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कजरी तीज का सही दिन कौन सा? जानें 2025 में शुभ मुहूर्त और पूजन की पूरी प्रक्रिया

हिंदू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. यह आमतौर पर रक्षाबंधन के तीन दिन बाद और कृष्ण जन्माष्टमी से पांच दिन पहले आती है. कजरी तीज को बड़ी तीज, कजली तीज और कुछ क्षेत्रों में सातुड़ी तीज भी कहा जाता है. इस बार कजरी तीज 12 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी.  कजरी तीज 2025 शुभ मुहूर्त  इस बार कजरी तीज की तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 12 अगस्त को सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, कजरी तीज 12 अगस्त 2025 को ही मनाया जाएगा.  कजरी तीज 2025 शुभ योग  कजरी तीज पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है जो सुबह 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 13 अगस्त की सुबह 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. इस बीच आप मां पार्वती का पूजन कर सकते हैं. कजरी तीज 2025 पूजन विधि  इस दिन महिलाएं कठोर व्रत भी रखती हैं, जिसे कजरी तीज व्रत के रूप में जाना जाता है. कजरी तीज के दिन महिलाएं देवी पार्वती की पूजा करती हैं और उनसे सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मांगती हैं. शाम के समय महिलाएं पूजा के लिए इकट्ठा होती हैं. महिलाएं नीम के पेड़ की कुमकुम, चावल, हल्दी और मेहंदी से पूजा करती हैं और फल व मिठाई भी चढ़ाती हैं. इसके बाद पुजारी कजरी तीज कथा सुनाते हैं. कुछ समुदायों में महिलाएं चंद्रमा की पूजा के बाद सत्तू या फल खाकर अपना व्रत का पारण करती हैं. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पवित्र तीज व्रत रखती हैं. कुछ अविवाहित लड़कियां भी मनचाहा पति पाने के लिए यह व्रत रखती हैं.  कजरी तीज का महत्व  कजरी तीज का त्योहार मुख्य रूप से अविवाहित लड़कियों और महिलाओं के लिए उत्सव का समय होता है. यह त्योहार राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में मनाया जाता है. इस दिन राजस्थान में, खासकर बूंदी जैसे छोटे से शहर में, देवी पार्वती की विशाल शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. कजरी तीज का दिन विवाहित महिलाओं के जीवन में बहुत शुभ माना जाता है. 

मंगलमय हनुमानजी करते हैं मंगल दोष को दूर

मंगल दोष के प्रभाव स्वरूप घर में बिजली का सामान जल्दी जल्दी खराब होने लगता है, रक्त सम्बंधित बीमारियां होने लगती हैं। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति में धैर्य की कमी होती है। यह आजमाएं:- -मंगल दोष से पीड़ित जातक को छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए। -मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए। -बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए। -अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए। यह बहुत गलत और दोषपूर्ण भ्रान्ति या अवधारणा में प्रचलित है। की 28 वें वर्ष के बाद मांगलिक दोष नहीं रहता। ग्रहों का सेनापति मंगलदेव 28 वें वर्ष में अपना शुभ फल प्रदान करता है यह सत्य है किन्तु अपनी दशा अन्तर्दशा, प्रत्यंतर दशा या गोचर में कभी भी अपना अशुभ फल प्रगट कर सकता है। अतः 28 वें वर्ष के बाद मांगलिक दोष की समाप्ति या निवृति कभी नहीं होती। व्यर्थ की बातों या अफवाओं पर ध्यान ना देवें। मंगल दोष निवारण हेतु उपाय स्वरूप लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए और साथ ही समयानुसार उज्जैन आकर अंगारेश्वर महादेव पर गुलाल पूजन और भात पूजन करवानी चाहिए। मंगल दोष होने पर ये न करें:- -यदि कुंडली में आपका मंगल पीड़ित है तो आपको क्रोध नहीं करना चाहिए। -अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए। -मंगल दोष से पीड़ित को किसी भी चीज में जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए और भौतिकता में लिप्त नहीं होना चाहिए। क्या आप मंगल दोष से प्रभावित है? यदि सोते समय आपकी आंखे थोड़ी थोड़ी खुली रहती है या आपका मुंह सोते वक्त खुला रहता है। सामने की तरफ सीधा देखने पर भी आंख का हीरा या कोर्निया थोड़ा उपर की तरफ हो या आंख के हिरे या कोर्निया की नीचे की सफेदी दिखती हो तो इसका मतलब आप मंगलीक है। ऐसे लोगो का मंगल कुंडली में 2, 4, 7, और 8 या 12वें घर में होता है। जिनका मंगल पीड़ित है उन्हें मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए और ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को भर पेट भोजन कराना चाहिए। मंगल दोष या मंगल पीड़ित जातक को उज्जैन आकर अंगारेश्वर महादेव पर भात पूजन, गुलाल और गुलाब पूजन से विशेष अभिषेक पूजन करवाना चाहिए, तत्काल चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं। इसके साथ ही मंगल पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करना उत्तम रहता है। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।  

सावन पुत्रदा एकादशी व्रत: कब करें उपवास, कैसे करें पूजा, जानें हर जरूरी जानकारी

पुत्रदा एकादशी सावन महीने की अंतिम एकादशी है, जो 5 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी. पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार आती है- पौष और सावन माह में. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, जो पवित्रता एकादशी के नाम से भी जानी जाती है. हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और विष्णु जी की पूजा करने से नि:संतान जोड़ों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. सावन पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त श्रावण मास के पुत्रदा एकादशी की तिथि 4 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 5 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट को होगा. उदयातिथि के अनुसार, श्रावण मास के पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त 2025 को ही मनाई जाएगी. पारण का समय- 6 अगस्त को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.  सावन पुत्रदा एकादशी पूजन विधि इस दिन का शुभारंभ सुबह स्नान से करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा के लिए तैयार हों. पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य और अन्य 16 सामग्री का उपयोग करें. भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें और उन्हें पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें. इस दिन व्रत रखें और भगवान के भोग में तुलसी अवश्य शामिल करें. भोग लगाने के बाद भगवान विष्णु की आरती करें और रात को दीपदान करके पूजा का समापन करें. सावन पुत्रदा एकादशी का महत्व  धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं, विशेष रूप से पुत्र की इच्छा रखते हैं, उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए. यह व्रत वर्ष में दो बार आता है – पौष और सावन माह में. यह व्रत रक्षाबंधन से चार दिन पहले रखा जाता है और इसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस व्रत के पालन से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं.

शुक्रवार 02अगस्त 2025 का पढ़ें दैनिक राशिफल

मेष राशि- मेष राशि वाले आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे, परंतु संयत रहें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। नौकरी में बदलाव के योग बन रहे हैं। तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। वाहन सुख में वृद्धि होगी। वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों में आत्मविश्वास तो बहुत रहेगा, परंतु मन परेशान भी हो सकता है। आत्मसंयत रहें। क्रोध से बचें। शैक्षिक कार्यों में सफल रहेंगे। परिवार से दूर रहना पड़ सकता है। मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों को अशांति महसूस होगी। आत्मसंयत रहें। क्रोध से बचें। बातचीत में संतुलित रहें। सप्ताह के प्रारंभ में संतान की सेहत का ध्यान रखें। नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन हो सकता है।H कर्क राशि- कर्क राशि वालों का मन परेशान रहेगा। आत्मसंयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें। वाणी के प्रभाव में वृद्धि होगी। किसी नए कारोबार की शुरुआत हो सकती है। पिता से धन की प्राप्ति हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। सिंह राशि- सिंह राशि वाले किसी अज्ञात भय से परेशान हो सकते हैं। मन में नकारात्मक विचारों से बचें। नौकरी में बदलाव के साथ तरक्की के योग बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी। सेहत के प्रति सचेत रहें। कन्या राशि- कन्या राशि वालों का मन अशांत रहेगा। आत्मसंयत रहें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। बातचीत में भी संतुलन बनाए रखें। कारोबार में बदलाव के योग बन रहे हैं। भागदौड़ अधिक रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। तुला राशि- तुला राशि वालों का मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। बौद्धिक कार्यों में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। आय में वृद्धि होगी। खर्चों में वृद्धि होगी। वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि वालों का मन परेशान रहेगा। धैर्यशीलता में कमी रहेगी। परिवार की सेहत का ध्यान रखें। पिता का साथ मिलेगा। कारोबार में कठिनाई आ सकती है। परिवार का साथ रहेगा। धनु राशि– धनु राशि वालों का मन अशांत रहेगा। आत्मसंयत रहें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। बातचीत में संतुलित रहें। कारोबार में वृद्धि होगी। लाभ में भी वृद्धि होगी। शैक्षिक कार्यों के लिए किसी दूसरे स्थान पर जा सकते हैं। मकर राशि- मकर राशि वालों के मन में उतार-चढ़ाव रहेंगे। शैक्षिक कार्यों में सफल रहेंगे। बौद्धिक कार्यों से आय के साधन बन सकते हैं। कारोबार से लाभ में वृद्धि होगी। किसी मित्र के सहयोग से आय में वृद्धि हो सकती है। कुंभ राशि- कुंभ राशि वालों के मन में प्रसन्नता रहेगी और आत्मविश्वास भी भरपूर रहेगा। पठन-पाठन में रुचि रहेगी। शैक्षिक व बौद्धिक कार्यों में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। सेहत के प्रति सचेत रहें। मीन राशि- मीन राशि वालों के आत्मविश्वास में कमी रहेगी। मन परेशान भी रहेगा। माता की सेहत का ध्यान रखें। भागदौड़ अधिक रहेगी। रहन-सहन कष्टमय हो सकता है। खर्चों में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर मिलेंगे।

शिव की कृपा से लक्ष्मी का वरदान, इन राशियों की किस्मत पलटेगा गजलक्ष्मी राजयोग

हिंदू धर्म में सावन माह को भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस पूरे महीने में शिवभक्त व्रत, पूजा और रुद्राभिषेक के माध्यम से शिव की कृपा प्राप्त करते हैं। साल 2025 में सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है, और यह दिन खास इसलिए है क्योंकि इस दिन एक नहीं बल्कि कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जो कुछ राशियों के लिए सौभाग्य के द्वार खोल सकते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, इस दिन मिथुन राशि में गुरु और शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग बन रहा है, जो धन, वैभव और सौंदर्य का प्रतीक है। साथ ही सूर्य और गुरु की स्थिति से द्विद्वादश योग भी बन रहा है, जो भाग्यवृद्धि और आत्मबल को बढ़ाता है। इतना ही नहीं, सूर्य जब कर्क राशि में रहकर बुध के साथ युति करेगा, तब बुधादित्य योग का निर्माण होगा, जो बुद्धि और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि लाता है। इन सभी शुभ योगों के कारण कई राशियों की किस्मत इस दिन चमक सकती है। आइए जानते हैं कौन सी हैं वे भाग्यशाली राशियां। वृषभ राशि वृषभ राशि के जातकों के लिए सावन का अंतिम सोमवार बेहद शुभ साबित हो सकता है, खासतौर पर द्विद्वादश योग के बनने से। यह योग आपके लंबे समय से अटके हुए कामों को गति देने वाला है। जो कार्य अब तक बार-बार अटक रहे थे, वे अब पूरे होने लगेंगे। साथ ही आमदनी के नए रास्ते खुल सकते हैं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। भगवान शिव की कृपा से इस समय आपकी मेहनत का फल मिलना शुरू होगा। पारिवारिक जीवन में भी सुख-शांति बनी रहेगी। घर में जो आपसी मतभेद या परेशानियां चल रही थीं, वे अब दूर होने लगेंगी। भाई-बहनों के साथ रिश्तों में मधुरता आएगी और आपसी सहयोग बढ़ेगा। नौकरीपेशा लोगों को काम के क्षेत्र में मान-सम्मान और तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। वहीं व्यापारी वर्ग के लिए यह समय रणनीति बनाकर काम करने का है  क्योंकि इस दौरान बनाई गई योजनाएं सफल होंगी और लाभदायक साबित हो सकती हैं। कन्या राशि कन्या राशि के जातकों के लिए सावन का अंतिम सोमवार बहुत ही शुभ संकेत लेकर आ रहा है। इस दिन बनने वाला गुरु और सूर्य का द्विद्वादश योग आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस समय आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना है , खासकर वे कार्य जो लंबे समय से अधूरे थे, अब पूरे हो सकते हैं। परिवार के साथ भी रिश्ते मजबूत होंगे और आपसी समय की गुणवत्ता बढ़ेगी। यदि आप विदेश से जुड़े किसी काम में हैं या विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो वहां से भी लाभ मिलने के संकेत हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए यह समय बहुत ही अनुकूल रहेगा। आपके काम की सराहना होगी और लीडरशिप क्वालिटी उभरकर सामने आएगी, जिससे आपको नई ज़िम्मेदारियां और ऊंचा पद मिल सकता है। वेतन वृद्धि और पदोन्नति के योग भी बन रहे हैं। इसके साथ ही इस समय आपको पिता या किसी गुरु तुल्य व्यक्ति का पूरा सहयोग मिल सकता है, जो आपके लक्ष्य को पाने में सहायक साबित होगा। तुला राशि तुला राशि वालों के लिए सावन का आखिरी सोमवार शिव जी की विशेष कृपा लेकर आ सकता है। इस समय आपके जीवन में खुशियों की नई शुरुआत हो सकती है। जो भी कार्य आप लंबे समय से कर रहे हैं, उनमें अब साफ तौर पर सफलता दिखने लगेगी। कानूनी मामलों में उलझे हुए लोग राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में आपके पक्ष में फैसला आ सकता है। पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि के संकेत हैं, जिससे समाज या कार्यक्षेत्र में आपकी पहचान और सम्मान बढ़ेगा। पारिवारिक रिश्तों की बात करें तो पिता के साथ यदि कोई मनमुटाव या दूरी थी, तो वह अब दूर हो सकती है। अविवाहित लोगों को विवाह का अच्छा प्रस्ताव मिल सकता है और विवाहित जातकों के वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां खत्म हो सकती हैं। पार्टनर के साथ संबंधों में गहराई आएगी और साथ में समय बिताने के अवसर मिलेंगे। जो लोग नई नौकरी की तलाश में हैं, उनके प्रयास अब रंग ला सकते हैं। यह समय आपके लिए आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ रहेगा। 

गणेश चतुर्थी 2025: जानें किस दिन विराजेंगे विघ्नहर्ता गणपति

ज्ञान, बुद्धि के देवता विघ्ननहर्ता भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव 10 दिनों तक चलता है जिसे गणेश उत्सव के नाम से जाना जाता है. भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला पर्व गणेश चतुर्थी हर साल मनाया जाता है. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव शुरू होता है. गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है. भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इस दौरान भक्त-लोग पूरे विधि-विधान से गणेश पूजा करते हैं. कब हुआ था भगवान गणेश का जन्म? भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान हुआ था.हर साल यह पर्व अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाता है. गणेशोत्सव अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है और इस दिन विर्सजन किया जाता है. अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु बड़े ही धूम-धाम के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा का सरोवर, झील, नदी में विसर्जन करते हैं. गणेश चतुर्थी 2025 कब?     चतुर्थी तिथि की शुरूआत 26 अगस्त, 2025 को दोपहर 01:54 बजे होगी.     चतुर्थी तिथि समाप्त 27 अगस्त, 2025 को दोपहर 03:44 पर होगी.     गणेश विसर्जन 6 सितंबर, 2025 शनिवार के दिन किया जाएगा.     गणेश चतुर्थी पर मध्याह्न पूजा मुहूर्त सुबह 11:05 से दोपहर 01:40 तक रहेगा. जिसकी कुल अवधि – 02.34 मिनट्स रहेगी. भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न के सम हुआ था.इस दिन को पांच हिस्सों में बांटा जाता है. इसमें मध्याह्न काल को गणेश पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसीलिए इस दिन मध्याह्न काल में पूजा जरूर करें. इस दौरान आप मूर्ति स्थापना कर सकते हैं.

रविवार 27 जुलाई 2025 बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत

मेष: आपके दिन की शुरुआत अच्छी होगी आज। कुछ अप्रत्याशित घटनाएं आपके काम करने की स्पीड को धीमा कर सकती हैं। आर्थिक स्थिति उम्मीद के मुताबिक रहेगी लेकिन कुछ अप्रत्याशित खर्चे चीजें बिगाड़ सकते हैं। तनाव से बचने के लिए सेल्फ केयर पर फोकस करें। वृषभ: आज आपके खर्चे बढ़ सकते हैं और आपको अपनी फाइनेंशियल कंडीशन के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों में मतभेद हो सकता है, जिससे दरार पड़ सकती है। दोपहर के दौरान आपको कुछ राहत मिलने की संभावना है। मिथुन: आज इंकम बढ़ाने और प्रमोशन पाने के लिए आपको पूरे लगन के साथ ऑफिस के टास्क कंप्लीट करने चाहिए। आर्थिक रूप से यह एक अच्छा दिन है। आज करियर में कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। हाइड्रेटेड रहें और सेल्फ-केयर पर फोकस करें। कर्क: करियर के नए अवसर आपके सामने आएंगे। आज आपको प्रशंसा मिल सकती है। व्यापार अच्छा चलेगा और आप अच्छे मुनाफे की भी उम्मीद कर सकते हैं। व्यवसायियों को दिन की शुरुआत में कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ेगा लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरेगा चीजें बेहतर होंगी। सिंह: आज कुछ योजनाएं गलत साबित हो सकती हैं और इसका भार आप पर भी आ सकता है। सलह यह रहेगी कि सावधान रहें और केवल वही जिम्मेदारियां लें, जिनके बारे में आप आश्वस्त महसूस करते हैं। विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं, जो लाभदायक रहेगी। कन्या: आज कुछ अप्रत्याशित समस्याएं सामने आ सकती हैं, जिससे आपकी प्लानिंग पूरी होने में देरी हो सकती है। कारोबार से जुड़े लोगों को आज सावधान रहने की जरूरत है। कॉन्फिडेंस में आपके कमी आ सकती है। तुला: आज हो सकता है कि आपके सहकर्मी सहयोगात्मक न हों और आपको अपने सहकर्मियों से कही गई बातों में सावधानी बरतने की जरूरत है। आज अपने करियर में कुछ असफलताओं का अनुभव हो सकता है। वृश्चिक: व्यापार से जुड़े लोगों को आज काफी मेहनत करनी पड़ेगी। स्ट्रेस से बचने के लिए मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं। प्रोडक्टिविटी आज रोज के मुकाबले नॉर्मल से स्लो रहेगी और यह आपको बेचैन कर सकती है। हेल्थ आज अच्छी रहेगी। धनु: कुछ व्यवसायी लोग अपना कार्यक्षेत्र बदलना चाह रहे होंगे। आज आपको अपनी मेंटल हेल्थ का खास ख्याल रखना चाहिए। लाइफ में प्रॉब्लम आना नॉर्मल है। इसलिए हिम्मत न हारें और पॉजिटिव रहने की कोशिश करें। मकर: आज के दिन दफ्तर में टिके रहने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी होगी। धैर्य रखने की कोशिश करें और कठोर शब्दों का प्रयोग न करें। व्यवसायियों को स्टाफ संकट का सामना करना पड़ सकता है। वित्त औसत रहेगा और उम्मीद से कम रहेगा। कुंभ: आज लाइफ पार्टनर के साथ बॉन्ड को स्ट्रांग बनाने के लिए आप डेट प्लान कर सकते हैं। दिन की शुरुआत में अपने करियर को लेकर आप स्ट्रगल करेंगे। काम का प्रेशर ज्यादा महसूस होगा। नौकरी में बदलाव की भी बड़ी संभावना है। मीन: आपके सिनीयर्स आप पर बिना किसी वजह के प्रेशर डाल सकते हैं और कार्य संतुष्टि में कमी हो सकती है। काम से संबंधित कुछ निराशाओं का सामना करना पड़ेगा। हो सकता है कि आप अपने लक्ष्य हासिल न कर पाएं और खर्चे बढ़ जाएं या आपका बजट गड़बड़ा जाए।

सावन में रुद्राक्ष धारण: कब, कैसे और क्यों? जानें सभी जरूरी नियम

रुद्राक्ष को भगवान शिव का आर्शीवाद माना जाता है. रुद्राक्ष केवल एक आभूषण नहीं है, बल्कि इसे शिव कृपा और आध्यात्मिक यात्रा का पवित्र उपकरण कहा जाता है. इसे पहनने के लिए इन दिशानिर्देशों का पालन करके, आप रुद्राक्ष की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं, अपने जीवन में संतुलन, शांति और दिव्य ऊर्जा ला सकते हैं. रुद्राक्ष की प्रकृति को गर्म माना जाता है. यही कारण है कि कुछ लोग इसे धारण नहीं कर पाते. ऐसी स्तिथि में इसे आप अपने पूजा कक्ष में रख सकते हैं और इसकी माला से जाप भी कर सकते हैं. अगर आप इसे पहली बार धारण करने जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरुर रखिए. रुद्राक्ष पहनने से पहले की तैयारी रुद्राक्ष पहनने से पहले उसे 24 घंटे के लिए घी में भिगोकर रखें. घी के बाद रुद्राक्ष को गाय के दूध में भिगोकर रखें. रुद्राक्ष को गंगाजल से धोकर उन्हें बाद में एक साफ कपड़े से पोंछें. इसे पिरोने के लिए कपास या रेशम के धागे का उपयोग करें. आप सोने, चांदी के तारों का भी उपयोग कर सकते हैं. अब रुद्राक्ष को हाथ में लेकर शिव मंत्रों के 108 बार जाप से इसे चार्ज करें. रुद्राक्ष की संख्या आप रुद्राक्ष की 108 बीड्स और एक गुरु मनके की माला पहन सकते हैं. या आप इसे 27 या 54 की संख्या में पहन सकते हैं. रुद्राक्ष को पहनने का समय रुद्राक्ष पहनने का सबसे अच्छा समय सुबह ब्रह्म मुहूर्त में होता है. इसे किसी शुभ दिन, सोमवार या गुरुवार को पहनें. रुद्राक्ष पहनने के लिए नियम रुद्राक्ष का सम्मान करें. इसे टॉयलेट जाने से पहले उतारकर जाएं. इसे सोने से पहले निकालें सकते हैं. रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र को हर सुबह नौ बार पहने हुए और रात में हटाने से पहले जप करें. इसे पहनने के बाद गैर-शाकाहारी भोजन खाने और शराब का सेवन करने से बचें. रुद्राक्ष को दाह अंतिम संस्कार, या सूतक-पातक में नहीं पहना जाता.

शनिवार 26 जुलाई 2025 बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत

मेष: मेष राशि के जातक आज प्रेम के मामले में मुस्कुराहट के साथ खुश रहें। लेन-देन करते समय सावधान रहें। व्यावसायिक सफलता मिलेगी। आप समृद्धि भी देख सकते हैं। आज स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। ड्राइव करते वक्त सावधान रहें। वृषभ: आज वृषभ राशि के जातक हेल्दी रहने के लिए हेल्दी डाइट का सेवन करें। यह भी ध्यान रखें कि आज आपके धन का बुद्धिमानी से उपयोग किया जाए। पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहने वाला है। आपको जोखिम लेना पसंद हैं क्योंकि वे आपको मजबूत बनाते हैं। मिथुन: आज मिथुन राशि के जातक आर्थिक रूप से आप समृद्ध हैं। आज मिथुन राशि के जातकों नया प्यार पाने के लिए तैयार रहें। बेहतर पेशेवर मौके आपके दिन को बेहतर बनाएंगे। पैसों के मामलों को सावधानी से संभालें। कर्क: आज के दिन वर्कप्लेस पर आज कोई चुनौती मौजूद नहीं है। प्रेम संबंधी मामले समझदारी से सुलझाएं और पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताएं। दफ्तर में बेहतर करियर सुनिश्चित करने के लिए अपनी क्षमता साबित करें। सिंह: आज के दिन अपने ऑफिस में अपना बेस्ट दें और प्रोडक्टिव बने रहें। धन को चालाकी से संभालने की जरूरत है। हेल्थ के मामले में पेट से जुड़ी कुछ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। आज सेल्फ लव पर ध्यान देना चाहिए। कन्या: कन्या राशि वालों के लिए आज का दिन शुभ है। प्रेम के मामले में रोमांटिक रहें। आज आपका प्रेम जीवन मजबूत और पेशेवर जीवन रचनात्मक रहेगा। आपकी करंट वित्तीय स्थिति स्मार्ट मौद्रिक निवेश योजनाओं की अनुमति देती है। आज आपका स्वास्थ्य भी कोई तकलीफ नहीं देगा। तुला: आज के दिन तुला राशि के जातकों रिश्ते के मुद्दों को पॉजिटिव तरीके से सुलझाएं। कोई बड़ी वित्तीय समस्या नहीं है और स्वास्थ्य भी अच्छा है। आज हेल्थ पर फोकस करना चाहिए। लव के मामले में विवादों को निपटाने के लिए सही सोल्यूशन खोजें। वृश्चिक: आज का दिन वृश्चिक राशि वालों के लिए पॉजिटिव रहेगा। लव लाइफ में एक दूसरे के बीच के मतभेद दूर करें। टास्क में भी उत्तम परिणाम दें। स्मार्ट निवेश करने के लिए आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है। स्वास्थ्य भी ठीक है। याद रखें आप काम के प्रेशर को ऐसे संभालते हैं, जैसे कोई नहीं संभालता। धनु: आज धनु राशि के जातक लव के मामलें में दिल की नहीं बल्कि दिमाग की सुनें। आज ज्यादा स्ट्रेस न लें। उत्पादकता से जुड़े मुद्दे पेशेवर जीवन पर असर नहीं डालेंगे। आपको दृष्टिकोण में हमेशा सकारात्मक बने रहना चाहिए। मकर: आज का दिन मकर राशि वालों के लिए शानदार रहने वाला है। आज का दिन पैसों के मामलें में वृद्धि और करियर में उन्नति के अवसर प्रदान करता है। कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के लिए तैयार रहें, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं। कुंभ: आज आप आप क्रिएटिव फील कर सकते हैं। प्रॉब्लम सॉल्व करने की कला आप जानते हैं। अपने कार्यक्षेत्र में सफलता के प्रति आश्वस्त रहें। व्यावसायिक चुनौतियों से मेहनत से निपटें आज। कोई वित्तीय समस्या नहीं रहेगी। आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है। मीन: आज के दिन चुनौतियों और अवसरों का मिश्रण लेकर आया है। आपका पॉजिटिव रवैया दिन को सफलता के साथ पार करने और व्यक्तिगत विकास के द्वार खोलने में महत्वपूर्ण होगा। साहस और उत्साह के साथ दिन का आनंद उठाएं। हेल्दी डाइट लें और स्ट्रेस को बाय-बाय कहें।

इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का साया, अगले साढ़े सात साल रहना होगा सतर्क

शनि की साढ़ेसाती, जो हर किसी के जीवन में एक बार जरूर आती है और 7.5 साल तक चलती है. शनि की साढ़ेसाती एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है जो शनि के राशि परिवर्तन के साथ हर ढाई साल में बदलती रहती है. जिस राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती चलती है उसको साढ़े सात साल तक मुश्किलों और कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. शनि ग्रह हर ढाई साल में अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं. शनि ने साल 2025 में मीन राशि में गोचर किया है. शनि का गोचर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि शनि के इस गोचर के बाद शनि की साढ़ेसाती मेष राशि पर शुरू हो गई है. शनि जिस राशि में गोचर करते हैं उसके एक आगे और एक पीछे वाली राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है. इस समय शनि मीन राशि में विराजमान हैं और शनि की साढ़ेसाती कुंभ, मीन और मेष राशि पर चल रही है. शनि की साढ़ेसाती के चरण शनि की साढ़ेसाती 3 चरणों में पूरी होती है. प्रथम चरण, द्वितीय चरण, तृतीय चरण. इस समय मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण चल रहा है. कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है, वहीं मीन राशि पर मध्य या दूसरा चरण चल रहा है. शनि की साढ़ेसाती के दौरान विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसीलिए अपने कर्मों को अच्छा रखें और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करें. शनि देव को कर्मफल दाता कहा जाता है, जो लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती मेष राशि वालों को अगले साढ़े सात साल शनि की साढ़ेसाती का सामना करना पड़ेगा. साल 2025 में 29 मार्च से मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई, जो 30 मई, 2032 तक चलेगी. इस दौरान मेष राशि वालों को कार्यों में अड़चनों, मानसिक तनाव, संतान की चिंता और खर्चों में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान झूठ, छल, फरेब से अपने आप को दूर रखें. शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें, और सरसों के तेल का दिया जलाएं. जरूरतमंदों की सेवा करें. शनिवार के दिन शनि देव से जुड़ी चीजों का दान जरूर करें.