samacharsecretary.com

18 अगस्त की परीक्षा रद्द करने के लिए छात्र संगठनों का कॉलेज में विरोध प्रदर्शन

कोटा

राजस्थान के कोटा में सरकारी महाविद्यालय की समस्याओं से झूझ रहे छात्रों के समर्थन में एबीवीपी और एनएसयूआई की ओर से प्रदर्शन किया गया। छात्र-छात्राओं ने गेट बंद कर महाविद्यालय प्रशासन को घेरा और मांगों को पूरा करने के लिए ज्ञापन सैंपा। इसके पहले छात्रों ने काॅलेज परिसर में ही धरना दे दिया और प्रशासन को मौके पर ही बुलाने की मांग पर अड़ गए। साथ ही चेतावनी दी कि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा। वहीं, महाविद्यालय में प्रदर्शन और हंगामें की आशंका को देखते हुए पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया।

छात्र नेताओं का कहना है कि काॅलेज में परीक्षा शुरू हो चुकी है, लेकिन रिजल्ट जारी न होने से स्टूडेंट्स असमंजस में हैं। कोटा विश्वविद्यालय ने यूजी प्रथम, थर्ड पीजी सेमेस्टर के अभी तक परीक्षा परिणाम जारी नहीं किए और आगामी सेमेस्टर शुरू कर दिए। जिससे स्टूडेंट्स में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। छात्रों की मांग है कि कोटा विश्वविद्यालय के 18 अगस्त के पेपर को स्थगित किया जाए, क्योंकि 17 तारीख को पटवारी का पेपर है। सभी पीजी स्टूडेंट्स ने पटवारी का एग्जाम देने जाएंगे। मानसिक तनाव में कि हमारा सेंटर दूसरे जिले में आया तो एग्जाम में समय पर नहीं पहुंच पाएंगे। इस मांग को लेकर पहले भी काॅलेज और यूनिवर्सिटी प्रशासन को जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक मांगों को नहीं माना गया है।

वहीं, दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर राजकीय महाविद्यालय परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने कालेज प्रशासन के सामने अपनी मांगें रखीं। जिस पर कॉलेज प्रशासन ने सभी मांगों के समाधान का आश्वासन दिया। छात्र नेताओं ने बताया कि महाविद्यालय की बिल्डिंग कई जगह से जर्जर हो चुकी है। प्लास्टर गिरने से यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी भी घायल हुए हैं। कई बार कॉलेज प्रशासन को इससे अवगत कराया गया, लेकिन उसके बाद भी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। छात्रों का कहना है कि कॉलेज परिसर में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। एनसीसी की भी ट्रेनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ अन्य की गतिविधि में भाग नहीं ले पा रहे हैं।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here