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ध्यान भटकाने की कोशिश! तिलक वर्मा ने बताया पाकिस्तानी खिलाड़ियों के अजीब व्यवहार का सच

हैदराबाद एशिया कप 2025 में खिताबी मुकाबले के हीरो तिलक वर्मा ने खुलासा किया है कि फाइनल के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ी उनका ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे। भारत-पाकिस्तान मुकाबले के हाई-वोल्टेज माहौल पर तिलक ने वर्मा मंगलवार को पत्रकारों से कहा, “पाकिस्तान हमेशा खिलाड़ियों का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था, तब बहुत सी बातें हुईं, लेकिन मैं आपको कैमरे पर नहीं बता सकता। भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबलों में ऐसा होता है। हम खेल के बीच में बहुत कुछ कह देते हैं, लेकिन असली जवाब तब मिलता है, जब आप मैच जीतते हैं। मुझे यही करना था। मैंने यही किया।” इस खिलाड़ी ने बताया कि तनावपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए दबाव में शांत रहना पड़ा। बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने खुद को याद दिलाया कि वह 140 करोड़ लोगों के लिए बल्लेबाजी कर रहे थे। तिलक वर्मा ने कहा, “मैं बहुत दबाव और घबराहट में था। मेरे दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। मेरे दिल और दिमाग में सिर्फ यही था कि मैं जो भी करूं, देश के लिए अपनी जान लगा दूं। अगर दबाव में आकर असफल हो जाऊं, तो यह सिर्फ मेरी नाकामी नहीं होगी, बल्कि 140 करोड़ लोगों को निराश करने जैसा होगा। ऐसा करने के लिए, मुझे शांत रहना था। बचपन से ही मैंने बुनियादी बातें सीखी हैं। यह आदत भी रही है कि शांत रहकर दिमाग में जो है, उसे पूरी तरह अमल में लाऊं।” फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम महज 20 रन तक अपने 3 विकेट गंवा चुकी थी। यहां से तिलक वर्मा ने संजू सैमसन और शिवम दुबे के साथ शानदार साझेदारियां करते हुए भारत को जीत दिलाई। तिलक को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ भी चुना गया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने स्वीकारा है कि मुकाबले के दौरान स्थिति तनावपूर्ण थी। उन्होंने कहा, “पहले तीन विकेट गिरने पर काफी दबाव था। उसके बाद स्थिति और भी मुश्किल होती गई। उस समय मैं बल्लेबाजी कर रहा था। मुझ पर काफी दबाव था। अगर मैं एक और गलत शॉट खेलता, तो टीम हार सकती थी। इसलिए मैंने खुद से कहा, “मुझे शांत रहना है, बुनियादी बातों का पालन करना है और मैच के बीच में कोई जवाब नहीं देना है।” 22 वर्षीय बल्लेबाज ने शिवम दुबे के साथ पांचवें विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी करते हुए भारत को जीत की दहलीज तक पहुंचाया था। उन्होंने इस मैच जिताऊ साझेदारी का जिक्र करते हुए कहा, “यह विकेट बल्लेबाजी के लिए इतना आसान नहीं था। जैसे ही मैच में टीम की वापसी हुई, हमने साझेदारी करते हुए मैच जीत लिया। यही टीम इंडिया की खूबी है।” पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी मुकाबला जीतकर तिलक वर्मा सोमवार को हैदराबाद लौटे। शमशाबाद हवाई अड्डे पर फैंस ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद तेलंगाना खेल प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवसेना रेड्डी और प्रबंध निदेशक सोनी बाला देवी ने उन्हें सम्मानित किया।  

तिलक वर्मा के लिए ‘चक दे इंडिया’ बना करियर का खास मोड़

दुबई भारतीय बल्लेबाज तिलक वर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप फाइनल में 69 रन की नाबाद पारी को अपने कैरियर की सबसे खास पारियों में से एक बताया। तिलक के अर्धशतक की मदद से भारत ने शुरूआती झटकों से उबरते हुए पाकिस्तान को पांच विकेट से हराया। तिलक ने मैच के बाद एक घंटे विलंब से शुरू हुए पुरस्कार वितरण समारोह में ‘प्लेयर आफ द मैच’ का पुरस्कार लेने के बाद कहा, ‘‘दबाव था। उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की। मैं संयम के साथ खेलने की कोशिश कर रहा था। मेरे कैरियर की सबसे खास पारियों में से एक। चक दे इंडिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हर क्रम पर खेलने को तैयार रहते हैं। लचीलापन होना जरूरी है। मैं किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी के लिये तैयार था। मुझे अपने खेल पर भरोसा था। जब विकेट धीमे होते हैं तो मैने गौती सर से इस पर बात की है और उनके साथ काफी मेहनत की है।’’ तिलक ने अहम साझेदारियों के लिये संजू सैमसन और शिवम दुबे की भी तारीफ की। उन्होंने कहा,‘ सैमसन की शानदार पारी। दुबे ने दबाव में जिस तरह से खेला, वह टीम के लिये बहुत जरूरी था।’’ ‘प्लेयर आफ द टूर्नामेंट’ चुने गए अभिषेक शर्मा ने कहा, ‘‘विश्व कप जीतने वाली इस टीम में जगह बनाना किसी सलामी बल्लेबाज के लिये आसान नहीं था। मैने अपने खेल पर बहुत मेहनत की। कोच और कप्तान का साथ मुझे टूर्नामेंट में शुरूआत से मिला।’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अच्छा खेलता हूं तो टीम को जीतना चाहिये। कई बार आप नाकाम भी होते हो लेकिन प्रक्रिया का अनुसरण करना अहम है।’’ पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा ने कहा कि इस हार को पचाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस हार को पचाना आसान नहीं होगा। हमने बल्लेबाजी के दौरान विकेट गंवाये। गेंदबाजी अच्छी की लेकिन रन नाकाफी थे। हम स्ट्राइक रोटेट नहीं कर पाये और विकेट गिरते रहे।’’