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टेक की दुनिया में भारत की धमक: टिम कुक का 9 लाख करोड़ रुपए का मेगा प्लान

नई दिल्ली

जब टेक दिग्गज एप्पल के सीईओ टिम कुक व्हाइट हाउस पहुंचे, तो वे सिर्फ़ एक औपचारिक मुलाकात के लिए नहीं आए थे. वे अमेरिका को एक “नया निवेश वचन” और 24 कैरेट सोने पर टिकी एक प्रतीकात्मक सौगात देने आए थे. कुक ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और 100 बिलियन डॉलर यानी लगभग 9 लाख करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा कर दी.

इस मुलाकात को खास बना दिया उस तोहफे ने, जो कुक ने ट्रंप को दिया: एक गोल गोरिल्ला ग्लास डिस्क, वही मैटेरियल जिससे iPhone का स्क्रीन बनता है. इसके केंद्र में चमकता हुआ एप्पल का लोगो और ऊपर लिखा था, “Made in USA 2025”. डिस्क को थामे 24 कैरेट गोल्ड प्लेटेड स्टैंड. यह तोहफा केवल तकनीक का नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश था, कि एप्पल अब अमेरिका में बनेगा और अमेरिका के लिए बनेगा.

भारत से निकली लहर, जो अमेरिका तक जा पहुंची
जहां एक ओर अमेरिका में एप्पल अपने निवेश का विस्तार कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उसकी मैन्युफैक्चरिंग रीढ़ अब चीन से हटकर भारत पर टिक गई है. 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में भारत में बने iPhones की संख्या 2.39 करोड़ पार कर गई, जो पिछले साल की तुलना में 53% अधिक है.

इतना ही नहीं, भारत से iPhone का निर्यात भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. 22.88 मिलियन यूनिट्स विदेश भेजे गए, जिनका कुल मूल्य ₹1.94 लाख करोड़ रहा. पिछले वर्ष यह आंकड़ा 1.26 लाख करोड़ रुपए था, यानी 52% की जबरदस्त छलांग.

भारत ने अमेरिका में चीन को पछाड़ा
सबसे बड़ी खबर यह है कि अप्रैल 2025 में भारत से अमेरिका भेजे गए 33 लाख iPhones ने चीन से आए केवल 9 लाख यूनिट्स को बहुत पीछे छोड़ दिया. आज अमेरिका में बिकने वाले 78% iPhones भारत में बन रहे हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा सिर्फ 53% था.

क्या एप्पल एक नई ग्लोबल री-शेपिंग की शुरुआत कर रहा है?
एक तरफ अमेरिका को मिल रहा है बड़ा निवेश और राष्ट्रवाद की चमकदार गूंज, दूसरी तरफ भारत बन रहा है एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग सुपरपावर. यह महज एक कंपनी की रणनीति नहीं, बल्कि एक नई टेक्नोलॉजिकल पॉलिटिक्स की कहानी है, जहां वैश्विक सप्लाई चेन अब केवल लागत नहीं, बल्कि सियासत और भरोसे के आधार पर तय हो रही है.

टिम कुक का यह ‘गोल्डन डिस्क’ ट्रंप के लिए भले ही एक गिफ्ट हो, लेकिन दुनिया के लिए यह एक साफ संदेश है, एप्पल अब वैश्विक राजनीति का एक सक्रिय खिलाड़ी बन चुका है. निवेश, उत्पादन और रणनीति, सब कुछ अब दो शब्दों में गूंज रहा है: “Made in India, Powered by America.”

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