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फिरकी के जाल में फंसे कैरेबियाई बल्लेबाज, कुलदीप यादव ने मैच पलटा भारत के हक में

नई दिल्ली इंडिया वर्सेस वेस्टइंडीज दूसरा टेस्ट दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में जारी है। जॉन कैम्पबेल के बाद शे होप ने शतक जड़ दिया है। उनके बल्ले से 8 साल बाद शतक निकला है। इसी के साथ वेस्टइंडीज ने भारत पर लीड भी हासिल कर ली है। चौथे दिन का पहला सेशन वेस्टइंडीज के नाम रहा। यह इस सीरीज का पहला सेशन है जो वेस्टइंडीज ने जीता है। दिन के पहले घंटे में ही जॉन कैम्पबेल ने शतक जड़ा। वह 23 साल बाद भारत में शतक जड़ने वाले वेस्टइंडीज के पहले ओपनर बने। यह उनके करियर का भी पहला शतक है। इस सेशन में वेस्टइंडीज ने एक ही विकेट गंवाया। वेस्टइंडीज का स्कोर 300 के पार ग्रीव्स ने मोहम्मद सिराज को चौका लगा वेस्टइंडीज का स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया है। वेस्टइंडीज क्या यहां से 400 तक पहुंच पाएगा? उनकी बैटिंग को देख यह काम थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है। कुलदीप यादव का कहर कुलदीप यादव ने पीयर को अपने जाल में फंसा वेस्टइंडीज को 7वां झटका दे दिया है। वेस्टइंडीज की टीम अब लड़खड़ाती हुई दिख रही है। उनके पास अभी 28 रनों की ही बढ़त है।

IND vs WI: कुलदीप यादव ने पांच विकेट लेकर दिल्ली में मचाई धूम, बनाया बड़ा रिकॉर्ड

नई दिल्ली  भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज जारी है। सीरीज का पहला मैच जीत चुकी टीम इंडिया अब दूसरा मैच भी जीतने के करीब है। भारत के पहली पारी में बनाए 518 रनों के जवाब में वेस्टइंडीज की पहली पारी सिर्फ 248 रनों पर सिमट गई। इस तरह भारत को पहली पारी में 270 रनों की भारी-भरकम बढ़त हासिल हुई। वेस्टइंडीज को सस्ते में समेटने में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव की अहम भूमिका रही, जिन्होंने अपनी फिरकी का दम दिखाते हुए पांच विकेट झटके। वेस्टइंडीज के खिलाफ कुलदीप का शानदार प्रदर्शन उनके अलावा दिग्गज ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को तीन जबकि जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज को एक-एक विकेट मिला। कुलदीप का यह वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथा टेस्ट मैच है जिसमें वह अभी तक 19 विकेट चटका चुके हैं। सिर्फ टेस्ट ही नहीं, बल्कि वनडे और टी-20 इंटरनेशनल में भी कुलदीप ने वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है। कुलदीप ने की जॉनी वार्डले की बराबरी अपने इस 'पंजे' के साथ वह बाएं हाथ के कलाई के स्पिनरों में सबसे ज्यादा बार पांच विकेट हॉल लेने के मामले में इंग्लैंड के जॉनी वार्डले के साथ संयुक्त रूप से पहले नंबर पर हैं। जहां वार्डले ने 28 टेस्ट मैचों में यह काम किया था। वहीं कुलदीप ने पांच 15 मैच लिए हैं। इन दोनों के बाद साउथ अफ्रीका के पॉल एडम्स हैं जिन्होंने 45 मैचों में चार बार फाइव विकेट हॉल लिया है।

प्रदर्शन पर फोकस: कुलदीप यादव ने बताई टीम में टिके रहने की शर्त

दुबई इंग्लैंड में दो महीने तक बेंच पर बैठे रहने के दौरान भारत की एकादश में जगह नहीं बना पाने के लिए किसी पर भी दोष मढ़ना आसान होता, लेकिन कुलदीप यादव ने मुश्किल रास्ता चुना। इन दिनों बल्लेबाजी करने वाले स्पिनरों का चलन है, लेकिन कुलदीप की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं और वह अपने सिद्धांत से विचलित नहीं होंगे। कुलदीप ने आज कहा कि अगर मैं किसी भी टीम में खेलूंगा तो एक (विशेषज्ञ) गेंदबाज के रूप में खेलूंगा। मेरा काम विकेट लेना है। अगर मैं विकेट नहीं लूंगा तो मेरे लिए कोई जगह नहीं होगी। यह समझना बहुत जरूरी है कि जब आप सिर्फ गेंदबाज के रूप में खेलते हैं तो आपका काम टीम के लिए विकेट लेना होता है। मौजूदा समय में भारत के सबसे बहुमुखी स्पिनर माने जाने वाले कानपुर के इस खिलाड़ी ने स्पष्ट किया कि वह खुद को एक गेंदबाजी ऑलराउंडर में बदलने की कोशिश करके चीजों को जटिल नहीं करना चाहते। मौके मिलने से पहले अपने कौशल पर काम करना, अपनी फिटनेस में सुधार करना और अपनी गेंदबाजी के समय को बढ़ाना पसंद किया। इसका फायदा यह हुआ कि बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर को एशिया कप के शुरुआती दो मैच में लगातार दो बार मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ तीन विकेट भी चटकाए। क्या मुख्य कोच गौतम गंभीर की ओर से कोई स्पष्ट संदेश था यह पूछे जाने पर कुलदीप ने कहा कि स्पष्ट संदेश था। कभी-कभी तीन-चार मैचों में मुझे लगा कि मैं खेल सकता हूं लेकिन दुर्भाग्य से मैं नहीं खेल पाया। ओमान के खिलाफ भारत के अंतिम ग्रुप लीग मैच से पहले कुलदीप ने कहा, ‘‘गौती भाई (गंभीर) बहुत स्पष्ट थे। कभी-कभी मुझे लगता था कि मैं खेल सकता हूं, लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि बल्लेबाजी संयोजन के कारण मैं नहीं खेल पाया। कुलदीप के ब्रिटेन में बिताए दो महीने नए कौशल सीखने और कुछ नए गुर सीखने में बीते। कुलदीप अपनी गेंदबाजी के भी आलोचक हैं। उन्हें नहीं लगता कि वह अब भी अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन कर पा रहे हैं, भले ही उनका टी20 अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड प्रभावशाली है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं उतनी अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं। मुझे लगता है कि मैं सुधार कर सकता हूं और बेहतर बन सकता हूं। कभी-कभी इस प्रारूप में आप बल्लेबाज को समझने में गलती कर देते हैं। जब आप किसी टीम पर दबदबा बनाते हैं और छोटी-छोटी गलतियां करते हैं तो आप उन पर ध्यान नहीं देते। आपको लगता है कि आपने गलती की है। मुझे अब भी इस पर काम करना है। मुझे लगता है कि मुझे गेंदबाजी में और मेहनत करने की ज़रूरत है क्योंकि और भी प्रारूप हैं।