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25 साल के बाद Microsoft ने छोड़ा पाकिस्तान का साथ? अब किसका लेगा सहारा

लाहौर 

भारत के पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान से बड़ी जानकारी सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, टेक्‍नोलॉजी की दुनिया का बड़ा नाम माइक्रोसॉफ्ट कथित तौर पर पाकिस्‍तान से बाहर निकल रही है यानी उसने कामकाज समेट दिया है। कहा जाता है कि इसके संकेत पहले ही दे दिए गए थे। कर्मचारियों को भी बताया गया था। टेक रडार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्‍तान में माइक्रोसॉफ्ट का ऑपरेशन बंद हो गया है सिर्फ एक ऑफ‍िस बचा है, जहां 5 लोग काम पर हैं। यह पाकिस्‍तान की टेक इंडस्‍ट्री के लिए किसी सदमे से कम नहीं होगा। 25 साल पहले पाक में माइक्रोसॉफ्ट ने अपना काम शुरू किया था। उस वक्‍त जव्वाद रहमान नाम के व्‍यक्ति ने इसमें अहम भूमिका न‍िभाई। उन्‍हें माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्‍तान के संस्‍थापकों में गिना जाता है। रहमान के लिंक्‍डइन पोस्‍ट से कुछ बातें सामने आई हैं जो कई सवाल खड़े करती हैं।

जव्वाद रहमान का लिंक्‍डइन पोस्‍ट
जव्‍वाद रहमान ने अपने लिंक्‍डइन पोस्‍ट में माइक्रोसॉफ्ट का पाकिस्‍तान में कामकाज बंद होने की जानकारी दी है। उन्‍होंने लिखा कि एक युग खत्‍म हो गया। 25 साल पहले जून महीने में ही मुझे पाकिस्‍तान में माइक्रोसॉफ्ट को लॉन्‍च करने की जिम्‍मेदारी मिली थी। उन्‍होंने बताया कि कंपनी के कुछ बचे हुए कर्मचारियों को जानकारी दी गई और पाकिस्‍तान से माइक्रोसॉफ्ट से जाने की जानकारी आई। उन्‍होंने लिखा कि कंपनी का यह फैसला सोचने पर मजबूर करता है।

माइक्रोसॉफ्ट ने क्‍या बताया
रहमान के अनुसार, यह उस माहौल का दर्शाता है जो हमारे देश ने बनाया है। एक ऐसा माहौल जिसमें माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी को भी अस्थितरता नजर आती है। उन्‍होंने कहा कि अब पूछा जाना चाहिए कि पाकिस्‍तान को लेकर क्‍या बदल रहा है। ऐसा क्‍या है जिसने दिग्‍गज कंपनी को देश छोड़ने पर मजबूर किया है। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट की तरफ की ओर इस बारे में ऑफ‍िशियली कोई जानकारी नहीं दी गई है।

कितने देशों में माइक्रोसॉफ्ट का कामकाज
माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है, जिसका कामकाज 190 से अधिक देशों में फैला हुआ है। कंपनी क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर जैसे कई क्षेत्रों में लीडर की भूमिका निभा रही है। विंडोज, ऑफिस, ऐज जैसे प्रोडक्ट्स पूरी दुनिया में इस्तेमाल किए जाते हैं। पाकिस्तान से इसकी कथित विदाई एक चौंकाने वाला कदम माना जा रहा है। यह सिर्फ एक कारोबारी फैसला नहीं बल्कि स्थानीय परिस्थितियों की गहराई से जुड़ा मुद्दा माना जा रहा है। रहमान के अनुसार "अल्लाह जिसे चाहे उसे इज्जत और मौके देता है… और जिससे चाहे, वो इन्हें वापस भी ले सकता है, खासकर जब कोई इनकी कदर करना भूल जाए। लेकिन अगर आपका काम असर छोड़ जाए, ईमानदारी और प्रेरणा का स्रोत बन जाए… तो समझ लीजिए कि अल्लाह की रहमत आपके साथ थी।" एक और पोस्ट में रहमान ने पाकिस्तान के आईटी मंत्री और सरकार से अपील की कि वे माइक्रोसॉफ्ट के रीजनल और ग्लोबल लीडर्स से संपर्क करें, ताकि कंपनी पाकिस्तान में अपनी मौजूदगी बनाए रख सके।

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