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राज्य सरकार का बड़ा फैसला: अरुण चतुर्वेदी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा और विशेष अधिकार

जयपुर

राजस्थान राज्य वित्त आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा दिया है और इस बारे में मंत्रिमंडल सचिवालय ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। अब चतुर्वेदी को कैबिनेट मंत्री के समकक्ष वेतन, भत्ते और अन्य सभी सुविधाएं मिलेंगी।

कैबिनेट सचिवालय के आदेश के अनुसार राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को कैबिनेट स्तर का दर्जा दे दिया गया है। ओंकारसिंह लखावत के बाद उन्हें ही कैबिनेट स्तर का दर्जा मिला है। मंत्री का दर्जा मिलने के बाद उन्हें अब प्रतिमाह 65,000 रुपये वेतन के साथ 55,000 रुपये भत्ते के रूप में दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त उन्हें 2,000 प्रतिदिन के हिसाब से दैनिक भत्ता मिलेगा, जो अधिकतम 180 दिन के लिए देय होगा। चतुर्वेदी को सरकारी टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल, ब्रॉडबैंड और इंटरनेट के लिए 10,000 प्रतिमाह की राशि दी जाएगी।

हालांकि राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष को हर बार मंत्री का दर्जा दिया जाता है। पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में ज्योति किरण को राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष के तौर पर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। वहीं पिछले गहलोत सरकार में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष के तौर पर पूर्व वित्तमंत्री प्रद्युम्न सिंह को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। राजस्थान की मौजूदा भजनलाल सरकार को भी डेढ़ साल से ज्यादा हो गया, लेकिन अब तक 8 बोर्ड आयोगों में ही अध्यक्ष पद दिए गए हैं। पिछली सरकार में भी करीब 80 बोर्ड आयोगों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाए गए थे। नियुक्तियों का सिलसिला चुनाव आचार संहिता लगने तक जारी रहा और इनमें से कई तो पदभार ही ग्रहण नहीं कर सके।

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