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इंदौर :DAVV बनाएगा छात्र जानकारी का ऑनलाइन डेटाबेस, 1990–2020 तक की मार्कशीट तुरंत डाउनलोड करें

 इंदौर  देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) अब अपने 50 साल पुराने शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल स्वरूप में संरक्षित करने जा रहा है। यह कदम विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। इस परियोजना के पहले चरण में वर्ष 1970 से लेकर 2020 तक के विद्यार्थियों की अंकसूचियों (Mark Sheets), डिग्रियों और टेबुलेशन चार्ट्स (Tabulation Charts) को डिजिटलाइज किया जाएगा। रिकॉर्ड विश्वविद्यालय के बाहर नहीं भेजे जाएंगे विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी गोपनीय दस्तावेज को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर नहीं भेजा जाएगा। इसके लिए आरएनटी मार्ग स्थित नालंदा परिसर में ही संबंधित आईटी कंपनी का कार्यालय स्थापित किया जा रहा है। यह कंपनी डिजिटलीकरण का सारा कार्य विश्वविद्यालय परिसर में ही करेगी। पुराने दस्तावेजों की हालत खराब डीएवीवी की स्थापना 1964 में हुई थी और वर्षों से जमा रिकॉर्ड अब जर्जर होने लगा है। कई दस्तावेजों में दीमक लग चुकी है, टेबुलेशन चार्ट्स क्षतिग्रस्त हो गए हैं और जगह की भी कमी हो रही है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने डिजिटल संरक्षा की दिशा में कदम बढ़ाया है। 50 सालों में लाखों छात्रों का रिकॉर्ड 1970 से 2020 तक विश्वविद्यालय से लाखों छात्रों ने स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम, एमएससी, बीबीए आदि पाठ्यक्रमों के छात्रों का पूरा डेटा अब डिजी-लॉकर (DigiLocker) में संरक्षित किया जाएगा। साल 2018 से चल रही थी तैयारी वर्ष 2018 में ही विश्वविद्यालय ने इस दिशा में पहल की थी। राजभवन द्वारा एक समिति बनाई गई थी जिसमें कई विश्वविद्यालयों के अधिकारी शामिल थे। कई सॉफ्टवेयर कंपनियों ने अपनी प्रस्तुतियां दी थीं, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते प्रक्रिया धीमी हो गई। अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग ने डेटा डिजिटलीकरण को अनिवार्य किया है। 80 हजार छात्रों का डेटा पहले से ऑनलाइन वर्तमान में DAVV ने सत्र 2023-24 में स्नातक अंतिम वर्ष के 80 हजार छात्रों का डेटा पहले ही ऑनलाइन कर दिया है। अब यह काम पुराने रिकार्ड्स तक भी विस्तार पा रहा है। 10 महीनों में पूरा होगा कार्य आईटी कंपनी को रिकॉर्ड डिजिटलीकरण के लिए 10 महीनों की डेडलाइन दी गई है। कार्य पूरा होने के बाद डेटा विशेष सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा, जिसे कभी भी कर्मचारी या संबंधित विभाग देख सकेंगे। इससे न केवल प्रशासन को सुविधा होगी, बल्कि छात्रों को भी भविष्य में दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ने पर तुरंत लाभ मिलेगा। डॉ. राकेश सिंघई, कुलगुरु, डीएवीवी ने बताया कि विश्वविद्यालय पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ इस कार्य को शीघ्र पूरा करेगा।

DAVV में CUET PG के जरिए प्रवेश की प्रक्रिया के पहले चरण में 977 सीटें खाली रह गई, मिलेगा दूसरा मौका

 इंदौर  देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के अध्ययनशालाओं में CUET PG के जरिए प्रवेश की प्रक्रिया के पहले चरण में कम विद्यार्थियों की भागीदारी के चलते 24 सिलेबस में 977 सीटें खाली रह गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब दूसरे चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें 1300 से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। दूसरे चरण के लिए 11 जुलाई से चॉइस फिलिंग की जाएगी, जो 15 जुलाई तक चलेगी। पहले चरण में कम रही भागीदारी CUET PG परीक्षा में करीब 86,000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था, लेकिन DAVV में काउंसलिंग के पहले चरण में केवल 1450 विद्यार्थियों ने आवेदन किया। इनमें से केवल 465 विद्यार्थियों ने दस्तावेज सत्यापन कराया और 6 जुलाई तक फीस जमा की। यह आंकड़ा विश्वविद्यालय की 1435 सीटों में केवल 45 से 51 प्रतिशत ही भरने में सफल रहा। मेजर कोर्सेस में भी सीटें खाली विशेष रूप से MBA कोर्सेस में कम उपस्थिति ने विभागों की चिंता बढ़ा दी है। MBA ई-कॉमर्स, मीडिया मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट, टूरिज्म, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे कोर्स में 42 से 69 तक सीटें खाली हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि अब दूसरे चरण से उन्हें सीट भरने की उम्मीद है। कोर्सवार रिक्त सीटें इस प्रकार हैं- सिलेबस खाली सीटें     MBA मीडिया मैनेजमेंट 41 ई-कॉमर्स 42 फाइनेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन 44 ह्यूमन रिसोर्स 69 मार्केटिंग मैनेजमेंट 59 एडवरटाइजिंग और PR 37 टूरिज्म 36 फारेन ट्रेड 46 बिजनेस एनालिसिस 30 इंटरनेशनल बिजनेस 50 हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन 48 एमए राजनीति शास्त्र 40 एमए इतिहास 48 एमए भूगोल 50 एमए क्लिनिकल साइकोलॉजी 42 LLM 27 (अन्य कोर्स की सीटें भी रिक्त हैं) दूसरे चरण की जरूरी डेट कंप्लीट रजिस्ट्रेशन: 1300 विद्यार्थी चॉइस फिलिंग शुरू: 11 जुलाई अंतिम तिथि: 15 जुलाई पहले चरण के 1000 विद्यार्थी भी अपनी पसंद के कोर्स दोबारा भर सकेंगे।