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धरती आबा की छांव में खुशहाली: योजनाओं से सशक्त हो रहे आदिवासी परिवार

आधार, आयुष्मान, राशन कार्ड, बीमा और स्वास्थ्य परीक्षण का लाभ, पोषण वाटिकाएं भी बन रही रायपुर, छत्तीसगढ़  प्रदेश में चलाए जा रहे धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत  अनुसूचित जनजाति ग्रामों में शासन की योजनाओं का व्यापक क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस कड़ी में कोरिया जिले के सोनहत और बैकुंठपुर विकासखंड के इन गांवों में हजारों पात्र परिवारों को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, पेंशन, श्रम कार्ड, जॉब कार्ड और बीमा योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। जनपद पंचायत सोनहत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने  बताया कि विकासखंड में 2,626 लक्षित परिवारों और 9,320 जनसंख्या के लिए शासन की महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य जरूरी योजनाओं से फायदा पहुंचाने के लिए आवेदन लिया गया है, मनरेगा जॉब कार्ड, जीवन ज्योति बीमा और सुरक्षा बीमा योजना जैसी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पेंशन योजना के तहत 85 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 28 स्वीकृत हुए, 7 अपात्र पाए गए और शेष प्रक्रियाधीन हैं। साथ ही, 111 जाति प्रमाण पत्र और 100 निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को भी ग्रामीणों तक पहुँचाया जा रहा है। टीबी एवं सिकलसेल की जांच की जा रही है और जरूरतमंदों को उपचार से जोड़ा जा रहा है साथ ही आयुष विभाग द्वारा निःशुल्क जाँच उपरांत दवाई वितरण भी किया जा रहा है। बैकुंठपुर एसडीएम से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड में अब तक 23 क्षय रोग के सक्रिय मरीज चिन्हित किए गए हैं। वहीं, 391 जाति प्रमाण पत्र, 361 निवास प्रमाण पत्र और 269 राशन कार्ड बनाए गए हैं। पोषण सुरक्षा की दिशा में 2,837 पोषण वाटिकाएं भी तैयार की गई हैं। साथ ही, मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। अभियान की प्रगति की ऑनलाइन निगरानी के लिए धरती आबा पोर्टल बनाया गया है। अभियान का उद्देश्य दूरस्थ आदिवासी अंचलों के पात्र परिवारों को सीधे शासन की योजनाओं से जोड़ना है, ताकि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

मनेंद्रगढ़ को मिली शैक्षणिक सौगात, चैनपुर में बनेगा नवोदय विद्यालय

एमसीबी मनेंद्रगढ़ अब स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हो रहा है। क्षेत्रवासियों के लिए एक और बड़ी सौगात के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय की  स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। चैनपुर में इस विद्यालय के लिए 11.8 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन किया गया है।   स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निरंतर प्रयासों से यह महत्वपूर्ण उपलब्धि संभव हो सकी है। उनके नेतृत्व में मनेंद्रगढ़ को पहले ही मेडिकल कॉलेज जैसी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा मिल चुकी है, और अब शिक्षा के क्षेत्र में भी नई क्रांति की शुरुआत हो रही है।    जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना से अब जिले के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपने ही जिले में मिल सकेगी। उन्हें उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे अभिभावकों की चिंता भी कम होगी और विद्यार्थियों का समग्र विकास संभव होगा।    यह कदम मनेंद्रगढ़ क्षेत्र के शैक्षणिक विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले वर्षों में यहां की नई पीढ़ी को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।

गांव में हाथी का कहर, हमले और तबाही के बाद जंगल की ओर हुई वापसी

धमतरी वनांचल क्षेत्र से भटककर मैदानी क्षेत्र पहुंचा एक हाथी अब केरेगांव क्षेत्र के जंगल में पहुंच गया है। 24 घंटे के भीतर हाथी 50 किलोमीटर चले और हाईवे पार करते हुए अब जंगल में चला गया है। हाथी के जाने के बाद मैदानी क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग इस हाथी पर नजर रखे हुए है। एक ही दिन में हाथी कई किसानों के धान फसल को रौंदकर जमकर नुकसान पहुंचाया है। हाथी के वनांचल क्षेत्र पहुंचने के बाद ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी राहत महसूस किया है। भखारा क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथी कभी पहुंच जाएगा, ऐसा लोगों ने कभी नहीं सोचा था, लेकिन हाथी वनांचल क्षेत्र से भटककर 11 जुलाई को मैदानी क्षेत्र के ग्राम रीवांगहन, भेंडरा, डोमा, खम्हरिया में पहुंच गया। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। यह हाथी किसानों के खेत होते हुए पहुंचा था।   पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था मैदानी क्षेत्र में हाथी के प्रवेश करने से वन विभाग के अमला भी रातभर नहीं सो पाया, क्योंकि हाथी किसी को मारकर नुकसान न पहुंचा दें। हालांकि हाथी ने मैदानी क्षेत्र में एक युवक पर हमला जरूर किया था, जो घायल हो गया था, ऐसे में वन विभाग की टीम इस हाथी का पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था। रातभर यह हाथी कई किलोमीटर चले और हाईवे पार करके वनांचल क्षेत्र पहुंच गया है। मिली जानकारी के अनुसार हाथी भखारा रोड पार करके डोमा, खम्हरिया, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर होते हुए केरेगांव परिक्षेत्र के जोगीडीह के जंगल में पहुंचा।   विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे हाथी पिछले 24 घंटों के भीतर 50 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर केरेगांव रेंज में पहुंच चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर हाथी के पीछे वन विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे, ताकि किसी तरह जनहानि न हो। हाथी मानिटरिंग टीम के कर्मचारियों को सिंगल हाथी कक्ष क्रमांक 143 में पद चिन्ह मिला, तब जाकर कर्मचारियों ने राहत ली। डिप्टी रेंजर आरके तिवारी ने बताया कि हाथी केरेगांव क्षेत्र के जंगल पहुंच चुका है। किसानों के धान फसल को पहुंचाया नुकसान हाथी एक ही दिन में ग्राम भेंडरा, रीवांगहन, डोमा, खम्हरिया, डाही, छाती, डांडेसरा, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर समेत कुछ अन्य गांव खेत वाले मार्ग से पहुंचे। इस दौरान हाथी कई किसानों के खेतों से होते हुए निकले, तो खेतों में लगे खरीफ सीजन के धान फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचाया है। धान फसल के रौंदने से कई किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है।

हर कोने में प्रगति की बयार, छत्तीसगढ़ बना विकास का केंद्र : मुख्यमंत्री साय

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में राज्य के विकास, सुशासन और जनकल्याण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ में समावेशी विकास को तीव्र गति से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता ने हमें ऐतिहासिक समर्थन दिया और हमने सरकार बनते ही काम की शुरुआत कर दी। पहले ही कैबिनेट में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए, जिससे आज हज़ारों परिवारों को गृहप्रवेश का अवसर मिल रहा है। कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए हमारी सरकार ने किसानों को दो वर्षों की बकाया राशि सहित 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी शुरू की है। महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपए की सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनजातीय सशक्तिकरण के तहत चरण पादुका वितरण से लेकर तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस तथा तीर्थदर्शन योजना के माध्यम से गरीबों को धार्मिक यात्रा का अवसर प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पंचायतों में बैंकिंग सुविधा पहुंचाने का वादा किया था, जिसके तहत 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल केंद्रों की स्थापना हो चुकी है, और इसका जल्द ही विस्तार प्रदेश की सभी पंचायतों तक किया जाएगा। रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार नक्सल मुक्त भारत अभियान को गंभीरता से आगे बढ़ा रही है। केंद्र सरकार द्वारा 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने की समयसीमा तय की गई है, और हम नियद नेल्लार योजना के अंतर्गत गांवों में तेज़ी से विकास कार्य कर रहे हैं। डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता से यह परिवर्तन संभव हो पा रहा है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की संभावनाओं, उपलब्धियों और आगे की दिशा पर केंद्रित अनेक विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किए गए। कॉन्क्लेव ने शासन, सशक्तिकरण और नवाचार पर संवाद का एक प्रभावशाली मंच प्रदान करते हुए छत्तीसगढ़ के विजन को राष्ट्रीय पटल पर मजबूती से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं कृषि मंत्री डॉ. रामविचार नेताम भी उपस्थित थे।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 15 जुलाई से फिर चलाएगा लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनें

डोंगरगढ़  दैनिक यात्रियों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है. कोरोना काल में सुरक्षा कारणों से बंद की गई लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होने जा रहा है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 15 जुलाई से इन ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने का निर्णय लिया है, जिससे दुर्ग, राजनांदगांव, गोंदिया, कटंगी, रायपुर, डोंगरगढ़ और बालाघाट समेत छोटे-बड़े स्टेशनों पर यात्रा करने वालों को काफी सहूलियत मिलेगी. सांसद संतोष पांडेय ने इसे यात्रियों के लिए सुखद समाचार बताते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद इन लोकल ट्रेनों के बंद होने से यात्रियों को रोजाना आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. सांसद पांडेय ने कहा कि मैंने इस विषय को लेकर लगातार केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया और जून माह में हुई मंडल स्तरीय रेलवे बैठक में भी इन ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू करने की मांग प्रमुखता से रखी थी. आज यह मांग पूरी हुई है. इसके लिए यात्रियों को बधाई देता हूं. इसके साथ ही मैं केंद्रीय रेल मंत्री और रेलवे मंडल के अधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूं. रेलवे प्रशासन ने बताया कि 15 जुलाई से गोंदिया-कटंगी, रायपुर-डोंगरगढ़, रायपुर-गेवरा रोड, तूमसर रोड-बालाघाट समेत 13 लोकल मेमू और डेमू पैसेंजर ट्रेनें फिर से पटरियों पर लौटेंगी. 17 जुलाई तक सभी रूटों पर संचालन पूरी तरह बहाल कर दिया जाएगा. इन ट्रेनों के संचालन से कम किराये में यात्रा का विकल्प फिर से खुलेगा और यात्रियों को निजी वाहनों या बसों पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी. साथ ही विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों की आवाजाही भी सुगम हो सकेगी.

16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान

रायपुर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब व एक्स-रे टेक्नीशियन, एएनएम, कार्यालयीन कर्मचारी और सफाईकर्मी कार्य बहिष्कार करेंगे, जिससे प्रदेश भर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. जिलेवार धरना के बाद करेंगे विधानसभा का घेराव     10 से 15 जुलाई तक कर्मचारी विरोधस्वरूप काली पट्टी पहनकर कार्य कर रहे हैं.     16 जुलाई को जिला मुख्यालयों में धरना और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा.     17 जुलाई को रायपुर में विधानसभा घेराव का आयोजन होगा. स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर, आम जनता को झेलनी पड़ेगी परेशानी हड़ताल के चलते प्रदेश में टीबी, कुष्ठ, मलेरिया नियंत्रण, टीकाकरण, नवजात शिशु देखभाल, पोषण पुनर्वास केंद्र, स्कूल-आंगनबाड़ी परीक्षण, व आयुष्मान केंद्रों की ओपीडी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी. स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी प्रदेश के कुल स्वास्थ्य अमले का 35% हैं, जिससे स्पष्ट है कि इस हड़ताल का गंभीर असर ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा. 20 वर्षों से सेवा में, फिर भी आज तक नहीं मिले बुनियादी अधिकार छग एनएचएम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि मिशन को चले 20 साल हो गए, फिर भी कर्मचारियों को बेहतर वेतन, अनुकंपा नियुक्ति, जॉब सुरक्षा, नई पेंशन स्कीम और दुर्घटना बीमा जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाईं. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह सुविधाएं दी जाती हैं, पर छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की हालत जस की तस बनी हुई है. तीन सरकारें आईं, पर कर्मचारियों की मांगें अनसुनी रहीं महासचिव कौशलेश तिवारी ने कहा कि 2017 में भाजपा शासनकाल में आंदोलन हुआ, फिर 2020 में कांग्रेस सरकार के समय भी वादों के बावजूद कोई हल नहीं निकला. अब “मोदी की गारंटी” वाले घोषणापत्र के बावजूद भाजपा सरकार ने भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. ‘कोरोना योद्धाओं’ की उपेक्षा पर पूर्व अध्यक्ष का तीखा सवाल संघ के संरक्षक हेमंत सिन्हा ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कोरोना महामारी में जान जोखिम में डालकर सेवाएं दीं, आज उन्हें ही सरकार नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्या कारण है कि सरकार इस वर्ग की उपेक्षा कर रही है? आंदोलन के लिए जनता से खेद, सरकार को ठहराया जिम्मेदार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मिरी ने जनता से असुविधा के लिए खेद जताते हुए, इसके लिए राज्य शासन और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अब भी मांगें नहीं मानी गईं, तो एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.

कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु 15 से 18 जुलाई तक रायपुर में होगी काउंसलिंग

अम्बिकापुर, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं में प्रवेश हेतु चयनित विद्यार्थियों की वर्गवार प्रतीक्षा सूची जारी कर दी गई है। यह सूची विभागीय वेबसाइट https://eklavya.cg.nic.in/पर अपलोड की गई है। आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, इन्द्रावती भवन, अटल नगर, नवा रायपुर द्वारा जारी सूचना के अनुसार, प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित विद्यार्थियों के लिए काउंसलिंग दिनांक, समय एवं स्थल निर्धारित कर दिए गए हैं। काउंसलिंग का आयोजन प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय, गुढ़ियारी, जिला रायपुर (छ.ग.) में किया जाएगा। काउंसलिंग कार्यक्रम का वर्गवार विवरण इस प्रकार हैः- अनुसूचित जनजाति एवं विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) – बालक दिनांकः 15 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अनुसूचित जनजाति एवं विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) – बालिका दिनांकः 16 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अनुसूचित जाति/ बालक/बालिका दिनांकः 17 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक अन्य पिछड़ा वर्ग – बालक/बालिका दिनांकः 18 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक सामान्य वर्ग एवं अल्पसंख्यक / बालक/बालिका दिनांकः 18 जुलाई 2025 समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक प्रत्येक विद्यार्थी को एक अभिभावक या पालक के साथ निर्धारित दिनांक को उपस्थित होना अनिवार्य है। उन्हें निम्न दस्तावेजों की मूल व छायाप्रति सहित साथ लाना अनिवार्य होगा प्रवेश पत्र,सक्षम अधिकारी द्वारा जारी स्थायी जाति प्रमाण पत्र, वर्ष 2024-25 में कक्षा 8वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र, यदि परिवार नक्सल हिंसा से प्रभावित है, तो पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी प्रमाण पत्र, शाला स्थानांतरण प्रमाण पत्र या शाला छोड़ने का प्रमाण, मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी चिकित्सा जांच प्रमाण पत्र, सिकलसेल जांच प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो, च्वाइस फिलिंग फॉर्म (काउंसलिंग प्रपत्र) अनुपस्थिति की स्थिति में सीट आवंटन निर्धारित तिथि एवं समय पर उपस्थित नहीं होने की स्थिति में संबंधित विद्यार्थी की पात्रता के आधार पर रिक्त सीटों के अनुसार संस्था का पुनः आवंटन किया जाएगा। आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग ने संबंधित विद्यार्थियों व पालकों से समय पर उपस्थित होकर समस्त आवश्यक दस्तावेजों के साथ काउंसलिंग में भाग लेने की अपील की है, ताकि प्रवेश प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

1 जून से अब तक 364.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड , बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 540.3 मि.मी. वर्षा

रायपुर, छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 364.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 540.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 176.4 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 275.9 मि.मी., सूरजपुर में 451.7 मि.मी., जशपुर में 474.8 मि.मी., कोरिया में 398.6 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 354.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 343.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 348.3 मि.मी., गरियाबंद में 318.1 मि.मी., महासमुंद में 333.7 मि.मी. और धमतरी में 322.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 387.1 मि.मी., मुंगेली में 254.7 मि.मी., रायगढ़ में 519.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 363.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 491.4 मि.मी., सक्ती में 422.6 मि.मी., कोरबा में 464.8 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 368.0 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 303.7 मि.मी., कबीरधाम में 258.0 मि.मी., राजनांदगांव में 298.1 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 484.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 245.9 मि.मी., बालोद में 380.4 मि.मी. और बस्तर जिले में 436.7 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 263.1 मि.मी., कांकेर में 366.8 मि.मी., नारायणपुर में 315.7 मि.मी., दंतेवाड़ा में 397.2 मि.मी., सुकमा में 209.3 मि.मी. और बीजापुर में 444.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

नौकरियां- नौकरियां जल्द करें आवेदन, अग्निशमन विभाग और इंडियन नेवी ने निकाली भर्तियां

रायपुर छत्तीसगढ़ के छात्र नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर केंद्रीय क्षेत्रीय छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत 1387 छात्रों को लाभ मिलेगा। जिन छात्रों ने इस वर्ष स्नातक में प्रवेश लिया है और जिन्होंने 80 परसेंटाइल या न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, वे 31 अक्टूबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको पोर्टल पर जरूरी जानकारी मिल जाएगी, जैसे कि आवेदन कैसे करना है, इसके लिए नियम क्या हैं और बाकी सवालों के जवाब। अग्निशमन विभाग में 295 पदों पर भर्ती छत्तीसगढ़ अग्निशमन विभाग में स्टेशन ऑफिसर, फायरमैन, ड्राइवर, मैकेनिक, ऑपरेटर आदि के 295 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक उम्मीदवार 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। फायरमैन के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं, स्टेशन ऑफिसर के लिए बीएससी या बीई तथा अन्य पदों के लिए अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। इंडियन नेवी में 1110 पदों पर भर्ती भारतीय नौसेना ने नेवल सिविलियन ग्रुप बी और ग्रुप सी के 1110 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। योग्य उम्मीदवार 18 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। पदों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता में नर्सिंग डिग्री, फार्मेसी डिप्लोमा, प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी या 10वीं के साथ संबंधित डिप्लोमा/डिग्री मांगी गई है। एमएससी केमिस्ट्री की 13 पेमेंट सीटों पर एडमिशन रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में एमएससी केमिस्ट्री की 13 पेमेंट सीटें खाली हैं। इनमें प्रवेश के लिए 11 जुलाई को दस्तावेज़ सत्यापन और काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी। वे छात्र जो प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए हैं, उपस्थित हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पुरस्कार के लिए चयनित नगरीय निकायों को दी बधाई

रायपुर, स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। नई दिल्ली में आगामी 17 जुलाई को आयोजित होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में राज्य के सात नगरीय निकायों को स्वच्छता के मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इन पुरस्कारों को प्रदान करेंगी। इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू भी उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ के तीन नगरीय निकायों को प्रेसिडेंट्स अवार्ड प्रदान करेंगी। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बिलासपुर नगर निगम को तीन लाख से दस लाख आबादी वाले (Big Cities) शहरों की श्रेणी में, कुम्हारी नगर पालिका को 20 हजार से 50 हजार आबादी वाले (Small Cities) शहरों की श्रेणी में तथा बिल्हा नगर पंचायत को 20 हजार से कम आबादी वाले (Very Small Cities) शहरों की श्रेणी में यह सम्मान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, रायपुर नगर निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में राज्य स्तर पर श्रेष्ठ कार्यों के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा मिनिस्ट्रियल अवार्ड (Ministerial Award) प्रदान किया जाएगा। स्वच्छता के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने वाले शहरों को पहचान देने हेतु इस वर्ष सुपर स्वच्छता लीग (एसएसएल) नामक एक विशेष श्रेणी की शुरुआत की गई है। इस लीग में वे शहर शामिल किए गए हैं, जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार शीर्ष तीन में स्थान प्राप्त कर चुके हैं तथा वर्तमान वर्ष में अपनी संबंधित जनसंख्या श्रेणी में शीर्ष 200 में बने हुए हैं। इस नवीन श्रेणी में छत्तीसगढ़ के तीन नगरीय निकायों का चयन हुआ है – अंबिकापुर नगर निगम (50 हजार से तीन लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी), पाटन नगर पंचायत तथा बिश्रामपुर नगर पंचायत (20 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी) को एसएसएल के लिए चयनित किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने स्वच्छ सर्वेक्षण में राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए चयनित सातों नगरीय निकायों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा स्थानीय निकायों द्वारा सतत किए जा रहे प्रयासों का यह उत्कृष्ट परिणाम है। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में राज्य के और भी अधिक नगरीय निकाय स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शहरी सरकारों से लेकर राज्य और केंद्र सरकार तक, सभी मिलकर शहरों को स्वच्छ, सुंदर और सुविधासंपन्न बनाने हेतु अनेक नवाचारों के साथ निरंतर कार्य कर रहे हैं।  "छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकायों का स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में राष्ट्रीय स्तर पर चयन होना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह हमारे नगरीय प्रशासन, स्थानीय निकायों और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। बिलासपुर, कुम्हारी, बिल्हा, रायपुर, अंबिकापुर, पाटन और बिश्रामपुर जैसे शहरों ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह अन्य निकायों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। मैं सभी विजेता नगरीय निकायों को बधाई देता हूँ और विश्वास जताता हूं कि छत्तीसगढ़ स्वच्छता के इस अभियान में देश का अग्रणी राज्य बना रहेगा।" – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय