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मैहर धाम में नवरात्र की धूम, मां शारदा के दर्शन कर चुके 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु

मैहर  मां शारदा धाम मैहर में चल रहे शारदेय नवरात्र महोत्सव में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब लगातार उमड़ रहा है। पहले दिन मां शारदा के दर्शन हेतु लगभग 1 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। दूसरे दिन यह संख्या बढ़कर 95 हजार तक जा पहुंची। तीसरे दिन श्रद्धालुओं का जोश और बढ़ा और करीब 1 लाख 25 हजार भक्तों ने माता के दरबार में मत्था टेका। इसी कड़ी में आज चतुर्थी तिथि (गुरुवार, 25 सितंबर 2025) को भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। प्रातः 12 बजे तक 72,639 श्रद्धालु माता के दर्शन कर चुके हैं और अनुमान है कि दिनभर में यह संख्या 1 लाख से अधिक तक पहुंच सकती है। मेला क्षेत्र में जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं को सुचारू दर्शन के लिए बैरिकेडिंग, कतार प्रबंधन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही महिला सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। नवरात्र के प्रत्येक दिन की तरह आज भी माता के अलग-अलग स्वरूप की पूजा हो रही है     प्रथम दिवस (प्रतिपदा) पर माता शैलपुत्री की आराधना हुई।     द्वितीय दिवस (द्वितीया) पर ब्रह्मचारिणी माता की पूजा-अर्चना की गई।     तृतीय दिवस (तृतीया) पर मां चंद्रघंटा का शृंगार और दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हुए।     चतुर्थ दिवस (चतुर्थी) पर आज भक्त माँ कूष्मांडा की उपासना कर रहे हैं। नवरात्र के इन पावन दिनों में मां शारदा की नगरी पूरी तरह भक्तिमय वातावरण से सराबोर है। मंदिर प्रांगण से लेकर पूरे मैहर नगर तक 'जय मां शारदा' के जयकारों से गूंज रहा है। मैहर की मां शारदा माता के दर्शन करने पहुंची एक लड़की की अचानक तबियत बिगड़ गई, तभी मौके पर मौजूद सीएसपी महेंद्र सिंह ने तत्काल स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराई है। प्राथमिक उपचार के बाद लड़की स्वस्थ हो गई।  

मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में करें ये नियम पालन

शारदीय नवरात्र का पावन पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए समर्पित है. हर साल पूरे देश में यह नवरात्र उत्साह और भक्ति के साथ मनाए जाते हैं. इस साल शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं. इन नौ दिनों के दौरान भक्त माता की पूजा, हवन, भजन, कीर्तन और ध्यान में लीन रहते हैं. धार्मिक परंपराओं के अनुसार, नवरात्र में कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्र के नियमों के बारे में. तय समय पर पूजा करें धार्मिक मान्यता है कि माता दुर्गा की पूजा हमेशा एक ही समय पर करनी चाहिए. यह समय सुबह के सूर्योदय के आसपास या शाम को संध्या समय में हो सकता है. नियमित समय पर पूजा करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. अखंड ज्योति हमेशा जलती रहे यदि आपने  नवरात्र के दौरान घर में अखंड ज्योति जलाई है, तो उसे नवरात्र के पूरे नौ दिनों तक लगातार जलती रखना चाहिए. मान्यता है कि यदि ज्योति बुझ जाए, तो यह अशुभ संकेत माना जाता है. मान्यता है कि अखंड ज्योति को जलाने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.  सही दिन, सही देवी को भोग अर्पित करें नवरात्र के प्रत्येक दिन माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा होती है. इसलिए उस दिन की देवी के अनुसार भोग, फल, फूल और मिठाई अर्पित करना चाहिए. सही दिन पर सही देवी को भोग अर्पित करने से पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. जरूर करें कन्या पूजन नवरात्र में कन्या पूजन अष्टमी या नवमी तिथि पर नौ कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनका पूजन होता है. इससे घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है. मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और जीवन में मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं.