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उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने गोवर्धन में मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेन्द्रदास जी महाराज का लिया आशीर्वाद

भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल सपरिवार सुरश्याम गौशाला, गोवर्धन पहुंचे। उन्होंने मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेन्द्रदास जी महाराज का दिव्य आध्यात्मिक सान्निध्य प्राप्त किया। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि महाराज जी के परम पावन सान्निध्य में बिताया गया प्रत्येक क्षण उनके जीवन की अमूल्य धरोहर है, जिसने उन्हें नव आध्यात्मिक चेतना से परिपूर्ण किया है। उन्होंने कहा कि पूजनीय संत समाज की कृपा से वे लोकमंगल हेतु निरंतर कार्यरत हैं। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने सुरश्याम गौशाला में गौसेवा एवं धार्मिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की और उपस्थित श्रद्धालुओं से आत्मीय संवाद किया।  

T20 लीग ने IPL स्टार को निकाला, यौन शोषण के दो गंभीर आरोप

नई दिल्ली IPL 2025 में शानदार प्रदर्शन कर सुर्खियों में आए तेज़ गेंदबाज़ यश दयाल के करियर पर अब गंभीर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दो अलग-अलग यौन शोषण के आरोपों ने न सिर्फ उनकी छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है, बल्कि अब उन्हें घरेलू क्रिकेट से भी बाहर कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (UPCA) ने कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें आगामी यूपी टी20 लीग से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। क्रिकेट बोर्ड का यह फैसला खेल की नैतिकता और अनुशासन को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। RCB की जीत के नायक, अब विवादों के घेरे में 27 वर्षीय यश दयाल ने आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ओर से खेलते हुए 15 मैचों में 13 विकेट चटकाए थे और टीम को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। उसी प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें यूपी टी20 लीग की टीम गोरखपुर लायंस ने 7 लाख रुपये में खरीदा था। लेकिन अब, कानूनी पेंच में फंसने के कारण वे टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं। दो मामलों में आरोपी, गिरफ्तारी का खतरा बरकरार यश दयाल पर पहला केस गाजियाबाद में दर्ज हुआ था, जिसमें उन पर एक युवती से शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का आरोप लगा। इसके बाद एक और बड़ा आरोप जयपुर में सामने आया, जहां एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट सांगानेर सदर थाने में दर्ज कराई गई है। राजस्थान हाई कोर्ट में दायर याचिका में यश दयाल ने गिरफ्तारी से राहत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित है।   क्रिकेट करियर खतरे में, छवि को झटका UPCA का यश दयाल को सस्पेंड करना एक साफ संकेत है कि भारतीय क्रिकेट के गलियारों में खिलाड़ियों की नैतिक जवाबदेही को अब गंभीरता से लिया जा रहा है। लीग आयोजकों का कहना है कि जब तक इन आरोपों पर अंतिम फैसला नहीं आता, तब तक वे किसी खिलाड़ी को मौका नहीं देंगे, जो विवादों में घिरा हो।

नए लोगों से बातचीत में हिचकिचाहट दूर करने के आसान तरीके

कॉन्फिडेंट पर्सनेलिटी हर किसी को अट्रैक्ट करती है। वो लोग जो हर महफिल की जान बन जाते हैं, किसी से भी आसानी से खुलकर बात कर लेते हैं और भीड़ में अपनी अलग पहचान छोड़ जाते हैं; हर कोई उनके जैसा ही बनना चाहता है। लेकिन कई लोगों के लिए ये सब तो छोड़ो, दूसरों से बात करना भी बड़ा मुश्किल होता है। अनजाने लोगों से घुलने-मिलने में इन्हें बड़ी परेशानी होती है, अपनी बात भी ये कभी खुलकर नहीं रख पाते। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो आप ठीक से समझ सकते हैं कि ऐसे लोगों के लिए नई जगह एडजस्ट करना कितना मुश्किल होता है। तो चलिए कुछ टिप्स जानते हैं, जिनकी मदद से आप लोगों के बीच कॉन्फिडेंटली अपनी बात रख पाएंगे। अजनबियों से बातचीत करना और घुलना-मिलना भी आपके लिए आसान हो जाएगा। हमेशा परफेक्ट बनने की कोशिश ना करें जब भी हम नए लोगों के बीच होते हैं तो सबसे बड़ी गलती यही करते हैं कि हमें हर चीज में परफेक्ट दिखना होता है। परफेक्ट स्माइल हो, परफेक्ट अंग्रेजी के शब्द बोलें, कहीं कुछ अजीब ना बोल दें; ऐसे कई सवाल हमारे मन में लगातार चल रहे होते हैं। इससे हम खुद पर इतना प्रेशर डाल लेते हैं कि बात बनने के बजाए बिगड़ जाती है। हम करना या कहना कुछ चाहते हैं और हो कुछ और जाता है। इसलिए किसी से बातचीत करने से पहले खुद पर फालतू के दबाव ना डालें और आराम से बात शुरू करें जैसा आप अपने किसी करीबी से करते हैं। बॉडी लैंग्वेज का ध्यान रखना है सबसे जरूरी सबसे पहला इंप्रेशन आपकी बॉडी लैंग्वेज से बनता है। इसलिए बात शुरू करने से पहले अपनी बॉडी लैंग्वेज से कॉन्फिडेंट लगने की प्रैक्टिस करें। लोगों की आंखों में आंखे डालकर बात करें, हल्का सा स्माइल करें, हंसकर ग्रीट करें। सीधा पोस्चर, खुली बाहें, चेहरे पर हल्की सी स्माइल; ये सभी बातें दिखाती हैं कि आप बहुत मिलनसार व्यक्ति हैं। ऐसे में सामने वाला भी आपके साथ फ्रेंडली हो कर बातें करता है और आप कन्वर्सेशन की अच्छी शुरुआत कर पाते हैं। सवाल से कर सकते हैं बातचीत शुरू किसी के साथ बातचीत शुरू करना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है। यहीं ज्यादातर लोग नर्वस फील करते हैं। इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि आप किसी सवाल से बातचीत को शुरू करें। कोई बड़ा कॉम्प्लेक्स सवाल पूछना जरूरी नहीं है, छोटे सवाल से बातचीत शुरू हो सकती है। आसपास की चीजों से जुड़ा सवाल बेस्ट रहेगा, जैसे – ये जगह या प्रोग्राम कैसा लग रहा है, आपने ये ड्रेस कहां से ली बहुत संदर है। कोई भी ऐसा रैंडम सवाल सामने वाले को आपके साथ कंफर्टेबल फील कराएगा और बातचीत खुद शुरू हो जाएगी। सिर्फ बोलना नहीं सुनना भी है जरूरी नए लोगों के साथ घुलने-मिलने का यह मतलब नहीं है कि आप कुछ भी बस बोलते ही रहें। याद रखें जितना जरूरी बोलना है उससे कहीं गुना जरूरी सामने वाले को सुनना भी है। इसलिए जबरदस्ती बोलने के बजाए सामने वाले को अच्छी तरह सुनें। उनकी बातों पर ध्यान दें, ऑब्जर्व करें और बीच में चाहें तो उससे जुड़े सवाल भी करें। हर किसी को ऐसे लोग पसंद होते हैं, जो उन्हें अच्छी तरह सुनते हैं। इस तरह आप बिना खुद पर ज्यादा दवाब डाले भी लोगों के साथ अच्छी बॉन्डिंग बना सकते हैं।  

यूपी सरकार के रक्षाबंधन पर बस सेवा ने रचा इतिहास, 2 दिन में 50 लाख यात्रियों ने किया सफर

लखनऊ  यूपी में रक्षाबंधन पर्व पर महिलाओं के लिए शुरू की गई निशुल्क बस यात्रा योजना ने इस बार यात्री संख्या के नए कीर्तिमान बनाए हैं. तीन दिनों तक चलने वाली इस सुविधा को देखते हुए रात 12 बजे तक इसके 75 लाख यात्रियों का रिकॉर्ड बनाने की संभावना है. परिवहन निगम के अनुसार इसमें 70 प्रतिशत तक वह यात्री हो सकते हैं, जिन्हें सरकार की ओर से निशुल्क यात्रा का लाभ दिया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने रक्षाबंधन के पर्व पर प्रदेश की माताओं और बहनों को बड़ी सौगात देते हुए 8 से 10 अगस्त तक परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा का तोहफा दिया है. इसमें महिलाओं के साथ एक सहयात्री को भी यह सुविधा दी जा रही है.  3 दिनों में 75 लाख यात्रियों के सफर का अनुमान यूपी परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के अनुसार सामान्य दिनों में निगम की बसों में प्रतिदिन 14-15 लाख यात्री सफर करते हैं, लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर्व के शुरुआती दो दिनों में ही यह आंकड़ा 50 लाख से अधिक पहुंच गया. इनमें लगभग 70 प्रतिशत महिला यात्री थीं, जिन्होंने मुख्यमंत्री योगी की ओर से दिए गए 66 घंटे के ‘सम्मान के तोहफे’ का लाभ लिया. एमडी सरवर ने बताया कि 8 अगस्त की सुबह 6 बजे से ही बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ रही.  पहले दिन यानी 8 अगस्त को 19.5 लाख से ज्यादा लोगों ने यात्रा की, जो सामान्य दिनों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक था. रक्षाबंधन के दिन 9 अगस्त को तो यह संख्या 31.7 लाख के पार पहुंच गई, जो सामान्य दिनों की तुलना में 210 प्रतिशत से अधिक रही. तीसरे दिन 10 अगस्त को दोपहर 12.50 बजे तक ही 13 लाख यात्री सफर कर चुके थे और रात 12 बजे तक यह संख्या 25 लाख तक पहुंचने का अनुमान है. इस तरह तीन दिनों में 75 लाख से अधिक लोग बसों में यात्रा करेंगे, जो परिवहन निगम के इतिहास में अभूतपूर्व संख्या है. चलाई गईं अतिरिक्त बसें, तैनात रहे सभी कर्मचारी उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस बार 8 अगस्त सुबह 6 बजे से 10 अगस्त मध्यरात्रि 12 बजे तक महिलाओं और बेटियों के लिए सभी श्रेणी की रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई गई. इस अवधि में जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बसें चलाई गईं और समस्त अनुबंधित बसों को भी संचालन में लगाया गया. प्रमुख बस स्टेशनों- गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, बरेली, लखनऊ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, कानपुर एवं इटावा- पर यात्रियों की अधिक संख्या को देखते हुए विशेष ड्यूटी और अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई.  उन्होंने यह भी बताया कि चालक-परिचालकों को प्रोत्साहन राशि देने की योजना लागू की गई है, जिसमें 1800 किलोमीटर संचालन पूर्ण करने पर ₹1200 का भुगतान और 6 दिनों तक लगातार कार्य करने पर अतिरिक्त ₹0.55 प्रति किलोमीटर दिया जाएगा. वहीं तकनीकी कर्मचारियों को भी प्रतिदिन उपस्थित रहने पर एकमुश्त ₹500 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. संचालन व्यवस्था बेहतर बनाए रखने वाले कार्मिकों और पर्यवेक्षकों को भी ₹5000 प्रति स्टेशन के हिसाब से सम्मानित किया जाएगा.  बहनों ने सीएम योगी को दिया धन्यवाद  इस सुविधा का लाभ पाने वाली प्रदेश की लाखों महिलाओं ने इस तोहफे के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा कि योगी सरकार की यह पहल सिर्फ एक यात्री सुविधा नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और सम्मान का प्रतीक है, जिससे न केवल रक्षाबंधन पर्व की खुशियां बढ़ी हैं, बल्कि करोड़ों महिलाओं को सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक यात्रा का भरोसा भी मिला है.  विगत 8 वर्षों में 1.23 करोड़ बहनों को मिला मुफ्त सफर का लाभ 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू हुई रक्षाबंधन पर माताओं-बहनों के लिए रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा की योजना बीते आठ वर्षों में नारी सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन गई है. इन 8 वर्षों में 1,23,30,194 महिलाओं को इसका लाभ मिला है, जिसके लिए सरकार ने ₹101.42 करोड़ का आर्थिक बोझ वहन किया. इन वर्षों में 2023 में सर्वाधिक 29 लाख से अधिक महिलाओं ने निशुल्क यात्रा की.

अंडर-20 महिला एशियाई कप के लिए किया क्वालीफाई, 20 साल बाद भारतीय महिला फुटबॉल टीम का कमाल

नई दिल्ली  भारत ने रविवार को एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप 2026 क्वालीफायर में ग्रुप-डी के अपने तीसरे और आखिरी मैच में मेजबान म्यांमार को 1-0 से हराकर इतिहास रच दिया। इसी के साथ भारत ने ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल करते हुए थाईलैंड में होने वाले एएफसी अंडर-20 महिला एशियाई कप 2026 के लिए क्वालीफाई कर लिया है। पूजा ने यंगून के थुवुन्ना स्टेडियम में खेले गए मैच का एकमात्र गोल 27वें मिनट में दागा, जिससे भारत की जीत सुनिश्चित हुई। भारत और म्यांमार ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की। दोनों टीमों ने तेज पास के जरिए विपक्षी रक्षा पंक्ति के पीछे अपने खिलाड़ियों तक गेंद पहुंचाने की कोशिश की। मेजबान टीम नौवें मिनट में बढ़त के करीब पहुंच गई थी, लेकिन भारतीय गोलकीपर मोनालिसा मोइरांगथेम ने सु सु खिन के खतरनाक शॉट को गोल में जाने से रोक दिया। जैसे-जैसे पहला हाफ आगे बढ़ा, म्यांमार का आक्रमण और खतरनाक दिखा। हालांकि, भारत ने भी कुछ मौकों पर उम्मीदें जगाईं। पूजा 19वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंचीं, लेकिन उनका शॉट पोस्ट से बाहर चला गया। हालांकि, भारत की नंबर-8 खिलाड़ी सही समय पर सही जगह मौजूद थीं, आखिरकार उन्होंने 27वें मिनट टीम को बढ़त दिला दी।   भारत ने साल 2006 में आखिरी बार जूनियर एएफसी महिला एशियन कप खेला था। उस समय यह अंडर-19 आयु वर्ग के लिए आयोजित किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम ने भी पिछले महीने एएफसी महिला एशियन कप 2026 के लिए क्वालीफाई किया था। इसी के साथ उसने महाद्वीपीय टूर्नामेंट में 23 साल बाद वापसी की। भारत ने ग्रुप-डी के अपने पहले मैच में इंडोनेशिया को गोलरहित ड्रॉ पर रोका था। इसके बाद शुक्रवार को तुर्कमेनिस्तान को 7-0 से हराया। म्यांमार के खिलाफ जीत से भारत के सात अंक हो गए। दूसरी ओर, म्यांमार के चार अंक हैं। इंडोनेशिया अगर तुर्कमेनिस्तान को हरा भी देती है, तो उसके पास अधिकतम पांच अंक ही होंगे। कुल 32 टीमें एएफसी अंडर-20 महिला एशियन कप 2026 के क्वालीफायर में शेष 11 स्थानों के लिए संघर्ष कर रही हैं। मेजबान थाईलैंड को स्वचालित रूप से प्रवेश मिल चुका है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भुजरिया पर्व की दी बधाई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्नेह एवं समरसता के पर्व भुजरिया (कजरिया) पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति की अनमोल धरोहर, यह पर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली प्रदान करे, यही प्रार्थना है।  

पायलटों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ी, एयर इंडिया ने दी करियर बढ़ाने की सौगात

नई दिल्ली  भारत की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। कंपनी ने पायलटों सहित अन्य प्रमुख स्टाफ की सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) की उम्र सीमा में संशोधन कर दिया है। अब एयर इंडिया के पायलट 58 की बजाय 65 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे। यह कदम कंपनी के अंदर जारी संरचनात्मक बदलावों और विस्तारा के साथ हुए विलय के बाद सामने आया है।  65 साल तक उड़ान भरेंगे एयर इंडिया के पायलट पहले एयर इंडिया में पायलटों की रिटायरमेंट की उम्र 58 वर्ष तय थी, लेकिन विस्तारा के साथ कंपनी के मर्जर के बाद इस अंतर को समाप्त करने के लिए नई नीति लागू की गई है। गौरतलब है कि विस्तारा में पहले से ही पायलटों की सेवा अवधि 65 साल तक थी। अब, पूरे एयर इंडिया ग्रुप में यह नियम लागू कर दिया गया है, जिससे 7 वर्षों की सीधी बढ़ोतरी हो गई है।  केबिन क्रू और अन्य स्टाफ को भी राहत पायलटों के साथ-साथ केबिन क्रू और अन्य कर्मचारियों के लिए भी रिटायरमेंट की उम्र में बदलाव किया गया है। अब इनकी सेवा उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल कर दी गई है। यह फैसला उन हजारों कर्मचारियों को प्रभावित करेगा, जो लंबे समय से एयर इंडिया से जुड़े हुए हैं। फिलहाल एयर इंडिया के पास लगभग 24,000 कर्मचारी हैं, जिनमें करीब 3,600 पायलट और 9,500 केबिन क्रू शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, केबिन क्रू की सेवा उम्र को भी पायलटों के समान 65 वर्ष तक बढ़ाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।  DGCA से भी मिल गई हरी झंडी एयर इंडिया के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर कैंपबेल विल्सन ने बताया कि यह फैसला नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की स्वीकृति के बाद लिया गया है। DGCA ने 65 वर्ष तक के पायलटों को कमर्शियल उड़ानें संचालित करने की अनुमति दे दी है, जिससे एयर इंडिया को इस नीति पर आगे बढ़ने का अधिकारिक आधार मिल गया।   विस्तारा मर्जर बना बदलाव की वजह जानकारों के अनुसार, एयर इंडिया और विस्तारा के विलय के बाद कर्मचारियों के सेवा नियमों में अंतर सामने आया था। इस टकराव को खत्म करने और एक समान नीति लागू करने के लिए पायलटों की रिटायरमेंट उम्र में यह परिवर्तन जरूरी था। इससे कंपनी को पायलटों के अनुभव का लाभ लंबे समय तक मिलता रहेगा।  हादसे के बाद उठे सवाल हालांकि, यह फैसला ऐसे समय में आया है जब महज दो महीने पहले एयर इंडिया के एक विमान को गंभीर दुर्घटना का सामना करना पड़ा था। अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट टेक-ऑफ के कुछ मिनटों बाद ही हादसे का शिकार हो गई थी, जिसमें 265 यात्रियों की मौत हो गई। शुरुआती जांच में पायलट की गलती को कारण बताया गया था। ऐसे में पायलटों की उम्र सीमा बढ़ाने को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी सामने आई हैं।

मोदी को ‘अच्छा दोस्त’ कहने वाले नेतन्याहू ने ट्रंप से निपटने का दिया संकेत

इजरायल  तेल अवीव में भारतीय पत्रकारों से बातचीत के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत-इजरायल संबंधों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके “अच्छे दोस्त” हैं और दोनों देशों के बीच खासतौर पर रक्षा क्षेत्र में मजबूत साझेदारी है। नेतन्याहू ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को इजरायल से मिले सैन्य उपकरण बेहद कारगर साबित हुए, ठीक वैसे ही जैसे कारगिल युद्ध में हुए थे।  अमेरिका और भारत के बीच जारी तनाव पर नेतन्याहू ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से निपटने की "सलाह" देंगे, लेकिन यह बातचीत निजी रहेगी क्योंकि मोदी और ट्रंप दोनों उनके “बेहतरीन दोस्त” हैं। उन्होंने अमेरिका-भारत रिश्तों को “बहुत मजबूत” बताया और दोनों देशों से टैरिफ विवाद सुलझाने की अपील की। “रिश्ते की नींव बहुत ठोस है। भारत और अमेरिका के लिए टैरिफ मुद्दे पर आम सहमति बनाना और हल निकालना फायदेमंद होगा। यह इज़राइल के लिए भी अच्छा होगा, क्योंकि दोनों हमारे दोस्त हैं।” नेतन्याहू ने कहा कि भारत और इजरायल के रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं और इससे दोनों देशों को लाभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में इजरायली हथियार भारतीय सेना के लिए “बड़ी ताकत” बने। इजरायली पीएम ने कहा कि वे मोदी के साथ न सिर्फ राजनीतिक रूप से, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी अच्छा बॉन्ड साझा करते हैं। उनकी मुलाकातों में कई मुद्दों पर गहन चर्चा होती है।   इससे पहले, ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे यह दर 50% हो गई। यह फैसला रूस से कच्चा तेल आयात जारी रखने पर “सज़ा” के तौर पर लिया गया। यह ट्रंप की अब तक की सबसे बड़ी टैरिफ वृद्धि है, ब्राज़ील को छोड़कर।भारत ने इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और गैर-जरूरी” बताया है, जो कपड़ा और समुद्री निर्यात जैसे कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। नेतन्याहू ने कहा- “भारत और इजरायल दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहे हैं। अगर हम मिलकर सीमा पार आतंकवाद से लड़ें तो बेहतर नतीजे हासिल कर सकते हैं।”नेतन्याहू ने बताया कि उनकी सरकार तेल अवीव और बेंगलुरु के बीच सीधी उड़ान  शुरू करने पर विचार कर रही है। पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंधों पर सवाल पर उन्होंने कहा कि चिंता की जरूरत नहीं है, क्योंकि वॉशिंगटन में यह समझ है कि भारत उसका “मजबूत साझेदार” है।

किसानों के लिए अहम खबर! ‘कृषक उपहार योजना’ में संशोधन, लाभार्थियों की नई सूची जारी

जयपुर राज्य सरकार ने किसानों को पारदर्शी और डिजिटल माध्यम से कृषि जिंसों की बिक्री हेतु प्रोत्साहित करने के लिए संचालित ‘कृषक उपहार योजना’ में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। अब इस योजना का लाभ उन किसानों को ही मिलेगा जो ई-नाम पोर्टल के माध्यम से बिक्री करते हुए ई-पेमेंट (इलेक्ट्रॉनिक भुगतान) प्रणाली से भुगतान प्राप्त करते हैं।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को कृषि विपणन विभाग द्वारा भिजवाए गए प्रस्ताव के अनुसार अब उन्हीं किसानों को उपहार कूपन जारी किया जाएगा, जिनकी जिंसों की बिक्री ई-नाम पोर्टल पर दर्ज हुई हो और उसका भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से प्राप्त किया गया हो। योजना के वर्तमान स्वरूप में देखा जा रहा था कि ई-नाम पर कृषि जिंस के विक्रय पर्चियों पर जारी कूपन की तुलना में ई-पेमेंट पर जारी कूपन की संख्या काफी कम है। अब केवल ई-पेमेंट पर ही उपहार कूपन जारी किए जाने से ई-नाम पोर्टल पर बिक्री के साथ-साथ किसान और व्यापारी तत्काल एवं सुरक्षित डिजिटल लेन-देन के लिए प्रेरित होंगे।  संशोधित योजना में ई-पेमेंट से प्राप्त कृषि उपज विक्रय की प्रति 10 हजार रूपये की राशि एवं इसके गुणकों में उपहार कूपन ई-नाम सॉफ्टवेयर द्वारा जारी किए जा सकेंगे। प्रत्येक 6 माह में मंडी स्तर पर ड्रॉ निकालकर 50,000 रूपये का प्रथम पुरस्कार 30,000 रूपये का द्वितीय पुरस्कार और 20,000 रूपये का तृतीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

MP में बहन ने दिखाई भाई के लिए अपार मोहब्बत, दिया ऐसा उपहार जो बदल दे जिंदगी

जबलपुर रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर 14 वर्षीय बहन ने अपने पांच वर्षीय भाई को जीवनरक्षक स्टेमसेल का उपहार दिया है। दो साल की उम्र में उसका भाई सिकल सेल (अनुवांशिक रक्त विकार) जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ गया था। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों ने नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा निवासी किशोरी का स्टेम सेल लेकर बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से मासूम को नई जिंदगी दी है। पूरा इलाज आयुष्मान योजना से निश्शुल्क किया गया। एफेरेसिस तकनीक के माध्यम से स्टेम सेल प्राप्त कर ट्रांसप्लांट बीएमटी यूनिट की प्रभारी डॉ. श्वेता पाठक ने बताया कि रोहन (परिवर्तित नाम) को दो वर्ष की उम्र में सिकल सेल की बीमारी की पुष्टि हुई थी और वह नियमित रूप से खून चढ़वाने के लिए अस्पताल में उपचाररत था। संस्थान में सुविधा प्रारंभ होते ही उसके बोन मैरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू की गई। रोहन के बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए उसकी बहन से स्टेम सेल मैचिंग की गई और एफेरेसिस तकनीक के माध्यम से स्टेम सेल प्राप्त कर ट्रांसप्लांट किया गया।   चिकित्सकों ने टीमवर्क से किया कार्य ट्रांसप्लांट में कालेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना के नेतृत्व में चिकित्सकों ने टीम वर्क से कार्य किया। इसमें अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा, उप अधीक्षक डॉ. ऋचा शर्मा, डॉ. लक्ष्मी सिंगौतिया सुपरिटेंडेंट, कैंसर अस्पताल, डॉ. मोनिका लाजरस (एचओडी पीडियाट्रिक्स) सहित नर्सिंग स्टाफ से पूनम, एलिजाबेथ, रिंकी का विशेष सहयोग रहा। बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की ऐसी पड़ी नींव महत्वपूर्ण है कि इसी साल फरवरी में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (एससीआइ) के दूसरे फ्लोर पर करीब चार हजार वर्गफीट क्षेत्र में अत्याधुनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की शुरुआत हुई थी। इसमें 10 निजी वार्ड बनाए गए हैं जो कि पूरी तरह वातानुकूलित हैं और इस रोग से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने की दिशा में एक सफल प्रयास की शुरुआत माना जाता है। यूनिट की प्रभारी डॉ. श्वेता पाठक ने इसको आकार-प्रकार देने में विशेष भूमिका का निर्वाह किया है।