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कृषि विभाग हुआ सतर्क, पराली जलाने वालों के लिए हर जिले में अलग नोडल अधिकारी

सिरसा  हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को योजनाएं दी जा रही है, जिसका लाभ अब किसान उठाने लगे हैं। यही कारण है कि सिरसा जिले में इस बार पराली के अवशेष जलाने की घटनाओं में बहुत कमी देखने को मिली है। सिरसा जिले के कुछ जगहों को छोड़कर इस बार पराली के अवशेष न जलाकर किसान गांठे बनवा रहे हैं और सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। सिरसा कृषि उपनिदेशक डॉक्टर सुखदेव कंबोज ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस बार किसान पराली के अवशेष न जलाकर उसकी गांठ बनवा रहे हैं और उन्हें बेचकर मुनाफा भी कमा रहे हैं और सरकार की योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं।  मीडिया से बातचीत करते हुए कृषि उप निदेशक डॉक्टर सुखदेव कम्बोज ने बताया कि सिरसा जिले में इस बार किसानों को जागरूक करने के लिए विभाग की ओर से अलग-अलग जगह पर अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूलों में एक और जहां जागरूकता रैलियां निकाल किसानों और ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है तो वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी धरातल पर उतरकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। यही कारण है कि इस बार पिछले सालों के मुकाबले कम मामले सामने आए हैं। कृषि उप निदेशक ने बताया कि सिरसा जिले में इस बार 3,91,000 हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है, जिसकी अब तक लगभग 25 प्रतिशत तक कटाई की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की अलग-अलग गांव में ड्यूटी भी लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर ग्रीन और येलो एरिया में हर 50 किसानों पर एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। वहीं, ग्रीन जोन ग्रामीण स्तर पर हर 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है और गांव में टीमों की ओर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है और किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है।  पराली जलाने पर 5 किसानों पर FIR  उन्होंने बताया कि इसको लेकर किसान जागरूक भी हुए हैं लेकिन कुछ किसानों द्वारा एक-दो स्थानों पर आगजनी की सूचना मिलने पर अभी तक कुल पांच किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है और उन पर ₹25000 जुर्माना भी किया गया है साथ ही उन किसानों की रेड एंट्री की गई है, जिससे वह किसान सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का लाभ न ले सके। उन्होंने बताया कि इस बार जिन किसानों ने फसल के अवशेष जलाए हैं। उनकी रेड एंट्री पंजीकरण पर हुई है जिससे किसान सरकार की योजनाओं का लाभ दो साल तक नहीं उठा पाएंगे।  किसानों से की ये अपील उप निदेशक ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अभी 75% धान की कटाई बाकी है किसान पराली के अवशेष न जलाकर सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का लाभ अवश्य उठाएं। फसल के अवशेष आसानी से बेच सकते हैं इस बार धान के अवशेषों की मांग ज्यादा है और 175 रुपए से लेकर ₹200 पराली बिक रही है।