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कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राव दान सिंह की चर्चा पर किरण का कटाक्ष – अब तो पूरी तबाही तय है

भिवानी  राज्यसभा सांसद किरण चौधरी आज भिवानी रेलवे स्टेशन पहुंचीं। उन्होंने बताया कि स्टेशन के नवीनीकरण पर 16 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यह काम केंद्र सरकार की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हो रहा है। राव दान सिंह को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा पर किरण चौधरी ने ली चुटकी  इस दौरान किरण चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी की 30 जून तक गठन किए जाने के बाद भी अभी तक नहीं बनने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की डेटलाईन आती-जाती रहती है। यह पार्टी शून्य पर थी तथा शून्य पर ही बनी रहेगी। जनता को इस पार्टी से अधिक अपेक्षा नहीं रखना चाहिए। हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष राव दान सिंह को बनाए जाने की चर्चाओं पर किरण चौधरी ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि उनके नाम तो पहले ही 16 हजार करोड़ रूपये का घोटाला है। यदि ऐसा प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस का बनेगा तो रही-कसी कसर भी पूरी हो जाएगी।  उन्होंने कहा कि कि पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल ने रेलवे मंत्री रहते हुए भिवानी के इस रेलवे स्टेशन को उस समय का एक मॉडल रेलवे स्टेशन बनाया था, जिसका जीर्णोद्धार अब 16 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है। आधुनिकीकरण के तहत रेलवे स्टेशन पर सांस्कृतिक झलक के साथ डिजाईन, दिव्यांगों के लिए रैंप, आधुनिक प्रतीक्षालय व शौचालय, टिकट काऊंटर व आकर्षित प्रवेश द्वार इस योजना के तहत बनाए गए है। ताकि भारतीय रेलवे और भी सुदृढ़ तरीके से लोगों की यात्राएं सुगम बढ़ाने की तरफ आगे बढ़ सकें। इस मौके पर राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने कहा कि भारत एक विशाल देश है। इसे सांस्कृतिक रूप से जोड़े रखने में रेलवे की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इस वीजन को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भिवानी सिटी स्टेशन पर दिल्ली जाने वाली ट्रेनों के ठहराव को लेकर भी राज्यसभा में मुद्दा उठाएंगी। वहीं अभय सिंह चौटाला को अपराधिक तत्वों द्वारा धमकी दिए जाने को किरण चौधरी ने गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि पुलिस इस दिशा में कार्य कर रही है तथा मुख्यमंत्री भी कह चुके है कि प्रदेश में गुंड़ों को नहीं रहने दिया जाएगा। राव इंद्रजीत सिंह व किरण चौधरी को दिग्विजय चौटाला द्वारा टिप्पणी किए जाने के सवाल पर राज्यसभा सांसद ने कहा कि दिग्विजय चौटाला के पास कोई पद नहीं है। वे जिम्मेदारी वाली बात नहीं करते। उनके लिए अंगूर अभी खट्टे है।

गरीब रथ के इंजन में भीषण आग, लोको पायलट ने समय रहते रोक ली बड़ी दुर्घटना

जयपुर राजस्थान में शनिवार तड़के एक बड़ा रेल हादसा उस समय टल गया जबकि गरीब रथ एक्सप्रेस (12216) के इंजन में अचानक आग लग गई। यह घटना 19 जुलाई की सुबह करीब 3 बजे सेंदड़ा (ब्यावर) रेलवे स्टेशन के पास हुई, जब ट्रेन मुंबई के बांद्रा स्टेशन से दिल्ली के सराय रोहिल्ला जा रही थी। जानकारी अनुसार ट्रेन में उस वक्त 500 से अधिक यात्री सवार थे। लोको पायलट को इंजन के पिछले हिस्से से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया, जिसके बाद उन्होंने तुरंत ट्रेन को रोका और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। रेल अधिकारियों को तत्काल सूचना दी गई और राहत कार्य शुरू कर दिए गए। रेलवे प्रवक्ता के अनुसार प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आग लगने का कारण तकनीकी खराबी या शॉर्ट सर्किट से हो सकता है। राहत की बात यह रही कि आग डिब्बों तक नहीं पहुंची और सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसी के साथ रेल प्रशासन ने कहा है कि यात्रियों को वैकल्पिक साधनों से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई। साथ ही, प्रभावित इंजन को हटाकर ट्रैक को साफ किया जा रहा है। रूट को पूरी तरह बंद नहीं किया गया, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अन्य ट्रेनों को कम गति से वहां से निकाला गया है। गौरतलब है कि यह गरीब रथ एक्सप्रेस रात 11:30 बजे आबू रोड से रवाना होकर सुबह 3:45 बजे अजमेर पहुंचती है। सेंदड़ा स्टेशन ट्रेन का आधिकारिक स्टॉप नहीं है, लेकिन घटना के समय ट्रेन की रफ्तार कम होने के चलते लोको पायलट ने सूझबूझ से बड़ा हादसा टाल दिया। रेलवे विभाग ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और इंजन में लगी आग की विस्तृत तकनीकी जांच की जाएगी।  

राजस्थान में मानसून का जलवा, मंत्री ने कहा – गिरिराज महाराज का आशीर्वाद बरसा

जोधपुर राजस्थान के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल राज्य में लगातार हो रही बारिश से खुश हैं। राजस्थान में इस बार मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है। जलस्रोतों में बहाव लौट आया है, नदियां-नाले उफान पर हैं और किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने अच्छी बरसात पर अपनी खुशी जाहिर की है। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने बारिश को ‘गिरिराज महाराज की कृपा’ बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रार्थना को गिरिराज महाराज ने स्वीकार किया है, जिसकी बदौलत इस बार प्रदेश में मानसून जल्दी और जोरदार आया है। जोधपुर प्रवास के दौरान मीडिया से बात करते हुए कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, “इस बार इंद्रदेव राजस्थान पर मेहरबान हैं। जब राज्य में पानी की समस्या रही, तब गिरिराज महाराज से प्रार्थना की थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गुहार को गिरिराज महाराज ने सुना। गिरिराज महाराज की कृपा हुई और इस बार मानसून 9-10 दिन पहले आया। लगभग पूरे राजस्थान में यह बारिश देखने को मिली है। पहले के मुकाबले इस बार जुलाई में 170 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज हुई है।” इस दौरान मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रदेश की जनता से भी खास अपील की। उन्होंने कहा, “पूरे प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं। मैंने लूणी और पाली विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। लोगों से आग्रह है कि वे इन उफनती नदियों और नालों के पास न जाएं और पूरी सावधानी बरतें। हाल ही में अरना झरना क्षेत्र में एक जनहानि भी हो चुकी है। सभी लोग सावधानी बरतें। पशुओं की भी सावधानी रखें।” राज्य में कुछ जगह जलभराव की समस्याओं पर मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि जलभराव की समस्याओं के समाधान के लिए नगर निगम और जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके। मंत्री पटेल ने जोधपुर के दो प्रमुख नालों (बनाड़ नाला और भैरव नाला) के निर्माण कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “इन नालों का निर्माण पूरा होने के बाद जलभराव की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।” उन्होंने बताया कि उन्होंने बनाड़ क्षेत्र का दौरा किया, जहां जलभराव की स्थिति सामान्य थी और थोड़ी ही देर में पानी निकल गया। फिर भी प्रशासन का प्रयास है कि स्थायी समाधान किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने एम्स जोधपुर में आयोजित एक विशेष वर्कशॉप का जिक्र किया जिसमें यह बताया गया कि मरीजों के अटेंडेंट्स से किस तरह व्यवहार किया जाए।  

कांग्रेस संगठन में नई जान: राजस्थान में पांच साल बाद विभाग-प्रकोष्ठों का पुनर्गठन

जयपुर संगठन को मजबूत करने की दिशा में कांग्रेस में लगातार नियुक्तियां की जा रही हैं। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में तत्कालीन डिप्टी सीएम तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत के बाद राजस्थान कांग्रेस के सभी विभाग और प्रकोष्ठ भंग कर दिए गए थे। अब इन प्रकोष्ठों और विभागों में नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस ने एक साथ 7 प्रकोष्ठों का गठन कर दिया। इसमें मुकुल गोयल को उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया। भरत मेघवाल को कच्च बस्ती प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी दी गई है। योगिता शर्मा को अभाव अभियोग प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया। अमीन पठान को खेल-कूद प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। सुशील पारीक को पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ का प्रदेशाध्यक्ष तथा जीवण खान कायमखानी को स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, संदीप यादव को सहकारिता प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी दी गई है। अब जल्द ही प्रकोष्ठ प्रमुख अपनी राज्य और जिला कार्यकारिणी का गठन करेंगे। जिससे कांग्रेस संगठनात्क नियुक्तियों की तादाद बढ़ेगी और हजारों नये कार्यकर्ताओं की फौज कांग्रेस संगठन से जुड़ेगी। प्रदेश कांग्रेस में कुल 18 प्रकोष्ठों में से अब तक 11 पर नियुक्तियों का काम पूरा हो चुका है। वहीं, 11 विभागों में से 6 विभागों के गठन का काम पूरा हो चुका है। पिछले दिनों आदिवासी और अल्पसंख्य विभाग की नियुक्ति भी कर दी गई थी।

जहां जल के नीचे है आस्था का मंदिर: उदयपुर की गुफा में स्वयं प्रकट हुए शिव

अलवर सावन का पवित्र महीना चल रहा है और शिवभक्ति में डूबे श्रद्धालु देशभर के शिवधामों का रुख कर रहे हैं। आज आपको ले चलते हैं राजस्थान के उदयपुर जिले के एक ऐसे रहस्यमयी शिव मंदिर में जहां एक गुफा में महादेव विराजे हैं। मान्यता है कि यहां स्वयं भगवान शिव पातालेश्वर रूप में प्रकट हुए थे।अरावली की वादियों के बसे उदयपुर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर बड़गांव क्षेत्र की पहाड़ियों के बीच स्थित है 'पातालेश्वर महादेव' मंदिर। यह कोई आम शिव मंदिर नहीं है, बल्कि एक ऐसी गुफा में विराजमान है, जिसे लेकर रहस्यमयी मान्यताएं और अद्भुत घटनाएं जुड़ी हैं।   मंदिर के पुजारी पंडित खेमराज गमेती बताते हैं कि यह स्थान 1960 के आसपास चर्चा में आया। मंदिर के पीछे एक कमरे के निर्माण के दौरान खुदाई में करीब तीन फीट चौड़ी एक गुफा सामने आई। उसी रात पुजारी को स्वप्न में संकेत मिला कि इस गुफा में कोई खजाना छुपा है। उन्होंने अपने मित्रों के साथ गुफा में प्रवेश किया और मलबे के बीच एक चट्टान जैसी आकृति दिखी। पास जाकर देखने पर तो एक शिवलिंग था। यह कोई साधारण शिवलिंग नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक बन गया। और तभी से इस स्थान को “पातालेश्वर महादेव” कहा जाने लगा। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह गुफा के अंदर स्थित है और शिवलिंग गहराई में विराजमान हैं। गुफा के ऊपर से बहती है मदार नहर, जिसका पानी आगे जाकर फतेहसागर झील में मिलता है। पहले के समय में बारिश का पानी गुफा में भर जाता था और श्रद्धालुओं को जल में उतरकर दर्शन करने होते थे, लेकिन अब प्रशासन और मंदिर समिति ने सीढ़ियां और रेलिंग बनवा दी हैं, जिससे भक्त आसानी से भगवान तक पहुंच पाते हैं। शिवलिंग के ठीक पीछे एक और गहरी गुफा है, जिसका अंतिम छोर आज तक कोई नहीं जान पाया। यह रहस्य श्रद्धालुओं की आस्था को और भी गहरा करता है। मान्यता है कि यह गुफा पाताल लोक तक जाती है  और इसलिए भगवान को पातालेश्वर कहा जाता है।   सावन के महीने में यहां का वातावरण भक्ति और अध्यात्म से सराबोर हो जाता है। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं, भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। अपने जीवन की मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। यह मंदिर न सिर्फ शिवभक्तों के लिए एक तीर्थस्थल है, बल्कि यह हमारी आस्था, परंपरा और रहस्यमयी लोककथाओं का भी अद्भुत संगम है। इस सावन, अगर आप उदयपुर आ रहे हैं, तो एक बार पातालेश्वर महादेव के दर्शन जरूर कर सकते हैं। सावन की पावन बेला में पातालगुफा में विराजित यह शिवधाम सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था का जीवंत चमत्कार है।  

बासनपीर में छतरी निर्माण को लेकर विवाद, बिगड़ सकता है माहौल

जैसलमेर राजस्थान के जैसलमेर जिले के सदर थाना क्षेत्र में अंतर्गत स्थित बासनपीर गांव इन दिनों एक विवाद के चलते सुर्खियों में है। 10 जुलाई को ऐतिहासिक छतरियों के पुनर्निर्माण कार्य के दौरान उत्पन्न हुआ मामूली विवाद धीरे-धीरे हिंसक रूप ले बैठा और अब यह मुद्दा सामाजिक, धार्मिक और  राजनीतिक भी हो गया है। क्षेत्र में धारा-163 लागू  है लेकिन नेता वहां जबरन जा रहे हैं।  जैसलमेर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ चुका है। अब यहां पर जैसलमेर-बाड़मेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और बायतु विधायक हरीश चौधरी पहुंच रहे हैं। बासनपीर से बहुत पहले फतेहगढ़ में सांसद के काफिले को रोकने की तैयारी की गई है। ये जगह बासनपीर से करीब 90 किलोमीटर पहले है। इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी है। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। ये पूरा विवाद क्या है, आइए जानते हैं। मामला क्या है और अब तक की स्थिति क्या है ? 10 जुलाई की सुबह बासनपीर गांव में पुराने रियासती योद्धाओं की स्मृति में बनी छतरियों के पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुआ। तब पास के गांव से  बड़ी संख्या में धर्म विशेष के पुरुष, महिलाएं और बच्चे मौके पर पहुंचे। उन्होंने  निर्माण को रोकने की कोशिश की। देखते ही देखते भीड़ उग्र हो गई और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पथराव में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि एक कांस्टेबल सहित चार लोग घायल हो गए। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल से प्राप्त वीडियो फुटेज, चश्मदीदों के बयान और अन्य सबूतों के आधार पर जांच शुरू की। 11 जुलाई तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 15 से अधिक महिलाएं शामिल थीं। इन सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। पुलिस ने इन पर राजकार्य में बाधा, जानलेवा हमला और धारा 307 सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। शांति स्थापना के प्रयास, लेकिन विवाद नहीं थमा घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में शांति बहाल करने का प्रयास किया और स्थिति पर नियंत्रण पा लिया। लेकिन मामला यहीं शांत नहीं हुआ। गांव में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया आने लगी।भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने गांव आने और घटनास्थल पर पहुंचने की घोषणाएं करनी शुरू कर दीं। राजनीतिक दौरे और प्रशासन की चिंता 10 जुलाई के बाद जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी बासनपीर पहुंचे। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी 16 जुलाई को आने वाले थे लेकिन धारा-163 होने के कारण वे नहीं आ पाए। कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने 19 जुलाई को गांव पहुंचने की घोषणा कर दी। राजनीतिक गतिविधियों के चलते प्रशासन को आशंका हुई कि फिर से माहौल बिगड़ सकता है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने 16 जुलाई को धारा-163 लागू कर दी और सभा, जुलूस, रैली और भीड़ इकट्ठा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मध्यप्रदेश प्रभारी और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने आज (19 जुलाई) बासनपीर गांव का दौरा करने की घोषणा कर दी। इससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह अलर्ट हो गया है। हरीश चौधरी बोले- हम मोहब्बत की दुकान खोलने के लिए बासनपीर जाएंगे विधायक हरीश चौधरी ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य क्षेत्र में बढ़ते वैमनस्य के बीच शांति और सद्भावना का संदेश देना है। उन्होंने कहा, "हम थार के लोग हमेशा भाईचारे और अपणायत में विश्वास रखते आए हैं, लेकिन कुछ तत्वों ने यहां जहर घोलने की कोशिश की है। हम मोहब्बत की दुकान खोलने के लिए बासनपीर जाएंगे।" उन्होंने आगे कहा कि वे बासनपीर में गांधी रामधुन संकीर्तन और सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन करना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने जैसलमेर जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिली। बावजूद इसके, उन्होंने यह भी एलान किया कि उन्हें यदि रास्ते में कहीं भी रोका गया, तो वे वहीं बैठकर प्रार्थना और रामधुन का आयोजन करेंगे। कानून के उल्लंघन की अनुमति किसी को नहीं बासनपीर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 पहले ही प्रभावी कर दी गई है। इस धारा के चलते किसी भी बाहरी व्यक्ति का गांव में प्रवेश निषेध है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने स्पष्ट किया है कि कानून के उल्लंघन की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी और यदि कोई व्यक्ति जबरन प्रवेश करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जैसलमेर-बाड़मेर सीमा पर सुरक्षा के मद्देनज़र अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया है। दोनों जिलों को जोड़ने वाले प्रमुख सड़क मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और हर आने-जाने वाली गाड़ी की गहन जांच की जा रही है। पुलिस की निगरानी टीम लगातार बॉर्डर गतिविधियों पर नजर रखे हुए है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।   इलाके की ड्रोन से निगरानी  जिला प्रशासन की ओर से साफ संदेश दिया गया है कि संवेदनशील क्षेत्र में धारा 163 के उल्लंघन को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। उच्च अधिकारियों की निगरानी में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।

राजस्थान पुलिस में नौकरी का मौका: RPSC ने 1015 पदों पर निकली भर्ती

  जयपुर राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर (SI) और प्लाटून कमांडर के कुल 1015 पदों पर भर्ती के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी 10 अगस्त से 8 सितंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया आयोग की वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in या sso.rajasthan.gov.in के माध्यम से पूरी की जा सकती है। इस भर्ती की परीक्षा तिथि बाद में घोषित की जाएगी। रिक्तियों का विवरण इस प्रकार है: राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के कुल 1015 पदों पर भर्ती निकाली गई है। इनमें सब इंस्पेक्टर (एपी) के 896 पद, सब इंस्पेक्टर (एपी) सहरिया के 4 पद, अनुसूचित क्षेत्र के 25 पद, सब इंस्पेक्टर (आईबी) के 26 पद और प्लाटून कमांडर (आरएसी) के 64 पद शामिल हैं। यह वैकेंसी युवाओं के लिए सरकारी सेवा में जाने का सुनहरा अवसर है। जानें योग्यता और आयु सीमा इन पदों के लिए उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक  होना आवश्यक है। आयु सीमा 20 से 25 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। हालांकि, आरक्षित वर्गों को राजस्थान सरकार के नियमों के अनुसार अधिकतम आयु में छूट दी जाएगी। चयनित उम्मीदवारों को पे मैट्रिक्स लेवल 11 (ग्रेड पे 4200 रुपये) के अनुसार वेतन मिलेगा। राजस्थान पुलिस SI भर्ती में चयन प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षण (PET) और साक्षात्कार। प्रत्येक चरण में उम्मीदवार के प्रदर्शन के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी। आवेदन शुल्क जनरल व ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क के रूप में 600 रुपये जमा करने होंगे। जबकि एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग (Non-Creamy Layer), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) व सहरिया व दिव्यांग उम्मीदवारों को 400 रुपये शुल्क देना होगा।   कैसे करें आवेदन?     RPSC की वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in या sso.rajasthan.gov.in पर जाएं।     SSO ID से लॉगिन करें या नया रजिस्ट्रेशन करें।     “Recruitment Portal” में जाकर SI भर्ती लिंक चुनें।     आवेदन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।     श्रेणी अनुसार शुल्क का भुगतान करें।     अंत में फॉर्म सबमिट करें और प्रिंट निकालें।  

राजस्थान भर्ती 2025: विषयवार एग्जाम शेड्यूल जारी, कब है परीक्षा?

जयपुर राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने वरिष्ठ अध्यापक (सीनियर टीचर) भर्ती परीक्षा 2024 के लिए विषयवार परीक्षा तिथियों की घोषणा कर दी है। यह परीक्षा 2129 पदों पर भर्ती के लिए 7 सितंबर से 12 सितंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी आयोग ने विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। परीक्षा शेड्यूल और शिफ्ट टाइमिंग राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का आयोजन 7 से 12 सितंबर 2025 तक किया जाएगा। यह परीक्षा प्रतिदिन दो शिफ्टों में आयोजित होगी। पहली शिफ्ट सुबह 10:00 बजे से 12:00 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3:00 बजे से 5:30 बजे तक होगी। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा केंद्र पर समय से पहले पहुंचें और अपने प्रवेश पत्र के साथ सभी जरूरी दस्तावेज साथ रखें। देखें पूरी शेड्यूल समूह विषय परीक्षा तिथि परीक्षा समय समूह-A सामान्य ज्ञान (समूह-A) 07-09-2025 सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक समूह-A सामाजिक विज्ञान 07-09-2025 दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक समूह-B सामान्य ज्ञान (समूह-B) 08-09-2025 सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक समूह-B हिंदी 08-09-2025 दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक समूह-C सामान्य ज्ञान (समूह-C) 09-09-2025 सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक समूह-C विज्ञान 09-09-2025 दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक समूह-C संस्कृत 10-09-2025 सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक समूह-C उर्दू 10-09-2025 दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक समूह-D सामान्य ज्ञान (समूह-D) 11-09-2025 सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक समूह-D गणित 11-09-2025 दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक समूह-D अंग्रेजी 12-09-2025 सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक समूह-D पंजाबी 12-09-2025 दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक रिक्तियों का विवरण इस भर्ती के तहत कुल 2129 पदों को भरा जाएगा। इनमें हिंदी के 288, अंग्रेजी के 327, गणित के 694, विज्ञान के 350, सामाजिक विज्ञान के 88, संस्कृत के 309, पंजाबी के 64 और उर्दू के 9 पद शामिल हैं। क्षेत्रवार देखा जाए तो टीएसपी (TSP) क्षेत्र में 402 और नॉन-टीएसपी क्षेत्र में 1727 पद हैं। उम्मीदवारों को अपने विषय और क्षेत्र के अनुसार पदों की जानकारी जरूर लेनी चाहिए। परीक्षा पैटर्न और नेगेटिव मार्किंग सीनियर टीचर चयन प्रक्रिया पूरी तरह से लिखित प्रतियोगी परीक्षा पर आधारित है। इसमें दो पेपर होंगे। पेपर I (200 अंक, 100 प्रश्न, समय 2 घंटे) और पेपर II (300 अंक, 150 प्रश्न, समय 2 घंटे 30 मिनट)। दोनों पेपर में बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और प्रत्येक गलत उत्तर पर एक तिहाई अंक काटे जाएंगे।  

शिक्षकों के लिए खुशखबरी! राजस्थान में 6500 पदों पर होगी भर्ती, जानें आवेदन तिथि

जयपुर  राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग में नौकरी पाने का सपना देख रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! राजस्थान लोक सेवा आयोग ने सीनियर टीचर के कुल 6500 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जो भी उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं, वे RPSC की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया इसी अगस्त महीने से शुरू होगी। महत्वपूर्ण तारीखें: आवेदन कब से कब तक? ➤ ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की तारीख: 19 अगस्त 2025 ➤ आवेदन करने की आखिरी तारीख: 17 सितंबर 2025 इन पदों पर भर्ती: शैक्षणिक योग्यता क्या है? RPSC ने अलग-अलग विषयों के लिए शैक्षणिक योग्यता तय की है: भाषा विषय (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, पंजाबी, सिंधी, गुजराती): किसी भी UGC से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट की डिग्री, जिसमें संबंधित भाषा वैकल्पिक विषय के रूप में होनी चाहिए। साथ ही, NCTE या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एजुकेशन में डिग्री या डिप्लोमा (जैसे B.Ed.) होना ज़रूरी है। साइंस विषय: मान्यता प्राप्त डिग्री, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, या बायोकेमिस्ट्री में से कम से कम दो विषय वैकल्पिक रूप से पढ़े हों। इसके अलावा, एजुकेशन में डिग्री या डिप्लोमा (NCTE/सरकारी मान्यता) अनिवार्य है। सोशल साइंस विषय: ग्रेजुएट डिग्री, जिसमें इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, या दर्शनशास्त्र में से कोई दो विषय वैकल्पिक रूप से पढ़े हों। साथ में एजुकेशन में डिग्री या डिप्लोमा भी ज़रूरी है। आयु सीमा और आवेदन शुल्क ➤ न्यूनतम आयु: 18 वर्ष ➤ अधिकतम आयु: 40 वर्ष सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में छूट मिलेगी। ➤आवेदन शुल्क: ➤ सामान्य/क्रीमी लेयर OBC/MBC उम्मीदवारों के लिए: ₹600 ➤ आरक्षित वर्ग/EWS/PWD/सहरिया के लिए: ₹400 चयन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण लिंक उम्मीदवारों का चयन लिखित प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। ज़रूरत पड़ने पर आयोग स्केलिंग, मॉडरेशन या सामान्यीकरण पद्धति का इस्तेमाल कर सकता है। ➤ RPSC Recruitment 2025 नोटिफिकेशन देखने के लिए: यहां क्लिक करें ➤ RPSC Recruitment 2025 के लिए अप्लाई करने का लिंक: यहां क्लिक करें 

बारिश बनी आफत: अजमेर में जलजमाव से बिगड़ी व्यवस्था, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

अजमेर अजमेर जिले में गुरुवार रात से शुरू हुई तेज बारिश ने शहर की तस्वीर ही बदल दी है। रात 8 बजे से शुक्रवार सुबह 7 बजे तक 64 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे शहर के कई इलाकों में भारी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। कॉलोनियों से लेकर मुख्य सड़कों तक पानी भर जाने से आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालात को देखते हुए कलेक्टर लोकबंधु ने जिले के सभी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी की घोषणा कर दी। अजमेर संभाग के मुख्य सरकारी जेएलएन हॉस्पिटल तक बारिश के पानी से अछूते नहीं रहे। अस्पताल के वार्डों में पानी भरने से मरीजों, उनके परिजनों और स्टाफ को कठिनाई हुई। अस्पताल परिसर के बाहर भी पानी जमा होने से आने-जाने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रेलवे स्टेशन परिसर में भी पानी भर जाने से यात्रियों को परेशानी हुई। यात्रीगण भारी बारिश के बीच लबालब भरे प्लेटफार्म और परिसर में संभल-संभलकर चलते नजर आए। वहीं, पुष्कर रोड स्थित मित्तल हॉस्पिटल और मुख्य सड़कों पर भी दो से तीन फीट तक पानी भर गया। इस बीच वाहन चालक बड़ी मुश्किल से अपने वाहन निकालते नजर आए। शहर के अलवर गेट स्थित सुनहरी कॉलोनी, नगरा क्षेत्र, प्रताप नगर, भट्टा, वैशाली नगर और श्रीनगर रोड जैसे रिहायशी इलाकों की गलियों में भी पानी भर गया। कई जगह लोगों के घरों में पानी घुस गया, जिससे घरेलू सामान को भी नुकसान पहुंचा। वैशाली नगर क्षेत्र में एक ड्राइवर अपनी टैक्सी की छत पर बैठा दिखा, जो जलभराव की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। बांडी नदी में पानी का तेज बहाव देखा गया, जिससे निचले क्षेत्रों में और अधिक खतरा बढ़ गया है। झरनेश्वर महादेव मंदिर का झरना भी बारिश के चलते बह निकला। स्थानीय लोग इस नजारे को देखने पहुंचे लेकिन प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। अजमेर में भारी बारिश से जलभराव मौसम विभाग ने शुक्रवार को अजमेर सहित पूरे संभाग में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और रेड अलर्ट घोषित किया गया है। विभाग का कहना है कि 19 जुलाई को भी बारिश जारी रहने की संभावना है, जबकि 20 जुलाई को मौसम साफ रहने की उम्मीद है। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर लोकबंधु और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने जलभराव वाले क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों की निगरानी की। नगर निगम की टीमें जल निकासी के काम में जुटी हुई हैं। वहीं, नागरिकों से अपील की गई है कि वे बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को तुरंत सूचित करें।