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जांच सौंपे 8 दिन बाद CBI भिवानी पहुंची, मनीषा मामले में जुटाई जानकारी

भिवानी
हरियाणा में भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की मौत के मामले में जांच सौंपने के 8 दिन बाद सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन टीम (CBI) जांच करने भिवानी पहुंच गई है। लोहारू पुलिस अभी तक की जांच रिपोर्ट और इकट्‌ठे किए गए सबूत CBI को सौंपेगी। CBI टीम ने केस से जुड़ा सारा रिकॉर्ड माँगा। 

13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव के खेतों में मिला। परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या हुई है। हालांकि, पुलिस ने 18 अगस्त को एक सुसाइड नोट दिखाकर इसे आत्महत्या बताया। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने CBI जांच की मांग की थी।

परिवार की मांग पर 26 अगस्त को मनीषा का केस हरियाणा पुलिस से CBI को ट्रांसफर किया गया था। कल (2 सितंबर) को परिवार के लोग चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर CM नायब सिंह सैनी से मिलने पहुंचे थे।

क्या-क्या सबूत CBI को सौंप सकती है पुलिस…

    लापता की FIR की कॉपी जिसमें बाद में हत्या का धारा जोड़ी गई: 11 अगस्त को मनीषा लापता हुई। पुलिस ने 24 घंटे की देरी से यानी 12 अगस्त शाम को लापता का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को लाश मिलने के बाद उसमें हत्या की धारा भी जोड़ दी गई थी। इस केस का सबसे प्रारंभिक दस्तावेज यही है। हालांकि CBI नए सिरे से FIR दर्ज कर सकती है।

    3 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, 10 फोरेंसिक सैंपल की रिपोर्ट: लाश मिलने के 9 दिन की अवधि में मनीषा के शव का 3 बार पोस्टमॉर्टम हुआ। पहली बार भिवानी सिविल अस्पताल में। दूसरी बार रोहतक पीजीआई में। तीसरी बार दिल्ली एम्स में। भिवानी सिविल और रोहतक पीजीआई की रिपोर्ट के कुछ अंश तो मीडिया के सामने पुलिस ने रखे भी थे। एम्स की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं है। पुलिस ने 10 विसरा सैंपल भी मधुबन फोरेंसिक लैब में भेजे थे। इनकी रिपोर्ट भी CBI को सौंपी जाएगी।

    एम्स से मिले सैंपल अभी भिवानी पुलिस के पास पड़े, जांच बाकी: एम्स में पोस्टमॉर्टम के बाद 21 अगस्त को मनीषा के शव का संस्कार किया गया था। एम्स से कुछ फोरेंसिक सैंपल भिवानी पुलिस के हैंडओवर किए गए थे। भिवानी एसपी सुमित कुमार के मुताबिक ये सैंपल प्रिजर्व किए गए हैं और सीबीआई को सौंपे जाएंगे। सीबीआई अपने हिसाब से किसी लैब में इन सैंपल की जांच कराएगी। इनकी जांच रिपोर्ट केस में अहम रहेगी।

    स्कूल-कॉलेज संचालकों से भी पूछताछ संभव: CBI इस केस में कई लोगों से पूछताछ कर सकती है। इसकी लिस्ट लंबी है। इनमें मनीषा के परिजन, प्ले वे स्कूल स्टाफ व संचालक जिसमें मनीषा पढ़ाती थी। खाद-बीज विक्रेता जिससे मनीषा ने एक लीटर मोनो स्प्रे खरीदी थी। नर्सिंग कॉलेज स्टाफ व संचालक, जहां मनीषा दाखिला लेना चाहती थी। वो दो लोग जिन्होंने सबसे पहले मनीषा का शव देखा था। लोकल पुलिस के जांच अधिकारी, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर्स समेत कई नाम संभावित लिस्ट में हो सकते हैं।

    सुसाइड नोट की कॉपी, शव पर मिले कपड़े, मोबाइल व अन्य सामान: 18 अगस्त को पुलिस ने इसे सुसाइड का केस बताया था। उसी दिन एक सुसाइड नोट भी वायरल हुआ। DGP शत्रुजीत कपूर प्रेसवार्ता में कह चुके हैं कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मनीषा की राइटिंग से मैच हो गई है। शव पर मिले कपड़े, मनीषा का मोबाइल भी सीबीआई कब्जे में लेगी। मोबाइल की कॉल डिटेल, चैट आदि महत्वपूर्ण सुराग बन सकते हैं।

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