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शिक्षा में अनुशासन पर जोर, मदन दिलावर बोले- शिक्षक राष्ट्रहित को दे प्राथमिकता

जोधपुर

अगर आप सरकारी अध्यापक हैं और इस गलतफहमी में हैं कि आप की स्कूल का परिणाम लगातार खराब आने के बावजूद आप पर कोई नजर नहीं रख रहा तो अब सावधान हो जाइए, क्योंकि सरकारी स्कूलों के परिणामों पर अब शिक्षा विभाग सख्त हो चुका है। ऐसे अध्यापकों पर अब शिक्षा विभाग की पैनी नजर रहेगी। साथ ही अब परिणाम के बारे में शिक्षा विभाग को बताना भी होगा। अध्यापकों का परफॉर्मेंस अच्छा होगा तो उन्हें तबादलों में राहत दी जाएगी। जिनका परिणाम सही नहीं होगा उन्हें यह राहत नहीं मिलेगी।

स्कूल समय में बालाजी भेरुजी मंदिर या फिर नमाज पढ़ने जाने और मोबाइल क्लास में नहीं ले जाने के आदेशों का असर हुआ है। अब स्कूलों का परिणाम भी सुधरा है। साथ ही आपको जानकर खुशी होगी कि सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से अच्छा हुआ है। इसी के चलते सरकारी स्कूलों का स्तर पहले से अच्छा हुआ है और यह सुधार की प्रक्रिया लगातार जारी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। 500 वर्षों से चल रहा राम मंदिर के निर्माण का इंतजार खत्म हुआ। आज करोड़ों लोग वहां दर्शन कर रहे हैं और यह जो हमारे माथे का कलंक था वह मिट गया है। तीन तलाक से महिलाओं को मुक्ति दिलाई गई।

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मदन दिलावर ने कहा कि जब बाटला हाउस में आतंकवादियों को मारा जा रहा था तब सोनिया गांधी पूरी रात फूट फूट कर रो रही थीं और यह राहुल गांधी ने बताया था। इसे साफ जाहिर होता है कि आतंकवादियों से असीम प्रेम था। इनको कोई न कोई रिश्तेदार लगते होंगे आतंकवादी। शिक्षकों को तबादले पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हमारे पूज्य गुरुजनों से एक निवेदन है कि राष्ट्र प्रथम होना चाहिए। जिससे जो काम उन्हें दिया गया है उसे पर पूरी ताकत और मेहनत से करेंगे और और बहुत से शिक्षक काम कर भी रहे हैं।

झालावाड़ स्कूल हादसे से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मदन दिलावर ने कहा कि मांग तो 50 करोड़ की भी कर सकते हैं। मांग की कोई सीमा नहीं हो सकती। यह बहुत बड़ा देश है। यहां हादसे होते हैं। यह सच है सरकार के जो नियम बने हैं उनका पालन करना पड़ेगा। कांग्रेस के राज में भी दुर्घटनाएं हुई थीं उनसे पूछना चाहिए कि उस समय आपने कितना क्या दिया था।

 

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