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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग का हुआ 31वाँ स्थापना दिवस समारोह

भोपाल  लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री सत्येन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि डिजिटल स्पेस में मानव अधिकार संरक्षण एक बड़ी चुनौती है। साइबर स्पेस की व्यापकता एवं पहचान छुपाने की तकनीक ने डिजिटल स्पेस में मानवाधिकारों के उल्लंघन को निवारित करने और उन्हें दण्डित करने को अत्यंत दुष्कर बना दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मानव अधिकारों को साइबर सुरक्षा के माध्यम से संरक्षित कर डिजिटल क्रांति का लाभ समाज को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने की चुनौती हमारे समक्ष है। श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा इस चुनौती को स्वीकार कर "साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार'' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन कर प्रशंसनीय कार्य किया गया है। श्री सिंह प्रशासन अकादमी भोपाल में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के 31वें स्थापना दिवस समारोह में "साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार'' की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री राजीव कुमार टण्डन ने कहा कि साइबर सुरक्षा व मानव अधिकार एक प्रासंगिक विषय है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में मानव अधिकार आयोग की स्थापना 13 सितम्बर, 1995 को की गयी थी। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा विगत 30 वर्षों में की गयी अनुशंसाओं के अनुरूप शासन एवं संबंधित विभागों की कार्य-प्रणाली में आवश्यक परिवर्तन कर सुशासन की दिशा में प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि आयोग में विगत 5 वर्षों में 45 हजार 900 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 44 हजार 551 शिकायतों का निपटारा किया गया। श्री टण्डन ने कहा कि आयोग द्वारा नवाचार करते हुए "आयोग आपके द्वार" कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें जिला स्तर पर मानव अधिकारों से संबंधित शिकायतों का जन-सुनवाई के माध्यम से स्थानीय स्तर पर निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश के 34 जिलों में जन-सुनवाई की गयी है। "साइबर सिक्योरिटी और मानव अधिकार इंटरसेक्शन'' विषय पर हुआ मंथन "साइबर सिक्योरिटी और मानव अधिकार इंटरसेक्शन'' के मंथन में विशेषज्ञों ने डिजिटल युग में बढ़ती चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज मानव अधिकार केवल भौतिक जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि ऑनलाइन दुनिया में भी उनकी सुरक्षा उतनी ही आवश्यक है। साइबर अपराध, डेटा चोरी, फेक न्यूज और ऑनलाइन उत्पीड़न जैसी समस्याएँ नागरिकों के निजता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सुरक्षा से सीधे जुड़ी हुई है। विषय-विशेषज्ञों ने बताया कि डिजिटल प्लेटफार्म पर सुरक्षा और स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल साक्षरता और जिम्मेदार उपयोग के लिये जागरूक होना जरूरी है। विशेषज्ञों ने यह संदेश दिया कि डिजिटल युग में मानव अधिकार और साइबर सिक्योरिटी एक-दूसरे के पूरक हैं, विरोधी नहीं। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली सुश्री एन.एस. नप्पिनाई ने कहा कि साइबर डोमेन में सब एक-दूसरे की नजर में हैं। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा की आवश्यकता है, डरने की नहीं। कार्यकारी निदेशक, पीडब्ल्यूसी इण्डिया, हैदराबाद श्री कृष्ण शास्त्री पेड्ंयाला ने कहा कि डी-कॉमर्स के समय में मानव अधिकारों का संरक्षण आवश्यक है। निदेशक राजीव गाँधी लॉ सेंटर एन.एल.आई.ई.यू., भोपाल प्रो. अतुल पाण्डे ने कहा कि प्रगति के 5वें सौपान में डिजिटल सुरक्षा के उपाय जरूरी हैं। सभी विशेषज्ञों ने "साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार'' विषय पर पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से उद्बोधन दिया और साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर जानकारी साझा की। कार्यक्रम में मानव अधिकार आयोग द्वारा "साइबर सुरक्षा एवं मानव अधिकार'' विषय पर आधारित स्मारिका का विमोचन हुआ और आयोग की नवीन वेबसाइट www.hrc.mp.gov.in का लोकार्पण किया गया। मानव अधिकार आयोग के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। आयोग के उप सचिव श्री डी.एस. परमार ने आभार प्रदर्शन किया। मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री टण्डन ने सभी अति‍थियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किये। कार्यक्रम में आयोग के पूर्व पदाधिकारी, विभाग/संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी, विधि संकाय के प्राध्यापक, विधि संकाय के विद्यार्थी और आयोग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। 

धीरेंद्र शास्त्री ने उठाए सवाल: शराब सस्ती, दवा महंगी – विकास का ये कौन सा मॉडल?

गयाजी बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार को गयाजी पहुंचे। वह दिल्ली से विमान द्वारा गया हवाई अड्डे पर उतरे, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। एयरपोर्ट से उन्हें सीधे बोधगया स्थित संबोधि रिसॉर्ट ले जाया गया। यहां वे कई दिनों तक प्रवास करेंगे और यहीं से पिंडदान व तर्पण जैसे कर्मकांड संपन्न करेंगे। इससे पहले, गया एयरपोर्ट पर आईएएनएस से बात करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि गया नगरी भगवान बुद्ध और भगवान विष्णु दोनों की तपोभूमि है। सनातन धर्म में गयाजी का विशेष महत्व है, खासकर पितृ कर्म के लिए। उन्होंने कहा, 'हर साल की तरह इस साल भी मैं अपने पितरों के श्राद्ध हेतु गया जी आया हूं।' धीरेंद्र शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संदेश भी दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही अघोषित रूप से हिंदू राष्ट्र है और अब इसे घोषित रूप से हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। उन्होंने बताया कि 7 नवंबर से 16 नवंबर तक वृंदावन से दिल्ली तक पैदल यात्रा आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए देश में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं निशुल्क होनी चाहिए। वर्तमान व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, 'आज इस देश में शराब सस्ती और दवाएं महंगी हैं, इस पर विचार करने की आवश्यकता है।' वहीं नेपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर प्रतिक्रिया देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पड़ोसी देश में हो रही हिंसा को देखते हुए हमें भी सतर्क रहने की जरूरत है। दिल्ली से गया की फ्लाइट में भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायियों का उत्साह देखने को मिला। एक महिला यात्री राजकुमारी, जो लंदन में कारोबार करती हैं, उसने कहा कि विमान में ही गुरुजी के दर्शन कर लिए। उन्होंने बताया कि लंदन में भी गुरुजी से उनकी मुलाकात हो चुकी है। राजकुमारी ने कहा कि गुरुजी ने हमें बोधगया में रिसॉर्ट पर आने का निमंत्रण दिया है। उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। इसी उड़ान में लंदन से आए वरुण ऋषि ने भी कहा कि उन्होंने गुरुजी का दर्शन किया और यह उनके लिए सौभाग्य की बात रही। उन्होंने कहा कि गुरुजी के आशीर्वाद और बालाजी की कृपा से निश्चित रूप से भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा।

‘आमीन’ कहने पर LKG बच्चे को लेकर स्कूल में विवाद, शिक्षा नीति पर बहस तेज

बिजनौर  उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले के मंडावर इलाके के एक स्कूल में एक महिला ने अपने छोटे बेटे के स्कूल में धर्म के खिलाफ शिक्षा दिए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। महिला का कहना है कि उसके बेटे को स्कूल में प्रार्थना के बाद 'आमीन' कहने को कहा जाता है, जो उसकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। LKG बच्चे ने बताया, टीचर प्रार्थना के बाद 'आमीन' बोलने को कहती सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मां ने बताया कि उसका बेटा LKG (छोटी कक्षा) में पढ़ता है। एक दिन जब बच्चा घर आया तो उसने खाना खाने से पहले प्रार्थना की और अंत में 'आमीन' कहा। जब महिला ने बच्चे से पूछा कि यह कौन सिखाता है, तो बच्चे ने बताया कि उनकी स्कूल की शिक्षिका प्रार्थना के बाद सभी बच्चों को 'आमीन' बोलने के लिए कहती हैं। महिला ने इस बात पर स्कूल से सवाल किया, तो कक्षा की शिक्षिका ने बताया कि यह पहले होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। महिला को यह जवाब मान्य नहीं था, इसलिए उसने स्कूल प्रबंधन से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा। मां ने स्कूल प्रबंधन से मांगा स्पष्टीकरण, इलाके में धार्मिक शिक्षा पर छिड़ी बहस महिला का कहना है कि स्कूल को बच्चों को धर्म के खिलाफ शिक्षा देने से बचना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो। इस मामले को लेकर स्कूल के बाहर महिला ने जोरदार हंगामा किया। वहीं स्कूल प्रबंधन ने भी माना कि पहले ऐसा होता था, लेकिन अब नहीं। फिलहाल इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन इस घटना ने इलाके में धार्मिक शिक्षा को लेकर चर्चा और बहस छेड़ दी है। लोग चाहते हैं कि स्कूलों में सभी बच्चों को धर्मनिरपेक्ष और संवेदनशील शिक्षा दी जाए। 

आरक्षक संवर्ग की सीधी भरती हेतु चयन परीक्षा-2025

ऑनलाइन आवेदन 15 सितम्बर से, परीक्षा 30 अक्टूबर को भोपाल  मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा पुलिस मुख्यालय, गृह विभाग (पुलिस) के अंतर्गत पुलिस आरक्षक के 7500 पदों के लिए "आरक्षक संवर्ग की सीधी भरती हेतु चयन परीक्षा-2025" का विज्ञापन 14 सितम्बर 2025 को प्रकाशित किया जा रहा है। परीक्षा के आवेदन-पत्र 15 सितम्बर से 29 सितम्बर 2025 तक ऑनलाईन लिये जायेंगे। परीक्षा का आयोजन 30 अक्टूबर 2025 से प्रदेश के संभावित 11 शहरों- भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, नीमच, रीवा, रतलाम, सागर, सतना, सीधी और उज्जैन में किया जायेगा। परीक्षा की नियम पुस्तिका मंडल की वेबसाईट www.esb.mp.gov.in पर प्रदर्शित की गई है। आवेदक इसे डाउनलोड कर प्रावधान अनुसार अपना आवेदन पत्र भर सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की घोषणा पर शुरू हुआ अमल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस आरक्षकों की भर्ती संबंधी घोषणा पर अमल शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और आगामी सिंहस्थ के मद्देनजर 22 हजार 500 पुलिस आरक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया। उन्होंने कहा था कि ये सभी भर्तियां आगामी 3 साल में कर दी जाएंगी। प्रत्येक वर्ष 7500 भर्तियां का लक्ष्य रखा गया है। पहले वर्ष में की जाने वाली भर्ती कर्मचारी चयन मंडल से और आगामी 2 वर्षों की भर्तियां म.प्र. पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा की जाएँगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में आरक्षक भर्ती के लिये पुलिस भर्ती बोर्ड गठन की भी घोषणा की है।  

सोनीपत से गुरुग्राम तक सफर हुआ आसान, जानिए नई सुविधा के बारे में

सोनीपत सोनीपत बस अड्डे से साइबर सिटी गुरुग्राम के लिए रोडवेज की वातानुकूलित (एसी) बस द्वारका एक्सप्रेस पर फर्राटा भरने लगी है। यात्रियों को 93 किलोमीटर का सफर 80 रुपये में तय करवाया जा रहा है। सोनीपत से आईजीआई एयरपोर्ट तक 64 रुपये में जा सकेंगे। रोडवेज की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए किराया सूची जारी कर दी गई है। यह बस दिल्ली आईएसबीटी के बजाय द्वारका एक्सप्रेस वे के जरिए सीधे गुरुग्राम पहुंचने लगी है। सोनीपत बस अड्डे से नियमित एसी बस सेवा सुबह 6:30 बजे से शुरू हो गई। यह बस द्वारका एक्सप्रेस-वे से होते हुए डेढ़ घंटे में गुरुग्राम पहुंच रही है। इससे पहले सोनीपत से गुरुग्राम के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध नहीं थी। बस स्टैंड से जयपुर रूट पर छह बसें ही गुरुग्राम होकर जाती हैं, लेकिन बसों को दिल्ली आईएसबीटी होते हुए चलाया जा रहा है। यात्रियों को दिल्ली आईएसबीटी पर कुछ देर रुकना पड़ता है, जिससे उनका समय बर्बाद होता है। अब नई बस सेवा शुरू होने से न सिर्फ यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि रोजाना सफर करने वाले कामकाजी लोगों के लिए भी यह सुविधा मिलेगी। नवरात्र में श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ : नवरात्र के दौरान गुरुग्राम स्थित माता शीतला देवी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सोनीपत से भी श्रद्धालु नवरात्रि में माता शीतला देवी के दर्शन के लिए गुरुग्राम जाते हैं। इन श्रद्धालुओं को भी सीधी बस सेवा से काफी सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने इंदौर में जैन श्वेतांबर मालवा महासंघ के अधिवेशन में की सहभागिता

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि समाज को अनुशासित रखने में संत महात्माओं और मुनियों की महती भूमिका रही है। धर्म गुरुओं के संदेश, उपदेशों से भारतीय संस्कृति अक्षुण्ण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को इंदौर में आयोजित जैन श्वेतांबर मालवा महासंघ के 14 वें अधिवेशन एवं श्रीसंघ मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर से प्रदेश में "सेवा पखवाड़ा अभियान" शुरू किया जा रहा है। अभियान सभी जिलों में विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम आयोजित होंगे। उन्होंने सभी से अभियान में सहभागिता का आहवान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उद्योग विकास, निवेश और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं। गौमाताओं, गौशालाओं का संरक्षण, दुग्ध संघ के माध्यम से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में बेहतर कार्य हुए हैं। इन सब प्रयासों से प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है। संघ मिलन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आचार्य विश्वरत्न सागर का शुभाशीष प्राप्त किया। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मंगल कलश और शुभ अक्षतों की वर्षा कर स्वागत किया गया। इस दो दिवसीय समारोह में अन्य राज्यों व जिलों से धर्मावलंबी शामिल हुए। इस दौरान आचार्य विश्वरत्न सागर ने आशीष वचनों से उपस्थितजन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया अपने सरल, सहज और समन्वय भाव से प्रदेश को विकास की ओर ले जा रहे हैं। नए उद्योग और रोजगार, धार्मिक न्यास को लेकर प्रदेश में जो कार्य हुए है वे अतुल्यनीय है। सरकार ने जन हितैषी कार्यों बढ़ावा दिया है। समारोह में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री गोलू शुक्ला, श्रीमती मालिनी गौड़, श्री मधु वर्मा, श्री रमेश मेंदोला, श्वेतांबर मालवा महासंघ के पदाधिकारी, सदस्य, एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।  

बिजली बिल से राहत: यूपी के लोग अपनाएं नया तरीका, सरकार भी दे रही आर्थिक मदद

मैनपुरी  बिजली की बढ़ती दरों व विभाग द्वारा मनमाने तरीके से बिल जनरेट करने से बचने के लिए लोग सोलर की तरफ अपना मन लगाने लगे हैं। सरकार भी इस योजना का लाभ देने के लिए उपभोक्ताओं को अच्छी सब्सिडी दे रही है। बिजली के झंझटों से बचने के लिए उपभोक्ता स्वयं नेडा कार्यालय पहुंचकर योजना की जानकारी कर रहे हैं और अपना आवेदन कर रहे हैं। विभाग भी आवेदनों का सत्यापन कराकर उपभोक्ताओं की छतों पर सोलर प्लांट लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। 1866 आवेदनों का सत्यापन पूर्ण सरकार द्वारा संचालित पीएम सूर्य घर बिजली योजना का लाभ लेने के लिए जिले के 3018 बिजली उपभोक्ताओं ने सोलर प्लांट लगवाने के लिए नेडा कार्यालय में आवेदन किए हैं। विभाग द्वारा आवेदनों का सत्यापन का कार्य चल रहा है। 1866 आवेदनों का सत्यापन पूर्ण कर लिया गया है। इनमें से 1115 आवेदकों के घर सोलर प्लांट लगाने का कार्य पूरा कर दिया गया है। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को अच्छी सब्सिडी भी दी जा रही है। सोलर प्लांट स्थापित होने के बाद केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला अनुदान एक सप्ताह के अंदर तो प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाने वाला अनुदान एक माह बाद खातों में पहुंच रहा है। सोलर प्लांट से उत्पादित ऊर्जा की खपत के बाद शेष यूनिटों को बिजली विभाग द्वारा क्रय भी किया जा रहा है। जिसका भुगतान बिजली विभाग उपभोक्ता के बिजली बिल में एडजस्ट कर देता है। यह जरुरी है दस्तावेज सरकार द्वारा जारी की गई वेवसाइट पर उपभोक्ता मोबाइल नंबर, ईमेल, बिद्युत कनेक्शन नंबर और आधारकार्ड की आवश्यकता पड़ती है। सब्सिडी के लिए बैंक की पासबुक व चैक की फोटोकापी अपलोड करनी पड़ती है। विभागीय व्यवस्था की स्थिति     क्षमता – अनुमानित लागत – केंद्र सरकार का अनुदान – राज्य सरकार का अनुदान – उपभोक्ता द्वारा देय धनराशि(रु. में)     एक किलोवाट – 65000 – 30000 – 15000 – 20000     दो किलोवाट – 130000 – 60000 – 30000 – 40000     तीन किलोवाट – 180000 – 78000 – 30000 – 72000     चार किलोवाट – 240000 – 78000 – 30000 – 132000     पांच किलोवाट – 275000 – 78000 – 30000 – 167000     छह किलोवाट – 330000 – 78000 – 30000 – 222000  

मौसम विभाग की चेतावनी: पंजाब में 18 सितंबर तक सतर्क रहें

पंजाब  पंजाब के मौसम को लेकर नई चेतावनी जारी हुई है। दरअसल, मौसम विभाग के निदेशक डॉ. सुरिंदर पाल के अनुसार  राज्य में 17-18 सितंबर को भारी बारिश होने के आसार है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर निचले इलाकों में रहने वालों को बारिश के दिनों में सावधानी बरतने की अपील की गई है। कहा जा रहा है कि फिलहाल बड़े पैमाने पर बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन 17-18 सितंबर को पंजाब भर में तेज बारिश देखने को मिल सकती है।  लोगों को सावधान रहने की अपील  वहीं आपको बता दें कि राज्य में लगातार बारिश रुकने से नदियों और दरियाओं का पानी घटने लगा है। लोगों को कुछ हद तक राहत मिली है। घग्गर दरिया, जो एक हफ़्ता पहले खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था, अब नीचे उतरना शुरू हो गया है। इसी तरह टांगरी और मारकंडा नदियों का पानी भी खतरे के निशान से नीचे आ गया है, जिससे बाढ़-प्रभावित इलाकों में काफी सुधार दिखाई दे रहा है। पानी का बढ़ना रुकने से न सिर्फ़ गांवों में लोग अब अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं, बल्कि खेतों से भी खड़ा पानी सूखने लगा है।  इस कारण किसानों में फसल बचाने की उम्मीद जग रही है। प्रशासन ने लोगों को सावधान रहने की अपील की है क्योंकि कमजोर बांध, टूटी हुई सड़कें और कमजोर किनारे अभी भी कभी भी ख़तरा पैदा कर सकते हैं।  राहत टीमें अभी भी मैदान में तैनात हैं। हालांकि बाढ़ का खतरा अब घटता जा रहा है, लेकिन प्रभावित इलाकों में साफ़-सफ़ाई, बीमारियों से बचाव और लोगों के पुनर्वास का बड़ा चुनौतीपूर्ण काम अभी भी सामने खड़ा है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 अगस्त को मिशन रोजगार के तहत नव चयनित मुख्य सेविकाओं को सौंपे थे नियुक्ति पत्र

नव चयनित मुख्य सेविकाओं को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये जिले किये गये आवंटित   2403 मुख्य सेविकाओं को उनकी प्राथमिकता के आधार पर जिलों का किया गया आवंटन लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन रोजगार के तहत 28 अगस्त को बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में नव चयनित 2425 मुख्य सेविकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया था। वहीं मजह 15 दिनों में सभी नव चयनित मुख्य सेविकाओं को ऑनलाइन प्रेफरेंस कम मेरिट के अाधार पर पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाते हुए जिले आवंटित कर दिये गये हैं। इसी के साथ विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को नव चयनित मुख्य सेविकाओं को तैनाती देने के निर्देश दिये गये हैं।  69 जिलों में विकल्प चुनने के लिए मुख्य सेविकाओं के लिए खोला गया था पोर्टल बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप नव चयनित मुख्य सेविकाओं को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत जिले में तैनाती के लिए ऑनलाइन पोर्टल (ऑनलाइन प्रेफरेंस कम मेरिट) विकसित किया गया था। ऐेसे में शासन से अनुमोदित नीति के अनुसार 69 जिलों में विकल्प के लिए मुख्य सेविकाओं के लिए पोर्टल को खोला गया था। इस पोर्टल पर ऐसे जनपद थे, जहां पर 60 प्रतिशत या इससे अधिक मुख्य सेविका के पद रिक्त थे। इसमें जो मुख्य सेविकाओं की बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर पदोन्नति हो चुकी है, उन रिक्त पदों को भी सम्मिलित करते हुए विकल्प भर जाने की सुविधा दी गयी थी। इस पोर्टल पर मुख्य सेविकाओं द्वारा मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से लॉगिन कर अपना जनपद चुना गया।  सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को तैनाती देने के दिये गये निर्देश पोर्टल के माध्यम से 69 जिलों में से 2425 मुख्य सेविकाओं ने अपनी जिला आवंटन प्राथमिकता दर्ज करायी गयी थी। इसमें से 2403 मुख्य सेविकाओं को उनकी प्राथमिकता के आधार पर जिलों का आवंटन किया गया जबकि शेष 22 मुख्य सेविकाओं को रैंडम आवंटन के माध्यम से जिले आवंटित किये गये हैं। जिला आवंटन पारदर्शी प्रक्रिया में 2120 मुख्य सेविकाओं को उनकी पहली पसंद वाला जिला आवंटित किया गया है, जिसका रेश्यो 88.22 प्रतिशत है। इसी तरह 202 मुख्य सेविकाओं को उनकी द्वितीय प्राथमिकता वाला जिला आवंटित किया गया, जिसका रेश्यो 8.41 प्रतिशत है जबकि 34 को तीसरा प्राथमिकता वाला जिला, 29 को चौथा प्राथमिकता वाला जिला और 11 को पांचवां प्राथमिकता वाला जिला आवंटित किया गया है। वहीं 22 मुख्य सेविकाओं को रैंडम आवंटन के माध्यम से जिले आवंटित किये गये हैं। सभी मुख्य सेविकाओं को जिला आवंटित होने के बाद सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को मुख्य सेविकाओं को तैनाती देने के निर्देश दिये गये हैं।     

शिक्षा और विकास पर मिला व्यापक जनसमर्थन, अभियान में अब तक सवा लाख से अधिक फीडबैक दर्ज

– 75 जिलों में अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने जनता से किया सीधा संवाद – ग्रामीण क्षेत्रों से सबसे अधिक 88 हजार से अधिक फीडबैक प्राप्त शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सबसे ज्यादा 41 हजार से अधिक सुझाव मिले – आगरा, बलिया, कानपुर नगर समेत कई जिलों से 16,350 से अधिक फीडबैक – जनता ने डिजिटल शिक्षा, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम और सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने पर दिया जोर लखनऊ योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047”' अभियान को जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है। शनिवार  तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्धजनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया और आम जनमानस से संवाद किया। इस दौरान प्रदेश की विगत आठ वर्षों की विकास यात्रा साझा की गई और भविष्य के रोडमैप पर चर्चा कर व्यापक फीडबैक प्राप्त किया गया। सवा लाख से अधिक फीडबैक दर्ज अभियान के तहत बनाए गए विशेष पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक सवा लाख फीडबैक दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 88 हजार से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों से और 24 हजार नगरीय क्षेत्रों से प्राप्त हुए। आयु वर्ग के आधार पर करीब 41 हजार सुझाव 31 वर्ष से कम, 65 हजार से अधिक सुझाव 31 से 60 वर्ष के बीच तथा सात हजार से अधिक सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से आए हैं। शिक्षा पर सबसे ज्यादा फीडबैक जनता ने सबसे अधिक महत्व शिक्षा क्षेत्र को दिया। 41 हजार से अधिक सुझाव शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मिले। इसके अलावा नगरीय और ग्रामीण विकास पर 19 हजार से अधिक, स्वास्थ्य पर 12 हजार से अधिक, समाज कल्याण पर 10 हजार से अधिक और कृषि क्षेत्र पर 17 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। यह स्पष्ट करता है कि जनता शिक्षा और कृषि दोनों को भविष्य के विकास का आधार मानती है। जिलों से उत्साही भागीदारी आगरा, बलिया, बलरामपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, मैनपुरी और प्रतापगढ़ जैसे जनपदों से सबसे अधिक भागीदारी रही। इन जिलों से 16 हजार से अधिक फीडबैक प्राप्त हुए हैं, जो अभियान की सफलता को दर्शाते हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार पर जोर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सुझावों में छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाओं—स्वच्छ शौचालय, शुद्ध पेयजल, सुसज्जित पुस्तकालय और खेल के मैदान की अनिवार्य उपलब्धता पर बल दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने हेतु हाई-स्पीड इंटरनेट और स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने की मांग उठी। परीक्षा प्रणाली और रोजगारोन्मुखी शिक्षा फीडबैक में परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने हेतु तकनीकी सुधार लागू करने की आवश्यकता बताई गई। साथ ही, शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने और ई-लर्निंग पोर्टल के माध्यम से मुफ्त कौशल विकास कोर्स उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया। निजी शिक्षा की लागत पर चिंता शहरी क्षेत्रों में निजी शिक्षा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए लोगों ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और संसाधनों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि मजबूत सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली ही समान अवसर प्रदान कर सकती है और भविष्य में सामाजिक असमानता को कम कर सकती है। अभियान से यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश की जनता न केवल विकास यात्रा की सहभागी है, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है।