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दुकानदारों से ऑनलाइन ठगी, फर्जी रसीद दिखाकर हो रहा फ्रॉड

बिलासपुर ऑनलाइन पेमेंट लेने वाले दुकानदारों को अब और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ठगों ने ऑनआइन ठगी का एक नया तरीका इजात कर लिया है। जिसमें ठग ऑनलाइन पेमेंट की नकली रसीद दिखाकर व्यापारियों को ठग रहे हैं। बिलासपुर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसके बाद व्यापारियों ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी है। बिलासपुर में दुकान में खरीदी के बाद फोन पे से फर्जी पेमेंट की रसीद दिखाकर कई व्यापारियों से ठगी का मामला सामने आया है। एक ही व्यापारी के तीन रिश्तेदारों की दुकान से इस तरह की ठगी का मामला सामाने आने के बाद व्यापारियों को इसकी जानकारी हुई। जब व्यापारियों ने अन्य व्यापारियों से बातचीत की तब पता चला कि मेडिकल स्टोर, किराने की दुकान समेत अन्य दुकानों में इस तरह ठगी की जा रही है। व्यापारियों ने ठगी की शिकायत सरकंडा थाने में की है। साथ ही संदेही की तस्वीर पुलिस को सौंप दी है। इसके आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। व्यापारियों को बना रहे शिकार सरकंडा क्षेत्र के मोपका स्थित राधा विहार में रहने वाले संतराम साहू व्यवसायी हैं। उनकी बहतराई रोड प्रथम अस्पताल के पास किराने की दुकान है। व्यवसायी ने बताया कि 9 जून की रात करीब 8 बजे उनकी दुकान पर एक व्यक्ति पर आया। उसने घरेलू सामान की खरीदारी की। इसका बिल एक हजार 639 रुपये बना। उसने ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कही। साथ ही उसने दुकान में लगे पेटीएम के स्कैनर को अपने मोबाइल से स्कैन किया। स्कैन करते ही उनके संस्थान का नाम आ गया। इसके बाद उसने बिल की रकम डालकर पेमेंट किया। कुछ देर बाद उसने पेमेंट की रसीद दुकान संचालक को दिखाया। उनके साउंड बाक्स में पेमेंट का एनाउंस नहीं हुआ था। दुकान संचालक ने बैंक सर्वर डाउन होने की बात सोचकर उसे जाने दिया। रकम बड़ा होने के कारण उन्होंने रात में स्टेटमेंट चेक किया। दूसरे दिन भी उनके एकाउंट में पेमेंट नहीं आया। तब उन्होंने अपने परिचित से बात की। इसमें पता चला कि कई दुकानों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। व्यापारी ने इसकी शिकायत सरकंडा थाने में की है। ऑनलाइन पेमेंट लेते समय रहे सावधान पुलिस ने बताया कि मोबाइल पर किसी दुकान पर फर्जी पेमेंट की स्क्रीनशाट दिखाकर ठगी के मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले में सावधानी जरूरी है। इस तरह के मामले में व्यापारियों के पास किसी तरह के ट्रांजेक्शन का कोई रसीद नहीं रहती। इसके कारण ठगी करने वालों तक पहुंचना कठिन होता है। इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्कता रखना जरूरी है। जब तक उनके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन की रसीद नहीं आती, तब तक सामान नहीं देना चाहिए। अगर बैंक की कोई समस्या या अन्य परेशानी हो तो व्यक्ति दूसरे दिन दुकान आकर सामान ले जा सकता है। वहीं, अगर ठगी हो जाए तो व्यापारी उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकते। व्यापारियों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान सावधान रहने की जरूरत है।  

मुख्यमंत्री नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में हुए शामिल

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय  राजधानी रायपुर के निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के लिए तीन दिवसीय आधारभूत/उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की रीढ़ की हड्डी हैं। नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के रूप में आप सभी के पास बहुत बड़ा अवसर और बड़ी जिम्मेदारी है। यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो एक व्यक्ति भी पूरे जिले की तस्वीर बदल सकता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोक कल्याण की भावना से जनता की सेवा करने वालों को जनता स्वयं आगे बढ़ाती है। अपने राजनीतिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने भी अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पंच के रूप में की थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि राजनीति में आऊंगा। 10 वर्ष की आयु में पिताजी के स्वर्गवास के बाद मेरे कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। मेरा पूरा जीवन संघर्ष में बीता। मैं सरपंच भी बनूंगा, यह मैंने कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन जनता का आशीर्वाद मिला, जिससे विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का अवसर प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कुछ कर गुजरने के लिए संसाधनों से अधिक महत्वपूर्ण इच्छाशक्ति होती है। जनहित में कार्य करने की सोच से अकेला व्यक्ति भी बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे जिन प्रेरणादायी लोगों के जनसेवा के कार्यों को निकट से देखने का अवसर मिला, उनमें ओडिशा के डॉ. अच्युत सामंत और नानाजी देशमुख का उल्लेख करना चाहूंगा। अभावों में पले-बढ़े डॉ. अच्युत सामंत ने आजीवन जनता की सेवा का संकल्प लिया और भुवनेश्वर में एक बड़ा शिक्षण संस्थान स्थापित किया। इस संस्थान में वे लगभग 25 हजार जनजातीय बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसी तरह, चित्रकूट में नानाजी देशमुख ने दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान के माध्यम से 500 गांवों को गोद लेकर उनके सर्वांगीण विकास का कार्य किया। वर्ष 2006-07 में जब मैं वहां गया, तब मुझे पता चला कि अब तक 80 गांवों को उन्होंने आत्मनिर्भर बना दिया है। इन गांवों में हर परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कार्य किया गया। ये उदाहरण हमें यह बताते हैं कि एक व्यक्ति भी कितना बड़ा परिवर्तन ला सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ हर दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यहां 44 प्रतिशत भूभाग पर वन हैं। यहां की मिट्टी उर्वरा है और किसान मेहनतकश हैं। छत्तीसगढ़ के विकास में नक्सलवाद एक बड़ी बाधा था, जिसे हम समाप्त कर रहे हैं। जो नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, उनके लिए हमने एक उत्कृष्ट पुनर्वास नीति बनाई है। जल्द ही राज्य नक्सलमुक्त होगा और बस्तर में सड़क, बिजली, पानी सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर संभाग के मुलेर ग्राम का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के आदिवासियों को राशन के लिए 25 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता था, जिसमें तीन दिन लगते थे। कल्पना की जा सकती है कि यह इलाका विकास में कितना पीछे था। हमने मुलेर को अलग पंचायत बनाने का निर्णय लिया और वहां राशन दुकान खोली। जब मैं वहां गया, तो लोगों की खुशी उनके चेहरों पर साफ दिखाई दे रही थी। मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों से कहा कि गांवों का विकास किए बिना हम विकसित छत्तीसगढ़ नहीं बना सकते। प्रशिक्षण के इस समय का पूरा लाभ उठाएं। यह सदैव ध्यान रखें कि विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। नियमित रूप से अपने क्षेत्रों का दौरा करें। प्रवास और निरीक्षण से प्रशासनिक कसावट आती है और विकास कार्यों को गति मिलती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में बेहतर कार्य करने के लिए स्वयं को पूरी तरह तैयार करें। पंचायती राज से जुड़े कानूनी प्रावधानों की गहन जानकारी रखें। गांव की उन्नति के लिए केवल निर्माण कार्य ही नहीं, बल्कि अन्य संभावनाओं पर भी सतत विचार करें। दुग्ध उत्पादन जैसे कार्यों से गांव की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित होती है। गांव में आर्थिक समृद्धि आने से युवाओं को नई दिशा मिलती है और वे व्यसनों से दूर रहते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आप ग्राम पंचायत के कार्य स्वरूप पर भी चिंतन करें। पंचायती राज संस्था से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को भलीभांति समझें, ताकि आप जनता के हित में बेहतर कार्य कर सकें। पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े सभी स्तर के एक लाख सत्तर हजार लोगों को यहां प्रशिक्षित किया जाएगा। आज आप सभी से इसकी शुरुआत हो रही है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पेसा : पंचायत उपबंध एवं छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध मार्गदर्शिका, पंचमन पत्रिका तथा जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों हेतु पठन सामग्री का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के प्रांगण में मौलश्री पौधे का रोपण भी किया। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, सचिव भीम सिंह, संचालक प्रियंका ऋषि महोबिया तथा ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के संचालक पी. सी. मिश्रा उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री साव बोले – वृक्षारोपण पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक

पीएम आवास के 50 हजार हितग्राहियों के परिसर में एक लाख से अधिक पौधेरोपित गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में किया गया दर्ज रायपुर, हर आंगन में हरियाली लाने ‘‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’’ वृक्षारोपण महाअभियान के तहत जिले में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देने के लिए अभिनव पहल की गई। जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के 50 हजार हितग्राहियों के निवास परिसरों में 01 लाख से अधिक पौधे रोपे गए। इस अनूठे और भावनात्मक अभियान के माध्यम से ना केवल हरियाली बढ़ाने का प्रयास हुआ, बल्कि मातृत्व के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया गया। इस अभिनव पहल को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इस महाअभियान का जिला स्तरीय भव्य कार्यक्रम मुंगेली विकासखंड के ग्राम लोहड़िया रामपुर स्थित महात्मा गांधी आक्सीजोन परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आम के पौधे का रोपण कर जल और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान मुंगेली विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री श्रीकांत पाण्डेय, कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, वनमंडलाधिकारी श्री अभिनव कुमार, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय ने भी पौध-रोपण किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती शांति देवचरण भास्कर, मुंगेली एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल सहित संबंधित अधिकारी, जनद पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती पुष्पलता पदमिनी मोहले और गणमान्य नागरिक श्री दीनानाथ केशरवानी मौजूद रहे। श्रीमती सोनल शर्मा ने जिला प्रशासन की इस उपलब्धि के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान कर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक है। जिले में इस वृक्षारोपण अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा पौधे का रोपण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है, जिससे यह गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है, इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों का जीवन स्वस्थ और सुखद हो, इसके लिए पौधे लगाना अति आवश्यक है। वृक्षारोपण का यह क्रम टूटना नहीं चाहिए, पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने घटते जलस्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए जल संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने और वर्षा जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने रामपुर में सी.सी. रोड निर्माण के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की। विधायक श्री मोहले ने वृक्षारोपण अभियान के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचने का प्रयास किया जा रहा है और इसी कड़ी में पीएम आवास हितग्राहियो के घरों में वृक्षारोपण महाभियान को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान मिला है, जो जिले के लिए गर्व की बात है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वृक्ष परोपकार एवं पुण्य का प्रतीक होता है, पर्यावरण सरंक्षण के लिए हम सभी को पौधारोपण करना चाहिए। वनमंडलाधिकारी ने कहा कि दुनिया के समक्ष जलवायु परिवर्तन, बढ़ता तापमान, जल संकट जैसी चुनौतियां हैं, इससे बचने के लिए एक पेड़ लगाना आवश्यक है, जैसे बूंद-बूंद पानी से समुद्र बनता है, वैसे एक-एक पेड़ से ही पर्यावरण संरक्षित होगा और हरीतिमा बढ़ेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष ने पर्यावरण को बचाने वृक्षारोपण पर जोर दिया। कार्यक्रम के समापन में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन में योगदान देने वालों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। जिला पंचायत सीईओ ने कार्यक्रम के सफल कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य श्री उमाशंकर साहू, श्री पवन पाण्डेय, अन्य जनप्रतिनिधिगण, स्व सहायता समूह की दीदी और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

राज्यपाल डेका से रेड क्रॉस जिला शाखा महासमुंद के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की

रायपुर, राज्यपाल एवं पदेन अध्यक्ष इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी (राज्य शाखा, रायपुर) रमेन डेका गत दिवस पिथौरा आगमन पर कलेक्टर एवं इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी जिला शाखा महासमुंद के अध्यक्ष विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में रेड क्रॉस जिला शाखा महासमुंद के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर जिला शाखा के सभापति संदीप दीवान, रेड क्रॉस जिला प्रबंध समिति के सदस्य राजेश्वर खरे, जिला संगठक एवं राज्य प्रतिनिधि डॉ. अशोक गिरि गोस्वामी एवं प्रतिनिधि मंडल  ने राज्यपाल  से मुलाकात कर जिले में रेड क्रॉस द्वारा संचालित विभिन्न मानवीय और सामाजिक सेवा गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल डेका ने रेड क्रॉस सोसाइटी की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि समाज में मानवीय सहायता एवं आपातकालीन सेवा कार्यों में रेड क्रॉस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जिले में चल रही गतिविधियों को विस्तार देने और अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किए। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी का प्रमुख उद्देश्य आपदा प्रबंधन, रक्तदान प्रोत्साहन, प्राथमिक उपचार, स्वास्थ्य जागरूकता, गरीबों एवं जरूरतमंदों की सहायता और मानवीय सेवा के कार्यों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करना है। जिले में इन कार्यों को सतत रूप से संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर तेजलाल देवांगन, दिनेश कुमार साहू (रेडक्रॉस प्रशिक्षक एवं जू.रे.क्रॉ. सचिव, पिथौरा), शासकीय कन्या शाला, पिथौरा से रेडक्रॉस काउंसलर्स ज्योति पटेल एवं विमला नायक, वालेंटियर्स मोनिका निषाद, प्रिया साहू, मुस्कान यादव, कसिस सिन्हा, तथा शासकीय आर.के. स्कूल, पिथौरा से वालेंटियर्स ओम मिर्धा, दिवाकर निषाद, मुस्कान यादव, सुजल बाग शामिल थे।  

अंतिम चरणों में रायपुर-राजिम रेल लाइन का काम, 15 अगस्त से चल सकती है ट्रेन

रायपुर नवा रायपुर-धमतरी-राजिम रेल लाइन का काम अंतिम चरणों में हैं। 30 जून को जीएम तरुण सिन्हा ने अभनपुर से राजिम के बीच बिछे रेल लाइन का निरीक्षण किया। अभनपुर से राजिम के बीच गेज कनवर्जन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सीआरएस (कमिशनर आफ रेलवे सेफ्टी) के निरीक्षण के बाद राजिम तक ट्रेन चलाने की तैयारी है। इसके लिए अफसरों ने तारीख भी तय कर ली है। अधिकारियों के अनुसार 15 अगस्त तक राजिम तक ट्रेन शुरू हो जाएगी। वर्तमान में ट्रेन रायपुर से अभनपुर के बीच चलाई जा रही है। नवा रायपुर-धमतरी-राजिम रेल लाइन पर वर्तमान में मेमू ट्रेन चलाई जा रही है। इसी ट्रेन को राजिम तक विस्तार किया जाएगा। 550 करोड़ की लागत से बनाई जा रही 67 किलोमीटर लंबी रेललाइन परियोजना पहले से ही अपने निर्धारित समय से तीन साल पीछे चल रही है। लेकिन इस साल इस रेल लाइन में लगातार प्रगति देखने को मिल रही है। 31 मार्च को रायपुर से अभनपुर के बीच पहली ट्रेन चलाई गई। इसके बाद अब अधिकारी 15 अगस्त से पहले तक इस रेल लाइन में राजिम तक ट्रेन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। वर्तमान में इस ट्रेन में रायपुर से अभनपुर के बीच हर महीने लगभग दो हजार यात्री सफर कर रहे हैं। राजिम तक ट्रेन शुरू होने से यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। राजिम प्रदेश का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह तीन नदियों, महानदी, पैरी और सोंढूर के संगम पर स्थित है, जिसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। यहां राजीव लोचन मंदिर और कुलेश्वर महादेव मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिर हैं। राजिम में अतिक्रमण, इसलिए आ रही है परेशानी वर्तमान में राजिम स्टेशन के दोनों छोर पर अतिक्रमण है। जिसे हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन से बात की जा रही है। अफसरों के अनुसार यात्री ट्रेनें चलाने में रेलवे को परेशानी नहीं है। लेकिन गुड्स ट्रेनें (मालगाड़ी) चलाने में जरूर दिक्कत हो सकती है। धमतरी के लिए दिसंबर तक का रखा लक्ष्य अफसरों की माने तो अभनपुर से धमतरी के बीच भी गेज कनवर्जन कार्य प्रगति पर है। दिसंबर में धमतरी तक ट्रेन शुरू करने की बात कही जा रही है। हांलाकि पूरी तरह से धमतरी तक रेल सेवा शुरू करने के लिए 2026 का ही लक्ष्य रखा है। 1920 में इसी रेल लाइन पर हुआ था सत्याग्रह ब्रिटिश सरकार के काले कानूनों से लड़ने इसी रेल लाइन पर राष्ट्रपिता महात्मागांधी 1920 में कंडेल सत्याग्रह के लिए धमतरी पहुंचे थे। इस रेल लाइन को रेलवे ने नौ साल पहले नुकसान बताकर बंद कर दिया था। लोगों के विरोध पर रेलवे ने 2018 में नई रेल लाइन की घोषणा की। फिर बजट पास किया और काम शुरू हुआ। 15 अगस्त तक किसी भी हाल में यात्री ट्रेन राजिम तक शुरू हो जाएगी। राजिम रेलवे स्टेशन के आसपास अतिक्रमण है। जिसे स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर हटाने की तैयारी है। – अवधेश कुमार त्रिवेदी, सीनियर डीसीएम, रायपुर।

युक्तियुक्तकरण नीति : शिक्षकों की पदस्थापना से बदला विद्यालय का परिदृश्य

रायपुर, राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश के विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखंड अंतर्गत शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल, घुंचापाली इसका एक सशक्त उदाहरण है। जहाँ पूर्व में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही थीं, वहीं अब अंग्रेजी एवं भौतिकी विषय के शिक्षकों की पदस्थापना से न केवल पठन-पाठन में गुणवत्ता आई है, बल्कि विद्यार्थियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। विद्यालय में अंग्रेजी विषय के व्याख्याता संजय गिरी गोस्वामी एवं भौतिकी विषय के लिए व्याख्याता तिर्की मैडम की पदस्थापना से शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है। इन विषयों के शिक्षक लंबे समय से विद्यालय में नहीं थे, जिसके चलते विद्यार्थियों के प्रवेश में गिरावट आ रही थी और कई छात्र जाने लगे थे। युक्तियुक्तकरण की बदौलत विद्यालय में नया शैक्षणिक वातावरण निर्मित किया है। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि शिक्षक उपलब्ध न होने के कारण पूर्व में कक्षा 9 में बच्चों का प्रवेश न के बराबर था। स्थिति इतनी गंभीर थी कि पूर्व में दर्ज छात्र भी स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) लेकर विद्यालय छोड़ रहे थे। परंतु वर्तमान शैक्षणिक सत्र में दिनांक 05 जुलाई 2025 तक कक्षा 9 में 48 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जिससे विद्यालय की कुल दर्ज संख्या बढ़कर 87 हो गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने विधालय के निरीक्षण के दौरान शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि विद्यालय में आवश्यक भौतिक संसाधनों की पूर्ति हेतु विभागीय स्तर पर हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

7 जुलाई को कांग्रेस की सभा, बैज ने बोले – किसान, जवान और संविधान पर केंद्र और राज्य की सरकार लगातार कर रही प्रहार

रायपुर कांग्रेस की 7 जुलाई को होने वाली किसान, जवान, संविधान सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के साथ महासचिव केसी वेणुगोपाल भी शामिल होंगे. आयोजन में 25 हजार से अधिक कार्यकर्ता, किसान और जवान की भागीदारी होगी. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सभा के जरिए बिगुल फूंकने की बात कहते हुए कहा कि “किसान, जवान और संविधान” पर केंद्र और राज्य की सरकार लगातार प्रहार कर रही है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज सभा की जानकारी देने राजीव भवन में कांग्रेस के प्रदेश सह-प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने सभा को देश के लिए एक मील का पत्थर बताया है. उन्होंने कहा कि सभा का उद्देश्य प्रदेश की कानून व्यवस्था, महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराध, किसानों के लिए DAP और खाद की कमी, नक्सलवाद उन्मूलन के ख़िलाफ़ लड़ाई के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को मारने के साथ लचर बिजली व्यवस्था, छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को बेचने, 10 हजार स्कूलों को बंद करने, अवैध शराब बिक्री और नई शराब दुकान खोलने के खिलाफ आवाज उठाना है. दीपक बैज ने कहा कि आयोजन की तैयारी में प्रदेश प्रभारी के साथ तमाम वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी जुटे हुए हैं. इस ऐतिहासिक जनसभा के बाद छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं, किसानों और जवानों को एक नई ताकत और ऊर्जा मिलेगी. इस सभा के जरिए कांग्रेस पार्टी एक बिगुल फूंकने जा रही है.

डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी पहल

रायपुर, राज्य में खरीफ सीजन 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते न सिर्फ इसकी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की बल्कि रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति भंडारण एवं वितरण व्यवस्था पर भी लगातार निगरानी रख रही है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों के भण्डरण एवं उठाव की स्थिति बेहतर बनी हुई है। डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नेनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों के हितों का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक विभिन्न प्रकार के 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कर लिया गया है, जिससे खरीफ सीजन में किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हो सकें।  छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ 2025 में पूर्व में कुल 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें यूरिया 7.12 लाख, डी.ए.पी. 3.10 लाख, एन.पी.के. 1.80 लाख, पोटाश 60 हजार तथा सुपर फास्फेट 2 लाख मीट्रिक टन शामिल हैं। वर्तमान में कुल 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। डीएपी की आपूर्ति में कमी के चलते उर्वरक वितरण के लक्ष्य को संशोधित कर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे- एनपीके, एसएसपी के लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके चलते खरीफ सीजन 2025 में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की वितरण का लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है। राज्य में अब तक 5.63 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण एवं 3.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है। किसानों को अभी 1.86 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरण हेतु उपलब्ध है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूरिया का उपयोग धान फसल में तीन बार किया जाता है। पहली बार बुवाई अथवा रोपाई के समय कुल अनुशंसित मात्रा का 30 प्रतिशत, दूसरी बार 3 से 4 सप्ताह बाद कन्से निकलने के समय एवं तीसरी बार 7 से 8 सप्ताह बाद गभौट अवस्था में किया जाता है। इस प्रकार यूरिया का उपयोग बुवाई से लेकर सितंबर तक विभिन्न अवस्थाओं में किया जाना है, जिसके अनुरूप राज्य में यूरिया की चरणबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। डी.ए.पी. के आयात में राष्ट्रीय स्तर पर कमी को देखते हुए राज्य शासन ने समय रहते वैकल्पिक उर्वरकों की दिशा में ठोस पहल की है, जिसके चलते एन.पी.के. को लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख तथा सुपर फास्फेट का 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। वर्तमान में एन.पी.के. 11 हजार एवं सुपर फास्फेट 54 हजार मीट्रिक टन, लक्ष्य से अधिक भंडारित है, जिससे 23 हजार 600 मीट्रिक टन डी.ए.पी. में उपलब्ध फॉस्फेट तत्व की पूर्ति होगी। छत्तीसगढ़ राज्य को चालू माह जुलाई में आपूर्ति प्लान के अनुसार कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक मिलेगी। जिसमें यूरिया 1.25 लाख, डी.ए.पी. 48,850, एन.पी.के. 34,380, पोटाश 10 हजार एवं सुपर फास्फेट 76 हजार मी. टन शामिल हैं। जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मी. टन तक होने की उम्मीद है। राज्य में डी.ए.पी. की कमी से बचाव हेतु 25 हजार मी. टन सुपर फास्फेट एवं 40 हजार मी. टन एन.पी.के. के अतिरिक्त भंडारण का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, नैनो डी.ए.पी. उर्वरक को बढ़ावा देने हेतु सहकारी क्षेत्र में एक लाख बाटल का भंडारण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार मीट्रिक टन पारंपरिक डी.ए.पी. की आवश्यकता की पूर्ति होगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल माह से ही वैकल्पिक उर्वरकों के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर पैम्फलेट तैयार कर समस्त सहकारी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में प्रदर्शित किए गए डीएपी, उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान एन.पी.के, सुपर फास्फेट एवं नेनो डी.ए.पी. के वैज्ञानिक उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन कर खरीफ 2025 में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।

KYC नहीं करवाया तो ब्लॉक हो जाएंगे गैस कनेक्शन, 3.28 लाख से अधिक बाकि

रायपुर छत्तीसगढ़ में गैस उपभोक्ताओं के लिए सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए केवाईसी सत्यापन के बावजूद अब तक 3.28 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने गैस सिलेंडर के लिए जरूरी दस्तावेज सत्यापन नहीं कराया है। ऐसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन अब ब्लाक किए जा रहे हैं। सरकार और गैस एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि जो उपभोक्ता समय-सीमा में सत्यापन नहीं कराते, उन्हें फर्जी कनेक्शन की श्रेणी में माना जाएगा और उन्हें गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सामान्य घरेलू उपभोक्ता, और एपीएल/बीपीएल कार्डधारियों को कई बार गैस कनेक्शन के लिए सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश अनवेरिफाइड उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जिन्हें सूचना या सुविधा नहीं मिल पाई।गैस एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर सत्यापन करें, लेकिन इसमें धीमी प्रगति हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि सत्यापन से बचने वाले उपभोक्ताओं में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों के जरिए गैस कनेक्शन लेने वाले लोग हो सकते हैं। इसलिए सत्यापन न करवाने वालों का कनेक्शन फर्जी मानते हुए ब्लाक किया जा रहा है। अब ऐसे उपभोक्ता आनलाइन बुकिंग भी नहीं कर सकेंगे। कई उपभोक्ता गैस एजेंसियों में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, जहां उन्हें पहले केवाईसी पूर्ण करने को कहा जा रहा है, तभी उन्हें सिलेंडर मिलेगा। 11 लाख में से 3.28 लाख उपभोक्ता बिना सत्यापन के बता दें कि जिले में तीनों कंपनियों के कुल 11 लाख 435 उपभोक्ता हैं, जिनमें से अब तक केवल 7 लाख 71 हजार 551 उपभोक्ताओं ने ही केवाईसी पूरी की है। जबकि 3 लाख 28 हजार 884 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बार-बार चेतावनी के बावजूद सत्यापन नहीं कराया है। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्राप्त कर चुके हैं। जिले में उज्ज्वला योजना के 7.75 लाख से अधिक लाभार्थी हैं, लेकिन इनमें से 2.31 लाख से ज्यादा ने अब तक केवाईसी नहीं कराई है। गैस कनेक्शन के लिए यह जरूरी दस्तावेज गैस एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उपभोक्ताओं को गैस कार्ड और आधार कार्ड के साथ एजेंसी जाना होगा। एजेंसी में उनकी फिंगरप्रिंट, आई-स्कैन और ताजा फोटो लिया जाएगा। जिस व्यक्ति के नाम पर गैस कनेक्शन दर्ज है, उसे स्वयं ही एजेंसी पहुंचकर केवाईसी कराना अनिवार्य है। इसे लेकर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के नियंत्रक भूपेंद्र मिश्र ने कहा कि शासन की ओर से केवाईसी नहीं कराने वाले के कनेक्शन को ब्लाक किया जा रहा है। जब तक जाकर केवाईसी नहीं कराएंगे तब तक फिर से गैस बुक नहीं करा सकेंगे।

CM साय ने पंचायत प्रतिनिधियों को दिए नेतृत्व के मंत्र, बोले – पंचायतों का विकास ही छत्तीसगढ़ की समृद्धि की नींव, सेवा भाव से करें काम

रायपुर नवा रायपुर स्थित निमोरा में आज राज्य के नवनियुक्त जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सेवा भावना और ईमानदारी से काम करने पर जनता हमेशा साथ देती है। उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैंने कई बार निर्विरोध चुनाव जीते हैं। विधायक और सांसद दोनों रूपों में जनता ने मुझ पर भरोसा जताया है, क्योंकि जब भावनाएं सच्ची होती हैं, तब जनता भी मजबूती से साथ खड़ी रहती है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक समृद्ध प्रदेश है, जहां विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि राज्य को अब डबल इंजन की सरकार का लाभ मिल रहा है, जिससे योजनाएं और तेज़ी से धरातल पर उतर रही हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते वर्षों में नक्सलवाद के खिलाफ अपेक्षित सहयोग नहीं मिला, जबकि अब भाजपा सरकार नक्सलवाद के समूल नाश के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा पहले बस्तर में गोलियों की आवाजें आती थीं, अब वहां विकास की गूंज सुनाई देती है। उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पूरी मेहनत से काम कर रहा है और यदि पंचायतों का सशक्तिकरण होता है तो छत्तीसगढ़ का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री साय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। हम सब भी सीखने की प्रक्रिया में हैं। हमारे मंत्रीगण भी दो-दो बार प्रशिक्षण ले चुके हैं। आगामी समय में मैनपाट में भी इस प्रकार का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश की 11,000 पंचायतों में “अटल डिजिटल सेवा” की शुरुआत की जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित होगी और स्थानीय प्रशासन तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बनेगा। CM ने नक्सलियों के शांति वार्ता पत्र पर दी प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री साय ने नक्सलियों द्वारा भेजे गए शांति वार्ता पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शुरू से ही नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने का आह्वान करती रही है। उन्होंने कहा, “हमने हिंसा छोड़ने वालों को पुनर्वास का अवसर दिया है। बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यदि कोई शस्त्र त्यागकर बात करना चाहता है, तो सरकार तैयार है, लेकिन यदि गोलीबारी की भाषा आएगी तो जवाब भी मिलेगा।” मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन के अंत में कहा कि पंचायतें यदि जागरूक और सक्रिय होंगी तो छत्तीसगढ़ के गांवों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण के माध्यम से शासन की गहराई को समझने और अपने क्षेत्र में नवाचारों को लागू करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों को शुभकामनाएं दीं और “जय हिंद, जय छत्तीसगढ़” के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी जनप्रतिनिधियों को उनके दायित्वों के प्रति सजग रहने और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देना चाहिए। गौरतलब है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए गए, जिनमें पंचायत संचालन, वित्तीय प्रबंधन, योजनाओं के क्रियान्वयन, और डिजिटल गवर्नेंस जैसे विषयों को शामिल किया गया। इससे नवचयनित जनप्रतिनिधियों को शासन की बारीकियों को समझने और बेहतर कार्य करने की दिशा में मार्गदर्शन मिला।