samacharsecretary.com

दिल्ली में मल्टीलेवल पार्किंग का नया रूप: वसंत विहार डिपो की योजना में बदलाव

नई दिल्ली
दिल्ली में भाजपा की सरकार आने के बाद से प्रशासनिक स्तर पर भी बहुत से बदलाव देखे जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार के समय परियोजनाएं हरे पेड़ों के न हट पाने के कारण अधर में लटकी गई थीं। अब उन पेड़ों को हटाने की मंजूरी मिल गई है। वहीं डीडीए की मंजूरी न मिलने से वसंत विहार डिपाे में प्रस्तावित बहुस्तरीय पार्किंग के साथ शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स बनाने की जो योजना रुक गई थी, अब उस योजना के शुरू होने की भी उम्मीद बढ़ गई है। दिल्ली सरकार ने डीटीसी से इस परियोजना का प्रस्ताव फिर तैयार कर डीडीए में मंजूरी के लिए भेजने को कहा है। माना जा रहा है मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो सकेगा। पांच वर्षों से वसंत विहार बस डिपो में यह निर्माण शुरू होने का इंतजार है।

बता दें कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने पांच साल पहले अपनी आय बढ़ाने के लिए हरि नगर के साथ ही वसंत विहार डिपो में भी बहुस्तरीय पार्किंग के साथ शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स बनाने की योजना बनाई थी। राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) के साथ एमओयू साइन किया गया था। इस परियोजना के तहत सबसे पहले वसंत विहार डिपो में ही काम शुरू होना था। इस योजना पर काम शुरू होने में लगातार देरी होती गई। उस समय की सरकार को लगने लगा कि इस योजना पर काम ही शुरू नहीं हो पाएगा तो परेशान होकर आप सरकार ने याेजना में बदलाव कर दिया था और केवल बहुस्तरीय पार्किंग बनाने का फैसला किया गया था।

इस परियोजना का आप सरकार के समय पिछले साल अगस्त में उपराज्यपाल वीके सक्सेना और तत्कालीन परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शिलान्यास किया था। लेकिन उस सरकार को डीडीए से इसकी भी मंजूरी नहीं मिल पाई और काम शुरू नहीं हाे सका। यह डिपो करीब 6.21 एकड़ में है। इस डिपाे में सात मंजिला पार्किंग में 2.6 लाख वर्ग फुट से अधिक की बेसमेंट पार्किंग भी होंगी, यहां 690 से अधिक गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। अब यहां भी वाणिज्यिक स्थान उपलब्ध होगा। इस पार्किंग पर 409 करोड़ृ रुपये खर्च होने थे। मगर अब राशि बढ़ जाएगी। वसंत डिपो जिस स्थान पर बना है, वहां की जमीन डीडीए से लीज पर ली गई है। करार के अनुसार डिपो के अलावा अगर वहां पर अन्य कोई गतिविधि शुरू की जाती है तो इसके लिए जीडीए से अनापत्ति प्रमाण लेना आवश्यक है, इसके बाद ही कोई काम वहां पर किया जा सकता है। अन्यथा डीडीए को अधिकार है कि वह लीज निरस्त कर सकता है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here