samacharsecretary.com

46 साल की खामोशी के बाद संभल में गूंजे जयकारे, 24 कोसी परिक्रमा ने भरा नगर

संभल 
46 साल की लंबी खामोशी, डर और असुरक्षा के बाद अब संभल एक बार फिर जयकारों से गूंज उठा है। जय श्री कल्कि, जय श्री राम और हर हर महादेव के जयकारों के बीच जिले की सड़कों पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। मौका था संभल के प्राचीन 68 तीर्थ 19 कूप की दो दिवसीय 24 कोसीय वार्षिक तीर्थ परिक्रमा का। भक्ति में डूबे लाखों श्रद्धालुओं ने दो दिन में 24 कोसीय परिक्रमा पूरी की। इस दौरान पूरे परिक्रमा मार्ग पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। जगह-जगह पुलिस, पीएसी और अन्य बलों के जवान तैनात रहे। ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में संभल में इस बदले माहौल को योगी सरकार बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रही है। परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ। एसपी डॉ. कृष्ण विश्नोई ने दावा किया कि इस दौरान करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालु यहां जुटे। पहले दिन यात्रा का चंद्रेश्वर मंदिर पर विश्राम हुआ। रविवार को भोर से मंदिर से फिर यात्रा शुरू हुई।

शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुक गई थी। योगी सरकार के प्रयासों से 2024 में यह परंपरा फिर से जी उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।

बदला-बदला सा है माहौल
1978 के दंगों के बाद संभल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धर्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। लेकिन अब माहौल काफी बदला-बदला सा है। बताया जाता है कि संभल पर सीएम योगी लगातार नजर रहती है। संभल पर गठित न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में कई बातें उजागर हुईं। कहा जाता है कि इन सच्चाइयों को वर्षों तक दबाए रखा गया था। संभल में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशों की भी चर्चा हुई। हिंदुओं के सुनियोजित पलायन का मुद्दा भी उठा। योगी सरकार ने इन सभी मामलों को लेकर कार्रवाई की है। संभल दंगों की साजिश में शामिल होने के आरोप में कई लोगों को जेल भेजा गया है। इसके साथ ही अवैध कब्जों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई है।

धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार
योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार संभल में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए। इनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए। इनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार के काम चल रहे हैं।

दो नए थाने, 45 नई चौकियां बनीं
संभल में योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। आंकड़ों के अनुसार बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर पहुंच गया है। इससे 84 करोड़ रुपये की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है। 2405 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here