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भारोत्तोलन में मीराबाई का फिर जलवा? राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में दिखेगा दमखम

नई दिल्ली तोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू एक साल के अंतराल के बाद सोमवार को प्रतिस्पर्धी मुकाबलों में वापसी करेंगी और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में घरेलू चुनौती की अगुवाई करेंगी जिसमें भारतीय भारोत्तोलकों से पदकों की झड़ी लगाने की उम्मीद है।  हाल के वर्षों में चोटों से जूझती रहीं चानू पिछली बार पिछले साल अगस्त में पेरिस ओलंपिक में खेली थीं जिसमें वह एक किलोग्राम से पोडियम स्थान से चूक गई थीं। इकतीस वर्षीय मीराबाई ने 2028 लॉस एंजिल्स खेलों के लिए नए ओलंपिक भार वर्ग लागू होने के बाद 49 किग्रा से 48 किग्रा में जाने का फैसला किया है। वह इस 48 किग्रा भार वर्ग में अपना विश्व चैंपियनशिप खिताब और दो राष्ट्रमंडल खेलों के पदक जीत चुकी हैं लेकिन 2018 के बाद से इसमें प्रतिस्पर्धा नहीं की है।  वजन को नियंत्रित करना एक चुनौती होगी और चानू ने खुद इसे स्वीकार किया है। लेकिन इस दृढ़ निश्चयी मणिपुरी खिलाड़ी ने यह चुनौती स्वीकार कर ली है। मुख्य राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा के साथ मिलकर काम करते हुए वह अपनी तकनीक को भी निखार रही हैं ताकि स्नैच में 90 किलोग्राम का वजन उठा सकें। अक्टूबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में शीर्ष पर पहुंचने की तैयारी में जुटी चानू ने कहा कि वह राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में पूरी ताकत नहीं झोंकेंगी जो अगले साल ग्लासगो में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंटों में से एक है।  उन्होंने कहा, ‘मैं अहमदाबाद में पूरी ताकत नहीं लगा रही हूं क्योंकि मैं विश्व चैंपियनशिप की तैयारी कर रही हूं। मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य एशियाई खेल हैं जहां मेरा लक्ष्य विश्व रिकॉर्ड तोड़ना और पदक जीतना है क्योंकि मैंने अभी तक वहां कोई रिकॉर्ड नहीं बनाया है।' चानू भले ही मुख्य आकर्षण बनी हुई हैं लेकिन भारत के दल के लगभग हर भार वर्ग में पोडियम पर पहुंचने की उम्मीद है।  राष्ट्रमंडल प्रतियोगिताएं (राष्ट्रमंडल खेल और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप) लंबे समय से भारतीय भारोत्तोलकों के लिए एक शानदार जगह रही हैं जिन्हें चीन और उत्तर कोरिया जैसे दिग्गजों की अनुपस्थिति का फायदा मिलता है। जब भारत ने पिछली बार 2023 में चैंपियनशिप की मेजबानी की थी तो घरेलू टीम ने 20 पदकों के साथ शानदार प्रदर्शन किया था। इस बार भी रजत विजेता बिंदियारानी देवी और कांस्य पदक विजेता हरजिंदर कौर और लवप्रीत सिंह सहित कई राष्ट्रमंडल पदक विजेता भारत की पदक तालिका में इजाफा करना चाहेंगे।  भारतीय टीम : महिला : मीराबाई चानू (48 किग्रा), स्नेहा सोरेन (53 किग्रा), बिंद्यारानी देवी (58 किग्रा), सेराम निरुपमा देवी (63 किग्रा), हरजिंदर कौर (69 किग्रा), हरमनप्रीत कौर (77 किग्रा), वंशिता वर्मा (86 किग्रा:), महक शर्मा (+86 किग्रा) पुरुष: चनंबम ऋषिकांत सिंह (60 किग्रा); एम राजा (65 किग्रा); नारायण अजित (71 किग्रा), वल्लूरी अजय बाबू (79 किग्रा), अजय सिंह (88 किग्रा), दिलबाग सिंह (94 किग्रा), हरचरण सिंह (110 किग्रा), लवप्रीत सिंह (+110 किग्रा)। 

योग से दूर करें कूल्हों की जकड़न, शिल्पा शेट्टी ने बताए आसान तरीके

मुंबई,  अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी न सिर्फ अपने अभिनय के लिए चर्चाओं में रहती हैं बल्कि अपनी हेल्दी लाइफस्टाइल और पॉजीटिव सोच के लिए भी चर्चा में रहती हैं। उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए योग के महत्व पर प्रकाश डाला है। अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके बताया कि कैसे योग पैरों की निचली मांसपेशियों को लचीला बनाता है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कुछ योगासन से झुकना या बैठना आसान हो जाता है। शिल्पा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह योगासन करती नजर आ रही हैं। उन्होंने इसके कैप्शन में लिखा, “जब आप योग मैट पर हों, तो बस उसी पल में रहें।” अभिनेत्री ने आसन के बारे में भी जानकारी दी। समझाते हुए लिखा, “ये पोज पैरों की निचली मांसपेशियों को लचीला बनाता है — खासकर कूल्हों, हैमस्ट्रिंग्स (जांघ के पिछले हिस्से), अंदरूनी जांघों और ग्रोइन को अच्छे से खींचता है। रोजमर्रा की हरकतें जैसे नीचे झुकना या बैठना (स्क्वाट करना) आसान हो जाती हैं। कूल्हों की जकड़न कम होती है और वहां की हड्डियां और मांसपेशियां ज्यादा खुलती हैं। टखनों और घुटनों में रक्तसंचार बढ़ता है जिससे वे मजबूत बनते हैं। पेल्विक (शरीर के निचले हिस्से) की मांसपेशियों को भी स्ट्रेच और मजबूत करता है। शरीर का संतुलन और स्थिरता बेहतर होती है—यह पेट और आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे शरीर का नियंत्रण बढ़ता है। शिल्पा हमेशा खुद को फिट रखने पर जोर दिया करती हैं। इसके लिए वह रोजाना वर्कआउट करती हैं। उन्होंने जिम के जरिए अपनी ताकत और लचीलापन बढ़ाया है। इससे पहले शिल्पा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे कार्डियो एक्सरसाइज करके कैलोरी बर्न कर सकते हैं। वीडियो में वह जंपिंग जैक्स, स्टैंडिंग क्रंचेस, और जुम्बा डांस करती नजर आ रही थीं। शिल्पा ने अपनी पोस्ट को कैप्शन दिया, “फिट रहने का सफर बोरिंग नहीं होना चाहिए। किसने कहा कि कैलोरी बर्न करना मजेदार नहीं हो सकता? यह मेरा तरीका है। यह कैलोरी फैट को घटाने के साथ-साथ फेफड़ों को भी मजबूत करती है।”  

यूनेस्को साइट में आता मौजूदा परिसर, हाईकोर्ट शिफ्ट को लेकर मंथन जारी

चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने को लेकर अब अंतिम निर्णय बार एसोसिएशन (PHHCBA) के हाथ में होगा। हाईकोर्ट के मौजूदा परिसर के विस्तार या इसे नए स्थान पर शिफ्ट करने का फैसला मतदान से तय किया जाएगा। वर्तमान में हाईकोर्ट चंडीगढ़ के सेक्टर-1 में स्थित है, जो सुखना झील के कैचमेंट एरिया और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट "कैपिटल कॉम्प्लेक्स" का हिस्सा है। यही कारण है कि इसके विस्तार की संभावना लगभग खत्म हो गई है और लंबे समय से नए विकल्प तलाशे जा रहे थे। इसी क्रम में 20 अगस्त को PHHCBA की कार्यकारिणी समिति ने सर्वसम्मति से हाईकोर्ट को चंडीगढ़ के सरणगपुर गांव में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पारित किया। 25 वर्षों तक जरूरतें पूरी करने में सक्षम होगा प्रस्ताव के मुताबिक, सरणगपुर में हाईकोर्ट का नया परिसर बनाने के लिए 48.865 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है, जिनमें से 15 एकड़ जमीन पहले ही आवंटित की जा चुकी है। यहां करीब 42 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल का नया भवन तैयार किया जाएगा, जो आने वाले 20 से 25 वर्षों तक जरूरतें पूरी करने में सक्षम होगा। एसोसिएशन का कहना है कि सरणगपुर बेहतर विकल्प है क्योंकि यहां मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित है, पीजीआई की ओर से फ्लाईओवर, चौड़ी सड़कें और मोहाली व एयरपोर्ट तक बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। साथ ही चारों दिशाओं से एंट्री-एग्जिट की सुविधा और बिना ट्रैफिक जाम के आवागमन की संभावना इसे और उपयुक्त बनाती है। एक और विकल्प पर भी चल रहा विचार मौजूदा परिसर में ही विस्तार करने की योजना को भी विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। इसके तहत बार रूम के सामने नए कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा सकता है। इसमें दो मंजिला अंडरग्राउंड पार्किंग और ऊपर तीन मंजिलें होंगी। इससे करीब 16 नए कोर्टरूम जुड़ जाएंगे। इस योजना की लागत लगभग 200 करोड़ आंकी गई है। हालांकि यह निर्माण कार्य यूनेस्को से मंजूरी मिलने पर ही संभव होगा। एसोसिएशन का कहना है कि मंजूरी की प्रक्रिया में कम से कम डेढ़ साल लगेगा और इसके बाद निर्माण में पांच साल से अधिक का समय लग सकता है। इस दौरान परिसर में भीड़, पार्किंग की समस्या, धूल और आवाजाही में दिक्कतें बढ़ जाएंगी। अदालत की सख्त टिप्पणी 22 अगस्त को चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस रमेश कुमारी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट को शिफ्ट करने जैसा महत्वपूर्ण फैसला केवल कार्यकारिणी समिति नहीं ले सकती। इसे एसोसिएशन की जनरल बॉडी के समक्ष रखा जाना चाहिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक जनरल बॉडी इस प्रस्ताव को पारित नहीं करती, इसे मान्यता नहीं दी जाएगी। बार एसोसिएशन का रुख PHHCBA ने बार सदस्यों के लिए जारी नोटिस में कहा है कि मौजूदा परिसर में विस्तार का विकल्प लंबा समय लेगा और फिर भी हाईकोर्ट की जरूरतों को पूरी तरह पूरा नहीं कर पाएगा। जबकि सरणगपुर में नया परिसर एक स्थायी समाधान होगा और सुविधाओं से भरपूर होगा। एसोसिएशन ने कहा कि दोनों ही योजनाओं में 5 से 7 साल का समय लग सकता है, लेकिन सरणगपुर का विकल्प भविष्य के लिए बेहतर साबित होगा। अब अंतिम फैसला वकीलों के वोट से अब हाईकोर्ट को शिफ्ट करने या नहीं करने का फैसला बार एसोसिएशन के सदस्य वकीलों के मतदान से तय होगा। मतदान की तारीख और प्रक्रिया जल्द घोषित की जाएगी। PHHCBA सचिव गगनदीप जम्मू ने कहा कि “यह फैसला ऐतिहासिक और भविष्य को प्रभावित करने वाला है। इसलिए सभी सदस्य अपने मूल्यवान वोट जरूर डालें।” अभी जरूरत के अनुसार छोटी है हाईकोर्ट वर्तमान में हाईकोर्ट की स्वीकृत क्षमता 85 कोर्टरूम की है, लेकिन फिलहाल केवल 69 कोर्टरूम ही कार्यशील हैं। बढ़ते मामलों और न्यायिक ढांचे की जरूरतों को देखते हुए हाईकोर्ट के विस्तार या स्थानांतरण पर यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।

PAK टीम का वर्ल्ड कप स्क्वॉड घोषित, भारतीय टीम संग भिड़ंत को लेकर बढ़ा रोमांच

लाहौर आईसीसी वूमेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 की शुरुआत 30 सितंबर को हो रही है और इसका खिताबी मुकाबला 2 नवंबर को होना है. इस टूर्नामेंट में पाकिस्तानी टीम भी भाग लेने जा रही है. अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अपनी टीम का ऐलान कर दिया है. 15 सदस्यीय पाकिस्तानी टीम की कप्तानी फातिमा सना को सौंपी गई है. पाकिस्तान ने आईसीसी वूमेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप क्वालिफायर 2025 में पहला स्थान हासिल करके वर्ल्ड कप में एंट्री पाई थी. तब उसने वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के खिलाफ भी यादगार जीतें हासिल की थीं. बांग्लादेश दूसरे स्थान पर रहा था और उसे भी वर्ल्ड कप में जगह मिली है. वहीं वेस्टइंडीज का पत्ता कट गया था. अनकैप्ड बल्लेबाज इमान फातिमा को भी महिला क्रिकेट विश्व कप के लिए पाकिस्तानी टीम में चुना गया है. फातिमा ने हाल ही में आयरलैंड के खिलाफ अपना टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया था. इस बल्लेबाज ने मई में पाकिस्तान के राष्ट्रीय टी20 टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया था. इमान के अलावा नतालिया परवेज, रमीन शमीम, सदफ शमास, सादिया इकबाल, शवाल जुल्फिकार और सैयदा अरूब शाह का भी ये पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप होगा. वनडे सीरीज भी खेलेगी पाकिस्तानी टीम गुल फिरोजा, नजीहा अल्वी, तुबा हसन, उम्म ए हानी और वहीदा अख्तर पाकिस्तानी टीम के साथ रिजर्व खिलाड़ी के रूप में यात्रा करेंगी. गुल फिरोजा और नजीहा अल्वी वर्ल्ड कप क्वालिफायर में पाकिस्तानी टीम का हिस्सा थीं. पाकिस्तानी टीम वर्ल्ड कप से पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेलेगी. यह सीरीज 16-22 सितंबर के दौरान लाहौर में खेली जाएगी. इस सीरीज में पाकिस्तान की ओर से वही खिलाड़ी भाग लेंगी, जिन्हें वर्ल्ड कप में खेलना है. महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तानी टीम: फातिमा सना (कप्तान), मुनीबा अली सिद्दीकी (उप-कप्तान), आलिया रियाज, डायना बेग, इमान फातिमा, नशरा संधू, नतालिया परवेज, ओमैमा सोहेल, रमीन शमीम, सदफ शमास, सादिया इकबाल, शवाल जुल्फिकार, सिदरा अमीन, सिदरा नवाज, सैयदा अरूब शाह. ट्रैवलिंग रिजर्व: गुल फिरोजा, नाजीहा अल्वी, तुबा हसन, उम्म ए हानी, वहीदा अख्तर आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी टीम का मुकाबला भारतीय टीम से भी होगा. इस मुकाबले का फैन्स को ब्रेसब्री से इंतजार है. यह मुकाबला 5 अक्टूबर को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाएगा. बता दें कि पाकिस्तानी टीम अपने सभी मुकाबले आर. प्रेमदासा स्टेडियम में ही खेलेगी. पाकिस्तानी टीम इस वर्ल्ड कप में जिन मैचों में नहीं खेलेगी, वो सारे मुकाबले भारतीय जमीन पर होंगे. वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी टीम का शेड्यूल 2 अक्टूबर- बनाम बांग्लादेश, कोलंबो 5 अक्टूबर- बनाम भारत, कोलंबो 8 अक्टूबर- बनाम ऑस्ट्रेलिया, कोलंबो 15 अक्टूबर- बनाम इंगलैंड, कोलंबो 18 अक्टूबर- बनाम न्यूजीलैंड, कोलंबो 21 अक्टूबर- बनाम, दक्षिण अफ्रीका, कोलंबो 24 अक्टूबर- बनाम श्रीलंका, कोलंबो

राजस्व महा–अभियान : नौ दिनों में हुआ 35.36 फीसदी जमाबंदी पंजी की प्रति का वितरण

शिविर में आए आवेदनों में अररिया, खगड़िया, सुपौल हैं अग्रणी जमाबंदी पंजी के वितरण में वैशाली, अरवल और कैमूर अग्रणी जिलों में शामिल पटना, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से चलाए जा रहे राजस्व महा–अभियान (16 अगस्त से 20 सितम्बर 2025) के तहत राज्य के ग्रामीण परिवारों को जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराने तथा पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर आवेदन लेने का कार्य सभी जिले में तीव्र गति से चल रहा है। 19 अगस्त से 24 अगस्त की अवधि में सभी 38 जिलों में 1584 शिविर लगाए गए। शिविर में कुल 50 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें जमाबंदी में सुधार के आवेदनों की संख्या सर्वाधिक 38340 है। ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के आवेदनों की संख्या 7246, उत्तराधिकार नामांतरण के आवेदनों की संख्या 1465 एवं बंटवारा नामांतरण के आवेदनों की संख्या 1368 है। पिछले छह दिन में सर्वाधिक आवेदन अररिया में आए हैं। यहां आवेदनों की संख्या 5654 है। दूसरे नंबर पर खगड़िया है। यहां आवेदनों की संख्या 3131 है। तीसरे नंबर पर सुपौल है। यहां आवेदनों की संख्या 2754 है। इनके अतिरिक्त अन्य जिलों में भी अच्छी संख्या में आवेदन आए हैं। 16 अगस्त से 24 अगस्त की अवधि में सभी 38 जिलों में टीमों द्वारा 35.36 प्रतिशत जमाबंदी पंजी की प्रति का सफलतापूर्वक वितरण किया गया है। राज्य में कुल जमाबंदी की संख्या 3 करोड़ 60 लाख के करीब है। इसके मुकाबले एक करोड़ 27 लाख 26 हजार से अधिक जमाबंदी की प्रति का वितरण सभी जिलों में किया गया है। इस अवधि में कई जिलों ने वितरण में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। वैशाली (73.54%), अरवल (61.98%) और कैमूर (61.58%) जमाबंदी पंजी के वितरण के मामले में शीर्ष तीन स्थानों पर हैं। इनके अलावा गोपालगंज (61.14%), खगड़िया (60.26%), सीतामढ़ी(59.26%), जहानाबाद (57.12%), अररिया (51.50%), शेखपुरा (51.43%) तथा पूर्णिया (50.69%) ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसी क्रम में मधुबनी (46.45%), बक्सर (45.94%), भोजपुर (43.92%), मुजफ्फरपुर (41.76%), किशनगंज (39.81%), शिवहर (35.69%), सिवान (35.41%), दरभंगा (33.67%), मधेपुरा (32.91%) और नालंदा (32.38%) भी शीर्ष 20 जिलों में शामिल रहे हैं। पटना, बेगूसराय, गया, कटिहार, सहरसा, समस्तीपुर, सारण समेत अन्य जिलों में भी जमाबंदी की प्रति वितरण की स्थिति संतोषजनक है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अभियान का लक्ष्य है कि 15 सितम्बर तक राज्य के सभी पात्र परिवारों को उनसे संबंधित जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध करा दी जाए। इसके लिए अंचल के माइक्रो प्लान के हिसाब से कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों में मौजा स्तर पर निर्धारित टीम पहुंच रही है और जमाबंदी की प्रति, आवेदन प्रपत्र और पंफलेट उपलब्ध करा रही है। रैयत उपलब्ध कराई गई जमाबंदी पंजी की प्रति के हिसाब से आवेदन पंचायत में लगने वाले शिविर में जमा करेंगे। शिविर का आयोजन 20 सितंबर तक होगा। शिविर में आवेदन जमा करते मोबाइल पर ओटीपी आयेगा और आवेदन रजिस्टर्ड हो जाएगा। इसके उपरांत आवेदन पर हो रही कार्रवाई की सूचना मिलती रहेगी। बताते चलें कि राजस्व महा–अभियान के दौरान जमाबंदी की गलतियों में सुधार, छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण का कार्य किया जा रहा है।

भूख के खिलाफ बिहार ने जीती बड़ी जंग! हर महीने दो करोड़ से ज्‍यादा परिवारों को मुफ्त राशन

अब गरीबों की थाली नहीं रहेगी खाली! पारदर्शिता से समय पर पहुंचा अनाज पटना, बिहार ने भूख के खिलाफ जंग लगभग जीत ली है। इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और बिहार सरकार की पहल बड़ा सहारा बनी है।नतीजा ये है कि प्रदेश के 2.06 करोड़ से अधिक परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन मिल रहा है। दरअसल, ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि बिहार सरकार ने इसे मिशन की तरह लिया। बताते चलें कि राशन वितरण में प्रणाली में लगातार गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही थी। जिसे सरकार ने सुधार लिया है। करोड़ों परिवारों को हर महीने अनाज अब ई-पीओएस मशीन के जरिए अनाज का वितरण किया जा रहा है। जिसका नतीजा है कि हर परिवार के प्रति सुरक्षा देने का संकल्प पूरा हो रहा है। इस योजना के तहत बिहार में हर महीने औसतन 4.25 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। PHH परिवारों (1.83 करोड़) को प्रति सदस्य 5 किलो अनाज (1 किलो गेहूं और 4 किलो चावल) मिलता है। वहीं, AAY परिवारों (22.81 लाख) को प्रति परिवार 35 किलो अनाज (7 किलो गेहूं और 28 किलो चावल) दिया जा रहा है। गरीबों के लिए यह योजना न सिर्फ राहत है बल्कि जीवन जीने की गारंटी बन गई है। ई-पीओएस मशीन से खत्म हुई धांधली बताते चलें, पहले राशन वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतें आम थीं, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। सभी जनवितरण केंद्रों पर ई-पीओएस मशीन लगाने से पूरा सिस्टम पारदर्शी हो गया है। लाभुक का नाम, पहचान, अनाज की मात्रा और वितरण की तारीख, सब कुछ रियल टाइम में रिकॉर्ड किया जाता है। इससे चोरी-छुपे गड़बड़ी की गुंजाइश ही नहीं रहती है। भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग "हर घर अन्न–हर थाली में पोषण" यह सिर्फ नारा नहीं बल्कि बिहार सरकार का संकल्‍प है। गरीब परिवारों की जिंदगी में बदलाव लाने का निश्‍चय है। जिसे बिहार सरकार और नीतीश कुमार गंभीरतापूर्वक पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। अब बच्चों की थाली से खाना गायब नहीं होता और बुजुर्गों को भूखा सोने पर मजबूर नहीं होना होता है। बिहार में यह योजना भूख के खिलाफ सबसे बड़ी जंग बन चुकी है और गरीब परिवारों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।

ड्रैगन फ्रूट विकास योजना’ के तहत इस वर्ष मिलेगा 60 फीसदी का अनुदान

वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए कृषि विभाग ने मांगा है आवेदन पटना, बिहार सरकार किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 एवं 2026-27 के लिए 'ड्रैगन फ्रूट विकास योजना' की शुरुआत की है। इस योजना के पहले वर्ष अर्थात 2025-26 में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार ने 60 फीसदी का अनुदान देने की घोषणा की है।       इस योजना के तहत, प्रति हेक्टेयर ड्रैगन फ्रूट की खेती की लागत 6.75 लाख है। जिसपर कुल 40 प्रतिशत अर्थात 2.70 लाख प्रति हेक्टेयर अनुदान मिलेगा। यह अनुदान दो चरणों में दिया जाएगा। 2025-26 में मिलने वाले अनुदान का 60 प्रतिशत, यानी 1.62 लाख और 2026-27 में शेष 40 प्रतिशत अनुदान, यानी 1.08 लाख रुपए दिए जाएंगे। 22 जिलों के लिए है यह योजना राज्य के 22 जिलों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इन 22 जिलों में अररिया, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, बक्सर, दरभंगा, गयाजी, जमुई, कैमूर, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, और सीवान शामिल हैं। उच्च मूल्य वाली फसल है ड्रैगन फ्रूट ड्रैगन फ्रूट एक उच्च मूल्य वाली फसल है, जो कम पानी में भी उगाई जा सकती है। बाजार में इसकी अच्छी मांग भी है। किसान एक बार इस फसल को लगाने के बाद लंबे समय तक लाभ कमा सकते हैं। इस तरह से यह योजना किसानों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ कमाने में मदद करेगी। 'ड्रैगन फ्रूट विकास योजना' बिहार के किसानों के लिए अवसर कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी, बल्कि राज्य की कृषि विविधता को भी बढ़ावा देगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान कृषि विभाग की वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन दे सकते हैं। विशेष जानकारी के लिए संबंधित जिले के जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।

नकली सर्टिफिकेट रैकेट का भंडाफोड़: बिहार पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

पटना बिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक नकली दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है। साथ ही फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट आवासीय प्रमाण पत्र और मार्कशीट बरामद किए हैं।   मिली जानकारी के अनुसार, मामला लखीसराय थाना क्षेत्र के थाना चौक के पास स्थित किंग फोटो दुकान का है। पुलिस ने लखीसराय थाना क्षेत्र से सौरभ कुमार को धरा, फिर उसकी निशानदेही पर सूर्यगड़ा थाना क्षेत्र से रोहित कुमार को भी पकड़ा। एसपी अजय कुमार ने बताया पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की। पुलिस को सूचना मिली थी उक्त दुकान में नकली दस्तावेज बनाने का काम किया जा रहा है। गिरोह के तार झारखंड से जुड़े हुए हैं। पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया कि झारखंड के गोड्डा सदर अस्पताल से जारी जन्म प्रमाण पत्रों में हेरा-फेरी करते और जाली मुहर का इस्तेमाल करके नकली बर्थ सर्टिफिकेट तैयार करते थे। इसके अलावा जाली आवासीय प्रमाण पत्र और मार्कशीट भी तैयार करते थे।   210 नकली जन्म प्रमाण पत्र सहित कई जाली दस्तावेज बरामद पुलिस ने बताया कि तलाशी के दौरान 210 नकली जन्म प्रमाण पत्र, 12 आवासीय प्रमाण पत्र और 15 फर्जी मार्कशीट भी पुलिस ने बरामद किए हैं। साथ ही उनके पास से लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल फोन, फिंगर स्कैनर और आई स्कैनर जैसी इलेक्ट्रॉनिक मशीनें जब्त की गई। फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे खी कार्रवाई में जुट गई है।

डॉ. रमन सिंह ने पीएम मोदी को नवीन विधानसभा भवन लोकार्पण के लिए किया आमंत्रित, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी होंगे शामिल

1 नवंबर राज्योत्सव के दिन प्रस्तावित है नई विधानसभा का लोकार्पण, नया रायपुर में नवनिर्मित ब्रह्मकुमारी शांति शिखर के नए भवन के लोकार्पण पर भी प्रधानमंत्री ने दी स्वीकृति नई दिल्ली, आज छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान संसद भवन में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से आत्मीय मुलाकात की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को 1 नवम्बर 2025 को प्रदेश के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवा रायपुर (अटल नगर) स्थित नवनिर्मित विधानसभा भवन में प्रवेश करने की जानकारी दी। डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी जी को इस ऐतिहासिक अवसर पर नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण उनके कर-कमलों से करने हेतु सादर आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यह गौरवशाली क्षण प्रदेश की जनता और सभी विधानसभा सदस्यों के लिए स्मरणीय होगा। साथ ही, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी सौजन्य भेंट की और उन्हें नवीन विधानसभा भवन के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करने हेतु आमंत्रित किया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानसभा अध्यक्ष का आमंत्रण स्वीकार किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से चर्चा करते हुए कहा कि नवा रायपुर में ब्रह्माकुमारी बहनों का नया भवन बन कर तैयार है, जिसके लोकार्पण समारोह में ब्रह्मकुमारी बहनें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करना चाहती है। डॉ. रमन सिंह के इस आग्रह को प्रधानमंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर ब्रह्मकुमारी संस्थान के नवीन भवन लोकार्पण के लिए भी अपनी स्वीकृति प्रदान की है। आपको बता दे कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश अपने गठन के 25 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर नवा रायपुर स्थित नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण न केवल प्रदेश की लोकतांत्रिक परंपराओं को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि यह क्षण छत्तीसगढ़ की प्रगति और सशक्त लोकतंत्र की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

प्रशांत नील की फिल्म ड्रैगन और देवरा 2 पर तय समय पर काम शुरू करेंगे एनटीआर जूनियर!

  मुंबई,  दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार एनटीआर जूनियर, प्रशांत नील की फिल्म ड्रैगन और देवरा 2 पर तय समय पर काम शुरू करेंगे। एनटीआर जूनियरने बॉलीवुड में काफी इंतजार के बाद फिल्म वॉर 2 के साथ कदम रखा है। वॉर2, अयान मुखर्जी द्वारा निर्देशित की गई एक एक स्पाई थ्रिलर है। इस फिल्म में उनके साथ ऋतिक रोशन और कियारा आडवाणी भी अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं। यह फिल्म 14 अगस्त को रिलीज हुई। फिल्म वॉर 2 के बाद एनटीआर जूनियर अपनी अगली प्रशांत नील के साथ की जाने वाली फिल्म और फिर देवरा 2 पर काम करना शुरू करेंगे।इस प्लान में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। टीम तैयारियों में जुट चुकी है और काम की शुरुआत हो चुकी है। पहले ऐसी रिपोर्ट्स भी आई थी कि एनटीआर ने यशराज फिल्मस के साथ वॉर फ्रेंचाइज़ी के अलावा मल्टी-फिल्म डील साइन की है, और इसमें से एक सोलो फिल्म भी है। ऐसे में अब यह नई रिपोर्ट्स सामने आईं हैं कि एनटीआर ने अपने पहले के कमिटमेंट्स की वजह से इन्हें नए प्रोजेक्ट्स को थोड़े समय के लिए टाल दिया है।हालांकि, एनटीआर की प्लानिंग शुरू से ही यही थी कि वह वॉर 2 के बाद पहले प्रशांत नील की फिल्म करेंगे और उसके बाद देवरा 2 पर काम शुरू करेंगे। इस तरह से यह कोई नई बात नहीं है। प्रशांत नील की एनटीआर के साथ बनने वाली फिल्म का टेंटेटिव टाइटल फिलहाल ड्रैगन रखा गया है।