samacharsecretary.com

सुप्रीम कोर्ट सख्त: करूर भगदड़ की होगी CBI जांच, एक्टर विजय पर आ सकता है कानूनी शिकंजा

करूर 
तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को हुई भगदड़ की जांच सीबीआई करेगी. सोमवार 13 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया. इस भगदड़ में अभिनेता विजय की पार्टी तमिलागा वेत्री कझागम (TVK) के रैली के दौरान 41 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे. कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच नागरिकों का अधिकार है. पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल गठित किया गया, जो CBI जांच की निगरानी करेगी.

पूर्व जस्टिस होंगे कमिटी प्रमुख
शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अजय रस्तोगी को उस कमिटी का प्रमुख नियुक्त किया है, जो CBI की जांच की निगरानी (मॉनिटरिंग) करेगी। इस कमेटी में तमिलनाडु कैडर के दो आईपीएस अधिकारी, जो तमिलनाडु के निवासी न हों, शामिल किए जा सकते हैं। CBI अधिकारी हर महीने जांच की प्रगति रिपोर्ट इस समिति को सौंपेंगे।

SC ने मद्रास हाई कोर्ट की आलोचना
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट (चेन्नई बेंच) की भी आलोचना की कि उसने एक ऐसी याचिका पर विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दे दिया, जो वास्तव में केवल राजनीतिक रैलियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने की मांग कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से यह रिपोर्ट भी मांगी कि कैसे SOP से संबंधित याचिका को क्रिमिनल रिट याचिका के रूप में दर्ज किया गया।

चेन्नई बेंच को खारिज कर देनी चाहिए याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि करूर मामला मदुरै बेंच के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए चेन्नई बेंच को इसे बिना मुख्य न्यायाधीश की अनुमति के सुनवाई में नहीं लेना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चेन्नई बेंच को यह याचिका खारिज कर देनी चाहिए थी।

TVK ने कोर्ट के इस आदेश को दी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने यह अंतरिम आदेश TVK और अन्य पक्षों द्वारा दायर याचिका पर पारित किया। TVK ने 3 अक्टूबर को मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें SIT गठित की गई थी। पार्टी ने यह आपत्ति भी जताई थी कि SIT में केवल तमिलनाडु पुलिस अधिकारी ही शामिल किए गए, और हाई कोर्ट ने TVK और विजय के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियां कीं। अन्य याचिकाओं में मदुरै बेंच के 3 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें जांच CBI को सौंपने से इनकार किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट से किया सवाल

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मौखिक रूप से यह सवाल उठाया कि हाई कोर्ट ने यह आदेश कैसे पारित किया जब याचिका केवल SOP की मांग कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब AIADMK को उसी जगह रैली करने की अनुमति नहीं दी गई थी, तो TVK को कैसे दी गई, जबकि उस रास्ते को संकीर्ण (narrow passage) बताकर अनुमति से मना किया गया था। अदालत ने यह भी चिंता जताई कि 30 से 40 शवों का पोस्टमार्टम आधी रात को किया गया और सुबह 4 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया।

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here