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दीपक कहाँ जलाएँ? वास्तु के हिसाब से सही जगह जानें और पाएँ सकारात्मक ऊर्जा

दीपक (दीया) को घर में जलाना न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार यह सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सुख-शांति लाने का एक सशक्त उपाय है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में दीपक जलाना सिर्फ धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि घर में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक शक्तिशाली उपाय है। सही दिशा, सही समय और सही प्रकार का दीपक जलाकर आप अपने घर और परिवार को नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रख सकते हैं।

दीपक और सकारात्मक ऊर्जा
वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा (प्राण ऊर्जा) का संचार करता है। घर के मुख्य प्रवेश द्वार या पूजा स्थान में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा, रोग और तनाव दूर होते हैं। दीपक की लौ सकारात्मक कंपन पैदा करती है, जिससे परिवार में खुशहाली और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

घर में दीपक जलाने का सही स्थान
उत्तर और पूर्व दिशा: वास्तु अनुसार, घर के उत्तर या पूर्व दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है। यह धन, सफलता और उन्नति को आकर्षित करता है।
पूजा स्थान: मंदिर या पूजा स्थल में दीपक जलाना सर्वोत्तम माना गया है।
मुख्य द्वार के पास: घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर दीपक रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।

दीपक के प्रकार और उनका महत्व
तिल का दीपक: समृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाता है।
घी का दीपक: स्वास्थ्य, मानसिक शांति और परिवार में सौहार्द बढ़ाता है।
मिट्टी का दीपक: साधारण घरों में शुभता और सकारात्मक वातावरण के लिए उत्तम।

दीपक जलाने का समय
सुबह और संध्या: घर के उत्तर या पूर्व दिशा में दीपक सुबह और संध्या के समय जलाना शुभ होता है।
त्योहार और व्रत: देव दिवाली, कार्तिक पूर्णिमा या किसी भी धार्मिक अवसर पर दीपक जलाना अत्यंत फलदायी माना गया है।

वास्तु और आध्यात्मिक लाभ
घर में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य बढ़ता है।
परिवार में सकारात्मक संबंध और मन की शांति बनी रहती है।
नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।

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