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लोंगेवाला बॉर्डर पर चीनी ड्रोन मिलने से हड़कंप, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

जैसलमेर जैसलमेर से सटी भारत-पाक सीमा के लोंगेवाला क्षेत्र में बीएसएफ के जवानों को एक संदिग्ध ड्रोन मिला, जिस पर मेड इन चाइना लिखा हुआ है। गुरुवार देर शाम गुप्त सूचना के आधार पर जैसलमेर सेक्टर साउथ के सतर्क जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप यह ड्रोन बरामद किया। ड्रोन पर कैमरा भी लगा हुआ है, जिससे जासूसी की आशंका गहरा गई है। बीएसएफ ने ड्रोन की उत्पत्ति और संचालन की दिशा की जांच शुरू कर दी है, ताकि पता लगाया जा सके कि यह सीमा पार से आया है या स्थानीय रूप से उड़ाया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ड्रोन आकार में छोटा है और कैमरे से लैस है। ड्रोन मिलने के बाद बीएसएफ ने लोंगेवाला सेक्टर की सभी चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा है। सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन की रेंज, फीड और इस्तेमाल की गई तकनीक की जांच कर रही हैं। ड्रोन में लगे कैमरे और उसकी क्षमताओं का भी विश्लेषण किया जा रहा है। गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैसलमेर के सीमावर्ती क्षेत्रों में आम नागरिकों द्वारा ड्रोन उड़ाने पर जिला प्रशासन ने पूरी तरह प्रतिबंध लगाया हुआ है। ऐसे में सरहद के पास मेड इन चाइना ड्रोन का मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी ‘उदयपुर फाइल्स’, सिनेमाघरों में कड़ी सुरक्षा के साथ प्रदर्शन

जयपुर उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म उदयपुर फाइल्स शुक्रवार को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म एक संवेदनशील और झकझोर देने वाली घटना को पर्दे पर उतारने का प्रयास है, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। राजस्थान में विशेष रूप से उदयपुर, जयपुर, कोटा, अजमेर समेत तमाम जिलों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि फिल्म के प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की अफवाह या माहौल बिगाड़ने की कोशिश पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कन्हैयालाल के बेटे यश ने कहा कि वे परिवार सहित फिल्म देखने जाएंगे और जनता से भी अपील की कि वे इस फिल्म को देखें ताकि सच्चाई सामने आ सके। 10 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाई थी। यह रोक कुछ संगठनों और मोहम्मद जावेद द्वारा दायर याचिका के बाद लगाई गई थी। हालांकि अब फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति मिल गई है। फिल्म के निर्माता अमित जानी ने वीडियो संदेश में कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि यह फिल्म एक सच्ची और भयावह घटना को सामने लाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल की निर्मम हत्या ने देश को झकझोर दिया था और जनता को यह जानने का हक है कि उस समय क्या हुआ था। फिल्म में अभिनेता विजय राज ने कन्हैयालाल की भूमिका निभाई है। इसके अलावा रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी भी अहम किरदारों में नजर आए हैं। गौरतलब है कि 28 जून 2022 को उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल की दुकान में घुसकर गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी ने धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी थी। इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था, जिससे देशभर में आक्रोश फैल गया था। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने हाथ में ली और कुल 11 आरोपियों के खिलाफ यूएपीए और आर्म्स एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। मामले में आरोपी फरहाद उर्फ बबला और मोहम्मद जावेद को जमानत मिल चुकी है। सलमान और अबू इब्राहिम को पाकिस्तान निवासी बताते हुए फरार घोषित किया गया है। अभी भी यह मामला अदालत में विचाराधीन है। प्रशासन ने फिल्म की रिलीज के चलते हर सिनेमा हॉल के बाहर पुलिस बल तैनात किया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग भी की जा रही है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति अफवाह फैलाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अब हर घर में स्मार्ट मीटर: बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा सटीक बिल और रीयल टाइम डेटा

चित्तौड़गढ़ अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एवीएनल) की ओर से चित्तौड़गढ़ जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। वहीं, इसे लेकर आरोप भी लग रहे हैं कि मीटर तेजी से दौड़ेगा। इन सब के बीच निगम ने बड़ा दावा किया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि निगम और उपभोक्ता के लिए स्मार्ट मीटर बहुत उपयोगी है। सोलर एनर्जी का प्रोडक्शन बढ़ रहा है। ऐसे में सोलर एनर्जी और सरकार के जनरेशन प्लांट से बिजली की आपूर्ति को को कम-ज्यादा करना जरूरी है। स्मार्ट मीटर लगाकर बिजली की आपूर्ति एवं खपत को सोलर एनर्जी एवं ग्रिड की आपूर्ति से कम ज्यादा किया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर ग्रिड फेल होने का खतरा रहेगा। जानकारी में सामने आया कि एवीएनएल की ओर से जिले में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसका विरोध भी हुआ है। कांग्रेस के नेताओं का भी विरोध में बयान सामने आया था। वहीं, जिले में वृहद स्तर पर स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जारी है। इसे लेकर अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड चित्तौड़गढ़ के अधिशासी अभियंता ऋषभ भार्गव ने बताया कि जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू हो गया है। स्मार्ट मीटर लगाना समय की मांग हैं। इससे निगम के साथ उपभोक्ताओं का भी फायदा है। निगम के पास स्टाफ की भी कमी है, जिससे रीडिंग में भी निगम को आसानी रहेगी। उपभोक्ता की गलत बिलिंग की शिकायत का भी निस्तारण होगा। वहीं निगम को आर्थिक फायदा भी होगा। निगम की बिजली को लेकर रियल डेटा की आवश्यकता अधिशासी अभियंता ऋषभ भार्गव ने बताया कि समय के साथ चीजों को बदलना जरूरी है। आने वाले समय में सोलर एनर्जी का प्रोडक्शन बढ़ेगा। इसका प्रोडक्शन कितना हो रहा इसकी जानकारी स्मार्ट मीटर से चलेगी। इसमें प्रोडक्शन बढ़ेगा तो सरकार के जनरेशन प्लांट हैं तो उनकी सप्लाई को कम किया जा सकेगा। ऐसा नहीं करते हैं तो ग्रिड फेल होने का खतरा है और सभी तरफ अंधेरा हो जाएगा। वहीं, स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता को भी रियल डेटा मिलेगा। उपभोक्ता 24 घंटे में बिजली की खपत देख सकता है। इसके लिए मोबाइल में ऐप डाउनलोड होगा। केवल दुष्प्रचार, मीटर एक मेजरमेंट यूनिट अधिशासी अभियंता भार्गव ने बताया कि स्मार्ट मीटर को लेकर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह केवल दुष्प्रचार है। बिजली मीटर केवल एक मेजरमेंट यूनिट है। कोई सा भी मीटर लगाओ तो वह बिजली खपत की गणना ही करेगा। स्मार्ट मीटर समय की मांग भी है। 27 माह, 3.50 लाख उपभोक्ताओं के लगेंगे मीटर अधिशासी अभियंता ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़ शेष सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगेंगे। जिले में 3 लाख 58 हजार उपभोक्ता हैं। जीनस पावर नाम की कंपनी यह कार्य कर रही है। इसमें 27 माह का समय दिया गया है। इसके अलावा 10 साल का रख रखाव भी इसी कंपनी को करना है। 10 में कार्य शुरू, 7 में हो रहा सर्वे अधिशासी अभियंता भार्गव ने बताया कि एवीएनएल के हिसाब से चित्तौड़गढ़ जिला 17 उपखंड में बंटा हुआ है। इसमें से 10 में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू हो गया है तथा 7 में सर्वे किया जा रहा है। जिले में अब तक करीब 5 हजार 500 उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें भी शहर में सबसे अच्छी प्रोग्रेस हैं।

सीएम का गर्व भरा बयान- भारतीय सेना आज विश्व की श्रेष्ठ सेनाओं में, हर घर तिरंगा से लहराया राष्ट्रप्रेम

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि 'हर घर तिरंगा अभियान' न केवल देशवासियों में देशभक्ति की भावना को प्रबल करता है, बल्कि यह अभियान देश के गौरव, पराक्रम और एकता का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बीते 11 वर्षों में नए विकास आयाम स्थापित किए हैं और भारतीय सेना आज दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में गिनी जाती है। मुख्यमंत्री बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित 'हर घर तिरंगा अभियान' एवं 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देशभर में जिस प्रकार विजयोत्सव मनाया गया और तिरंगा यात्राएं निकाली गईं, वह देश के प्रति समर्पण और सेना के शौर्य को सलाम करने का भाव दर्शाता है। उन्होंने कहा कि उसी भावना को बनाए रखने और नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए 'हर घर तिरंगा अभियान' को भाजपा ऐतिहासिक रूप देने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे बूथ से लेकर मंडल, जिला और संभाग स्तर तक इस अभियान को लेकर जनसंपर्क करें और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक कार्यक्रम कार्यकर्ताओं को जनता से सीधे जुड़ने का अवसर देते हैं, इसलिए हर कार्यकर्ता को सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। इस मौके पर भाजपा सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ता इस बार 'हर घर तिरंगा' को एक जन आंदोलन बनाएं और अभियान को इतिहास में दर्ज कराने वाला बनाएं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक परनामी ने जानकारी दी कि पार्टी 10 से 14 अगस्त तक तिरंगा यात्रा निकालेगी और इस बार हर घर में तिरंगा फहराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को तोड़ने का काम कांग्रेस ने किया और आज भी उनके नेता "पाकिस्तान की भाषा" बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, जो लोग देश और संस्कृति के खिलाफ बोलते हैं, उनकी मानसिकता पर सवाल खड़े होते हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ऐसे लोगों को सद्बुद्धि मिले।

शिक्षा संकट: जर्जर स्कूल भवन, टीन शेड बना क्लासरूम

जैसलमेर बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है, प्रोत्साहन राशि दी जा रही है लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी स्कूलों की हालत उजागर कर रही है। उपखंड फतेहगढ़ की उप तहसील झिनझिनयाली के बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में 200 से अधिक छात्राओं का नामांकन है, लेकिन भवन की स्थिति भयावह है। विद्यालय में बने पांच कक्षों में से तीन पूरी तरह जर्जर हैं और बंद पड़े हैं। शेष दो कक्षों में दसवीं और ग्यारहवीं की छात्राएं बैठती हैं, जबकि पहली से नौवीं तक की सभी छात्राओं को एक ही टीन शेड के नीचे पढ़ाया जा रहा है। इससे शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और बालिकाओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। बरसात में जर्जर कक्षों के ध्वस्त होने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे छात्राएं डर के साए में हैं। विद्यालय में एक भी महिला अध्यापिका नहीं है। रसोईघर की दीवारों में दरारें हैं और छत गिरने की कगार पर है। पेयजल के लिए बना टांका भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार सिर्फ कागजों में ही बालिका शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करती है हकीकत कुछ ओर ही है अभी कुछ दिन पहले झालावाड़ के पिपलोदा में हुए हादसे के बाद प्रशासन और परिजन दोनों ही एक्टिव मोड में आ गए हैं, जिसके बाद पता चला कि झालावाड़ ही नहीं पूरे राजस्थान के यहीं हाल हैं, हर स्कूल में कमरे छतिग्रस्त हैं | ग्रामीण फतेहसिंह का कहना है कि यह विद्यालय आठ-दस गांवों के लिए एकमात्र बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय है। जर्जर कक्षों और सुविधाओं के अभाव में छात्राएं पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रही हैं। प्रधानाचार्य इंद्राराम पन्नू ने बताया कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है और उप तहसील भवन में वैकल्पिक रूप से विद्यालय चलाने की मांग भी की गई है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है।

ट्रांसफार्मर चोरी की बड़ी साज़िश बेनकाब, दो आरोपी हिरासत में

अलवर जिले की राजगढ़ थाना पुलिस ने ट्रांसफार्मर चोरी के मामले में दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने राजगढ़ क्षेत्र के गांव बुचपुरी में लगे कृषि ट्रांसफार्मर को चोरी कर लिया था। इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता द्वारा थाना राजगढ़ में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने धारासिंह उर्फ पोला (निवासी ग्राम कलेशान) और प्रह्लाद उर्फ मोटा (निवासी ग्राम बबेली) को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी राजगढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। पूछताछ में उन्होंने बुचपुरी, आंधवाड़ी, नांगल धरमु (थाना राजगढ़), निमला (थाना टहला), और बढियाल (थाना बेजूपाड़ा, जिला दौसा) सहित कई गांवों से ट्रांसफार्मर चोरी करने की बात कबूली है। पुलिस ने आरोपियों से बुचपुरी से चुराया गया ट्रांसफार्मर और एक संडासी बरामद कर ली है। फिलहाल दोनों से आगे की पूछताछ जारी है। पुलिस का प्रयास है कि अन्य गांवों से चोरी हुए ट्रांसफार्मर भी बरामद किए जा सकें। अब दोनों अपराधियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उन्हें रिमांड पर लेकर अन्य वारदातों की भी जानकारी जुटाई जाएगी। पुलिस के अनुसार ये दोनों आरोपी अब तक करीब एक दर्जन गांवों से ट्रांसफार्मर चोरी कर चुके हैं।

भूकंप से हिली धरती: राजस्थान और मध्यप्रदेश में दहशत का माहौल

मंदसौर मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के पिपलियामंडी और मल्हारगढ़ क्षेत्र में गुरुवार सुबह 10:07 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटके बेहद हल्के थे, लेकिन स्थानीय लोगों को कुछ सेकंड तक जमीन कांपती महसूस हुई। इससे कुछ देर के लिए दहशत का माहौल बन गया। भूकंप की तीव्रता 3.9 मैग्नीट्यूड बताई जा रही है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार इसका केंद्र राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। आसपास के गांवों जैसे कनघट्टी, अमरपुरा और रेवास-देवड़ा में भी झटके महसूस किए गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक दरवाजे और खिड़कियां हिलने लगीं। कुछ लोगों को लगा कि भारी वाहन निकला होगा, लेकिन कुछ ही पलों में महसूस हुआ कि यह भूकंप है। ग्रामीण इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए। राजस्थान के प्रतापगढ़ शहर के नई आबादी, सदर बाजार, एरियापति, वाटर वर्क्स, बड़ा बाग कॉलोनी और मानपुर जैसे क्षेत्रों में भी झटके महसूस किए गए। यह वही क्षेत्र है जहां भूकंप का केंद्र था। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की। स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्क रहने की सलाह दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले मंदसौर जिले में लगभग 2000 में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

राज्य सरकार का बड़ा फैसला: अरुण चतुर्वेदी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा और विशेष अधिकार

जयपुर राजस्थान राज्य वित्त आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा दिया है और इस बारे में मंत्रिमंडल सचिवालय ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। अब चतुर्वेदी को कैबिनेट मंत्री के समकक्ष वेतन, भत्ते और अन्य सभी सुविधाएं मिलेंगी। कैबिनेट सचिवालय के आदेश के अनुसार राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को कैबिनेट स्तर का दर्जा दे दिया गया है। ओंकारसिंह लखावत के बाद उन्हें ही कैबिनेट स्तर का दर्जा मिला है। मंत्री का दर्जा मिलने के बाद उन्हें अब प्रतिमाह 65,000 रुपये वेतन के साथ 55,000 रुपये भत्ते के रूप में दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त उन्हें 2,000 प्रतिदिन के हिसाब से दैनिक भत्ता मिलेगा, जो अधिकतम 180 दिन के लिए देय होगा। चतुर्वेदी को सरकारी टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल, ब्रॉडबैंड और इंटरनेट के लिए 10,000 प्रतिमाह की राशि दी जाएगी। हालांकि राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष को हर बार मंत्री का दर्जा दिया जाता है। पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में ज्योति किरण को राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष के तौर पर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। वहीं पिछले गहलोत सरकार में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष के तौर पर पूर्व वित्तमंत्री प्रद्युम्न सिंह को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। राजस्थान की मौजूदा भजनलाल सरकार को भी डेढ़ साल से ज्यादा हो गया, लेकिन अब तक 8 बोर्ड आयोगों में ही अध्यक्ष पद दिए गए हैं। पिछली सरकार में भी करीब 80 बोर्ड आयोगों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाए गए थे। नियुक्तियों का सिलसिला चुनाव आचार संहिता लगने तक जारी रहा और इनमें से कई तो पदभार ही ग्रहण नहीं कर सके।

भजनलाल सरकार का रक्षाबंधन गिफ्ट: महिलाएं दो दिन कर सकेंगी फ्री सफर

जयपुर रक्षाबंधन के अवसर पर राजस्थान सरकार ने महिलाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की घोषणा के बाद 9 और 10 अगस्त को प्रदेश की सभी साधारण और नॉन-एसी श्रेणी की रोडवेज बसों में महिलाओं और बालिकाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। यह योजना केवल राजस्थान राज्य की सीमा के भीतर यात्रा करने वाली महिलाओं पर लागू होगी। एसी, वॉल्वो और ऑल इंडिया परमिट वाली बसें इस योजना से बाहर रखी गई हैं। गौरतलब है कि यह योजना कई साल से चलाई जा रही है लेकिन अब तक इसे एक दिन ही चलाया जा रहा था लेकिन इस साल यह सुविधा दो दिन के लिए दी जा रही है। राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि हर साल रक्षाबंधन पर यह योजना चलाई जाती है, जिसे इस बार भी सरकार ने मंजूरी दी है। इस साल करीब 8.5 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा और सरकार पर 14 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। महिलाओं को यात्रा के समय अपना कोई वैध पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड या वोटर आईडी साथ रखना अनिवार्य होगा। पहचान की पुष्टि के बिना योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जयपुर में आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह रक्षाबंधन की भावना को सशक्त करने वाला निर्णय है।

पायलट का मंच से संदेश– सोचकर बोलें, शब्द लौटते नहीं

जयपुर राजधानी जयपुर में मंगलवार को एनएसयूआई द्वारा छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने भी शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने छात्र राजनीति, संयम और भाषा की मर्यादा को लेकर युवाओं को महत्वपूर्ण संदेश दिया। सचिन पायलट ने कहा कि जो शब्द मुंह से निकलते हैं, वे वापस नहीं आते। राजनीति में भाषा और व्यवहार का बहुत महत्व होता है और इसकी शुरुआत छात्र राजनीति से होती है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए स्पष्ट किया कि संयम, सौम्यता और सही शब्दों का चयन ही किसी नेता की असली ताकत होती है। युवाओं को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि आप में से ही कोई भविष्य में विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री बनेगा लेकिन उस पद की गरिमा आपकी भाषा, संयम और सोच से तय होती है। इसलिए छात्र राजनीति से ही यह सीख लेनी चाहिए कि क्या बोलना है, कैसे बोलना है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में कई बार उकसावे की स्थिति आएगी, कई तरह के आरोप लगेंगे, लेकिन संयम नहीं छोड़ना है। जैसे अर्जुन को सिर्फ मछली की आंख दिखती थी, वैसे ही आपको भी सिर्फ लक्ष्य दिखना चाहिए। पायलट ने कहा कि कोई भी आपकी सहनशीलता, मधुर भाषा और संयम को आपकी कमजोरी न समझे। ताकत क्या है, यह जनता अच्छी तरह जानती है। हालांकि पायलट ने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके यह शब्द पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की ओर इशारा करते हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बीकानेर दौरे पर अशोक गहलोत ने कहा था कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं हैं और अगर कोई मतभेद की बात करता है तो वह मीडिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि मानेसर प्रकरण को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए। इस बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा था कि गहलोत तो भूल सकते हैं, लेकिन क्या सचिन पायलट भूल पाएंगे कि उन्हें नकारा और निकम्मा कहा गया था? अब सचिन पायलट का यह संयमित लेकिन स्पष्ट संदेश न सिर्फ कांग्रेस के भीतर की स्थिति को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि वे अपनी राजनीतिक सोच और सार्वजनिक व्यवहार को किस स्तर पर लेकर चल रहे हैं। इन बयानों के बाद लगता है कि आने वाले दिनों में राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में और भी दिलचस्प मोड़ देखने को मिल सकते हैं।