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आरएसजीएल का वार्षिक कारोबार 100 करोड़ के पार, सदस्यों को 0.5 प्रतिशत लाभांश

जयपुर राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम राजस्थान स्टेट गैस द्वारा इस वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य का सार्वजनिक क्षेत्र का पहला लिक्विफाइड नेचुरल गैस प्लांट शुरु कर दिया जाएगा। प्रमुख सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम व चेयरमेन राजस्थान स्टेट गैस श्री टी. रविकान्त ने बताया कि कोटा में 2 नए सीएनजी स्टेशन सहित चार सीएनजी स्टेशन इसी वित्तीय वर्ष में शुरु किये जाएंगे। एजीएम में शेयर होल्डर्स को 0.5 प्रतिशत की दर से लाभांश वितरित करने का निर्णय किया गया। चेयरमेन श्री टी. रविकान्त ने आरएसजीएल के वार्षिक कारोबार को मल्टीपल करने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए हरित उर्जा के क्षेत्र में विशेष हिस्सेदारी निभाने पर जोर दिया। उन्होंने  कहा कि डीपीएनजी के साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को और अधिक संख्या में पीएनजी सुविधाओं से जोड़ने और सेवाओं में विविधिकरण लाया जाएं। आरएसजीएल के प्रबंध निदेशक श्री रणवीर सिंह ने बताया कि आरएसजीएल का वार्षिक कारोबार बढ़कर 100 करोड़ को पार कर गया है। इसी तरह से 6 करोड़ से अधिक का लाभ रहा है। उन्होंने बताया कि सीएनजी सेगमेंट में 22 प्रतिशत से अधिक की विकास दर रही है।  श्री रणवीर सिंह ने बताया कि राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र का पहला एलएनजी स्टेशन नीमराना में स्थापित होने से लंबी दूरी के परिवहन वाहनों को सुविधा मिल सकेगी वहीं आरएसजीएल और गैल द्वारा एलएनजी को लेकर अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित करना आरंभ कर दिया गया है। कोटा में नए डीपीएनजी कनेक्शन जारी करने की कार्ययोजना के साथ ही नए व्यावसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों को जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। एजीएम में वार्षिक अंकेक्षित लेखों का अनुमोदन किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने हरितालिका तीज की प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

जयपुर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने हरितालिका तीज के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। श्री देवनानी ने कहा कि हरितालिका तीज केवल व्रत और आस्था का पर्व नहीं, बल्कि नारी शक्ति, परिवारिक समरसता और दांपत्य जीवन की पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव-पार्वती की उपासना कर परिवार की सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करती हैं। श्री देवनानी ने कहा कि भारतीय संस्कृति के इन पर्वों से नई पीढ़ी को जोड़ना आवश्यक है, क्योंकि यही त्यौहार हमें समानता, संस्कार और सामाजिक सद्भाव का संदेश देते हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे इस अवसर पर भारतीय परंपराओं को आत्मसात करते हुए सामाजिक एकता और संस्कृति की गरिमा को और अधिक सशक्त बनाएं।

सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन: महिलाओं-बच्चों समेत 41 ग्रामीण बाढ़ से बाहर निकाले

बूंदी जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना की त्वरित कार्रवाई ने ग्रामीणों को नई उम्मीद दी है। 17 राजपूताना राइफल्स (सवाईमान) की बाढ़ राहत टुकड़ी रविवार सुबह खटकड़ के पास बड़ा डांढला कस्बे में पहुंची और तत्काल बचाव अभियान शुरू किया। जानकारी के अनुसार पिछले 3–4 दिनों से कई ग्रामीण एक छोटे द्वीप पर फंसे हुए थे और भोजन की भारी कमी से जूझ रहे थे। सेना की इंजीनियर टीमों के सहयोग से तीन बचाव दल तैनात किए गए, जिन्होंने महिलाओं और बच्चों सहित कुल 41 ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाला। राहत दल ने ग्रामीणों को बाहर निकालने के बाद तुरंत आपातकालीन खाद्य सामग्री वितरित की और चिकित्सा अधिकारी ने प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध कराया। सफल बचाव अभियान के बाद बूंदी के अपर जिला मजिस्ट्रेट ने राहत टुकड़ी को नए आदेश जारी किए, जिसके तहत टीम को लाखेरी क्षेत्र के लिए रवाना किया गया। प्रशासन के अनुसार लाखेरी में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर है, जहां अतिरिक्त राहत कार्य की आवश्यकता है।

कालीसिंध नदी में बड़ा हादसा: कार सहित बहे चार, दो के शव बरामद

झालावाड़ जिले के गागरोन स्थित चगेरी पुलिया पर रविवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। कालीसिंध नदी पर पुलिया पर पानी भरा होने के बावजूद कार सवार चार युवक कार निकालने लगे। स्थानीय लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और समझाया कि पुलिया पर पानी का बहाव तेज है, लेकिन युवकों ने उनकी बात अनसुनी कर दी। जानकारी के मुताबिक कार सवार युवक पुलिया पर रुककर फोटो भी खींच रहे थे। इसी दौरान बीच पुलिया पर पानी का बहाव और तेज हो गया और कार सहित चारों युवक नदी में बह गए। घटना की सूचना मिलते ही मडावर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। अब तक दो युवकों के शव बरामद हो चुके हैं, जिनकी पहचान गंगानगर निवासी नीरज सिंह और सुकेत के कुदायला निवासी हरिबल्लभ के रूप में हुई है। दोनों शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। वहीं दो अन्य युवकों सांभर लेक निवासी शिक्षक वेणुगोपाल और चालक लेखराज की तलाश एसडीआरएफ की टीम द्वारा नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए लगातार की जा रही है। बताया जा रहा है कि मृतक और लापता युवक गंगानगर से गागरोन की ओर आए थे और कोलाना एयरपोर्ट की तरफ कार से नदी पार कर रहे थे। बारिश के कारण नदी ऊफान पर थी और पुलिया पर करीब डेढ़ फीट से ज्यादा पानी बह रहा था। स्थानीय लोगों ने बार-बार उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन युवकों ने अनसुना कर दिया और यह हादसा हो गया।

घना कोहरा और अंधेरा बना चुनौती, ट्रेकिंग के दौरान गुम शख्स की खोज मुश्किल

सिरोही राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंटआबू एक प्रचलित हिल स्टेशन है।  माउंटआबू नगरपालिका आपदा प्रबंधन दल प्रभारी राजकिशोर शर्मा ने बताया कि माउंटआबू से शेरगांव जाने के लिए पहले गुरु शिखर जाना पड़ता है।  वहां से पैदल जंगलों में से होते हुए करीबन शेरगांव पहुंचने में करीब छह घंटे का समय लगता है। घने जंगल एवं गहरी घाटियों के बीच से होते हुए ट्रेकिंग के माध्यम से शैर गांव तक पहुंच सकते हैं। यह बहुत ही कठिन रास्ता है। घने जंगल एवं जीव जंतुओं का खतरा इस ट्रैकिंग मार्ग पर मौजूद है। यह ग्रुप शेरगांव गया था। इस दौरान इस ग्रुप के आते समय एक व्यक्ति के गुम हो जाने की खबर नगरपालिका आपदा प्रबंधन दल को मिली। इसके बाद आपदा प्रबंधन दल प्रभारी राजकिशोर शर्मा द्वारा माउंटआबू उपखंड अधिकारी को भी इस घटना की पूरी जानकारी दी गई। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत नगर पालिका आपदा दल की टीम को मौके पर गुम हुए व्यक्ति को ढूंढने के लिए रवाना किया गया। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन एवं वन विभाग की टीम भी रवाना हो गई है। घने जंगल के बीच गहरे गड्ढे में गिरकर घायल है व्यक्ति इस मामले में गुम व्यक्ति से जब फोन पर बात हुई तो उसने बताया कि वह किसी गहरे खड्डे में गिरकर घायल हो चुका है और उसके चारों तरफ घनी झाड़ियां है। वहा अंधेरा होने के कारण ज्यादा कुछ नहीं देख पा रहा है और उसके मोबाइल की बैटरी 30% ही बची है। यह घटना कल दोपहर की है उसके साथ में जो लोग गए थे वे लोग गुरु शिखर पहुंच चुके हैं। बीते दिन से ही माउंटआबू में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। पूरा माउंटआबू घने कोहरे में ढका हुआ है जिसके कारण उसे ढूंढने में काफी मुश्किल आ रही है। इस कार्य में जिला प्रशासन एवं माउंटआबू प्रशासन के निर्देशन में यह अभियान चलाया जा रहा है रात्रि का समय होने के कारण कार्य बहुत ही कठिन है रात्रि एवं मूसलाधार बारिश और घने कोहरे के कारण इस कार्य में मुश्किल आ रही है।

बारिश बनी आफत: राजस्थान में जानलेवा मानसून, 91 की गई जान

जयपुर राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ जिलों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं। हाड़ौती क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के चलते जन-धन की भारी क्षति हुई है। कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और कई जगहों का संपर्क कट गया है। रविवार को सबसे ज्यादा 7 इंच बरसात नागौर में दर्ज हुई। नागौर के बच्चाखाडा में मकान ढहने से 2 लोगों की मौत हो गई।  उदयपुर के डबोक में रविवार को कुंवारी माइंस में भरे पानी में डूबने से 4 बच्चों की मौत हो गई। आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के अनुसार, राजस्थान में मानसून सीजन 15 जून 2025 से 24 अगस्त तक बहने या डूबने से 44, बिजली गिरने से 24 लोगों सहित 91 मौत हुई हैं। 51 लोग वर्षा जनित हादसों के कारण घायल हुए हैं। जयपुर में प्रशासन अलर्ट मोड पर लगातार हो रही वर्षा के कारण जयपुर जिले के कई ग्रामीण इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। गांवों की रपटों और रास्तों पर पानी भर जाने से आमजन को आवाजाही में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।  जिला प्रशासन ने एहतियातन सोमवार और मंगलवार को जिले के सभी राजकीय एवं गैर-राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया है। कलक्टर डॉ. सोनी ने आमजन से अपील की है कि वे जलभराव और वर्षाजनित परिस्थितियों में अतिरिक्त सतर्कता बरतें। उन्होंने कहा है कि किसी भी बहते पानी की रपट अथवा पुलिया को पार न करें, बच्चों को जलभरे स्थानों और नालों के पास न जाने दें तथा जल स्रोतों से दूर रहें। किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष से तुरंत संपर्क किया जा सकता है। इस कक्ष के दूरभाष नंबर 0141-2204475 और 0141-2204476 हैं, जहां 24 घंटे संपर्क किया जा सकता है। बीते 24 घंटों में बारिश के आंकड़े बीते 24 घंटों में नागौर जिले के मुख्यालय पर 173 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस मानसून सत्र की अब तक की सर्वाधिक वर्षा में से एक है। इसके अलावा:अजमेर के नसीराबाद में 51 मिमी और शहर में 61 मिमी बीकानेर के लूणकरणसर में 91 मिमी, कोलायत में 63 मिमी, शहर में 53 मिमी जयपुर के जालसू में 49 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं दौसा के लालसोट में 62 मिमी, रामगढ़-पचवारा में 59 मिमी धौलपुर में 57 मिमी हनुमानगढ़ के गोलूवाला में 92 मिमी, संगरिया में 90 मिमी, पीलीबंगा में 73 मिमी झुंझुनूं के मलसीसर में 59 मिमी जोधपुर के बिलाड़ा में 76 मिमी सिरोही के माउंट आबू में 71 मिमी बारिश दर्ज की गई। अभी तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट अभी तीन दिन और बरसने वाला है मानसून मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ट्रफ इस समय बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर, प्रयागराज होते हुए पूर्व की ओर जा रही है। इसके साथ ही राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है, जिसके कारण आगामी तीन दिन राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिन निम्न दबाव प्रणाली और ट्रफ लाइन के प्रभाव से भारी वर्षा हो सकती है।

राजस्थान के 11 जिलों में स्कूल बंद, सड़कों पर आवागमन ठप

जयपुर राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कोटा, सवाई माधोपुर और बूंदी जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई गांव टापू जैसे बन गए हैं और संपर्क कट गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF, SDRF और सेना की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। मौसम विभाग ने शनिवार को 11 जिलों में तेज बरसात का अलर्ट जारी किया है। इनमें 2 जिलों (भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़) में भारी बरसात का अलर्ट है। आज इन जिलों में स्कूलों की छुट्टी बारिश के चलते चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर, भीलवाड़ा में शनिवार को स्कूलों की छुट्टी रही। बारां से मांगरोल का सड़क संपर्क टूटा बारां में शुक्रवार सुबह से ही तेज बारिश हो रही है। बारिश के चलते वहां जबरदस्त जल भराव देखने को मिल रहा है। बाणगंगा नदी उफान पर है। इसके चलते  मांगरोल मार्ग पर खेड़ली गांव के समीप बापुलिया पर डेढ़ से दो फुट पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है। बूंदी में बाढ़ के हालात, कई गांव टापू बने कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। कई गांव टापू बन गए हैं। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ सेना की मदद ली गई। बूंदी के नैनवां में 9 घंटे में 13 इंच पानी बरसा। जयपुर में शनिवार सुबह तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को 11 जिलों में तेज बरसात का अलर्ट जारी किया है। इनमें 2 जिलों (भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़) में भारी बरसात का अलर्ट है। आज इन जिलों में स्कूलों की छुट्टी बारिश के चलते चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर, भीलवाड़ा में शनिवार को स्कूलों की छुट्टी रही। इसलिए हो रही भारी बरसात मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक मानसून पिछले दो सप्ताह से इनएक्टिव मोड में था। मानसून ट्रफ के नॉर्मल पॉजीशन में आने से मानसून फिर एक्टिव फेज में आया। एक्टिव फेज में आने के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेन सिस्टम एक्टिव हुआ। इस सिस्टम में मूवमेंट नहीं होने से यही स्टेबल रहा। इस कारण से राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में इतनी भारी बारिश देखने को मिली।

राजकीय अधिवक्ताओं को तोहफ़ा : सरकार ने बढ़ाई राजस्व न्यायालयों में रिटेनरशिप

जयपुर राजस्थान के राजस्व न्यायालयों में राज्य सरकार की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं की रिटेनरशिप फीस एक सितंबर से बढ़ा दी जाएगी। रिटेनरशिप फीस बढ़ाने के  राजस्व विभाग के प्रस्ताव को सीएम भजनलाल शर्मा ने मंजूरी दे दी है। राजस्व विभाग ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार- न्यायालय राजस्व मण्डल अजमेर एवं अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों, संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, राजस्व अपीलीय प्राधिकारी में विचाराधीन राजस्व वादों में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले पूर्णकालिक राजकीय अधिवक्ताओं की मासिक रिटेनरशिप फीस में बढ़ोतरी की गई है। राजस्व विभाग के शासन उप सचिव हरिसिंह मीना ने बताया कि राजस्व मंडल अजमेर में राज्य सरकार  की पैरवी करने वाले स्टेट एडवोकेट को 11,250 रुपए, एडिशनल स्टेट एडवोकेट को 10,200 रुपए, डिप्टी स्टेट एडवोकेट को 9000 रुपए मासिक रिटेनरशिप मिलेगी। सभी सम्भागीय आयुक्त और अतिरिक्त सम्भागीय आयुक्त कोर्ट में पैरवी करने वाले राजकीय अधिवक्ता को 6 हजार रुपए, जयपुर, अलवर,भरतपुर, चित्तोडगढ़, उदयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर, जोधपुर, नागौर और पाली के जिला कलेक्टर कोर्ट और अतिरिक्त जिला कलेक्टर कोर्ट में पैरवी करने वाले राजकीय अधिवक्ता को 6 हजार रुपए, बूंदी, झालावाड़, टोंक, जालोर, सिरोही, सीकर,झुन्झुनू, दौसा, बारां और राजसमंद में जिला कलेक्टर कोर्ट और अतिरिक्त जिला कलेक्टर कोर्ट में पैरवी करने वाले राजकीय अधिवक्ता को चार हजार 500, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, डूंगरपुर, धौलपुर,जैसलमेर, हनुमानगढ़ और करौली जिला कलेक्टर कोर्ट और अतिरिक्त जिला कलेक्टर कोर्ट में पैरवी करने वाले राजकीय अधिवक्ता को 3 हजार रुपए मासिक रिटेनरशिप मिलेगी। अन्य जिलों के जिला कलेक्टर कोर्ट और अतिरिक्त जिला कलेक्टर कोर्ट के सम्बंध में यह राशि 4500 रुपए प्रति माह होगी। राजस्व अपीलीय प्राधिकारी (रेवेन्यू अपीलेट अथॉरिटी) और उनके कैम्प कोर्ट के वाद में यह राशि 3 हजार रुपए होगी। इसके अतिरिक्त न्यायिक दायित्वों के पेटे इन अधिवक्ताओं को देय राशि में भी वृद्धि की गई है। अब जवाबदावा के लिए 700 रुपए, प्रति पृष्ठ डिक्टेशन व टंकण शुल्क  के लिए 25 रुपए, प्रति पृष्ठ फोटो स्टेट के 2 रुपए, अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए 200 रुपए, स्टेशनरी फाईल कवर, टेग्स आदि के लिए 60 रुपए, प्रति प्रमाण पत्र शपथ पत्र प्रमाणीकरण के लिए  100 रुपए एवं अन्य विधिक खर्चे के रुपए में 200 रुपए देय होंगे।

वैध पते के अभाव में नोशनल नंबर से बने थे मतदाता, शिकायत साबित हुई गलत

उदयपुर उदयपुर जिले के गोगुंदा विधानसभा क्षेत्र के बड़गांव से आई मतदाता सूची से जुड़ी शिकायत ने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया। जनसुनवाई के दौरान बड़गांव पंचायत प्रशासक सहित कुछ लोगों ने जिला कलेक्टर नमित मेहता को जनसुनवाई में बताया कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फर्जी नाम दर्ज किए गए हैं। शिकायत में कहा गया कि एक ही मकान नंबर पर 700 से अधिक मतदाताओं के नाम अंकित हैं। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर मेहता ने गोगुंदा के उपखंड अधिकारी एवं मतदाता पंजीकरण प्राधिकारी (ईआरओ) को त्वरित जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि शिकायत तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक थी। दरअसल जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मतदाता सूची में दर्ज अधिकांश लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं, जो उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) की जमीन पर अतिक्रमण करके बसे हुए हैं। उन्होंने अवैध रूप से कच्चे-पक्के मकान बना रखे हैं। चूंकि इन परिवारों के पास कोई वैध घर नंबर या अधिकृत पता नहीं है, इसलिए उन्हें नोशनल नंबर आवंटित कर मतदाता सूची में शामिल किया गया। यही कारण है कि सूची में एक ही मकान नंबर के अंतर्गत सैकड़ों नाम दर्ज दिखाई दिए, जिससे यह संदेह पैदा हुआ कि सूची में बोगस मतदाता जोड़े गए हैं। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि ईआरओ स्तर की जांच में यह साफ हो गया कि मतदाता सूची में फर्जी या बोगस नाम दर्ज करने का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। फिर भी एहतियातन विस्तृत जांच कराई जा रही है ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न रह जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करना जरूरी है। स्थायी पता न होने पर नोशनल नंबर के आधार पर नाम जोड़े जाते हैं, ताकि कोई भी नागरिक मतदान अधिकार से वंचित न हो। राजस्थान में शहरी क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बसे हजारों परिवारों को किस तरह से व्यवस्थित पते और पहचान से जोड़ा जाए इस बात को लेकर विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक इनके पुनर्वास और वैध आवास की स्थायी व्यवस्था नहीं होती, तब तक प्रशासन द्वारा नोशनल नंबर प्रणाली ही व्यावहारिक विकल्प है। बहरहाल बड़गांव में एक ही मकान नंबर पर 700 मतदाताओं के दर्ज होने की शिकायत मात्र अफवाह साबित हुई। जिला प्रशासन की माने तो सभी वास्तविक लोग हैं, जिन्हें वैध मकान नंबर न होने के कारण नोशनल नंबर से सूचीबद्ध किया गया है। क्या है नोशनल नंबर? यह चुनाव आयोग की एक व्यवस्था है कि जब किसी मतदाता का स्थायी और वैध पता, मकान नंबर या वार्ड की जानकारी उपलब्ध नहीं होती या दस्तावेजों में पूरा विवरण नहीं होता, तब चुनाव आयोग उस मतदाता का नाम सूची में दर्ज करने के लिए एक अस्थायी/ काल्पनिक  नंबर अलॉट कर देता है। इसे ही नोशनल नंबर कहा जाता है।

48 घंटे से मूसलाधार बरसात, बाढ़ जैसे हालात में सेना और SDRF उतरी

कोटा हाड़ौती में बीते 48 घंटे से मूसलाधार बारिश का दौर लगातार जारी है। कोटा, बूंदी और बारां जिलों में बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। कई कस्बों और गांवों में 8 से 10 फीट तक पानी भर गया है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गांव, कस्बे और शहर तक इस बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पिछले दो दिनों में हाड़ौती क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक कच्चे मकान ढह गए, जबकि कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। हालात बिगड़ने पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ सेना को भी राहत कार्यों में लगाया गया है। अब तक 200 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ की वजह से कई गांव और कस्बे टापू में तब्दील हो गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नाव का सहारा लिया जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बूंदी जिले का कापरेन और कोटा जिले का सुल्तानपुर बताया जा रहा है। इसके अलावा दीगोद क्षेत्र में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। भारी बारिश और जलभराव से कई पुलिया और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। 100 से ज्यादा गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से टूट गया है। कोटा से मध्यप्रदेश के श्योपुर को जोड़ने वाला मार्ग बंद हो गया है। दीगोद, इटावा, खातोली और सुल्तानपुर जैसे क्षेत्रों का सीधा संपर्क कोटा से कट गया है। इसी तरह कोटा-कैथून और सांगोद मार्ग पर भी यातायात ठप हो गया है, जिससे 20 से ज्यादा गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में खेत पूरी तरह जलमग्न होकर तालाब जैसे हो गए हैं। आसपास की नदियों और नालों का पानी खेतों में भर गया है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं शहरों और कस्बों में दुकानों व मकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।