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प्रमुख सचिव बोरा ने की विभागीय काम- काज की गई समीक्षा

जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में 01 से 15 नवंबर तक व्यापक कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश रायपुर, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर काम काज की प्रगति की समीक्षा की । बैठक नवा रायपुर टीआरटीआई स्थित सभाकक्ष में  सम्पन्न हुई।  प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आगामी विधानसभा सत्र के मददे्नजर समीक्षा बैठक लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने निर्देशित किया कि विधानसभा सचिवालय से प्राप्त सभी प्रश्नों का समय – सीमा में जबाव दिया जाए। प्रश्नों का जवाब सारगर्भित एवं स्पष्ट होना चाहिए। जिले से संबंधित प्रश्नों पर तत्काल संबंधित जिले के सहायक आयुक्त से संपर्क कर निर्धारित समयसीमा में जानकारी प्राप्त कर इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ विधानसभा सचिवालय भेजना सुनिश्चित किया जाए। श्री बोरा ने कहा कि विधानसभा सचिवालय से प्राप्त सभी प्रश्नों के जवाब 07 जुलाई तक अनिवार्य रूप से तैयार किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, संचालक, टीआरटीआई श्री जगदीश कुमार सोनकर, उपसचिव श्री बी.के.राजपूत एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव  बोरा द्वारा प्रयास एवं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गई। साथ ही नवीन शि़क्षण सत्र 2025-26 में प्रवेश की स्थिति एवं अन्य आवश्क व्यवस्थाओं की जानकारी ली गई। उन्होंने प्रयास, एकलव्य के साथ-साथ अन्य सभी विभागीय छात्रावास-आश्रमों में अच्छी कम्प्यूटर लैब की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही संवेदनशील छात्रावास-आश्रमों में तत्काल सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नवंबर माह में राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने एवं जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में 01 नवंबर से 15 नवंबर तक के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए। इनमें आदिवासी साहित्य उत्सव, जनजातीय बुक फेयर, जनजातीय सांस्कृतिक उत्सव, जनजातीय चित्रकला, जनजातीय फिल्म फेस्टिवल, जनजातीय रामायण इत्यादि कार्यक्रम कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया।            प्रमुख सचिव बोरा ने टीआरटीआई परिसर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय की भी डिजिटली समीक्षा करने के पश्चात मौके पर जाकर सभी 14 गैलरियों का निरीक्षण किया एवं मौके पर उपस्थित अधिकारियों, इंजीनियर्स, क्यूरेटर एवं निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए 30 सितंबर तक सभी निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए । उन्होंने संग्रहालय में निर्माणाधीन गिफ्ट शॉप एवं ऑडियो-विजुअल के संबंध में भी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब उनके द्वारा प्रत्येक  गुरूवार को संग्रहालय का निरीक्षण किया जाएगा।     

मुख्यमंत्री साय ने अपने निवास कार्यालय में डॉ. मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान शिक्षाविद्, ओजस्वी राष्ट्रवादी और भारतीय जनमानस में राष्ट्रीय चेतना का संचार करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री साय ने अपने निवास कार्यालय में डॉ. मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अमूल्य योगदान का स्मरण किया और उनके योगदान पर अपने विचार व्यक्त किये। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन देशभक्ति, निःस्वार्थ सेवा और अखंड भारत के प्रति अदम्य प्रतिबद्धता का प्रतीक है। वे दूरदर्शी राजनीतिज्ञ, प्रखर विचारक और शिक्षा, सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकता के प्रबल समर्थक थे। उनके सिद्धांत और कार्य आज भी हम सभी को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की एकता और संप्रभुता के लिए डॉ. मुखर्जी का संघर्ष भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित है। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प लेने की प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का स्वप्न एक आत्मनिर्भर, सशक्त और गौरवशाली भारत का था, जिसे साकार करने के लिए हमें उनके आदर्शों का सतत अनुसरण करना होगा। साय ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने वैचारिक स्पष्टता और सैद्धांतिक राजनीति की नींव रखकर भारतीय लोकतंत्र को नई दिशा दी। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और राष्ट्र के विकास में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। डॉ. मुखर्जी के विचारों और मूल्यों को अपने आचरण में उतारना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि हम उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर एक समृद्ध, स्वाभिमानी और समर्थ भारत के निर्माण के लिए संयुक्त प्रयास करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद भी उपस्थित थे।

सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा बीज और उर्वरक

रायपुर, किसानों को समय पर खाद और बीज उपलब्ध कराने के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से भण्डारण और वितरण किया जा रहा है। बलौदाबाजार जिले में संचालित 129 सहकारी समितियों से किसान तेजी से खाद और उर्वरक का उठाव कर रहे हैं। अब तक समितियों से 33,926 मेट्रिक टन उर्वरक एवं  29,493.50 क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है। किसानों नें अब तक 87 प्रतिशत उर्वरक एवं 97 प्रतिशत बीज का उठाव कर लिया है। उप संचालक कृषि ने बताया जिले में खरीफ सीजन 2025 के लिए सहकारी समितियों में रासायनिक उर्वरकों का लक्ष्य 58,136 मेट्रिक टन है जिसके विरूद्ध अब तक  38,760 मेट्रिक टन  भण्डारण एवं 33,926 मेट्रिक टन खाद का वितरण किया गया है। इसी प्रकार सहकारी समितियों में बीज का भण्डारण 30,704.60 क्विंटल एवं 29,493.50 क्विंटल बीज वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशानुसार खरीफ सीजन में खाद एवं बीज का भण्डारण सहकारी समितियों में किया जा रहा है ताकि किसानों को खाद बीज लेने में कोई दिक्कत न हो। किसानो को आवश्यकता अनुसार खाद बीज के शीघ्र उठाव हेतु प्रेरित किया जा रहा है।

12 घंटे लगातार मूसलाधार बारिश, कई इलाकों में भरा पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

अंबिकापुर  मौसम विभाग के उत्तरी छत्तीसगढ़ में आरेंज अलर्ट का अनुमान सही साबित हुआ। संभाग मुख्यालय में अंबिकापुर में शनिवार रात साढ़े आठ बजे रविवार सुबह 7 बजे तक रिकॉर्ड 172 मिमी बारिश हुई है। जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। शहर के अधिकांश इलाकों में जल भराव की स्थिति निर्मित ही गई है। हालात को देखते हुए निगम अमला पानी निकासी की व्यवस्था बनाने में जुटा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में मानसून की सक्रियता बढ़ने के साथ सरगुजा संभाग के अधिकांश इलाकों में शनिवार रात से भारी बारिश हो रही है। लगातार बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। भारी बारिश के कारण सरगुजा जिले के ग्रामीण इलाकों में कुछ स्थानों पर आवागमन भी बाधित है। इधर मौसम विभाग ने सरगुजा संभाग में दो दिनों तक बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है। ऐसे में लोगों को खराब मौसम से राहत मिलने की संभावना नहीं है। इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तरी छत्तीसगढ़ में ज्यादा ही मेहरबान है। सरगुजा संभाग में मानसून ने 17 जून के आसपास दस्तक दी। इसका प्रभाव व्यापक रहा और पूरे संभाग में लगभग तीन सप्ताह से भारी बारिश का क्रम जारी है। पूरे मानसून अवधि की 25 प्रतिशत बारिश जून माह में ही हो चुकी हूं। लोगों से सावधानी की अपील मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मानसून को प्रभावी बनाने वाले सिस्टम के लगातार सक्रिय होते रहने से सरगुजा संभाग में बारिश से राहत नहीं मिल रही है। सरगुजा संभाग में ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद प्रशासन ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है। सिस्टम प्रभावी, बारिश से अभी राहत नहीं मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार वर्तमान में मानसून टूफ सामान्य स्थिति में है। एक चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वी मध्यप्रदेश एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है। अगले 24 घंटों के भीतर गांगेय पश्चिम बंगाल एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। एक ट्रफ उत्तर-पूर्वी अरब सागर से, उत्तर गुजरात, उत्तर मध्यप्रदेश, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड से होकर गंगीय पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है। एक साथ बन रहे कई सिस्टम मानसून की गति को औऱ ऊर्जा देंगे। ऐसे में अगले दो तीन दिन तक बारिश से राहत की संभावना कम है। सड़कें, मोहल्ले, कालोनी में जल भराव से परेशानी शनिवार रात से हो रही बारिश के कारण शहर की सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति और दयनीय हो गई है। गड्ढों से पटी इन सड़कों में बारिश का पानी भर गया है। ऐसे में आवागमन जोखिम भरा हो गया है। शहर की निचली बस्ती खासकर नमनाकला के फोकट पारा, झंझट पारा, बौरीपारा, महादेव गली, दर्रीपारा की कुछ बस्ती सहित खरसिया रोड स्थित कुंडला सिटी कालोनी में जल भराव से लोग परेशान हैं। इधर वार्ड क्रमांक 20 चोरका कछार में जल भराव से मोहल्लेवासी परेशान हैं। यहां नाले का पानी निचली बस्ती तक पहुंच गया है। निकासी की समस्या के कारण कई घरों में बारिश का पानी घुस गया है। रातभर लोग घरों से पानी निकालने में जुटे रहे। पानी निकासी के लिए निगम अमला और पार्षद सुबह से सक्रिय हैं। लगातार मूसलाधार बारिश से अम्बिकापुर शहर को जलापूर्ति करने वाली बांकी नदी में वर्षों बाद बाढ़ आई है। नदी का पानी खैरबार सहित आसपास गांव की खेतों तक फैल गया है। इससे खेतों में लगाए गए धान के बीज और पौधे बह गए। अच्छी बारिश के कारण कई किसानों ने धान की रोपाई के लिए थरहा (नर्सरी) लगाया है, जो भारी बारिश और नदी की बाढ़ से बर्बाद हो गया है।

सीएम बोले- पत्रकारों की मेहनत से जनता जानती है अपने प्रतिनिधियों की आवाज, डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने सिखाई संसदीय रिपोर्ट

रायपुर आप लोग आज के दौर में नारद जी की तरह हैं। ये बात छत्तीसगढ़ के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कही। मौका था विधानसभा में संसदीय रिपोर्टिंग पर आयोजित वर्कशॉप का। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हाल ही में विधायकों के लिए भी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था, जिसका लाभ हमारे सदस्यों को मिला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में अनेक नवनिर्वाचित विधायक भी हैं, जिनकी यह जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाएं। CM ने कहा- इसी तरह पत्रकारों की भी अहम भूमिका है, जो विधानसभा की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी पत्रकार बंधु बड़ी मेहनत से विधानसभा की कार्यवाही को कवर करते हैं, जिससे आमजन यह जान पाते हैं कि विधायकों द्वारा उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा को भी सराहा और कहा कि इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है और संसदीय रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी और इसके माध्यम से विधानसभा की गतिविधियां और अधिक प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेंगी। कार्यक्रम में खासतौर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी पहुंचे थे। उन्होंने कहा- कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. संजय द्विवेदी, पूर्व निदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान एवं प्रोफेसर माखन लाल चतुर्वेदी, राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय, भोपाल ने सभा में तारांकित, अतारांकित प्रश्न, व्यवस्था और औचित्य के प्रश्न, बजट की कव्हरेज, शून्यकाल, कटौती प्रस्ताव, अध्यक्ष की व्यवस्था, कार्यवाही का विलोपन इत्यादि विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । पत्रकारों का काम पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी समापन सत्र में राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने व्यवहारिक पहलुओं पर केंद्रित करते हुए कहा, आज सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होने के कारण पत्रकारों का काम अत्यंत जटिल हो गया है। चूंकि जनता को सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से सूचना और जानकारी तो मिल जाती है, लेकिन आम जनता उस चर्चा और घटनाक्रम का विश्लेषण भी चाहती है। उस चर्चा का इतिहास और पृष्ठभूमि भी चाहती है। उन्होंने कहा कि संसद का कानून मानना हर विधान मंडल की बाध्यता है। लेकिन कुछ राज्यों की विधानसभा अपनी कार्यवाही स्वयं के तरीके से करती हैं। ऐसी स्थिति में संसदीय पत्रकारों के लिए रिपोर्टिंग का काम थोड़ा जटिल हो जाता है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में संसदीय पत्रकारिता की महत्ता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में पत्रकारों का योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने कहा कि संसदीय पत्रकारिता अत्यंत संवेदनशील दायित्व है, जो सदन की गोपनीयता, अनुशासन और गरिमा को बनाए रखते हुए जनता तक सटीक और निष्पक्ष जानकारी पहुंचाने का कार्य करती है। निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की असली ताकत: डॉ. रमन सिंह डॉ. सिंह ने कहा कि पत्रकार जब पक्ष–विपक्ष से परे रहकर निष्पक्ष रूप से विधानसभा की कार्यवाही का अवलोकन करते हैं और उसे प्रस्तुत करते हैं, तब लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली की गहरी समझ से ही पत्रकार बेहतर ढंग से जनता को विधानसभा की गतिविधियों से अवगत करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय पत्रकारिता में विशेष रूप से विधानसभा की प्रक्रिया से जुड़े समाचारों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना आवश्यक है, ताकि आमजन तक वे प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। पत्रकार हैं लोकतंत्र के सच्चे संवाहक: डॉ. चरणदास महंत कार्यशाला में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारों की भूमिका को नारद मुनि की परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि पत्रकार समयबद्धता और सजगता के साथ लोकतंत्र के संवाहक होते हैं। डॉ. महंत ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से सभी को कुछ नया सीखने का अवसर मिलेगा और संसदीय पत्रकारिता को समझने का दायरा और व्यापक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन उपयोगी सिद्ध होगा और पत्रकारों के कार्य को नई दिशा देगा। उन्होंने अपनी लंबी संसदीय यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि इस दौरान पत्रकारों के साथ बिताए गए समय और अनुभव अत्यंत मूल्यवान रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों की सजगता, सटीकता और संवेदनशीलता की सराहना की, जो वर्षों से संसदीय गतिविधियों को जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा, आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक संजय द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।  

महतारी अलंकरण सम्मान कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे मुख्यमंत्री साय, खराब मौसम के कारण दौरा रद्द

कवर्धा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बहुप्रतीक्षित पंडरिया दौरा आज मौसम की खराबी के चलते रद्द कर दिया गया है. खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका. अब वे वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल होंगे. बता दें कि सीएम साय को यहां महतारी अलंकरण सम्मान कार्यक्रम में शामिल होना था, साथ ही क्षेत्रवासियों को 72 करोड़ 70 लाख रुपये से अधिक की विकास सौगात देनी थी. दौरे के दौरान 61 विकास कार्यों के भूमिपूजन, लोकार्पण और कॉलेज छात्राओं के लिए 5 नि:शुल्क बसों के संचालन की शुरुआत प्रस्तावित थी. इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडेय, विधायक भावना बोहरा और बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति भी तय थी. कार्यक्रम स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल मैदान, पंडरिया में होना था, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई थी. हालांकि मौसम के कारण मुख्यमंत्री का दौरा रद्द करना पड़ा, अब वे इन कार्यक्रमों में वर्चुअली शामिल होंगे.

दुकानदारों से ऑनलाइन ठगी, फर्जी रसीद दिखाकर हो रहा फ्रॉड

बिलासपुर ऑनलाइन पेमेंट लेने वाले दुकानदारों को अब और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ठगों ने ऑनआइन ठगी का एक नया तरीका इजात कर लिया है। जिसमें ठग ऑनलाइन पेमेंट की नकली रसीद दिखाकर व्यापारियों को ठग रहे हैं। बिलासपुर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसके बाद व्यापारियों ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी है। बिलासपुर में दुकान में खरीदी के बाद फोन पे से फर्जी पेमेंट की रसीद दिखाकर कई व्यापारियों से ठगी का मामला सामने आया है। एक ही व्यापारी के तीन रिश्तेदारों की दुकान से इस तरह की ठगी का मामला सामाने आने के बाद व्यापारियों को इसकी जानकारी हुई। जब व्यापारियों ने अन्य व्यापारियों से बातचीत की तब पता चला कि मेडिकल स्टोर, किराने की दुकान समेत अन्य दुकानों में इस तरह ठगी की जा रही है। व्यापारियों ने ठगी की शिकायत सरकंडा थाने में की है। साथ ही संदेही की तस्वीर पुलिस को सौंप दी है। इसके आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। व्यापारियों को बना रहे शिकार सरकंडा क्षेत्र के मोपका स्थित राधा विहार में रहने वाले संतराम साहू व्यवसायी हैं। उनकी बहतराई रोड प्रथम अस्पताल के पास किराने की दुकान है। व्यवसायी ने बताया कि 9 जून की रात करीब 8 बजे उनकी दुकान पर एक व्यक्ति पर आया। उसने घरेलू सामान की खरीदारी की। इसका बिल एक हजार 639 रुपये बना। उसने ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कही। साथ ही उसने दुकान में लगे पेटीएम के स्कैनर को अपने मोबाइल से स्कैन किया। स्कैन करते ही उनके संस्थान का नाम आ गया। इसके बाद उसने बिल की रकम डालकर पेमेंट किया। कुछ देर बाद उसने पेमेंट की रसीद दुकान संचालक को दिखाया। उनके साउंड बाक्स में पेमेंट का एनाउंस नहीं हुआ था। दुकान संचालक ने बैंक सर्वर डाउन होने की बात सोचकर उसे जाने दिया। रकम बड़ा होने के कारण उन्होंने रात में स्टेटमेंट चेक किया। दूसरे दिन भी उनके एकाउंट में पेमेंट नहीं आया। तब उन्होंने अपने परिचित से बात की। इसमें पता चला कि कई दुकानों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। व्यापारी ने इसकी शिकायत सरकंडा थाने में की है। ऑनलाइन पेमेंट लेते समय रहे सावधान पुलिस ने बताया कि मोबाइल पर किसी दुकान पर फर्जी पेमेंट की स्क्रीनशाट दिखाकर ठगी के मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले में सावधानी जरूरी है। इस तरह के मामले में व्यापारियों के पास किसी तरह के ट्रांजेक्शन का कोई रसीद नहीं रहती। इसके कारण ठगी करने वालों तक पहुंचना कठिन होता है। इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्कता रखना जरूरी है। जब तक उनके मोबाइल पर ट्रांजेक्शन की रसीद नहीं आती, तब तक सामान नहीं देना चाहिए। अगर बैंक की कोई समस्या या अन्य परेशानी हो तो व्यक्ति दूसरे दिन दुकान आकर सामान ले जा सकता है। वहीं, अगर ठगी हो जाए तो व्यापारी उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकते। व्यापारियों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान सावधान रहने की जरूरत है।  

मुख्यमंत्री नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में हुए शामिल

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय  राजधानी रायपुर के निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के लिए तीन दिवसीय आधारभूत/उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की रीढ़ की हड्डी हैं। नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों के रूप में आप सभी के पास बहुत बड़ा अवसर और बड़ी जिम्मेदारी है। यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो एक व्यक्ति भी पूरे जिले की तस्वीर बदल सकता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोक कल्याण की भावना से जनता की सेवा करने वालों को जनता स्वयं आगे बढ़ाती है। अपने राजनीतिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने भी अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पंच के रूप में की थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि राजनीति में आऊंगा। 10 वर्ष की आयु में पिताजी के स्वर्गवास के बाद मेरे कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। मेरा पूरा जीवन संघर्ष में बीता। मैं सरपंच भी बनूंगा, यह मैंने कभी कल्पना नहीं की थी, लेकिन जनता का आशीर्वाद मिला, जिससे विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का अवसर प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कुछ कर गुजरने के लिए संसाधनों से अधिक महत्वपूर्ण इच्छाशक्ति होती है। जनहित में कार्य करने की सोच से अकेला व्यक्ति भी बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे जिन प्रेरणादायी लोगों के जनसेवा के कार्यों को निकट से देखने का अवसर मिला, उनमें ओडिशा के डॉ. अच्युत सामंत और नानाजी देशमुख का उल्लेख करना चाहूंगा। अभावों में पले-बढ़े डॉ. अच्युत सामंत ने आजीवन जनता की सेवा का संकल्प लिया और भुवनेश्वर में एक बड़ा शिक्षण संस्थान स्थापित किया। इस संस्थान में वे लगभग 25 हजार जनजातीय बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसी तरह, चित्रकूट में नानाजी देशमुख ने दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान के माध्यम से 500 गांवों को गोद लेकर उनके सर्वांगीण विकास का कार्य किया। वर्ष 2006-07 में जब मैं वहां गया, तब मुझे पता चला कि अब तक 80 गांवों को उन्होंने आत्मनिर्भर बना दिया है। इन गांवों में हर परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कार्य किया गया। ये उदाहरण हमें यह बताते हैं कि एक व्यक्ति भी कितना बड़ा परिवर्तन ला सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ हर दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यहां 44 प्रतिशत भूभाग पर वन हैं। यहां की मिट्टी उर्वरा है और किसान मेहनतकश हैं। छत्तीसगढ़ के विकास में नक्सलवाद एक बड़ी बाधा था, जिसे हम समाप्त कर रहे हैं। जो नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, उनके लिए हमने एक उत्कृष्ट पुनर्वास नीति बनाई है। जल्द ही राज्य नक्सलमुक्त होगा और बस्तर में सड़क, बिजली, पानी सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर संभाग के मुलेर ग्राम का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के आदिवासियों को राशन के लिए 25 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता था, जिसमें तीन दिन लगते थे। कल्पना की जा सकती है कि यह इलाका विकास में कितना पीछे था। हमने मुलेर को अलग पंचायत बनाने का निर्णय लिया और वहां राशन दुकान खोली। जब मैं वहां गया, तो लोगों की खुशी उनके चेहरों पर साफ दिखाई दे रही थी। मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों से कहा कि गांवों का विकास किए बिना हम विकसित छत्तीसगढ़ नहीं बना सकते। प्रशिक्षण के इस समय का पूरा लाभ उठाएं। यह सदैव ध्यान रखें कि विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। नियमित रूप से अपने क्षेत्रों का दौरा करें। प्रवास और निरीक्षण से प्रशासनिक कसावट आती है और विकास कार्यों को गति मिलती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में बेहतर कार्य करने के लिए स्वयं को पूरी तरह तैयार करें। पंचायती राज से जुड़े कानूनी प्रावधानों की गहन जानकारी रखें। गांव की उन्नति के लिए केवल निर्माण कार्य ही नहीं, बल्कि अन्य संभावनाओं पर भी सतत विचार करें। दुग्ध उत्पादन जैसे कार्यों से गांव की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित होती है। गांव में आर्थिक समृद्धि आने से युवाओं को नई दिशा मिलती है और वे व्यसनों से दूर रहते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आप ग्राम पंचायत के कार्य स्वरूप पर भी चिंतन करें। पंचायती राज संस्था से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को भलीभांति समझें, ताकि आप जनता के हित में बेहतर कार्य कर सकें। पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े सभी स्तर के एक लाख सत्तर हजार लोगों को यहां प्रशिक्षित किया जाएगा। आज आप सभी से इसकी शुरुआत हो रही है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पेसा : पंचायत उपबंध एवं छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध मार्गदर्शिका, पंचमन पत्रिका तथा जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों हेतु पठन सामग्री का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के प्रांगण में मौलश्री पौधे का रोपण भी किया। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, सचिव भीम सिंह, संचालक प्रियंका ऋषि महोबिया तथा ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के संचालक पी. सी. मिश्रा उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री साव बोले – वृक्षारोपण पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक

पीएम आवास के 50 हजार हितग्राहियों के परिसर में एक लाख से अधिक पौधेरोपित गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में किया गया दर्ज रायपुर, हर आंगन में हरियाली लाने ‘‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’’ वृक्षारोपण महाअभियान के तहत जिले में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देने के लिए अभिनव पहल की गई। जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के 50 हजार हितग्राहियों के निवास परिसरों में 01 लाख से अधिक पौधे रोपे गए। इस अनूठे और भावनात्मक अभियान के माध्यम से ना केवल हरियाली बढ़ाने का प्रयास हुआ, बल्कि मातृत्व के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया गया। इस अभिनव पहल को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इस महाअभियान का जिला स्तरीय भव्य कार्यक्रम मुंगेली विकासखंड के ग्राम लोहड़िया रामपुर स्थित महात्मा गांधी आक्सीजोन परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने आम के पौधे का रोपण कर जल और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान मुंगेली विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री श्रीकांत पाण्डेय, कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, वनमंडलाधिकारी श्री अभिनव कुमार, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय ने भी पौध-रोपण किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती शांति देवचरण भास्कर, मुंगेली एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल सहित संबंधित अधिकारी, जनद पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती पुष्पलता पदमिनी मोहले और गणमान्य नागरिक श्री दीनानाथ केशरवानी मौजूद रहे। श्रीमती सोनल शर्मा ने जिला प्रशासन की इस उपलब्धि के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान कर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव का भी प्रतीक है। जिले में इस वृक्षारोपण अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा पौधे का रोपण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है, जिससे यह गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया है, इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों का जीवन स्वस्थ और सुखद हो, इसके लिए पौधे लगाना अति आवश्यक है। वृक्षारोपण का यह क्रम टूटना नहीं चाहिए, पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने घटते जलस्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए जल संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने और वर्षा जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने रामपुर में सी.सी. रोड निर्माण के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की। विधायक श्री मोहले ने वृक्षारोपण अभियान के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचने का प्रयास किया जा रहा है और इसी कड़ी में पीएम आवास हितग्राहियो के घरों में वृक्षारोपण महाभियान को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान मिला है, जो जिले के लिए गर्व की बात है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वृक्ष परोपकार एवं पुण्य का प्रतीक होता है, पर्यावरण सरंक्षण के लिए हम सभी को पौधारोपण करना चाहिए। वनमंडलाधिकारी ने कहा कि दुनिया के समक्ष जलवायु परिवर्तन, बढ़ता तापमान, जल संकट जैसी चुनौतियां हैं, इससे बचने के लिए एक पेड़ लगाना आवश्यक है, जैसे बूंद-बूंद पानी से समुद्र बनता है, वैसे एक-एक पेड़ से ही पर्यावरण संरक्षित होगा और हरीतिमा बढ़ेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष ने पर्यावरण को बचाने वृक्षारोपण पर जोर दिया। कार्यक्रम के समापन में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन में योगदान देने वालों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। जिला पंचायत सीईओ ने कार्यक्रम के सफल कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य श्री उमाशंकर साहू, श्री पवन पाण्डेय, अन्य जनप्रतिनिधिगण, स्व सहायता समूह की दीदी और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

राज्यपाल डेका से रेड क्रॉस जिला शाखा महासमुंद के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की

रायपुर, राज्यपाल एवं पदेन अध्यक्ष इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी (राज्य शाखा, रायपुर) रमेन डेका गत दिवस पिथौरा आगमन पर कलेक्टर एवं इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी जिला शाखा महासमुंद के अध्यक्ष विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में रेड क्रॉस जिला शाखा महासमुंद के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर जिला शाखा के सभापति संदीप दीवान, रेड क्रॉस जिला प्रबंध समिति के सदस्य राजेश्वर खरे, जिला संगठक एवं राज्य प्रतिनिधि डॉ. अशोक गिरि गोस्वामी एवं प्रतिनिधि मंडल  ने राज्यपाल  से मुलाकात कर जिले में रेड क्रॉस द्वारा संचालित विभिन्न मानवीय और सामाजिक सेवा गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल डेका ने रेड क्रॉस सोसाइटी की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि समाज में मानवीय सहायता एवं आपातकालीन सेवा कार्यों में रेड क्रॉस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जिले में चल रही गतिविधियों को विस्तार देने और अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किए। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी का प्रमुख उद्देश्य आपदा प्रबंधन, रक्तदान प्रोत्साहन, प्राथमिक उपचार, स्वास्थ्य जागरूकता, गरीबों एवं जरूरतमंदों की सहायता और मानवीय सेवा के कार्यों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करना है। जिले में इन कार्यों को सतत रूप से संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर तेजलाल देवांगन, दिनेश कुमार साहू (रेडक्रॉस प्रशिक्षक एवं जू.रे.क्रॉ. सचिव, पिथौरा), शासकीय कन्या शाला, पिथौरा से रेडक्रॉस काउंसलर्स ज्योति पटेल एवं विमला नायक, वालेंटियर्स मोनिका निषाद, प्रिया साहू, मुस्कान यादव, कसिस सिन्हा, तथा शासकीय आर.के. स्कूल, पिथौरा से वालेंटियर्स ओम मिर्धा, दिवाकर निषाद, मुस्कान यादव, सुजल बाग शामिल थे।