रन थ्रू इट' जैसी संवेदनशील फिल्मों का निर्देशन किया.

दो बार जीता ऑस्कर

रॉबर्ट रेडफोर्ड दुनिया के सबसे बड़े सम्मान ऑस्कर अवॉर्ड से भी नवाजे जा चुके हैं. ये अवॉर्ड उन्हें फिल्म "आउट ऑफ अफ्रीका" के लिए मिला था, जिसमें रेडफोर्ड ने मेर्ल स्ट्रीप के साथ लीड रोल निभाया था. इस फिल्म में उनका किरदार काफी यादगार था, जिसने उन्हें और भी लोकप्रिय बनाया.

इसके अलावा, रॉबर्ट रेडफोर्ड ने 1980 में अपनी डायरेक्शन के लिए भी ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त किया था. उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार उनकी फिल्म "ऑर्डिनरी पीपल" के लिए मिला था.

इंडस्ट्री से बना ली थी दूरी

हालांकि रेडफोर्ड ने 2018 में अभिनय से संन्यास लेने की घोषणा कर फैंस को निराश कर दिया था. एक्टर ने 2016 में कहा था कि वो "एक्टिंग से थक चुके हैं".

रेडफोर्ड ने सनडांस इंस्टीट्यूट की स्थापना करके स्वतंत्र फिल्मकारों को मंच दिया. यह संस्था बाद में सनडांस फिल्म फेस्टिवल के रूप में विकसित हुई, जो आज दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक है. उन्हें "इंडी सिनेमा का गॉडफादर" कहा जाता है.

सिनेमा के अलावा, रेडफोर्ड पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक्टिव रहे. उन्होंने यूटा के प्राकृतिक सौंदर्य को बचाने के लिए कई अभियानों का नेतृत्व किया. रॉबर्ट रेडफोर्ड की मौत से फिल्म जगत में एक बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन उनकी कला और सामाजिक योगदान हमेशा याद रखे जाएंगे.

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here