samacharsecretary.com

विश्वकर्मा पूजा को लेकर भ्रम? यहां देखें इस साल का सटीक दिन और शुभ समय

भारत एक ऐसा देश है, जहां हर महीने कोई-ना-कोई त्योहार (विश्वकर्मा पूजा) मनाया जाता है। चाहे वह पूरे देश भर में मनाया जाए या फिर कोई रीजनल त्योहार हो, जिसे लोग बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। इनमें होली, दिवाली, नवरात्र और छठ पूजा मुख्य त्योहार है। जिसके लिए लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। वहीं, हर साल सितंबर के महीने में विश्वकर्मा पूजा भी मनाया जाता है। यह दिन ब्रह्मांड के दिव्या वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। इस खास मौके पर लोग लोहे के औजार की पूजा करते हैं, जिससे उनके कारोबार में उन्नति हो सके। इसकी कामना भी करते हैं, पिछले कुछ सालों से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है कि लोगों के मन में विश्वकर्मा पूजा की तिथि को लेकर संशय बना रहता है। इस बार भी लोगों के मन में यह कंफ्यूजन बनी हुई है कि विश्वकर्मा पूजा 16 या 17 सितंबर को मनाई जाएगी।

इस खास मौके पर बड़े-बड़े फैक्ट्री में भगवान की विशालकाय मूर्ति भी स्थापित की जाती है। पूजा के दौरान आप भगवान को धूप, दीप, अगरबत्ती, फल और मिठाई चढ़ाई जाती है। कई स्थानों पर मेला भी लगाया जाता है।

विश्वकर्मा पूजा 2025

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर 2025 को पड़ रही है। यह तिथि 16 सितंबर की रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 17 सितंबर की रात 11 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में इस साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाएगी।
महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों में भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का वास्तुकार और शिल्पकार बताया गया है। मान्यता है कि उन्होंने न केवल स्वर्गलोक का निर्माण किया, बल्कि द्वारका नगरी, इंद्रपुरी, यमपुरी और भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र जैसे दिव्य अस्त्र-शस्त्र भी बनाए। इंद्र का वज्र भी उन्हीं की देन है। यही कारण है कि उन्हें सृष्टि का पहला इंजीनियर और आर्किटेक्ट माना जाता है। इस पूजा को कारीगरों और मशीनों का त्योहार भी कहा जाता है।

ऐसे करें पूजा

इस दिन लोग अपने साइकिल, गाड़ी, लोहे के औजार, मशीन, कलपुर्जे, दुकान आदि की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि उनके आशीर्वाद से बिजनेस में उन्नति होती है और सालों भर लोगों का काम, धंधा अच्छे से सफलतापूर्वक चलता रहता है। इस दिन भगवान को खुश करने के लिए आप कुछ नियमों का भी पालन कर सकते हैं, जिससे वह आपके तरक्की के रास्ते में आने वाले सारी रूकावटों को दूर कर सकते हैं और सालों भर अपनी कृपा दृष्टि आप पर बनाए रखेंगे। विश्वकर्मा पूजा के दिन आप अपनी गाड़ी, फैक्ट्री, औजार को पानी से धो सकते हैं। यह फिर उसकी साफ-सफाई कर सकते हैं। उसके बाद विधि-विधान पूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करें।

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here