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राम मंदिर में पहली बार होगा ध्वजारोहण समारोह, प्रधानमंत्री मोदी और हजारों विशिष्ट अतिथि रहेंगे मौजूद

अयोध्या 
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की ऐतिहासिक गूंज अभी भी जनमानस में ताजा है। राम मंदिर ट्रस्ट अब एक और भव्य अध्याय जोड़ने जा रहा है। नवंबर में प्रस्तावित ध्वजारोहण समारोह को लेकर तैयारियों ने गति पकड़ ली है। इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन एक बार फिर अयोध्या को भक्तिभाव, वैदिक अनुष्ठानों और विश्व भर से जुटने वाले श्रद्धालुओं से सराबोर कर देगा।

ध्वजारोहण समारोह को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तर्ज पर ही भव्यता प्रदान की जाएगी। मंदिर ट्रस्ट की ओर से मेहमानों की सूची तैयार की जा रही है, जिनमें देश-विदेश के संत, धर्माचार्य, प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथि और रामभक्त शामिल रहेंगे। अनुमान है कि हजारों की संख्या में अतिथि इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे। अयोध्या में मेहमानों की आगवानी के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। ट्रस्ट और प्रशासनिक तंत्र ने कमरे बुक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रमुख होटल, धर्मशालाएं और गेस्ट हाउसों में आवास की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद किया जा रहा है। नवंबर में समारेाह के लिए शुभ मुहूर्त भी ज्योतिषियों से निकलवाया जा रहा है। 16 नवंबर व 25 नवंबर दो शुभ तिथियों में से किसी एक तिथि के चयन पर विमर्श हो रहा है।
 
161 फीट ऊंचे शिखर पर होगा ध्वजारोहण
राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर रामध्वज फहराया जाएगा। इसके अलावा परिसर के अन्य सभी मंदिरों के शिखर पर ध्वज फहराया जाएगा। रामध्वज का आरोहण केवल एक प्रतीकात्मक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम की विजय और धर्म की प्रतिष्ठा का उद्घोष होगा। यह आयोजन मंदिर निर्माण की पूर्णता की ओर बढ़ते कदम का संकेत भी माना जा रहा है। ध्वज पताका को वैदिक मंत्रोच्चार, संगीत, और विशेष पूजा विधियों के साथ मंदिर के शिखर पर फहराया जाएगा। कार्यक्रम में विविध प्रकार के अनुष्ठान भी होंगे। रामकथा का भी आयोजन संभव है। इस अवसर पर देश के कई प्रसिद्ध संगीतज्ञ व कलाकार प्रस्तुतियां देंगे, जिससे समारोह की भव्यता बढ़ेगी।

 

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