samacharsecretary.com

अयोध्या में 120 फीट के मंच पर थ्रीडी तकनीक के साथ शुरू हुई भव्य रामलीला

अयोध्या. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या लगातार आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव से निखर रही है। इसी कड़ी में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामकथा पार्क में सातवें संस्करण की भव्य फिल्मी रामलीला का शुभारंभ हुआ। 120 फीट ऊंचे मंच पर थ्रीडी तकनीक के साथ शुरू हुई इस रामलीला में पहले दिन नारद मोह के प्रसंग से सबका मन मोह लिया। यह आयोजन 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस बार रामलीला की खासियत 240 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा, जो इसे और भी भव्य बनाएगा। इसके साथ ही 190 फीट ऊंचे मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का भी दहन किया जाएगा। 60 कारीगर तैयार कर रहे हैं पुतला कोरोना काल 2020 में शुरू हुई इस फिल्मी रामलीला ने हर साल अपनी भव्यता और नवाचार के साथ लोगों का ध्यान खींचा है। संस्थापक अध्यक्ष सुभाष मालिक ने बताया कि इस बार चार राज्यों के 60 कारीगरों की टीम ने इन विशाल पुतलों को तैयार किया है, जो तकनीक और कला का अनूठा संगम प्रदर्शित करेंगे।  बड़े बड़े कलाकार निभा रहे पात्रों की भूमिका रामकथा पार्क में आयोजित इस रामलीला में फिल्मी सितारों की भागीदारी इसे और भी आकर्षक बनाती है। इस साल भगवान शंकर का किरदार बिंदु दारा सिंह, बाली का किरदार सांसद मनोज तिवारी, परशुराम का किरदार पुनीत इस्सर और केवट का किरदार रवि किशन निभा रहे हैं। इन सितारों की मौजूदगी से रामलीला में फिल्मी तड़का और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। अत्याधुनिक तकनीक का किया जा रहा इस्तेमाल रामलीला का मंचन अत्याधुनिक थ्रीडी तकनीक के साथ किया जा रहा है, जो दर्शकों को एक जीवंत अनुभव प्रदान करेगा। मंच की ऊंचाई और तकनीकी प्रभावों के कारण दर्शक रामायण के दृश्यों को और करीब से महसूस कर सकेंगे। आयोजकों ने बताया कि इस बार रावण दहन का आयोजन अभूतपूर्व होगा। मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 बनेंगी सीता इस बार सीता की भूमिका मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 मणिका विश्वकर्मा कर रही हैं। अयोध्या की रामलीला के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष मलिक ने बताया कि इस बार अयोध्या की रामलीला इतिहास रचने जा रही है। इसमें रावण का रोल प्रसिद्ध कलाकार विजय सक्सेना कर रहे हैं। श्रीराम की भूमिका फिल्म अभिनेता राहुल भूचर कर रहे हैं। गत वर्ष 47 करोड़ ने देखी थी रामलीला सुभाष मालिक ने बताया कि रामलीला न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी है। इस आयोजन से अयोध्या में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। रामकथा पार्क में हर शाम हजारों की संख्या में दर्शक पहुंच रहे हैं, और इसका सीधा प्रसारण भी विभिन्न मंचों पर किया जा रहा है। गत वर्ष ऑनलाइन व दूरदर्शन के माध्यम से 47 करोड़ लोगों ने रामलीला देखी थी। इसका प्रसारण रोजाना शाम सात बजे से दस बजे तक दिखाई जाएगी।  

ग्रामीण अंचल के अंतिम छोर और अंतिम किसान तक पहुंचे कृषि नवाचार के फायदे

‘डिजिटल-कृषि’ नवाचार से सीमांत किसानों को सशक्त बनाने की पहल आईआईटी इंदौर में हुई ‘एग्रीकनेक्ट’ कार्यशाला भोपाल कृषि नवाचार के फायदे ग्रामीण अंचल के अंतिम छोर और अंतिम किसान तक पहुंचने चाहिए तभी खेती को लाभ का सौदा बनाकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। डिजिटल कृषि के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आईआईटी इंदौर में सी-डैक पुणे, आईसीएआर-एनएसआरआई इंदौर और आईसीएआर-सीआईएई भोपाल के सहयोग से दो दिवसीय एग्रीकनेक्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्य़शाला में एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव श्री के. के. सिंह ने बताया कि किसानों को सशक्त बनाने में डिजिटल कृषि नवाचार की भूमिका महत्वपूर्ण है। कार्याशाला के तकनीकी सत्रों में फसल सुधार, सटीक कृषि, ड्रोन अनुप्रयोग, और एआई-संचालित कीट व रोग निदान जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया। आईसीएआर-आईएएसआरआई, नई दिल्ली के डॉ. अनिल राय ने डिजिटल डिसीडन-सपोर्ट-सिस्टम को अपनाये जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे सीमित संसाधनों वाले किसानों को सही निर्णय लेने में सहयोग मिलेगा। कार्यशाला में गैर-सरकारी संगठन, उद्योग प्रतिनिधि, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) एवं कामदार ग्रुप और हाईमीडिया लैब जैसे स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया। इंटरैक्टिव गोलमेज बैठकों में नकली उर्वरकों की पहचान, किफायती तकनीकों, और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। पीआई, एग्रीहब, आईआईटी इंदौर की प्रोफेसर अरुणा तिवारी ने कृषि नवाचारों को गांव-गांव और प्रत्येक किसान तक पहुंचाये जाने की आवश्यकता जताई। कार्यशाला में आये प्रतिभागियों सहमित जताई कि एग्रीहब मॉडल, कृषि नवाचार, डिजिटल परिवर्तन और किसान सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय अधो-संरचना के रूप में प्रभावी भूमिका निभा सकता है।  

पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृह सारनी की यूनिट 10 ने 200 दिन तक किया लगातार उत्पादन

भोपाल मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी(MPPGCL) के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी (STPS) की 250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 10 ने अभियंताओं व तकनीकी कर्मियों के असाधारण समर्पण व कड़ी मेहनत की बदौलत 200 दिन तक सतत् और निर्बाध विद्युत उत्पादन करने में सफलता हासिल की है। यह यूनिट इस वर्ष 5 मार्च से अभी तक लगातार विद्युत उत्पादन कर रही है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सारनी की यूनिट नंबर 10 के अभियंताओं व तकनीकी कर्मियों को इस गौरवशाली उपलब्ध‍ि पर बधाई दी है। पिछले 12 वर्षों में रचे नए कीर्तिमान सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की 250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 10 की कमीशनिंग 18 अगस्त 2013 को हुई थी। पिछले बारह वर्षों में इस यूनिट ने विद्युत उत्पादन और ऑपरेशन के नए कीर्तिमान रचे। यूनिट नंबर 10 ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 305 दिन तक लगातार विद्युत उत्पादन करने का रिकार्ड बनाया था। वर्ष 2023-24 में इस यूनिट ने क्रमश: 170 व 200 दिनों तक लगातार विद्युत उत्पादन करने का कीर्तिमान बनाया था। यूनिट ने अर्जित किया 98.34% पीएएफ सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की यूनिट नंबर 10 ने जब 200 दिनों तक लगातार विद्युत उत्पादन करने में सफलता हासिल की तब यूनिट का प्लांट अवेलेबिलिटी फेक्टर (पीएएफ) 98.34 फीसदी, प्लांट लोड फेक्टर 84.23 फीसदी व ऑक्जलरी कंजम्पशन 8.94 प्रतिशत रहा।  

ODI में वापसी कर रहे हैं डिकॉक, रिटायरमेंट का फैसला लिया वापस – साउथ अफ्रीका को मिला बड़ा बढ़ावा

केपटाउन साउथ के धाकड़ विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने क्रिकेट फैन्स को बड़ा सरप्राइज दिया है. 32 साल के क्विंटन डिकॉक ने वनडे इंटरनेशनल में फिर से वापसी का फैसला किया है. डि कॉक ने साल 2021 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था. इसके बाद 2023 के वनडे वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने 50 ओवर्स के फॉर्मेट को भी अलविदा कह दिया था. हालांकि उन्होंने टी20 इंटरनेशनल से रिटायरमेंट की घोषणा नहीं की थी डिकॉक अब दो साल बाद यू-टर्न लिया है और साउथ अफ्रीक के लिए टी20 के अलावा वनडे क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हो चुके हैं. अक्टूबर में होने वाले पाकिस्तान दौरे के लिए डिकॉक को साउथ अफ्रीका  वनडे और टी20 टीम में शामिल किया गया है. 32 साल के डिकॉक ने साउथ अफ्रीका के लिए 155 ओडीआई मैचों में 45.74 की औसत से 6770 रन बनाए हैं, इस दौरान उनके बल्ले से 21 शतक और 30 अर्धशतक निकले. डिकॉक ने 30 साल की उम्र में भारत में होने वाले 2023 विश्व कप के बाद वनडे को अलविदा कह दिया था। उन्होंने तब तक 155 वनडे में 45.74 की औसत और 96 के स्ट्राइक रेट से 21 शतकों के साथ 6770 रन बनाए थे। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलना जारी रखा लेकिन बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका की हार के बाद, उन्हें महीनों तक टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में नहीं चुना गया। पूर्व कोच रॉब वाल्टर ने बाएं हाथ के इस खिलाड़ी की भविष्य की योजनाओं पर अनिश्चितता जताई थी। बड़े स्कोर बनाने की क्षमता रखने वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज डिकॉक अब नए कोच शुक्री कॉनराड के साथ चर्चा के बाद टीम में वापस आ गए हैं। दक्षिण अफ्रीका ने सफेद गेंद वाले चरण के लिए अपने सभी प्रारूपों के अधिकांश खिलाड़ियों को आराम देने का फैसला किया है। डेविड मिलर टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम की कप्तानी करेंगे जबकि शानदार फॉर्म में चल रहे मैथ्यू ब्रीट्ज़के को वनडे टीम की कप्तानी का मौका मिलेगा। मैथ्यू वनडे में अपनी क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं और इससे पहले, इस प्रारूप में दक्षिण अफ्रीका-ए और वॉरियर्स की कप्तानी कर चुके। पाकिस्तान टी20 सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम: डेविड मिलर (कप्तान), कॉर्बिन बॉश, डेवाल्ड ब्रेविस, नंद्रे बर्गर, गेराल्ड कोएत्ज़ी, क्विंटन डी कॉक, डोनोवन फरेरा, रीज़ा हेंड्रिक्स, जॉर्ज लिंडे, क्वेना मफाका, लुंगी एनगिडी, नकाबा पीटर, लुआन-ड्रे प्रिटोरियस, एंडिले सिमलेन और लिज़ाद विलियम्स पाकिस्तान वनडे सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम: मैथ्यू ब्रीट्ज़के (कप्तान), कॉर्बिन बॉश, डेवाल्ड ब्रेविस, नंद्रे बर्गर, गेराल्ड कोएत्ज़ी, क्विंटन डी कॉक, टोनी डी ज़ोरज़ी, डोनोवन फरेरा, ब्योर्न फोर्टुइन, जॉर्ज लिंडे, क्वेना मफाका, लुंगी एनगिडी, नकाबा पीटर, लुआन-ड्रे प्रिटोरियस और सिनेथेम्बा केशिले' प्रोटियाज़ टीम 11 अक्टूबर को नामीबिया के खिलाफ इकलौता टी20 मैच भी खेलेगी और डिकॉक भी उस टीम का हिस्सा होंगे। नामीबिया T20I के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम: डोनोवन फरेरा (कप्तान), नांद्रे बर्गर, गेराल्ड कोएत्ज़ी, क्विंटन डी कॉक, ब्योर्न फोर्टुइन, रीज़ा हेंड्रिक्स, रुबिन हरमन, क्वेना मफाका, रिवाल्डो मूनसामी, नकाबा पीटर, लुआन-ड्रे प्रिटोरियस, एंडिले सिमलेन, जेसन स्मिथ और लिज़ाद विलियम्स।

राज्य स्तरीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता-2025 का समापन

अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ी करेंगे प्रदेश का नेतृत्व भोपाल राज्य स्तरीय 28वीं वन खेल-कूद प्रतियोगिता का समापन रविवार को टी.टी. नगर स्टेडियम, भोपाल में हुआ। प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ी उत्तराखण्ड में 12 से 16 नवम्बर तक 28वीं अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रदेश का नेतृत्व करेंगे। अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल ने प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मेडल एवं प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया। प्रतियोगिता में बेस्ट एथलेटिक्स का पुरस्कार प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ डॉ. समिता राजौरा को दिया गया। अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता में शामिल होने के लिये भोपाल में एक अभ्यास शिविर का आयोजन किया गया। समापन समारोह में पुलिस बैण्ड पार्टी द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गयी और खिलाड़ियों द्वारा मार्चपास्ट किया गया। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख श्री व्ही.एन. अंबाड़े और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।  

घर वापसी की धमकी और गंगाजल-गौमूत्र का ज़िक्र: गरबा आयोजन में लगा भड़काऊ पोस्टर

भोपाल  मध्य प्रदेश में नवरात्रि से पहले गरबा उत्सवों को लेकर सनातनी संगठनों का सख्त रुख देखने को मिल रहा है. राजधानी भोपाल में श्रीकृष्ण सेवा समिति ने गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर चेतावनी जारी की है. कमेटी ने पंडालों पर पोस्टर लगाए हैं, जिनमें लिखा है कि गैर-हिंदू यदि गरबा में आएंगे तो उनकी 'घर वापसी' कराई जाएगी.  पोस्टर पर जूते-चप्पल, लट्ठ की फोटो के साथ 'जिहादियों की उचित व्यवस्था की जाएगी' का संदेश दिया गया है. कमेटी के कार्यकर्ता हाथों में लट्ठ लेकर पंडालों पर तैनात रहेंगे. श्रीकृष्ण सेवा समिति के अध्यक्ष गोपाल ठाकुर ने कहा, "हम गरबा देखने आने वालों को गंगाजल पिलाएंगे और गौमूत्र छिड़केंगे." पूछने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यकर्ता आत्मरक्षा के लिए लट्ठ लेकर नजर रखेंगे. हाथों में लट्ठ लेकर तैनात रहेंगे समिति के कार्यकर्ता. उधर, गरबा पंडालों पर मुस्लिम लोगों की एंट्री को लेकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जिस तरह सनातन हिंदू विचारधारा के लोग हज यात्रा में नहीं जाते, उसी तरह उनके लोगों को भी गरबा में नहीं आना चाहिए. उन्होंने गरबा के मुख्य दरवाजे पर गोमूत्र रखने की सलाह भी दी.  

सम्पदा 2.0 को मिला ई-गवर्नेंस अवार्ड

पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन की दिशा में अग्रणी बना मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करते हुए मध्यप्रदेश ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अभिनव पहल संपदा 2.0 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार-2025 से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन की दिशा में मध्यप्रदेश अग्रणी बना है। यह सम्मान तकनीक के माध्यम से शासन व्यवस्था में परिवर्तन लाने की श्रेणी- गवर्नमेंट प्रोसेस री-इंजीनियरिंग बाई यूज ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन-में प्रदान किया गया है। विशाखापट्टनम में ई-गवर्नेंस पर आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह एवं सचिव भारत सरकार डीएआरपीजी श्री वी. श्रीनिवास ने महानिरीक्षक पंजीयन श्री अमित तोमर तथा संपदा परियोजना अधिकारी श्री स्वप्नेश शर्मा को यह अवार्ड प्रदान किया। ई-गर्वेनेंस अवार्ड मिलना प्रदेश के लिए ऐतिहासिक : उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सम्पदा 2.0 ने संपत्ति एवं दस्तावेजों के पंजीयन को पूर्णत: पेपरलेस और फेसलेस बना दिया है। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली नागरिकों को बिना कार्यालय आए सुरक्षित और सरल पंजीयन की सुविधा देती है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार ने केवल प्रदेश की तकनीकी दक्षता को प्रमाणित किया है, बल्कि सुशासन और नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता और गति लाने की दिशा में मध्यप्रदेश की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया है। उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में लगातार नई पहचान बना रहा है। सम्पदा 2.0 से न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है, बल्कि निवेश और व्यावसायिक वातावरण को भी मजबूती मिली है। उन्होंने परियोजना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार मध्यप्रदेश के सुशासन मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा को दर्शाता है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने दस्तावेजों का पूर्णतः पेपरलेस ई-पंजीयन प्रारंभ किया है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अंतर्गत लगभग 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 दस्तावेजों का फेसलेस पंजीयन वीडियो केवाईसी के माध्यम से संभव हुआ है। यह प्रक्रिया छद्मरूपण एवं भूमि विवादों को कम करने में सहायक सिद्ध हो रही है। सम्पदा 2.0 में जीआईएस तकनीक सहित आधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब नागरिक कहीं से भी, कभी भी www.sampada.mpigr.gov.in पोर्टल अथवा मोबाइल एप से ई-स्टाम्प प्राप्त कर सकते हैं और राज्य की किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें तत्काल देख सकते हैं। पंजीयन पूर्ण होते ही दस्तावेज ईमेल और व्हाट्सऐप पर उपलब्ध हो जाते हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार राज्य को लास्ट माइल कनेक्टिविटी श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्राप्त हुआ था। लगातार दूसरे वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर हासिल यह उपलब्धि प्रदेश की तकनीक आधारित पारदर्शी कार्यप्रणाली और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।  

ग्रामीण क्षेत्रों से तीन लाख से ऊपर और शहरी क्षेत्रों से करीब एक लाख सुझाव मिले

 आगरा के ललित वर्मा ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने की मांग की शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि सबसे बड़े मुद्दे, युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा कन्नौज के अखिलेश पांडेय ने वेटरनरी छात्रों की तैनाती का सुझाव दिया बस्ती के गोबिंद ने ग्राम सचिवालय को पारदर्शिता का केंद्र बनाने की बात कही देवरिया से शिशिरा प्रजापति ने ग्रामीण क्षेत्रों में एआई व रोबोटिक्स सिखाने का सुझाव दिया जनता से मिलने वाले अच्छे सुझावों को विजन डॉक्युमेंट में शामिल करेगी योगी सरकार लखनऊ, समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत प्रदेश के 75 जनपदों में नोडल अधिकारीऔर प्रबुद्ध जन आम जनता से संवाद कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा और भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा जारी है, जिसमें ग्रामीण जनता की बड़ी भागीदारी देखने को मिल रही है। सोमवार तक अभियान में करीब चार लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। इनमें तीन लाख से ऊपर सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और करीब एक लाख सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। सबसे अधिक भागीदारी 31 से 60 वर्ष आयु वर्ग की दिख रही है, जबकि जेन-ज़ी और वरिष्ठ नागरिकों ने भी सक्रियता दिखाई है। सुझावों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, नगरीय एवं ग्रामीण विकास, आईटी-टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री जैसे क्षेत्रों पर जनता का ज़्यादा जोर है। खासकर शिक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू होने वाली नीतियों में पारदर्शिता को लेकर नागरिकों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। ये हैं कुछ प्रमुख सुझाव देवरिया की शिशिरा प्रजापति ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में एआई, रोबोटिक्स और हरित ऊर्जा जैसी तकनीकें सिखाई जाएं। साथ ही उच्च शिक्षा व कौशल प्रशिक्षण सस्ता और सुलभ बनाया जाए, तेज़ इंटरनेट, स्मार्ट क्लास और विश्वविद्यालयों में शोध केंद्र व स्टार्टअप इनक्यूबेटर स्थापित किए जाएं। आगरा के ललित वर्मा ने निजी विद्यालयों की मनमानी रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि किताबें और ड्रेस कम से कम पांच साल तक न बदलें, एक समान सिलेबस हो और शिकायत निवारण के लिए राज्य स्तरीय पोर्टल बने। कन्नौज के अखिलेश कुमार पांडेय ने सुझाव दिया कि पशुपालन विभाग में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए अंतिम वर्ष के वेटरनरी छात्र एक साल के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण के तहत पशु चिकित्सालयों में तैनात किए जाएं। बस्ती के गोबिंद ने ग्राम सचिवालय को पारदर्शिता का केंद्र बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पंचायत सहायक हर योजना का पैसा कब आया, कितना और कहां खर्च हुआ, इसकी ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करें और ग्राम लेखाकार के रूप में मान्यता पाएँ। अभियान में अब तक प्रयागराज, फिरोजाबाद, बस्ती, जौनपुर, कानपुर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, मेरठ, फर्रुखाबाद और महाराजगंज जैसे जनपदों से सबसे अधिक सुझाव आए हैं। सरकार का कहना है कि जनता की इन रायों को विकास रोडमैप में शामिल कर उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार पर सीएम योगी ने जनसंर्पक कर व्यापारियों व ग्राहकों से किया संवाद

  दुकानदारों को दिया जीएसटी की घटी दरों का स्टीकर, एक दुकान पर खुद किया चस्पा किया गोरखपुर, नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म (अगली पीढ़ी के लिए जीएसटी सुधार) सोमवार से लागू हो गए। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में तय जीएसटी रिफॉर्म जागरूकता अभियान के पहले चरण की शुरुआत खुद व्यापारियों और ग्राहकों के बीच जनसंर्पक करके की। सीएम ने सोमवार पूर्वाह्न पदयात्रा कर झूलेलाल मंदिर से गोरखनाथ मंदिर मार्ग तक कारोबारी प्रतिष्ठानों में जाकर कारोबारियों और वहां मिले ग्राहकों से बात की, जीएसटी सुधारों पर उनकी प्रतिक्रिया जानी। उन्होंने कारोबारियों से आग्रह किया मोदी सरकार से उपहार स्वरूप घटी जीएसटी का लाभ ग्राहकों को अवश्य दें। साथ ही स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिष्ठानों पर ‘गर्व से कहो यह स्वदेशी है’ का पोस्टर भी लगाएं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जीएसटी परिषद ने तीन सितंबर की बैठक में कर सुधारों का निर्णय लिया था। ये निर्णय सोमवार से प्रभावी हो गए। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत दिनों एक समीक्षा बैठक में 22 सितंबर से 29 सितंबर तक ‘जीएसटी रिफॉर्म जागरूकता अभियान’ का पहला चरण शुरू करने का निर्णय लिया था। इसका शुभारंभ सोमवार को उन्होंने खुद पदयात्रा, जनसंर्पक और संवाद से किया। ‘जीएसटी रिफॉर्म जागरूकता अभियान’ के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झूलेलाल मंदिर से गोरखनाथ मंदिर मार्ग तक पदयात्रा की और मार्ग पर स्थित कई दुकानों में जाकर व्यापारियों और ग्राहकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जीएसटी की घटी दरों को लेकर उनसे संवाद किया। उन्हें जीएसटी की घटी दरों से संबंधित एक स्टीकर और गुलाब का फूल दिया। साथ ही कहा कि जीएसटी की घटी दरों का लाभ ग्राहकों को जरूर दीजिए। इससे आपका कारोबार और समृद्ध होगा। अभियान के दौरान सीएम योगी सबसे पहले स्टाइल बाजार गए। यहां प्रतिष्ठान के उच्च प्रबंधन ने उनका स्वागत किया। यहां मुख्यमंत्री ने खुद प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर जीएसटी की घटी दरों का स्टीकर चस्पा किया। उन्होंने स्नेहिल भाव से प्रतिष्ठान के मेंटर राजेंद्र खुराना, एमडी श्रेयांश खुराना और निदेशक प्रदीप अग्रवाल से पूछा कि कपड़ों पर जीएसटी में कितनी कमी आई है। यह बताए जाने पर कि 12 प्रतिशत घटकर 5 प्रतिशत हो गया है, सीएम ने कहा कि इससे आपका बाजार और मजबूत होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए ग्राहकों को कम हुई जीएसटी का फायदा जरूर दीजिए। प्रतिष्ठान प्रबंधन ने बताया कि जीएसटी कमी का लाभ दिया जाना शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री जब यहां से जाने लगे तो उन्होंने प्रतिष्ठान संचालक को गुलाब का फूल भेंट किया। इसके बाद मुख्यमंत्री पैदल चलकर न्यू स्वीट्स पैलेस पर आए। यहां उन्होंने दुकानदार बिहारी लाल व जतिन लाल से जीएसटी की कम हुई दरों पर संवाद किया। दुकानदार ने बताया कि कम हुई कीमतों का लाभ उन्होंने ग्राहकों को देना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें जीएसटी रिफॉर्म का स्टीकर देकर कहा कि सभी लोगों को जीएसटी सुधार के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। व्यापारियों और ग्राहकों से संपर्क और संवाद के क्रम में मुख्यमंत्री ने गीता होलसेल मार्ट में प्रतिष्ठान संचालक शम्भू शाह से कहा कि जीएसटी दरों में कमी को लेकर ग्राहकों को आप लोग खुद भी जागरूक करिए। इससे ग्राहक को फायदा होगा ही, आपका भी बाजार समृद्ध होगा। प्रेम मेडिकल्स में जाकर उन्होंने दवाओं की कीमतों में आई कमी पर चर्चा की। दुकानदार विनय प्रजापति और आकाश प्रजापति ने बताया कि जीवनरक्षक दवाओं पर टैक्स जीरो हो गया है। कई दवाओं में टैक्स अब सिर्फ 5 प्रतिशत रह गया है। आज से इसका लाभ वह ग्राहकों को देने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने सिटी कार्ट, श्री होम्यो स्टोर्स के सामने, रंगोली कलेक्शन के सामने, गोरखनाथ मिष्ठान के सामने, जयदेव भवन के सामने, श्री हुनमान कटरा के सामने खड़े दुकानदारों और गोरखनाथ मार्ग मंदिर मार्ग पर खड़े चौधरी कैफुलवरा के परिवार से जीएसटी रिफॉर्म पर संवाद कर उन्हें स्टीकर भेंट किया। उन्होंने कहा कि आप लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दें कि उन्होंने लंबे समय से चली आ रही व्यापारियों की मांग के अनुसार जीएसटी रिफॉर्म लागू किया है। इस दौरान दुकानदारों और आमजन ने जगह जगह पुष्पवर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री की पदयात्रा में ‘घटी जीएसटी बढ़ा व्यापार, धन्यवाद मोदी सरकार’ के खूब नारे लगे। इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, महानगर संयोजक राजेश गुप्ता, नगर निगम के उप सभापति पवन त्रिपाठी आदि भी मुख्यमंत्री के साथ पदयात्रा में शामिल रहे। जीएसटी सुधार से मजबूत होगा टेक्सटाइल सेक्टर : शम्भू शाह जीएसटी रिफॉर्म पर पदयात्रा करते हुए संवाद करने गीता होलसेल मार्ट पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस प्रतिष्ठान के संचालक शम्भू शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों को कम करके टेक्सटाइल सेक्टर को फिर मजबूत कर दिया है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर, कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि टैक्स की दर घटकर 5 प्रतिशत तक होने से बिक्री बढ़ेगी। उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। सपना था सीएम योगी से मिलना, आज पूरा हो गया : राजेन्द्र खुराना जीएसटी रिफॉर्म जागरूकता अभियान में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहजता ने कारोबारियों का दिल छू लिया। स्टाइल बाजार के मेंटर, कोलकाता से आए राजेन्द्र खुराना ने मुख्यमंत्री से संवाद करने के बाद कहा कि महाराज जी ने जिस आत्मीयता से बात की, वह उन्हें हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा कि महाराज जी (सीएम योगी) से मिलना उनका सपना था और आज उनका यह सपना पूरा हो गया।

सात-समंदर पार धार के बाग-प्रिंट की धूम

मध्यप्रदेश के शिल्पकार मोहम्मद खत्री "मास्टर ऑफ द बेस्ट क्रॉफ्ट" अवॉर्ड से सम्मानित कोकन अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव में बाग प्रिंट को मिली मान्यता भोपाल भारत की अनमोल धरोहर और मध्यप्रदेश के धार जिले की शान बाग प्रिंट ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी चमक बिखेरी है। उज़्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर कोकन में 19 से 21 सितंबर तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव-2025 में बाग प्रिंट के युवा शिल्पकार मोहम्मद खत्री ने अपनी अद्भुत कारीगरी से सबका मन मोह लिया। इस महोत्सव में 70 देशों के 278 मास्टर कारीगरों ने भाग लिया। भारत से केवल 2 शिल्पकार महोत्सव में शामिल हुए। महोत्सव में श्री मोहम्मद खत्री को उनकी बाग प्रिंट कला और परंपरा के संरक्षण के लिये "मास्टर ऑफ द बेस्ट क्रॉफ्ट" के अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड उन्हें उज़्बेकिस्तान के फरगना रीजन के गवर्नर ख़ैरुल्लो बोज़ारोव ने प्रदान किया। विदेशी फैशन डिजाइनर्स और कला समीक्षकों ने भी माना कि श्री खत्री की बाग प्रिंट कला "विश्वस्तरीय फैशन का भविष्य" है। उन्होंने इसे सस्टेनेबल टेक्सटाइल की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। वर्ष 2017 में श्री खत्री को बैंकॉक (थाईलैंड) में इंटरनेशनल फैशन डिजाइनर क्रिएशन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं मलेशिया के कुआलालम्पुर इंटरनेशनल क्रॉफ्ट्स फेस्टिवल में भी उन्होंने बाग प्रिंट की अद्वितीय छाप छोड़ी थी। देश में भी श्री खत्री निरंतर बाग प्रिंट की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। देशभर में कई राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में उन्होंने अपनी कला से दर्शकों का दिल जीता है। बाग प्रिंट कला के साथ संस्कृति की पहचान मोहम्म्द खत्री ने कहा कि इस सम्मान के पीछे मेरे पूर्वजों की मेहनत, परिवार की परंपरा और भारत की मिट्टी की खुशबू है। बाग प्रिंट सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की पहचान है। इस कला को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाना चाहता हूँ ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी अपनी परंपरा और संस्कृति से जुड़ी रहें।