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IIT इंदौर के विस्तार पर खर्च होंगे 624 करोड़, हाईटेक कैंपस में छात्र पाएंगे ग्लोबल लेवल की सुविधाएं

 इंदौर

देश में प्रौद्योगिकी शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईआईटी इंदौर समेत देश के 8 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में विस्तार परियोजनाओं का वर्चुअली शिलान्यास किया है। इस पहल के तहत आईआईटी इंदौर को 624.57 करोड़ रुपये की क्षमता विस्तार एवं आधारभूत संरचना विकास परियोजना की सौगात मिली है। इसका उद्देश्य संस्थान को विश्वस्तरीय बनाना है। 

प्रौद्योगिकी शिक्षा में नए युग का सूत्रपात : मुख्यमंत्री
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आईआईटी इंदौर को मिली इस बड़ी सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है "केंद्र सरकार का यह कदम अब प्रदेश में प्रौद्योगिकीय शिक्षा में एक नए युग का सूत्रपात करेगा। इससे हमारे युवाओं को अध्ययन, शोध एवं नवाचार करने के लिए व्यापक और बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।"

विश्वस्तरीय बनेंगी सुविधाएं
आईआईटी इंदौर में इस विस्तार परियोजना को उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन एवं फंडिंग एजेंसी (HEFA) द्वारा तीसरे चरण के अंतर्गत मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों में किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:

1. अत्याधुनिक शैक्षणिक भवन: 374.38 करोड़ रुपये
2. आवासीय परिसर एवं अन्य सुविधाएं: 123.15 करोड़ रुपये
3. उन्नत उपकरण: 27.04 करोड़ रुपये

इनके अलावा, एक औद्योगिकीय अनुसंधान पार्क, डिजाइन विभाग, विद्यार्थी गतिविधि केंद्र, व्याख्यान कक्ष परिसर और एक आगंतुक छात्रावास का भी निर्माण किया जाएगा।

लैब विस्तार के लिए 100 करोड़ अतिरिक्त
मुख्य परियोजना के अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने आईआईटी इंदौर की लैब को और अधिक बहुआयामी बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी मंजूर की है। इस राशि का उपयोग भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में जटिल प्रयोगों और डेटा विश्लेषण के लिए उच्च-स्तरीय एवं अत्याधुनिक उपकरण खरीदने में किया जाएगा। आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा, "आधारभूत संरचना में इस विकास से न केवल हमारा शैक्षणिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा, बल्कि छात्रों और शिक्षकों को नवाचार, सहयोग और समग्र विकास के लिए एक विश्वस्तरीय परिवेश भी मिलेगा।" 

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