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तुलसी-शमी का पौधा लगाने के वास्तु नियम: दूर होंगी जीवन की हर बाधा

भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा में पेड़-पौधों को एक विशेष स्थान दिया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ पौधों को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि आती है। इन्हीं में से दो प्रमुख पौधे हैं तुलसी और शमी। दोनों का ही धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत गहरा है। माना जाता है कि इन्हें सही दिशा में और सही तरीके से लगाने से जीवन की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। आइए जानते हैं तुलसी और शमी के पौधे से जुड़े वास्तु टिप्स और उनके फायदों के बारे में। तुलसी का पौधा तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इसे मां लक्ष्मी का रूप माना गया है और लगभग हर भारतीय घर में इसे देखा जा सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा घर के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है। तुलसी लगाने की सही दिशा वास्तु के अनुसार, तुलसी का पौधा हमेशा घर के ईशान कोण या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। यह दिशा देवताओं की मानी जाती है, जिससे शुभ फल मिलते हैं। यदि संभव न हो तो इसे पूर्व दिशा में भी लगाया जा सकता है। शमी का पौधा शमी का पौधा भी भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। इसे शनि देव से जोड़ा जाता है और माना जाता है कि इसे घर में लगाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। शमी को विजयदशमी के दिन पूजने की भी परंपरा है क्योंकि इसे शुभता और विजय का प्रतीक माना गया है। शमी लगाने की सही दिशा वास्तु शास्त्र के अनुसार, शमी का पौधा घर के बाहर मुख्य द्वार के पास लगाना चाहिए। इसे लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जब आप घर से बाहर निकलें तो यह पौधा आपके बाईं ओर पड़े। अगर घर के बाहर जगह नहीं है, तो इसे छत पर दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) या पश्चिम दिशा में भी लगा सकते हैं। इसे घर के अंदर लगाने से बचें। तुलसी और शमी को एक साथ लगाने के नियम तुलसी और शमी के पौधों को कभी भी एक ही गमले में नहीं लगाना चाहिए। दोनों को अलग-अलग गमलों में रखें। दोनों पौधों को पास-पास लगाया जा सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ये एक-दूसरे से सटे हुए न हों।  तुलसी को प्रतिदिन जल अर्पित करें और संध्या काल में उसके पास दीपक जलाएं। शमी के पौधे के नीचे शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

ट्रोलिंग पर मोहम्मद शमी का करारा जवाब, उठाया मुस्लिम क्रिकेटरों का मुद्दा

नई दिल्ली तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में खेल और अपनी जिंदगी से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए हैं। इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या ट्रोल मुस्लिम क्रिकेटरों को सबसे ज्यादा टारगेट करते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी बातों पर वह ध्यान ही नहीं देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही टिप्पणियां मिलती हैं। मीडिया बातचीत में शमी ने कहा, 'मैं इस तरह की ट्रोलिंग पर ध्यान ही नहीं देता। मुझे एक काम दिया गया है। मैं मशीन नहीं हूं। अगर मैं पूरे साल कड़ी मेहनत करता हूं तो कभी-कभी मैं नाकाम भी होऊंगा, कभी-कभी कामयाब भी। यह तो लोगों के ऊपर है कि उसे कैसे ले रहे हैं।' शमी ने आगे कहा, ‘जब आप अपने देश के लिए खेल रहे होते हैं तब आप सब कुछ भूल जाते हैं। आपके लिए विकेट लेना और मैच जीतना ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। मैं वैसे मौकों पर सोशल मीडिया पर नहीं जाना चाहता। आपको पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों ही कॉमेंट्स मिलेंगे। जब आप खेल रहे हैं तो आपको ऐसी चीजों से बहुत दूरी बनाकर रहने की जरूरत है।’ शमी ने आगे कहा, 'हम सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। टोल्स को तो सिर्फ 2 लाइन टाइप करना होता है। सच्चा फैन कभी भी इस तरह की चीजें नहीं करेगा। अगर आपको कुछ आपत्तियां हैं तो उन्हें उठाइए- लेकिन सम्मानपूर्वक। अगर आपको लगता है कि आप मुझसे बेहतर कर सकते हैं तो प्लीज आइए और कोशिश कीजिए। यह तो हमेशा खुला हुआ है।' मोहम्मद शमी एक चैंपियन गेंदबाज हैं। वह 2023 के वनडे वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। इसी तरह इस साल चैंपियंस ट्रॉफी में भी वह 9 विकेट के साथ संयुक्त रूप से भारत के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उनके नाम वनडे और टेस्ट दोनों में ही 200 से ज्यादा विकेट दर्ज हैं। इतने शानदार रिकॉर्ड के बावजूद वह ट्रोल्स का निशाना बने थे। 2021 के टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के हाथों हार के बाद सोशल मीडिया पर ट्रोल्स ने उन्हें बुरी तरह ट्रोल किया था। कुछ पोस्ट में उनके खिलाफ 'गद्दार' और 'देशविरोधी' जैसी निहायत ही शर्मनाक टिप्पणियां की गई थीं।