नर्मदापुरम
तवा बांध का जलस्तर अपने पूर्ण भराव क्षमता को पार कर चुका है, जिसके कारण बांध के गेट अब भी खुले हुए हैं। आज सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 को सुबह 11:30 बजे की स्थिति के अनुसार, बांध में जल की आवक जारी रहने से कुल 19,778 क्यूसेक पानी तवा नदी में छोड़ा जा रहा है।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान जलस्तर : 1166.3 फीट (355.48 मीटर)
पूर्ण भराव स्तर : 1166.0 फीट (355.40 मीटर)
भराव क्षमता : डैम अपनी लाइव क्षमता का 100.87 प्रतिशत भरा हुआ है।
जल आवक : बांध में औसतन 5,300 क्यूसेक (150 क्यूमेक) पानी की आवक हो रही है।
पानी की निकासी
बांध में अतिरिक्त जल भराव को नियंत्रित करने के लिए प्रबंधन द्वारा पानी की निकासी जारी है।
गेटों की स्थिति : तवा बांध के 3 गेट 3-3 फीट तक खोले गए हैं।
स्पिलवे से डिस्चार्ज : खोले गए गेटों से 16,078 क्यूसेक (455 क्यूमेक) पानी छोड़ा जा रहा है।
पावर हाउस से निकासी : जलविद्युत गृह से 3,708 क्यूसेक (105 क्यूमेक) पानी छोड़ा जा रहा है।
नदी में कुल बहाव : तवा नदी में कुल 19,778 क्यूसेक (560 क्यूमेक) पानी छोड़ा जा रहा है।
भोपाल, नर्मदापुरम, नौगांव, दतिया, गुना, रायसेन, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, राजगढ़, आगर-मालवा, देवास, टीकमगढ़, इंदौर, दतिया, उमरिया, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, हरदा, पांढुर्णा, सागर, सीधी, मंडला और नरसिंहपुर में भी बारिश हुई। आज भी ग्वालियर समेत कई जिलों में बारिश हो रही है।
रविवार रात को बारिश के बाद सोमवार को भी कई जगह बूंदा-बांदी हो रही है। इटारसी के तवा डैम के जलस्तर को काबू पर रखने के लिए सोमवार सुबह 3 गेट खोले गए हैं। गुना में खेतों पर सूख रही मक्का फसल बारिश के चलते खराब हो गई।
सोमवार को किसान फसल को खेतों से निकालने में लगे रहे। श्योपुर में खुले में रखी धान की फसल गीली हो गई। तिरपाल ढककर फसल को बचाने की कोशिश की जा रही है।
तवा डैम के 3 गेट 3-3 फीट तक खोले गए तवा डैम में बढ़ते जलस्तर को काबू में करने के लिए प्रशासन ने सोमवार सुबह 11 बजे से तीन गेट खोल दिए हैं। इन गेटों को 3-3 फीट की ऊंचाई तक खोला गया है, जिससे बांध से 16,070 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
कार्यपालन यंत्री एन. के. सूर्यवंशी के अनुसार, डैम का वर्तमान जलस्तर 1166.30 फीट दर्ज किया गया है। जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बरसात के कारण बांध में पानी की आवक बनी हुई है।
सीजन में 73वीं बार खोले गए तवा डैम के गेट मानसूनी सीजन में तवा डैम के गेट कुल 72 बार खोले गए। वहीं, अब 73वीं बार गेट खुले हैं। इससे पहले साल 2022 में तवा के गेट सर्वाधिक 136 बार खोले गए थे। 2023 में सबसे कम 39 बार गेट खोलने पड़े थे। अफसरों ने बताया कि अक्टूबर में भी कई बार गेट खुल चुके हैं। साल 2023 में 1 अक्टूबर को और 2022 में 12 अक्टूबर को गेट खुले थे। इस साल भी 2 अक्टूबर तक गेट खुले रहे थे। इस सीजन में तवा डैम के कुल 13 में से केवल सात गेट ही खुल पाए हैं, जबकि पिछले साल सभी 13 गेट खोले गए थे।
गुना में 7.2 मिमी बारिश, मक्का फसल खराब गुना में रविवार रात को 7.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश म्याना इलाके में हुई। यहां खेतों में पानी भर गया। खेतों में सूख रही मक्के की फसल भीग गई। किसान पानी से फसल को निकालते हुए दिखाई दिए।
वहीं अंडर ब्रिज में भी पानी भर गया, जिस कारण वाहनों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ स्कूली बच्चों का वाहन नहीं निकल पाया, तो वह लौट गए।
श्योपुर में कटाई के बाद खुले में रखा धान भीगा श्योपुर मे सोमवार को फिर से शुरू हुई बारिश ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है। किसानों का कटाई के बाद खुले में रखा धान भीग रहा है। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।किलगाबड़ी गांव के किसान बसंत सिंह का खुले में रखा करीब 12 ट्रॉली धान पूरी तरह भीग गया।
इसलिए बदला मौसम, 3 दिन असर सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अरब सागर की खाड़ी में एक डिप्रेशन एक्टिव है। इससे एक ट्रफ भी जुड़ी है, जो मध्यप्रदेश के बीचों-बीच तक आ रही है। इस वजह से अगले 3 दिन तक बारिश होने का अनुमान है। अगले 24 घंटे में यह ग्वालियर-चंबल समेत उत्तरी हिस्से में ज्यादा असर दिखाएगा। इसलिए कुछ जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है।
इसके बाद पूर्वी हिस्से में भी तेज बारिश होगी। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक डीप डिप्रेशन एक्टिव है, जो अगले 48 घंटे में एमपी में असर दिखाने लगेगा। इससे भी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी।
30 अक्टूबर तक ऐसा ही मौसम मौसम विभाग ने 27 से 30 अक्टूबर तक बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट जारी किया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में असर देखने को मिलेगा।
दिन के पारे में गिरावट, 23 डिग्री तक पहुंचा बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिन से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली थी। खासकर रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन अब तापमान बढ़ गया है। रविवार को बारिश होने की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। बारिश का दौर थमने के बाद रात के तापमान में गिरावट होने का अनुमान है।
रविवार को भोपाल में दिन का तापमान 24.2 डिग्री, बैतूल में 26.5 डिग्री, धार में 23.2 डिग्री, नर्मदापुरम में 24.6 डिग्री, इंदौर में 23.5 डिग्री, खंडवा में 28.5 डिग्री, पचमढ़ी में 23.8 डिग्री, रायसेन में 28.2 डिग्री, रतलाम में 24.2 डिग्री, शिवपुरी में 29.2 डिग्री, उज्जैन में 25.7 डिग्री, छिंदवाड़ा में 27 डिग्री, दमोह में 26.6 डिग्री, जबलपुर में 24.8 डिग्री रहा।
इसी तरह मंडला में 26.8 डिग्री, रीवा में 28.1 डिग्री, सागर में 25.7 डिग्री, सतना में 28.8 डिग्री, सिवनी में 28.4 डिग्री, सीधी में 27 डिग्री, उमरिया में 28.5 डिग्री और मलाजखंड में 29.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं आया है।
नवंबर-जनवरी में पड़ेगी कड़ाके की सर्दी मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाता है, जो जनवरी तक रहता है। इस बार फरवरी तक ठंड का असर रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले सर्दियों के मौसम में 2010 के बाद सबसे भीषण ठंड का एहसास हो सकता है।
सर्दियों के दौरान इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश देखने को मिल सकती है, उत्तर-पश्चिम भारत के इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अधिक संख्या में प्रभावित करेंगे। मौसम विभाग ने भी जल्द ही ला-नीना परिस्थितियां विकसित होने की पुष्टि की है।
पूरे एमपी से विदा हो चुका है मानसून मौसम विभाग के अनुसार, पूरे मध्य प्रदेश से मानसून विदा हो गया है। इस साल मानसून 3 महीने 28 दिन एक्टिव रहा। 16 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई थी और 13 अक्टूबर को वापसी हुई। इसके बावजूद बारिश का दौर बना हुआ है। अक्टूबर का आखिरी सप्ताह भी बारिश वाला ही रहेगा। इसके बाद ठंड का असर शुरू हो जाएगा।
इस बार प्रदेश में मानसून की 'हैप्पी एंडिंग' रही। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां 'बहुत ज्यादा' बारिश दर्ज की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला गुना है। जहां पूरे सीजन 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में 216.3% बारिश हुई। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला है, जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) ही बारिश हुई है।
50 जिलों में मानसून का कोटा फुल मानसूनी सीजन में मौसम विभाग ने प्रदेश में 106 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान जताया था, लेकिन 15 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर गया। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में दोगुनी बारिश हो गई। इंदौर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर संभाग के 50 जिलों में कोटा फुल रहा। वहीं, भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के 4 जिले- उज्जैन, शाजापुर, बैतूल और सीहोर में 81.1 से 98.6 प्रतिशत बारिश हुई। इन जिलों में कोटा पूरा नहीं हो पाया।
हालांकि, इनमें से तीन जिले- उज्जैन, सीहोर और बैतूल में आंकड़ा 94% से ज्यादा ही है। इस वजह से ये सामान्य बारिश के आसपास ही है, लेकिन शाजापुर 'बारिश की भारी कमी' की कैटेगरी में है। यहां कोटे का 81 प्रतिशत पानी ही गिरा।
वर्षा की स्थिति
पिछले 24 घंटों में तवा के जलग्रहण क्षेत्र में 8.20 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। इस सीजन की कुल संचयी वर्षा 1270.00 मिलीमीटर तक पहुंच चुकी है। चूंकि तवा नदी में पानी की मात्रा अधिक है, इसलिए तवा और नर्मदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और नदी क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की गई है।





