लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मंगलवार को एक अद्भुत दृश्य की गवाह बनी, जब आईटीओटी अलीगंज के प्रशिक्षार्थियों ने पूरे प्रदेश को गौरव का अहसास कराया. राष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल का परचम लहराने वाले इन युवा प्रशिक्षकों का सम्मान समारोह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान परिसर में धूमधाम से आयोजित किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन “स्किल्ड इंडिया” और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिबद्धता “कौशलयुक्त उत्तर प्रदेश” को साकार करने की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि रही. अखिल भारतीय CITS परीक्षा 2025 में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान पाने वाले 16 प्रशिक्षार्थियों और संस्थान स्तर पर चयनित 15 प्रशिक्षुओं को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया.
प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित प्रशिक्षार्थियों की गौरवगाथा
आईटीओटी अलीगंज के प्रशिक्षार्थियों ने इस वर्ष फिर इतिहास रचा है. भारत सरकार द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता में 10 ट्रेड्स में से 9 ट्रेड्स के प्रशिक्षुओं ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. इनमें कु. साक्षी चौरसिया (C.S.A.) और कु. प्रीति कांडू (इलेक्ट्रीशियन) को गत 4 अक्टूबर को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सम्मानित किया गया. जब साक्षी और प्रीति के नाम राष्ट्रीय मंच से पुकारे गए, तो पूरा लखनऊ गर्व से झूम उठा. यह न सिर्फ संस्थान की, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की जीत थी.
आईटीओटी लखनऊ ने देश में रचा मानक
समारोह के मुख्य अतिथि कपिल देव अग्रवाल ने प्रशिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विज़न और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को आईटीओटी लखनऊ ने साकार किया है. उन्होंने कहा कि भारत के 151 CITS संस्थानों में उत्तर प्रदेश का आईटीओटी लखनऊ राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर आना केवल उपलब्धि नहीं, बल्कि यह हमारे युवाओं की प्रतिभा और अनुशासन की पहचान है. प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित हमारे प्रशिक्षार्थी प्रदेश के लिए प्रेरणा हैं. अब उत्तर प्रदेश के युवा प्रशिक्षक पूरे देश में कौशल विकास का स्तर ऊंचा उठा रहे हैं. मंत्री ने संस्थान के निदेशक (प्राविधिक) डी.के. सिंह और उनके प्रशिक्षक दल की सराहना करते हुए कहा कि यह सफलता उनके नेतृत्व, परिश्रम और निरंतर गुणवत्ता सुधार के प्रयासों का परिणाम है.
गुणवत्ता का पर्याय बना आईटीओटी लखनऊ
इस अवसर पर प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने कहा कि आईटीओटी लखनऊ ने जिस गुणवत्ता के साथ प्रशिक्षकों को तैयार किया है, वह अन्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए एक आदर्श है. उन्होंने कहा कि यहां से प्रशिक्षित प्रशिक्षक जब देशभर के आईटीआई में जाएंगे, तो उनकी मेहनत और दक्षता भारत में प्रशिक्षण की नई ऊंचाइयां तय करेगी. संस्थान के निदेशक (प्राविधिक) डी.के. सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे प्रशिक्षकों, अधिकारियों और स्टाफ के सामूहिक परिश्रम का नतीजा है. उन्होंने कहा कि आईटीओटी लखनऊ प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रहा है. नए प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ जिला स्तर पर भी सभी कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाई जा रही है.
सम्मान, प्रेरणा और भविष्य की उड़ान
कार्यक्रम के अंत में सम्मानित प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किए गए. उनके चेहरों पर गर्व और आत्मविश्वास की चमक थी, मानो कह रहे हों कि उत्तर प्रदेश का कौशल अब किसी से कम नहीं. आईटीओटी अलीगंज की यह उपलब्धि सिर्फ एक संस्थान की नहीं, बल्कि उस नई दिशा की कहानी है, जिसमें उत्तर प्रदेश के युवा ‘रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले’ बन रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप, आईटीओटी लखनऊ आज उस भारत की नींव तैयार कर रहा है, जो कौशल, आत्मनिर्भरता और उत्कृष्टता पर टिका है.




