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शरद पूर्णिमा कल! जानें पूजा के सही तरीके, आरती और शुभ समय

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं, इस वर्ष 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को है। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन चंद्र देव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ पूर्ण रूप से प्रकाशित होता है, जिससे अमृतमयी चांदनी पृथ्वी पर बरसती है। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष स्थान है। मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो भक्त जागकर उनकी पूजा करते हैं, उन्हें समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, यह दिन भगवान श्री कृष्ण के रास लीला के लिए भी प्रसिद्ध है। इसी दिन उन्होंने इस गोपियों के साथ रास रचाया था। तिथि और शुभ मुहूर्त पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 06, 2025 को 12:23 पी एम बजे पूर्णिमा तिथि समाप्त – अक्टूबर 07, 2025 को 09:16 ए एम बजे शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय – 05:47 पी एम पूजा का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त 04:53 ए एम से 05:42 ए एम अभिजित मुहूर्त 12:03 पी एम से 12:50 पी एम विजय मुहूर्त 02:25 पी एम से 03:13 पी एम गोधूलि मुहूर्त 06:23 पी एम से 06:47 पी एम अमृत काल 11:40 पी एम से 01:07 ए एम, अक्टूबर 07 निशिता मुहूर्त 12:02 ए एम, अक्टूबर 07 से पूजा विधि स्नान और शुद्धता: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मंदिर या पूजास्थल की सफाई: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और दीपक लगाएं। पंचोपचार पूजन: चंदन, दीपक, धूप, नैवेद्य और पुष्प अर्पित करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। रात्रि में चंद्र देव की पूजा: चंद्र देव को जल, दूध और अक्षत अर्पित करें। खीर अर्पण: रात्रि में खीर को चांदनी में रखें और अगले दिन उसे देवी लक्ष्मी को अर्पित करें। आरती और भोग: आरती करने के बाद भगवान को भोग अर्पित करें और प्रसाद वितरण करें। चंद्र देव की पूजा और अर्घ्य विधि चंद्र देव को जल, दूध और अक्षत अर्पित करें। माला फेरते हुए "ॐ सोम सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें। चंद्र देव को खीर अर्पित करें। उपाय और व्रत इस दिन व्रत रखें और रातभर जागरण करें। गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें। चांदी की कटोरी में खीर रखें और चांदनी रात में रखें। मंत्र- माँ लक्ष्मी के मंत्र "ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्" का जाप करें। स्वास्थ्य लाभ- शरद पूर्णिमा की रात की चांदनी को आयुर्वेद में औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है, जो विशेषकर अस्थमा जैसी बीमारियों के उपचार में उपयोगी होती है। इस दिन चांदनी में रखी खीर को रोगियों विशेषकर अस्थमा से पीड़ित लोगों को खिलाना अत्यंत लाभकारी माना गया है।

शरद पूर्णिमा पर खीर खाने की परंपरा: सेहत के लिए जानें 5 अद्भुत फायदे

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा 2025 का त्योहार मनाया जाता है। इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को पड़ रही है। शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि ऐसा करने से खीर में अमृत के सामान गुण शामिल हो जाते हैं। इस गुण का सेवन करने से व्यक्ति को सेहत से जुड़े कई लाभ मिलते हैं। आइए जानते है शरद पूर्णिमा की खीर से जुड़े धार्मिक और सेहत से जुड़े कई कारण। शरद पूर्णिमा की खीर से जुड़ा धार्मिक महत्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में चांदनी रात में महारास किया था। जिससे प्रसन्‍न होकर चंद्रमा ने अमृत वर्षा की थी। मान्‍यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं। यही वजह है कि शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में खीर रखने से उसमें अमृत घुल जाता है। इसके अलावा शरद पूर्णिमा यानी कि मां लक्ष्‍मी के जन्‍मोत्‍सव पर उन्हें उनकी प्रिय खीर का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में खाने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर आशीर्वाद प्रदान करती हैं। शरद पूर्णिमा की खीर खाने से सेहत को मिलते हैं ये फायदे मजबूत पाचन तंत्र खीर में मौजूद दूध और चावल हल्के और सुपाच्य होते हैं, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखते हैं। दरअसल, दूध में मौजूद लैक्टोज और प्रोटीन, पेट को शांत रखते हैं और चावल में मौजूद स्टार्च आसानी से पचकर कब्ज या अपच जैसी समस्याओं को दूर रखता है। प्रतिरक्षा प्रणाली रखें अच्छी खीर में डाले जाने वाले मेवे जैसे बादाम, काजू, पिस्ता और केसर इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं। बता दें, मेवों में मौजूद विटामिन ई, जिंक और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखते हैं। जबकि केसर में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। एनर्जी खीर एक हाई एनर्जी फूड है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देती है। खीर बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले चावल में कार्बोहाइड्रेट और दूध में प्रोटीन और फैट होता है, जो शरीर को ताकत और ऊर्जा देता है। चीनी तुरंत ग्लूकोज प्रदान करती है, जिससे थकान कम होती है। त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद खीर में मौजूद दूध और मेवे त्वचा को ग्लोइंग और बालों को मजबूत बनाते हैं। दूध में मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन त्वचा को पोषण देते हैं, जबकि मेवों में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई त्वचा को नमी और बालों को मजबूती प्रदान करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य में सुधार खीर का सेवन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। दूध में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे मूड बेहतर होता है। केसर भी मूड को बेहतर करने और अवसाद को कम करने में मदद करता है।