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महिला क्रिकेट की न्यूजीलैंड स्टार ऑलराउंडर ने ODI से लिया संन्यास, 19 साल का शानदार करियर पूरा

नई दिल्ली 

क्रिकेट की दुनिया में उजली यादों का एक युग अब थमने को है. महिला वर्ल्ड कप 2025 (Women World Cup 2025) में सोफी डिवाइन (Sophie Devine) ने अपना आखिरी वनडे (ODI) मैच खेला और यह सिर्फ एक खेल का अंत नहीं बल्कि एक प्रेरक अध्याय का समापन है. न्यूजीलैंड की महिला टीम में उनकी मौजूदगी ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया. न्यूजीलैंड के लिए यह वर्ल्ड कप बिल्कुल सही नहीं गया. लीग स्टेज में टीम को सिर्फ एक मैच में ही जीत का स्वाद चखने को मिला. इसके साथ ही वह प्वाइंट्स टेबल में छठे स्थान पर रही. कीवी महिला टीम ने अपना आखिरी मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला जहां उन्हें 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इसी के न्यूजीलैंड टीम की कप्तान और स्टार ऑलराउंडर सोफी डिवाइन का सफर भी समाप्त हो गया.

सोफी को मिला साथियों से सम्मान

सोफी डिवाइन ने यह घोषणा पहले ही कर दी थी कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप होगा, इससे उन्हें मानसिक रूप से तैयार होने का समय मिला. उनके फेयरवेल मैच में उनके साथी खिलाड़ी, विरोधी टीम और फैंस सभी ने उन्हें हौसला दिया. उन्होंने मैदान छोड़ते समय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर (Guard Of Honour) भी पाया और भावनात्मक रूप से भावुक हो उठे. इस तरह की विदाई केवल एक खत्म नहीं बल्कि सालों के संघर्ष, समर्पण और टीम के प्रति निष्ठा का सम्मान भी है. सोफी इस पूरे वाक्या के समय काफी इमोशनल भी नजर आई. 

जीत के साथ विदा चाहती थी

मुकाबला खत्म होने के बाद सोफी डिवाइन ने बयान देते हुए कहा कि उनकी कोशिश जीत के साथ इस सफर को खत्म करने और विदा लेने की थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसके साथ ही आगे उन्होंने इमोशनल होने को लेकर कहा कि मैने जितना सोचा था उतना नहीं रोई थी. क्योंकि मैं पहले ही इस बात को बता चुकी थी कि यह मेरा आखिरी वर्ल्ड कप होगा, जिसके चलते मुझे पहले से ही अपनी भवनाओं के बारे में पता था. 

करियर का सफर

बता दे कि सोफी का इंटरनेशनल करियर लगभग 19 साल का रहा है. उन्होंने महिला क्रिकेट में एक बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में अपनी छाप छोड़ी. सोफी डिवाइन ने अपनी लगन, मेहनत और टीम को आगे बढ़ाने की चाह से यह मुकाम बनाया. उनकी अगुवाई में टीम ने कई कठिनाइयों का सामना किया, बदलावों से जूझा और नए खिलाड़ियों को पंख दिए. इस सफर में उन्होंने न सिर्फ व्यक्तिगत सफलता पाई बल्कि टीम की नींव भी मजबूत की.

विरासत और आगे का पथ

जब एक महान खिलाड़ी जाता है, तो वह खाली नहीं छोड़ता बल्कि विरासत सौंप जाता है. डिवाइन का जाना केवल एक खिलाड़ी के करियर का अंत नहीं बल्कि उस कथानक का समापन है जिसमें उन्होंने महिलाओं की क्रिकेट को एक नए मुकाम तक पहुंचाया. अब यह जिम्मेदारी उन खिलाड़ियों और टीम की होगी कि उस विरासत को संभालें, आगे बढ़ाएं और नए कीर्तिमानों का निर्माण करें. सोफी की तरह, अब नए सितारे अपनी चमक बिखेरेंगे, लेकिन यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि उन्होंने रास्ता तैयार कर दिया.

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