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बिहार की हालत पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, नीतीश कुमार ने बीच में टोक दिया

पटना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बिहार से छात्रों-युवाओं का पलायन राजद शासन काल में शुरू हुआ था। व्यवस्था पटरी से उतर गई थी। नीतीश कुमार की अगुआई वाली राज्य की एनडीए सरकार इसे पटरी पर ले आई है। वे शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दीक्षा समारोह का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। इसमें उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, ऊर्जा मंत्री विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार एवं श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को अंदाजा नहीं होगा कि दो-ढाई दशक पहले बिहार में शिक्षा व्यवस्था किस तरह तबाह थी। न स्कूल खुलते थे और न भर्तियां होती थीं। मजबूरी में लाखों बच्चों को बिहार छोड़कर बनारस, दिल्ली, मुंबई जाना पड़ा। यही पलायन की असली शुरुआत थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जड़ में कीड़ा लगे पेड़ों को जीवित करना पराक्रम का काम है। राजद शासन काल में राज्य की हालत जड़ में कीड़ा लगे पेड़ जैसी थी। सौभाग्य से बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार को सरकार का दायित्व सौंपा। एनडीए की पूरी टीम मिलकर बिगड़ी हुई व्यवस्थाओं को फिर पटरी पर लाई। डबल इंजन सरकार बिहार के शिक्षा संस्थाओं को आधुनिक बनाने में जुटी है।

राजद-कांग्रेस के शासनकाल की तुलना में बिहार का शिक्षा बजट कई गुणा बढ़ा है। करीब-करीब हर गांव-टोले में एक स्कूल है। इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ी है। हाल में ही केंद्र सरकार ने बिहार के 19 जिलों के लिए केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत किए हैं। एक समय था, जब बिहार में स्पोर्ट्स से जुड़ा इंटरनेशनल लेवल का इंफ्रास्ट्रक्चर तक नहीं था। आज बिहार में स्पोर्ट्स के नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स हो रहे हैं।आइआइटी पटना में इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के अलावा आज भी बिहार में कई बड़े शिक्षा संस्थानों के आधुनिकीकरण का काम आरंभ हुआ है।

एनआइटी पटना के बिहटा कैंपस को भी विद्यार्थियों के लिए खोल दिया गया है। इसके अलावा, पटना यूनिवर्सिटी, भूपेंद्र मंडल यूनिवर्सिटी, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, इन सभी संस्थानों में नए एकेडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी गई है। बिहार में नई स्किल ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, अन्य यूनिवर्सिटीज में सुविधाओं का विस्तार, नौजवानों के लिए युवा आयोग, हजारों युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र, ये सब बिहार के युवाओं के बेहतर भविष्य की गारंटी है।

स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड वाले एजुकेशन लोन को ब्याज मुक्त कर दिया गया है। स्कालरशिप की राशि 1800 से बढ़ाकर के 3600 कर दी गई है।
बिहार सरकार ने बीते दो दशकों में 50 लाख नौजवानों को बिहार में रोजगार से जोड़ा है। करीब 10 लाख पक्की सरकारी नौकरियां दी गई हैं। पिछले दो वर्षों में ही ढाई लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।
राज्य सरकार ने जितने रोजगार 20 साल में बनाए, आने वाले पांच साल में उससे दोगुने रोजगार निर्माण का लक्ष्य है। बिहार के नौजवान को राज्य में ही नौकरी-रोजगार देने का संकल्प।

 

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