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मशरूम मैन अमित: छोटे से स्टार्ट से करोड़ों का टर्नओवर, रांची के इस युवा की शानदार सफलता

रांची 

 झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले अमित मिश्रा आज सालाना करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. दरअसल, अमित खास तौर पर ऑयस्टर मशरूम की खेती करते हैं. उन्होंने कभी दो कमरों से इसकी शुरुआत की थी, लेकिन आज रांची में उनके 12 फार्म हैं. खास बात यह है कि वे सिर्फ मशरूम का उत्पादन ही नहीं करते, बल्कि इससे कई तरह के प्रोडक्ट भी बनाते हैं.

केवल उगाते नहीं, मशरूम से तमाम उत्पाद भी बनाते हैं अमित
जैसे मशरूम का चाउमीन, मशरूम की चॉकलेट, मशरूम का अचार और पापड़. ये सभी चीजें तैयार कर बाजार में सप्लाई की जाती हैं. उनके पास मशरूम की कई वैरायटी मिलती हैं, जिनमें बटन मशरूम भी शामिल है. इसके साथ ही वे मशरूम की चटपटी चटनी और अचार भी बनाते हैं. जी हां! शायद ही आपने कभी मशरूम की चटनी और अचार का स्वाद चखा होगा.

कभी किराए के दो कमरों से शुरू किया था बिजनेस
अमित बताते हैं कि उन्होंने दो किराए के कमरों से अपना बिजनेस शुरू किया था, लेकिन आज हालत यह है कि पिठोरिया, कांके, नामकोम समेत कई जगहों पर उनके 12 फार्म हैं. यहां रोज करीब 300 किलो मशरूम का उत्पादन होता है. इन सभी फार्मों में 70 से 80 महिलाएं काम करती हैं. अमित का कहना है कि वे महिलाओं को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें ही काम पर रखते हैं.

यहां होता है सप्लाई
अमित बताते हैं कि उनके फार्म से तैयार प्रोडक्ट रांची के रिलायंस स्मार्ट, सुपर मार्केट और कई दुकानदारों के पास सप्लाई किए जाते हैं. कुछ प्रोडक्ट भारत के बाहर और कई राज्यों में भी भेजे जाते हैं. साथ ही मशरूम को फूड प्रोसेसिंग के जरिए पैक किया जाता है और उनकी पैकेजिंग इतनी आकर्षक है कि देखने पर यह किसी बड़ी ब्रांडेड कंपनी का लगता है.

संघर्ष भी कम नहीं रहा
अमित कहते हैं कि शुरुआत में संघर्ष बहुत था. बिजनेस करना तो चाहते थे, लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि शुरुआत कैसे करें. जहां 10 किलो उत्पादन होना चाहिए था, वहां सिर्फ 5 किलो ही हो पाता था. कई बार असफल हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी हर गलती से सीखा और दोबारा वही गलती नहीं दोहराई. यही हर युवक को करना चाहिए – धैर्य रखना और सुधार करते रहना.

आज करोड़ों का टर्नओवर, रोजगार भी बढ़ा
अमित बताते हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने में उन्हें करीब 5 से 6 साल लग गए. आज उनका टर्नओवर करोड़ों में है. हालांकि यह आंकड़ा ऊपर-नीचे होता रहता है, इसलिए सटीक बताना मुश्किल है. लेकिन इतना जरूर है कि यह करोड़ों तक पहुंच जाता है. इससे भी बड़ी बात यह है कि उनके काम से आज दर्जनों महिलाओं को रोजगार का अवसर मिल रहा है.

 

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